शनिवार, 11 जुलाई 2020

समस्या का हल आत्महत्या नहीं है : श्रीश्री रविशंकरजी

समस्या का हल आत्महत्या नहीं है : श्रीश्री रविशंकरजी #ANI_NEWS_INDIA

TOC NEWS @ www.tocnews.org
ब्यूरो चीफ बालाघाट // वीरेंद्र श्रीवास 83196 08778
बालाघाट । तनाव प्रबंधन और सेवा कार्यक्रमों की पहल करते आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने विश्व के अनगिनत लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई है।
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकरजी के शांति के सिद्धांत पर आधारित कार्यक्रम आज के तनावपूर्ण आधुनिक जीवन के लिए जीवनपयोगी साबित हो रहे हैं वहीं कुछ लोग एैसे भी है जो अपने ही जीवन से हार मानकर आत्महत्या जैसे गंभीर निर्णय ले रहे हैं जिन पर गुरूदेव श्रीश्री रविशंकर का कहना है कि कई बार लोग दुख से बचने के लिए आत्महत्या कर लेते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं है कि वे खुद को व परिवार को और ज्यादा दुख में डाल चुके होते हैं।
यह ऐसा ही है जैसा कि एक व्यक्ति ठंड से कांप रहा है और वह अपने कपड़े भी उतार दे तो क्या ठंड कम होगी? आमतौर पर लोग इसलिए आत्महत्या कर बैठते हैं क्योंकि वे जीवन से बहुत अधिक जुड़े होते हैं, वे कुछ लालसा या आनंद से ऐसे जुड़ जाते हैं कि वे स्वयं को भी समाप्त कर लेते हैं। वे जब अपने आप को समाप्त करते हैं तो वे स्वयं को और अधिक पीड़ा में पाते हैं। वे महसूस करते हैं कि वह असहजता, इच्छाएं जो मेरे अंदर हैं वे कभी समाप्त नहीं हो पाएगी, मेरा शरीर खत्म हो गया लेकिन इच्छाएं, आकांक्षाएं वैसी की वैसी रह गई केवल शरीर के माध्यम से ही वे अपनी इच्छाओं को शांत कर सकते हैं और दुख से बाहर आ सकते हैं। आत्महत्या के जरिये आप स्वयं को साधन को नष्ट कर रहे होते हैं।

ध्यान ही एकमात्र कुंजी

जब शरीर की ऊर्जा नीचे जाती है तो व्यक्ति स्वयं को अवसाद में पाता है और तभी आत्महत्या की प्रवृत्तियां पनपती है यदि आपके प्राण उच्च हैं तो यह सब बातें दिमाग में नहीं आती है। कुछ श्वांस की तकनीकें, ध्यान और अच्छी सोहबत व्यक्ति को इससे बाहर निकाल देती है इसके लिए ध्यान ही एकमात्र कुंजी है। कई बार हम ध्यान में बैठते हैं तो कई तरह के विचार आते हैं इसके लिए आर्ट ऑफ लिविंग की सुदर्शन क्रिया सबसे महत्वपूर्ण है जो कि एक श्वांस आधारित तकनीक है इसके साथ योग भी है और सभी मिलकर मन को शांत कर देते हैं और बुद्धि को तीक्ष्ण बनाते हैं।

छोटी-छोटी इच्छाओं से भी परे है जीवन

हर एक के लिए व्यक्तिगत विकास जरूरी है और हमें इसके लिए जीवन को वृहद स्वरूप में देखना होगा। लगभग ८० साल हम जीते हैं और इसे भी तनाव और दुखी होकर गुजार देते हैं? इतने कम समय में हमं स्वयं खुश रहने के साथ औरों को भी खुश रखने के प्रयास करने चाहिए। आमतौर पर आत्महत्या का कारण नौकरी, रिश्ते का टूटन, आकांक्षाएं आदि ही होती है लेकिन जीवन इन छोटी-छोटी इच्छाओं से भी परे है।

जीवन में भर देगी सकारात्मक ऊर्जा

जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए उन्होंने टिप्स देते हुए कहा कि यदि आपको आत्महत्या के विचार आते हैं तो समझिए कि आपके प्राण शक्ति कमजोर हुई है और अधिक प्राणायाम कीजिए। दुनिया में लोग आपसे भी अधिक परेशान हैं उनकी ओर देखिए यदि आपकी समस्याएं छोटी होंगी तो आप आत्महत्या के विचारों से दूर हो जायेंगे। जानिए कि आप उपयोगी हैं, आपकी इस दुनिया को जरूरत है और आप इस दुनिया के लिए बेहतर कुछ कर सकते हैं। उन लोगों के बारे में भल जाएं जो आपके बारे में सोच रहे हैं, आमतौर पर दूसरों से अपमानित होने के भय से भी लोग आत्महत्या कर बैठते हैं। कैसा स्टेटस और कैसा सम्मान? किसके पास समय है आपके बारे में सोचने के लिए? केवल आप ही नहीं, दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति अपनी उलझनों में ही उलझा है। समाज हमारे बारे में क्या सोचता है यह उतना जरूरी नहीं है। जीवन उन भौतिक वस्तुओं से भी ज्यादा है जिसके लिए आप ने अपना स्टेटस बना रखा है। जीवन मान-अपमान से भी बड़ा है। सम्मान लौट सकता है, जीवन नहीं। जीवन किसी रिश्ते, परीक्षा या नौकरी से भी बड़ा है।

जीवन को बड़े परिदृश्य से देखें: सुरजीतसिंह

आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक सुरजीतसिंह ठाकुर का कहना है कि जीवन को बड़े परिदृश्य से देखना सीखना होगा और इसके लिए सेवा चाहे वह सामाजिक हो या अन्य कोई गतिविधि हो वह सेवा ही है जो व्यक्ति को बांधे रखती है, अस्तित्व को बनाए रखती है एवं मानसिक शांति प्रदान करती है। मानसिक बीमारियां किसी भी आर्थिक नुकसान से भी बड़ा नुकसान है इसके लिए आगे बढ़कर लोगों की मदद की जाना चाहिए। प्रत्येक कठिनाई को चुनौति के रूप में लेना सीखना होगा और पूरे विश्व में इसका प्रचार करना होगा। प्रशिक्षक सुरजीतसिंह ने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग की सुदर्शन क्रिया महत्वपूर्ण है जो कि एक श्वांस आधारित तकनीक है
इसके साथ योग भी है और सभी मिलकर मन को शांत कर देते हैं और आत्महत्या जैसे नकारात्मक विचार को जीवन से बाहर किया जा सकता है साथ ही दूसरों के जीवन को भी प्रेरित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते देखा जा रहा है कि लोग तनाव तथा मानसिक रोग की स्थिति में है जिससे उबरने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा ध्यान व सुदर्शन क्रिया का ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया जा रहा है वहीं जो लोग इन विपरीत परिस्थितियों में अवसाद में जा रहे हैं या आत्महत्या करने जैसी मन में प्रव्रत्ति प्रबल हो रही हैं
उनके आत्मबल को बढ़ाने व वर्तमान परिस्थियों का सामना करते हुऐ हम किस तरह मानसिक विकारों को दूर करें इन सभी बातों के लिये सलाह व चर्चा करने हेतु जिसके लिए सुरजीत सिंह के मोबाईल नम्बर 9303663666 पर तथा प्रशिक्षक विकास सोनेकर 9827167687 से सम्पर्क कर सलाह व ध्यान करने एवं सुदर्शन क्रिया सीखने का प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है जिनसे व्यक्तिगत चर्चा फ़ोन पर या मिलकर प्रात: ९ बजे से ११बजे तक होगा। प्रशिक्षक सुरजीतसिंह ठाकुर तथा विकास सोनेकर ने नागरिकों से अपील की है कि आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षण का लाभ लेकर अपने तनावपूर्ण जीवन को सरल बनायें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

CCH ADD

CCH ADD

सुपरहिट न्यूज़

लोकप्रिय पोस्ट

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 15 मई 2018 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )