बारिश के पूर्व खोली ताप्ती मंदिर की दान पेटी, तीन लाख 25 हजार का चढ़ावा राशि निकली |
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ब्यूरो चीफ मुलताई, जिला बैतूल
मुलताई। पिछले साल तेज बारिश से ताप्ती मंदिर में पानी भरा गया था, जिससे चढ़ावा के लाखों रुपए के नोट भीग गए थे। पिछले साल की गलती से सबक लेते हुए इस बार प्रशासन द्वारा बारिश के पूर्व ही दान पेटी खोल ली गई है। शनिवार को दानपेटी खोलकर राशि की गणना की गई। तहसीलदार, सीएमओ सहित अन्य कर्मचारियों द्वारा राशि की गणना की गई है। इस बार सवा तीन लाख रुपए का चढ़ाना दान पेटी से निकला है। जनवरी के बाद दानपेटी नहीं खोली गई थी।
नगर के ताप्ती मंदिर ट्रस्ट की बैठक शनिवार को आयोजित की गई। बैठक के बाद मंदिर की दान पेटी खोलकर राशि की गणना की गई। ट्रस्ट के सचिव सीएमओ राहुल शर्मा ने बताया कि बारिश शुरू हो गई है, ऐसे में तेज बारिश होने से मंदिर में पानी घुस जाता है और दान पेटी में रखे रुपए भीग सकते हैं। इसलिए जनवरी के बाद अब दान पेटी खोल ली गई।
मार्च से लॉक डाउन लग गया था, ऐसे में बीच में दान पेटी नहीं खुल पाई थी। अब बारिश के पूर्व दानपेटी खोलकर राशि की गणना की गई है। दान पेटी में से सवा तीन लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है। ट्रस्ट के सदस्य महेश पाठक ने बताया कि उनके द्वारा प्रशासन से विशेष आग्रह किया गया था कि बारिश के पूर्व ही दानपेटी खोली जानी चाहिए। दानपेटी समय से खोलने के लिए उन्होंने प्रशासन का आभार माना है।
तेज बारिश से ओव्हर-फ्लो हो जाएगा सरोवर
पिछले सप्ताह हुई तेज बारिश के बाद सरोवर पानी से लबालब हो गया है। एक बार और तेज बारिश होने पर सरोवर से पानी ओव्हर-फ्लो हो जाएगा। पिछले साल सरोवर तीन साल बाद ओव्हर फ्लो हो पाया था। इस बार जून के अंतिम सप्ताह में ही तेज बारिश हो गई। जिससे सरोवर में पानी की अच्छी आवक हो गई। नगर के श्रद्धालुओं को बेसब्री से सरोवर के ओव्हर-फ्लो होने का इंतजार है।
अन्य मंदिर भी आएंगे ट्रस्ट की जद में
नगर के अन्य सभी मंदिरों को भी ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा। ताप्ती मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तहसीलदार सुधीर जैन ने बताया कि इसके लिए प्रस्ताव बनाकर न्यास को भेजा जाएगा। वहां से निर्णय आने के बाद इसकी अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। नगर के ताप्ती तट सहित नगर में दर्जन भर बड़े मंदिर है। श्रद्धालुओं द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही थी कि सभी मंदिरों को ट्रस्ट में शामिल कर उनका संचालन किया जाना चाहिए।
करोड़ों की संपत्ति है मंदिरों के पास
नगर के मंदिरों के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है। इसके बाद भी कई मंदिरों में व्यवस्थाएं उचित नहीं है। जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। मंदिरों के पास कई एकड़ जमीने हैं, लेकिन कईा मंदिरों की इन जमीनों को अफरा-तफरी कर दिया गया है और इससे होने वाली आय भी मंदिर को नहीं मिल रही है। जबकि मंदिरों के रख-रखाव हेतु ही भक्तों द्वारा जमीन दान दी गई थी।
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