पुलिस ने अगर मारपीट की तो उस ज़िले के SP होंगे ज़िम्मेदार, आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारियों से दुर्व्यवहार पर पुलिस मुख्यालय सख्त |
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भोपाल. एम्स के जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट और मंडला में बैंक मैनेजर के साथ दुर्व्यवहार के बाद पुलिस मुख्यालय सख्त हो गया है. उसने इन घटनाओं पर गहरी नाराज़गी जताते हुए साफ कर दिया है कि अब कहीं भी जनता या आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारियों के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया तो उस ज़िले के एसपी को ज़िम्मेदार माना जाएगा.
पुलिस मुख्यालय ने सभी एडीजी, आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है. इस पत्र में दोनों जिलों में हुई घटना के लिए पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार बताया गया है. मुख्यालय ने कहा कि इन दोनों जिलों के पुलिस अधिकारियों ने जनता से व्यवहार को लेकर मैदानी अमले को ब्रीफिंग नहीं की, यह आपत्तिजनक है.
पुलिस मुख्यालय ने जारी अपने आदेश में कहा कि अगर जनता समेत अन्य अधिकारियों से दुर्व्यवहार किया गया तो इसके लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी उस जिले के एसपी की होगी. मैदानी अमले को एसपी जनता से व्यवहार के संबंध में ब्रीफिंग करें.साथ ही पुलिस द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार की घटना को तत्काल प्रभाव से रोका जाए. यह जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से पुलिस अधीक्षकों की होगी.
दो जिलों के अफसरों की लापरवाही
पुलिस मुख्यालय ने अपने पत्र में भोपाल में ड्यूटी कर घर लौट रहे एम्स के डॉक्टरों के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट और मंडला में बैंक मैनेजर के साथ दुर्व्यवहार की घटना का जिक्र किया है. इन घटनाओं में दोनों जिलों में पुलिस अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया है. कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों ने पुलिस बल को पर्याप्त रूप से ब्रीफिंग नहीं की, यह आपत्तिजनक है.
एम्स के जूनियर डॉक्टरों की पिटाई
भोपाल में एम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के जूनियर डॉक्टर ऋतुपर्णा और डॉ. युवराज के साथ पुलिस ने मारपीट की थी. दोनों डॉक्टर यहां से पीजी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि शाम साढ़े छह बजे दोनों ड्यूटी करने के बाद एम्स के पीछे स्थित अपने घर लौट रहे थे. रास्ते में दो पुलिसकर्मियों ने रोककर उनसे पूछताछ की. उसी दौरान बात बढ़ गयी और पुलिस ने उसके बाद उन्हें डंडे से पीट दिया. इसमें डॉ युवराज के हाथ में फ्रैक्चर और ऋतुपर्णा के हाथ में चोट आयी है.
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