सीएम उद्धव ठाकरे पद की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा, पीएम मोदी से की बात, यह रहा लफड़ा |
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उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान के तहत उन्हें 28 मई 2020 तक किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है। कोरोनावायरस महामारी के कारण हालांकि सभी चुनाव स्थगित हैं ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने 9 अप्रैल को उन्हें राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में नामित किए जाने की सिफारिश की थी।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी फंसी हुई है। वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का मुंह देख रहे हैं। इसकी वजह यह है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बावजूद अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान के तहत उन्हें 28 मई 2020 तक किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है। कोरोनावायरस महामारी के कारण हालांकि सभी चुनाव स्थगित हैं ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने 9 अप्रैल को उन्हें राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में नामित किए जाने की सिफारिश की थी।
मगर अभी तक राज्यपाल ने इस सिफारिश पर मुहर नहीं लगाई है। स्थिति यह है कि संविधान के मुताबिक उन्हें पद पर बने रहने के लिए अब एक महीने के भीतर ही विधानमंडल का सदस्य बनना होगा। वजह यह है कि इसके साथ ही 6 महीने की समय सीमा समाप्त हो जाएगी। अब तक वह राज्य विधानसभा अथवा परिषद के सदस्य नहीं हैं।
उद्धव की कैबिनेट लगातार कोशिशों में लगी हुई है। मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया कि कोश्यारी से परिषद में राज्यपाल की ओर से मनोनीत किए जाने वाले दो सदस्यों में से एक सदस्य के तौर पर ठाकरे को मनोनीत किए जाने की सिफारिश की जाए। इससे पहले भी इस महीने की शुरुआत में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्यपाल से ऐसा ही निवेदन किया गया था। लेकिन राज्यपाल ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया।
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