लेक्सेस उद्योग अधिकारी पिंटू दास को फर्जी पास जारी करने वालो के विरूद्ध न्यायिक जांच कर कानूनी कार्यवाहीं करने की मांग उठाई : अभिषेक चौरसिया |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा. औद्योगिक शहर नागदा के असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया द्वारा विगत दिनों नागदा में मेसर्स लेक्सेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के यूनिट एचआर हेड पिंटू दास द्वारा फर्जी पास के माध्यम से कई बार इंदौर आवागमन किए जाने के मामले में दर्ज प्रकरण के संदर्भ में जिला कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, जिला पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर एवं अपर जिला दंडाधिकारी श्री आरपी तिवारी को पत्र भेजकर उक्त मामले में फर्जी पास जारी करने वालो के विरूद्ध न्यायिक जांच कर कानूनी कार्यवाही करने की मांग उठाई गई है ।
चौरसिया ने बताया कि उन्होंने प्रशासन के समक्ष यह मांग उठाई है कि आख़िर लेक्सेस उद्योग के अधिकारी पिंटू दास के विरूद्ध शासन द्वारा प्रकरण दर्ज करवाया गया तो जिन व्यक्तियों द्वारा यह फर्जी पास जारी किया गया था उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा अब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया हैं ।
चौरसिया ने स्थानीय प्रशासन पर लगाये आरोप
चौरसिया ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा हैं कि उनके द्वारा इस मामले को राजनीतिक दबाव में दबाने का प्रयास किया जा रहा है । केस दर्ज करवाने के पश्चात जहां उद्योग के अधिकारी श्री पिंटू दास को उनके घर में ही कवारेंटाइन किया गया है जबकि मामले में तुरंत उनकी गिरफ़्तारी सुनिश्चित करवाना शासन की जिम्मेदारी थी । आज शहर के आम नागरिकों को ऐसी स्थिति में शासन द्वारा चिन्हित क्वारेंटाइन केंद्रों पर भेजा जा रहा हैं। और अगर यही कृत्य किसी आम नागरिक द्वारा किया जाता है तो उक्त धाराओं में उसे तत्काल जेल भिजवा दिया जाता हैं ।
उद्योग अधिकारी पिंटू दास कब कब, किन किन व्यक्तियों से मिले, कहा कहा गए इस बात की पूरी सूची क्यों अब तक नहीं बनी ?? क्यों उनसे मिले उद्योग के अधिकारियों को क्वारेंटाइन नहीं किया गया ?? स्थानीय प्रशासन क्या इस बात को भूल गया कि यह वही पिंटू दास हैं जो विगत दिनों अपने उद्योग के कर्मचारियों को फोन पर धमकी दे रहे थे और उसमे भी उनके विरुद्ध क्या आजतक क्या कार्यवाहीं की गई ?? जबकि इस मामले में पिंटू दास सहित इनके अधिकारियों का मामला वर्तमान में मानवाधिकार आयोग में लंबित हैं।
चौरसिया ने बताया कि यह गंभीर जांच का विषय है कि नागदा शहर में उक्त फर्जी पास आख़िर किसने बनाए और कौन इस प्रकार के पास जारी कर रहा हैं। इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही क्यों नहीं की हैं । जबकि प्रथमदृष्टया मामला संज्ञान में आने के पश्चात स्थानीय प्रशासन को फर्जी पास जारी करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध कानूनी प्रकरण दर्ज करवाना चाहिए था । वर्तमान में नागदा शहर में यूं तो कहने के लिए कर्फ़्यू और लॉकडाउन लगा हुआ हैं लेकिन इस दौरान भी सैकड़ों फर्जी पास के माध्यम से शहर में लोगों की आवाजाही जारी हैं। इस मामले में स्थानीय प्रशासन की विफलता और संलिप्तता से आम जनमानस में असंतोष व्याप्त हैं।
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