ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरुद्ध धोखाधड़ी 420 प्रकरण दर्ज करने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ लामबंद, जमीन घोटाले में प्रभात झा भी कर चुके है सिंधिया की घेराबंदी |
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- ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में चल रहे मामले को खोलने की तैयारी
- 10 हजार करोड़ के घोटाले की शिकायत करने वाले फरियादी सुरेंद्र श्रीवास्तव कोआर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल ने बुलाया
- सिंधिया पर आरोप 10 हजार करोड़ की सरकारी जमीन पर कब्जा कर बेचा
- 2014 में हुआ था आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में मामला दर्ज
- सियासी घटनाक्रम के चलते सिंधिया के खिलाफ़ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल की हो सकती है कार्रवाई
- मामले के शिकायतकर्ता सुरेंद्र श्रीवास्तव ने दिया मामले को दोबारा खोलने का आवेदन
- आवेदन के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल कर सकता है मामले को रिओपन
राजनीतिक परिवेश में इससे बड़ा दुर्भाग्य शाली विषय क्या होगा.. कि जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए वैसे ही 24 घंटे के अंतराल में सबसे पहले उनसे जुड़े हुए प्रशासनिक अधिकारियों को अपमानित कर हटा दिया गया वहीं दूसरी ओर सीधे-सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया पर ही प्रदेश की वरिष्ठ जांच एजेंसियों द्वारा हमला शुरू कर दिया गया.. आज जांच एजेंसी यू डब्ल्यू द्वारा प्रस्तुत प्रेस नोट में शिकायतकर्ता की शिकायत वर्ष 2014 की बताई गई है जिसे एक बार पुनः पुनर्जीवित किया गया.
मध्यप्रदेश में कांग्रेस छोड़ गये ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में सुरेन्द्र श्रीवास्तव ने एक आवेदन लगाकर कार्रवाई की मांग की गयी है। उक्त आवेदन पत्र में आवेदक द्वारा यह लेख किया गया है कि उसके द्वारा दिनांक 26.03.14 को प्रकोष्ठ में एक शिकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें यह आरोपित था कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनके परिजनों द्वारा वर्ष 2009 में महलगांव, ग्वालियर की जमीन (सर्वेक्रमांक 916) खरीदकर रजिस्ट्री में कांट-छांटकर आवेदक की 6000 वर्ग फीट जमीन कम कर दी गई है।
उक्त के अतिरिक्त आवेदक ने सिंधिया देवस्थान के चेयनमैन व ट्रस्टियों के द्वारा महलगाँव, जिला ग्वालियर स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1217 को प्रशासन के सहयोग से फर्जी दस्तावेज तैयार कर विक्रय करने के संबंध में भी एक आवेदन पत्र दिनांक 23.08.2014 को प्रकोष्ठ मेंप् रस्तुत करना लेख किया है। आवेदक ने उपरोक्त शिकायतों को जाँचोंपरांत नस्तीबद्ध किये गये है, से असंतुष्ट होकर उनके द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त दोनों आवेदन पत्रों पर पुनः जाँच/सत्यापन की कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया है। आवेदक के आवेदन पत्र पर प्रकोष्ठ द्वारा सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल ने प्रेस नोट बताता है कि संबंधित विषय में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जमीनों के मामले में हेराफेरी ही नहीं कि बरन शासकीय दस्तावेजों में कूट रचना भी की.. इस तरह की गंभीर आरोप में क्या यू डब्ल्यू 6 वर्षों से सो रहा था..? कुल मिलाकर 48 घंटे के अंतराल में जिस तरह प्रशासनिक अधिकारियों का अपमान किया गया उनका स्थानांतरण किया गया उसी तरह अब सीधे-सीधे स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप-प्रत्यारोप एवं आपराधिक कार्यवाही का षड्यंत्र रचा जा रहा है..
सोचनीय प्रश्न यह है कि आखिर निम्न स्तर की बदले की पूर्वक राजनीतिक कार्यवाही क्या विवेक हीनता का सबसे बड़ा परिचायक है? आखिर अल्पमत में आ चुकी सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ अपना विवेक ही खो चुक है.. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य आखिर किस दिशा की ओर इशारा कर रहा है.. निश्चित रूप से आने वाला समय प्रशासनिक स्तर पर एवं राजनीतिक स्वरूप में क्या करवट लेगा इसका अंदाजा लगाया जाना मुश्किल है..
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