पीड़िता को अकेली पाकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 07 वर्ष कठोर कारावास की सजा |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
उज्जैन. न्यायालय विशेेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) डॉ0 (श्रीमती) आरती शुक्ला पाण्डेय, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय उज्जैन, के न्यायालय द्वारा आरोपी रामेश्वर पिता गंगाराम, उम्र 22 वर्ष निवासी उन्हेल जिला उज्जैन को धारा 376दुष्कर्म भादवि एवं धारा 3/4 पॉक्सो में 07 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल 2,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उप-संचालक (अभियोजन) डॉ साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि घटना इस प्रकार है, कि दिनांक 30.12.2016 को पीड़िता ने अपनी माता के साथ पुलिस थाना उन्हेल पर उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि मैं अपने खेत पर चने का पाला सुखा रही थी तभी दिन के करीब 02-02ः30 बजे की बात है कि उसके पास आरोपी रामेश्वर बकरी चराते हुऐ उसके खेत पर आया और उसने पीड़िता से कांटा निकालने के लिए पिन मांगी उसने आरोपी को जाकर उसे पिन दी,
तो पीड़िता को पकड़ लिया और पीड़िता द्वारा चिल्लाने पर उसका मुंह हाथ से दबा दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया फिर आरोपी ने उसे छोड़ा तो पीड़िता भागकर उसके खेत के पास काम कर रहे व्यक्ति के पास चली गई, उसने व्यक्ति को बताया कि आरोपी रामेश्वर ने उसकी इज्जत लूटी है। फिर वह व्यक्ति पीडिता को घर पर ले गया, पीड़िता के मम्मी-पापा को घटना की जानकारी दी। पीड़िता ने अपने माता-पिता के साथ पुलिस थाना उन्हेल पर जाकर रिपोर्ट लेखबद्ध कराई। पुलिस थाना उन्हेल द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पश्चात न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
अभियुक्त द्वारा निवेदन किया कि यह उसका प्रथम अपराध है न्यायिक हिरासत की अवधि और उसकी आयु को ध्यान में रखते हुऐ उदारता का रूख अपनाये जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन अधिकारी ने आरोपी को आजीवन कारावास से दण्डित किये जाने का अनुरोध किया।
न्यायालय द्वारा पीड़िता को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 357-ए एवं म0प्र0 अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को प्रतिकर दिलवाऐ जाने की अनुशंसा की है।
न्यायालय द्वारा पीड़िता को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 357-ए एवं म0प्र0 अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को प्रतिकर दिलवाऐ जाने की अनुशंसा की है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री सूरज बछेरिया, विशेष लोक अभियोजक जिला उज्जैन द्वारा की गई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें