अजीत पवार (Ajit Pawar) सहित बैंक (Bank) के अन्य निदेशकों ने कथित तौर पर चीनी मिल (Sugar Mill) को कम दरों पर कर्ज दिया था. डिफॉल्टर की संपत्तियों को सस्ती कीमतों पर बेचने का भी आरोप है.
नई दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत का उलटफेर सबके सामने है. उलटफेर के 'हीरो' बने एनसीपी (NCP) के नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) भी चर्चाओं में हैं. रात 8 बजे तक शिवसेना (Shiv Sena) और कांग्रेस संग मीटिंग करते रहे और सुबह बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया है कि अजित पवार ईडी से डरे हुए हैं. आइए जानते हैं सैकड़ों करोड़ का वो कौन सा घोटाला है, जिसके तहत ईडी ने अजित पवार सहित 70 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
*इस तरह हुआ था हजारों करोड़ का बैंक घोटाला*
अजीत पवार सहित बैंक के अन्य निदेशकों ने कथित तौर पर चीनी मिलको कम दरों पर कर्ज दिया था. डिफॉल्टर की संपत्तियों को सस्ती कीमतों पर बेच दिया था. यह भी आरोप है कि इन संपत्तियों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका दोबारा भुगतान नहीं होने से बैंक को वर्ष 2007 से 2011 के बीच करीब 25,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार उस समय महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (एमएससीबी) के डायरेक्टर थे. नाबार्ड ने महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव सोसायटी अधिनियम के तहत इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
*इस तरह कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था केस*
इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को शरद पवार और अजीत पवार समेत 70 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने माना था कि इन सभी आरोपियों को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी. शरद पवार और जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य डायरेक्टर के खिलाफ बैंकिंग और आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. आरोपियों में बैंक की 34 शाखाओं के अधिकारी भी शामिल हैं. हाई कोर्ट के जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस एसके शिंदे की बेंच ने 22 अगस्त को कहा था कि आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं.
*अजीत पवार सहित 70 लोगों पर इन धाराओं में दर्ज हैं केस*
धारा 420 (ठगी और बेईमानी)
धारा 409 (नौकरशाह या बैंकर, व्यवसायी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासहनन)
धारा 406 (आपराधिक विश्वासहनन के लिए सजा)
धारा 465 (धोखाधड़ी के लिए सजा)
धारा 467 (मूल्यवान चीजों की धोखाधड़ी)
120बी (आपराधिक षड्यंत्र की सजा)
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