अवैध ईट भट्टा |
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बैतूल संवाददाता // अशोक झरबड़े : 9424554933
- राजस्व और खनिज विभाग की अनदेखी से संचालित हो रहे अवैध भट्टे
- ग्रामीण ने कलेक्टर, खनिज विभाग, वन विभाग के परिक्षेत्र अधिकारी से की शिकायत
बैतूल। भैंसदेही तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बक्का चिखली में बगैर कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही ईट भट्टों का संचालन हो रहा है। सबसे चौकानें वाली बात तो यह है कि इन ईट भट्टों में वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते जंगल की लकड़ी सुलग रही है। जंगल से सटे इस ग्राम में ईट भट्टे से जुड़ा कारोबार व्यापक पैमाने पर चल रहा है। जहां बड़ी मात्रा में जंगल की लकड़ी खप रही है। वहीं राजस्व भूमि से रेत का अवैध खनन भी किया जा रहा है।
इसकी शिकायत ग्राम बक्का चिखली के ग्रामीण चिरौंजीलाल पिता बाजीलाल यादव ने कलेक्टर, वन विभाग ताप्ती रेंज के परिक्षेत्र अधिकारी, खनिज विभाग से की है। शिकायतकर्ता ने बताया कि भैंसदेही तहसील, थाना चिचोली के ग्राम बक्का चिखली के बलराम पिता रामदास गौली एवं राजेश रामदास गौली के द्वारा अवैध रूप से भट्टे का निर्माण कर व्यापार किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्राम के जंगल एवं खेतों की लकड़ी अवैध रूप से काटकर ईट भट्टों में लगाई जा रही है।
ईट भट्टा संचालक ने स्वयं के ट्रैक्टर ट्राली से अवैध परिवहन कर करीब 3 ट्राली लकड़ी जमा की है। इसके अलावा करीब 20 से 25 ट्राली अवैध रेता का उत्खनन कर डंप की गई। शिकायतकर्ता का कहना है कि ईट भट्टा संचालक दोनों व्यक्ति प्रभावशाली है शिकायत कर्ताओं एवं ग्रामीणों के साथ विवाद कर यह जान से मारने की धमकी देते हैं। ईट भट्टा संचालक शिकायतकर्ता के खेत के आजू-बाजू की शासकीय जमीन एवं नदी की अवैध रेता का संग्रह करके व्यापार करते हैं। विरोध करने पर विभाग में दबदबा होने की बात करते हैं।
आवेदक चिरौंजी ने बताया कि भट्टा संचालक बलराम एवं राजेश विगत कई दिनों से उनके खेत में एवं शासकीय भूमि पर अवैध रूप से व्यवसाय कर शासकीय संपत्ति का दुरुपयोग करके शासन को क्षति पहुंचा रहे हैं वहीं शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। इस मामले में उन्होंने अनाधिकृत रूप से व्यवसाय करने वालों पर कानूनी दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
शिकायतकर्ता का तो यहां तक कहना है कि अगर वन विभाग के अधिकारी मौके पर निरीक्षण करें तो असलियत सामने आ जाएगी। सूत्रों की माने तो ईंट भट्टों के लिए लकड़ी कटाई के आड़ में वन माफिया जंगलों का सफाया करने में जुटे हुए हैं। ईट बनाने के लिए जहां एक तरफ अवैध रुप से खुदाई की जाकर मिटटी लाई जा रही है। वहीं राजस्व भूमि से रेत का भी खनन किया जा रहा है। ईट भट्टों को जलाने के लिए बड़े पैमाने पर जंगल से पेड़ काटे जा रहे हैं।
गौरतलब हो कि ईट भट्टा संचालन करने के लिए पर्यावरण विभाग, खनिज विभाग या फिर अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार से अनुमति लेनी होती है लेकिन यहां बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के ही ईट भट्टों का संचालन हो रहा है। जिससे शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है। दूसरी तरफ जहां ईंट भट्टों के धुआं से लागों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है वहीं ईट पकाने के लिए जंगलों से अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई कर भट्टों में लगाई जाती है।
जिस कारण जंगलों का भी सफाया जारी है। परिणाम स्वरूप पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है।
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