नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए BIMSTEC के नेता आमंत्रित, पाकिस्तान को न्यौता नहीं |
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत के बाद नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में एक बार फिर विदेशी मेहमान शामिल हो सकते हैं। अभी आधिकारिक तौर आमंत्रित तो नहीं किया गया है, लेकिन सरकार पड़ोसी देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण में बुलाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
भारत की नीति 'पड़ोसी पहले' को रेखांकित करने के लिए मोदी 30 मई (संभावित) को दोबारा सत्ता संभालने के बाद इन देशों का दौरा भी कर सकते हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियां भी शामिल होने जा रही हैं. जिनमें बिम्सटेक के राष्ट्राध्यक्ष के नाम भी शामिल हैं. इसके अलावा संघाई कॉरपोरेशन संगठन के अध्यक्ष भी शामिल होंगे.
पाकिस्तान को आमंत्रण नहीं:
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर एक अलग पहचान दिलाई है. शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रवासी भारतीय दिवस के मुख्य अतिथि रहे मॉरीशस के राष्ट्रपति को भी आमंत्रण भेजा गया है. वहीं किर्गिस्तान के राष्ट्रपति के भी भारत आने की संभावना हैं। 2014 में पीएम की शपथ के समय सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ पाकिस्तान को आमंत्रित किया गया था, लेकिन इस बार बिम्सटेक को आमंत्रित किया गया है. जिससे यह साफ है कि पाकिस्तान को इस बार आमंत्रित नहीं किया गया है.
जानें क्या है BIMSTEC:
BIMSTEC बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है, जिसे आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लिए बनाया गया है. BIMSTEC का पूरा नाम 'बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन' है. इसकी स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा पत्र के माध्यम से हुई थी. बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड इस संगठन में शामिल हैं.
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