सफाई कर्मचारियों को दर दर भटकना पड़ा अपने हक के पैसों के लिये- तोड़ा सोसल डिस्टेंसींग का नियम |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
- अपने अधिकार के पैसो के लिये गये बैक - सफाईकर्मी को खदेड़ा पुलिस ने
- हंगामे के बाद सफाई कर्मचारियों के वेतन का हुआ भुगतान
औद्योगिक शहर नागदा मे कोरोना वायरस के संक्रमण से शहर वासियों को बचाने मे अधिकारी रात-दिन मेहनत कर रहे है। जिसमे नगर पालिका के सफाई कर्मचारी भी अपनी जान जोखिम मे डाल कर सहयोग कर रहे है। ऐसे गरीब कर्मचारियों को भी वेतन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। अपने हक का पैसा पाने के लिये सफाई कर्मचारियों को दर दर भटकना पड़ रहा है। हंगामा होने के बाद एसडीएम के हस्तक्षेप से कर्मचारियों को नपा कार्यालय से नकद वेतन का भुगतान किया गया।
सरकार ने गरीबों को ऐसी विकट स्थिति में वेतन तो दे दी पर उन्हें बैंक अधिकारी पैसा देना तो दुर बैंक के अंदर भी घुसने नहीं दे रहे है। कोरोना के इस संकट में शहरवासियों को इस महामारी से बचाने के लिए सबसे बड़ा सहयोग नगर पालिका के सफाईकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर सबसे ज्यादा मेहनत करते आपने देखे है। उनका वेतन 8 दिन पूर्व बैंकों में आ गया है। सोमवार की सुबह उस समय बैंको में हंगामा हुआ जब सफाई कर्मचारी अपनी मेहनत का पैसा लेने बैंकों में पहुंचे थे। बैंक अधिकारियों ने उन्हें बैंक के अंदर तक घुसने नहीं दिया। जवाहर मार्ग स्थित यूको बैंक पर लगभग 30 से 40 कर्मचारी पहुंचे पैसा नहीं मिलने पर उन्होंने आक्रोश व्यक्त किया।
सोशल डिस्टेंसींग का नही हो रहा पालन- पुलिस ने भगाया
बैंक अधिकारियों ने सूचना पुलिस को दी ,पुलिस ने वहां पहुंचकर सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने व भीड़ होने की वजह से सफाई कर्मचारियों को फटकार लगा कर वहां से भगाया तो कर्मचारी नगर पालिका कार्यालय पर एकत्रित हो गए। माहौल बिगड़ते देख मुख्य नगर पालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया कार्यालय पहुंचे और उनके आश्वासन के बाद कर्मचारी चले गए। एसडीएम के आदेश के बाद नपा के केशियर ने बैंक में जाकर कर्मचारियों को बैंक में पड़ा पैसा निकालकर नपा कार्यालय में आकर वितरित किया।
बैंक अधिकारी कर रहे है अभद्रता
इस नाजुक दौर में बैंक के अधिकारियों की अभद्रता का खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ सकता था। यदि एसडीएम आरपी वर्मा व मुख्य नपा अधिकारी रास्ता नहीं निकालते तो। रात-दिन मेहनत कर रहे सफाई कर्मचारी जो आक्रोशित हो चुके थे यदि वह आंदोलन कर देते तो प्रशासन के साथ शहरवासियों को परेशानी उठाना पड़ सकती थी। वैसे देखा जाए तो कलेक्टर का आदेश है कि बैंक में नकद लेन-देन नहीं होगी, पर ऐसा आदेश नही है की यदि कोई खातेधारी बैंक में भुगतान लेने जाए तो उसके साथ अधिकारी अभद्र व्यवहार करें।
यह बात सही है की बैंकों के पास लेन-देन नहीं करने के आदेश है। नपा कर्मचारियों का वेतन तो कार्यालय से भुगतान करा दिया गया है।
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