रविवार, 21 जून 2020

RTI में अड़ंगेबाज अधिकारी दीपमाला तिवारी उपसंचालक खनिज पर एक लाख का जुर्माना, अपनाएं थे ये हथकंडे, सूचना आयुक्त का सराहनीय फैसला 

RTI में अड़ंगेबाज अधिकारी दीपमाला तिवारी उपसंचालक खनिज पर एक लाख का जुर्माना, अपनाएं थे ये हथकंडे, सूचना आयुक्त का सराहनीय फैसला 

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भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 
  • सूचना आयुक्त राहुल ने उपसंचालक, खनिज शाखा, दीपमाला तिवारी को थमाया एक लाख के जुर्माने का नोटिस
  • अपनाएं थे ये हथकंडे, सूचना आयुक्त का सराहनीय फैसला 
  • उपसंचालक खनिज दीपमाला तिवारी पर एक लाख का जुर्माना
भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने माइनिंग की जानकारी पिछले एक साल से नही देने पर उपसंचालक दीपमाला तिवारी, खनिज शाखा, सतना को एक लाख रुपए के जुर्माने का कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। आमतौर पर अधिकतम जुर्माना ₹ 25000 का होता है पर इस मामले में  4 अलग अलग प्रकरणों में एक साथ कार्रवाई करते हुए ,₹25000 की दर सेे एक लाख रुपये की जुर्माने की राशि बनी।
RTI आवेदक अमित सिंह चौहान द्वारा सतना में प्रिज्म जोहन्सन माइनिंग कंपनी के खदानों से जुड़े कुल 10 बिन्दुओ की जानकारी चार अलग अलग प्रकरणों में जुलाई 2019 में मांगी गई थी। अमित सिंह खुद अक्षर में पड़ गए  जब उल्टा उपसंचालक ने उनसे ये सवाल कर लिया कि माइंस का लैंड रिकॉर्ड ले कर आये। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने 32 पेज के आदेश में इसे अपीलकर्ता को परेशान करने की नीयत से किया गया काम मानते हुए कहा कि अधिकारी द्वारा अपीलकर्ता से उस जानकारी की अपेक्षा की जा रही जो अधिकारी के स्वयं की पहुँच में है। दूसरा मांगी गई जानकारी एक नामी गिरामी कंपनी की है जिसके बारे में सारे तथ्य शासन के पास पहले से उपलब्ध है।
अमित सिंह चौहान द्वारा अपने आवेदन में लैंड शेड्यूल  माइनिंग प्लान प्रोडक्शन और बकाया रॉयल्टी जैसे विषयो की जानकारी मांगी थी। 
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अधिकारी को आदेशित करते हुए लिखा कि जनहित में यह जानकारी देने योग्य है क्योंकि मीडिया में कई माइनिंग कंपनियों द्वारा नियमो को ताक पर रख अवैध उत्खनन की खबरें उजागर होती रहती हैं और इसकी वजह से शासन को राजस्व का नुकसान होता है एवं पर्यावरण को भी खतरा उत्पन्न होता है। 

जानकारी नही देने की लिए अपनाएं ये हथकंडे

इस प्रकरण में पिछले 1 साल में उपसंचालक दीपमाला तिवारी द्वारा कई तरह के हथकंडे अपनाए गए ताकि जानकारी आरटीआई आवेदक की पहुंच से दूर रहें। उदाहरण के तौर पर दीपमाला तिवारी ने जानकारी देने से इसलिए भी मना कर दिया की जानकारी प्रश्नवाचक स्वरूप में मांगी गई थी। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में इसे दीपमाला तिवारी की धारा 2 का उलंघन करते हुए विधिक चूक करार देते हुए लिखा कि कोई भी लोक सूचना अधिकारी सिर्फ इस आधार पर जानकारी को नहीं रोक सकता है की मांगी गई जानकारी प्रश्नवाचक स्वरूप में है। अधिनियम की धारा 2 (f) और धारा 2 (J) में सूचना की स्पष्ट  व्याख्या है। जो जानकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध है तो उसे आवेदक को दी जानी चाहिए। सिंह ने यहां दीपमाला तिवारी को उदाहरण भी दिया जैसे एक अधिकारी का निलंबन कब हुआ यह दिए जाने योग्य है और एक अधिकारी का निलंबन कब होगा यह नहीं दिए जाने योग्य है।
सुनवाई के समय उपसंचालक खनिज शाखा सतना दीपमाला तिवारी की यह दलील भी कि कुछ जानकारी उनके डिपार्टमेंट में उपलब्ध नहीं है आयोग के सामने नहीं चल पाई। आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि यहां पर दीपमाला तिवारी द्वारा अधिनियम की धारा 6 (3) का उल्लंघन किया गया है जिसके तहत अधिकारी को आवेदन मिलने के 5 दिन के भीतर अगर  अन्य विभाग से जानकारी के लिए आवेदन को अंतरित करना था। जो कि पिछले 1 साल में नहीं किया गया। 
वही माइनिंग प्लान की जानकारी रोकने के बारे मे जब सुनवाई के दौरान दीपमाला तिवारी से आयोग ने सवाल किया तो उनका जवाब था कि ये जानकारी उनके विभाग में उपलब्ध नहीं है। इस पर आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि माइनिंग रूल्स 1988 के अनुसार माइनिंग प्लान के उल्लंघन होने की  स्थिति में क्षेत्रीय कंट्रोलर उन राज्य सरकार द्वारा अधिकृत कार्यालय एक्शन लेंगे। वही माइंस से चारो तरफ़ 7.5 मीटर का बफर जोन होता है जिसमे पेड़ लगाने का प्रावधान है अगर माइनिंग प्लान माइनिंग अधिकारी के पास नही होगा तो वे कैसे माइंस पर निगरानी रखेंगे।
वही एक और जानकारी पर दीपमाला तिवारी ने आयोग और अपीलकर्ता को गुमराह करने का प्रयास किया। अपीलकर्ता अमित सिंह चौहान ने ये माइंस के भू प्रवेश की जानकारी पर दीपमाला तिवारी ने कहा कि उनका विभाग सिर्फ़ भू प्रवेश पर NOC जारी करता है। इस पर आयुक्त राहुल सिंह ने अधिकारी को आड़े हाथों लेते हुए ये पूछ लिया कि ऐसा कैसे हो सकता है कि NOC हवा में जारी हो रही हो और जिन दस्तावेजों के आधार पर NOC जारी की गई है वो कार्यालय में मौजूद नही है।
आयुक्त राहुल सिंह ने सभी जानकारियां निःशुल्क अपीलकर्ता को देने के आदेश देते हुए, एक लाख रुपए के जुर्माने के नोटिस का जवाब आयोग के सामने 6 जुलाई को अगली पेशी से पूर्व देंने के आदेश दीपमाला तिवारी उपसंचालक खनिज शाखा सतना को देने को कहा है। 

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