बारिश के एक झल्ले में ही बह गई ग्रेवल रोड पर बनी पुलिया, एक वर्ष पूर्व ही शेरगढ़ में पंचायत ने किया था निर्माण, भ्रष्टाचार उजागर
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ब्यूरो चीफ मुलताई, जिला बैतूल // राकेश अग्रवाल : 7509020406
मुलताई। ग्राम पंचायत शेरगढ़ में निर्माण ऐजेन्सी पंचायत द्वारा एक वर्ष पूर्व लगभग 9 लाख की लागत से सड़क एवं पुलिया का निर्माण किया गया था, लेकिन इस वर्ष बारिश के पूर्व ही पुलिया बह गई जिससे निर्माण में किया गया भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार शनिवार रात तेज बारिश का एक झल्ला आया था, जिसके कारण बड़की नदी पर बाढ़ आई इसी दौरान पुलिया बह गई। पुलिया बहने से उक्त मार्ग पर स्थित खेतों में ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित हो गया है।
बताया जा रहा है कि विगत एक वर्ष पूर्व ग्रीष्मकाल में ही मार्ग एवं पुलिया का निर्माण किया गया था, लेकिन मात्र 12 माह में ही पुलिया का ध्वस्त हो जाना जहां निर्माण में हुई घोर लापरवाही दर्शा रहा है। वहीं तकनीकि खामियां भी सामने आई है, जिसके कारण पुलिया बारिश के पूर्व ही बह गई है। पूरे मामले में शेरगढ़ सचिव नरेन्द्र धुर्वे से जब चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि पंचायत द्वारा शेरगढ़ से ढाना तक ग्रेवल मार्ग के निर्माण के साथ ही पुलिया का भी निर्माण किया गया था।
जिसमें निर्माण ऐजेन्सी तो पंचायत थी लेकिन तकनीकि अधिकारी के निर्देशानुसार कार्य किया गया था। यहां सवाल यह उठता है कि तकनीकि मापदंडों को ताक पर रखकर कैसे कार्य किया गया जिससे पुलिया मात्र 12 माह में ही बह गई और इसका लाभ ग्रामीणों को नही मिला।
खेतों में जाने का मार्ग हुआ बंद, किसान परेशान
शेरगढ़ से ढाना तक बने मार्ग के बीच में पुलिया का निर्माण किया गया था जिसके बहने से अब उस ओर के खेतों में जाने के लिए किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। फिलहाल खेतों में बोवनी का कार्य चल रहा है एैसी स्थिति में पुलिया बहने से किसानो को भारी परेशानी उठाना पड़ सकता है। किसान उमेश उकड़ले, दिलिप भलावी, शिवपाल साहू एवं समरत उईके सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उक्त मार्ग पर स्थित खेतों में आवागमन लगा रहता है साथ ही मवेशी सहित ट्रेक्टर आदि भी आते-जाते हैं लेकिन पुलिया ढहने से पूरा आवागमन प्रभावित हो गया है। पंचायत द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नही की गई है।
तकनीकि मापदंडों में भारी त्रुटियां
पुलिया निर्माण में तकनीकि मापदंडों को ताक पर रखकर पुलिया का निर्माण किया गया जिससे मात्र कुछ माह में ही पुलिया ढह गई। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया की चौड़ाई के हिसाब से जहां चार पाईप लगना चाहिए थे वहीं मात्र दो पाईप लगाए गए थे साथ ही पुलिया के उपर सीमेन्ट का टाप नही बनाया गया था एवं सीधे मुरूम भर दी गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण में भारी लापरवाही की गई है जिसके कारण हल्की बारिश होते ही पुलिया ढह गई है।
इनका कहना
निर्माण कार्य तकनीकि अधिकारी के अनुसार किया गया था, फिलहाल पुलिया जहां से क्षतिग्रस्त हुई है वहां मुरूम भर के आवागमन प्रारंभ कराया जा रहा है।
नरेन्द्र धुर्वे सचिव ग्राम पंचायत शेरगढ़।
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