वाचाखेड़ी तालाब में इस वर्ष रूकेगा पानी, 328.38 लाख से हुआ तालाब निर्माण, 135 हे. सिंचाई को होगा लाभ - शेखावत |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा- भाजपा के पुर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दिनांक 13/7/2017 को वाचाखेड़ी तालाब की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. में भा.ज.पा. की सरकार थी तब हुई थी।
उस समय इस तालाब की लागत 328.38 लाख रूपये थी एवं सिंचाई का रकबा 135 हे. था। इस तालाब के निर्माण से वाचाखेड़ी, चन्दवासला, लसुड़िया, बिलवानिया एवं इस तालाब के बनने से चिरोला गाँव तक वाटर लेवल बढ़ेगा। साथ ही सैकड़ो किसानो को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ होगा।
शेखावत ने बताया कि तालाब का भूमिपुजन दिनांक 26/11/2017 को हो गया था तथा कार्य भी प्रारम्भ हो गया। 2018 में इस तालाब में कुछ पानी भी भरा था इसी दरमियान तालाब की पाल में लीकेज हुआ। वर्तमान विधायक की निष्क्रीयता के कारण जिस तालाब में वर्ष 2019 में पानी भर कर सिंचाई होनी थी वह आज दिनांक तक न तो तालाब में पानी भरा, न सिंचाई हुई। शेखावत ने यह भी बताया कि जब तालाब पूर्ण रूप से भरेगा तक वाचाखेड़ी, चन्दवासला के 40 किसानों की सैकड़ो बीघा जमीन पर जाने के पुराने रास्ते पर 10 से 12 फीट पानी होगा। जिसके लिये नया रास्ता बनाना था।
इस रास्ते को बनाने के लिये 10-11 लाख रूपये का बजट प्रावधान भी है। यह रास्ता आज दिनांक तक नहीं बना है। विगत तीन-चार दिन पहले ही मेरी जल संसाधन के ईई से इस रास्ते को बनाने हेतु चर्चा की गई। साथ ही इस तालाब के पूर्ण भरने के बाद में संभवतः वाचाखेड़ी की जो नई आबादी है जो बस्ती पूर्णतः अजा बस्ती है, इस बस्ती के शायद 10-12 मकान डूब क्षैत्र में आ सकते है।
कल्पना करिए वर्षा ऋतु आने को है और रात्रि को अगर तालाब पूरा भर जायेगा तो इन 10-12 घरो में रहने वाले व्यक्तियों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं होगा ? मैंने आज भी अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद से बात की है और कहा है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर तालाब के लेवल का पता लगाया जाय और इस बस्ती में मकान डूबने की स्थिति में हो तो इन्हें विस्थापित किया जाए।
शेखावत ने कहा कि प्रश्न यह उठता है कि दिनांक 13/7/2017 को स्वीकृत हुए तालाब से आज दिनांक तक सिंचाई नहीं हुई। वर्तमान कांगे्रस विधायक जनता को जवाब दे, क्या ये आपकी निष्क्रीयता एवं अकर्मण्यता का जीता जागता उदाहरण नहीं है ? क्या यह किसानों के साथ अन्याय नहीं है ?
शेखावत ने यह भी बताया कि बागेड़ी नदी पर बागेड़ी गांव के पास डेम दिनांक 29/8/2018 को स्वीकृत हो गया था जिसकी लागत 172.83 लाख रूपये है। जिससे 275 हे. भूमि में सिंचाई होगी। इस डेम के बनने से बड़ागांव, सुरेल, संदला, लोहारी, पिपलोदा पंथ, सोनचिढ़ी, चंदवासला ऐसे आदि अनेक गांवो के किसानो को निश्चित लाभ होगा। साथ ही बागेड़ी नदी पर पाड़सुतिया गांव के समीप डेम, जिस डेम की मांग अनेक वर्षो से किसान करते आए है, यह डेम जिसकी स्वीकृति दि. 29/5/2018 को हो गई थी।
जिसकी लागत 334.71 लाख रूपये है और इस डेम के बनने से 200 हे. भूमि में सिंचाई होगी। इस डेम से पाडसुतिया, पचलासी, उमरना, दड़िया, नायन आदि गांवो के सैकड़ो किसानों को लाभ होगा। लेकिन दुर्भाग्य है इस सम्पूर्ण क्षैत्र का कि इन डेमो को स्वीकृत हुए लगभग डेढ़ से दो साल हो गये है लेकिन आज दिनांक तक इन डेमो का कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका।
शेखावत ने बताया कि 2013 से 2018 के मध्य जब मध्यप्रदेश में माननीय शिवराजसिंह जी की सरकार थी और मुझे जनता ने सेवा का अवसर दिया था उस समय क्षैत्र में हरित क्रान्ति लाने के लिये एवं लगातार मेरे प्रयासों से क्षैत्र में मलेनी-कुड़ेल नदी के संगम पर 3 करोड 61 लाख रूपये की लागत से डेम बनाया गया। नाथुखेड़ी में 7 करोडी की लागत से, गोठड़ा माताजी में 3 करोड़ 50 लाख की लागत से, चंबल नदी पर राजगढ़, साथ ही कुड़ेल नदी पर ब्राह्मणखेड़ी पर, श्रीबच्छ एवं बागेड़ी नदी पर भीकमपुर में डेमो का श्रंखलाबद्ध निर्माण करवाया गया।
इन डेमो के बनने से जहां मलेनी-कुड़ेल नदी 40 किलोमीटर तक लगातार भर दी । हमारा सपना है इसी प्रकार से बागेड़ी नदी को भी 40 किलोमीटर तक भर देंगे। इन डेमो के बनने से 2000 हे. से भी अधिक भूमि में सिंचाई का रकबा बड़ा है। हमने 100 वर्षो से भी अधिक पुराना अंतलवासा तालाब के जीर्णोद्धार पर 1 करोड़ 83 लाख रूपये से भी अधिक खर्च किया एवं इसकी नहर को कनवास तक बनाने की स्वीकृत ली थी। लेकिन दुर्भाग्य से इस नहर का कार्य विगत डेढ़ वर्षो में नरसिंहगढ़ से आगे नहीं बढ़ पाया है।
साथ ही हमने सिपेड़ा, बनबना और बुरानाबाद तालाबो का जीर्णोद्धार भी करवाया था। आने वाले समय में बागेड़ी नदी पर बागेड़ी गांव के समीप, बागेड़ी नदी पर पाड़सुतिया गांव के समीप एवं बोरदिया गांव के समीप कुड़ेल नदी पर डेम बनाना भाजपा सरकार की प्राथमिकता होगी। क्षैत्र में नये तालाबों का निर्माण हो यह भरसक प्रयास होगा। इन सब के कारण क्षैत्र के किसानों की खुशहाली के लिये जो-जो भी प्रयास होंगे उन प्रयासों में किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ी जायेगी।
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