हड़ताल के समय कहाँ थे मजदूर नेता मालपानी |
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा जंक्शन। छोटी-छोटी बातों पर श्रमिकों के हित के लिए लड़ने वाले, धरना प्रदर्शन करने वाले, कांग्रेसी नेता का ग्रेसिम पावर हाउस गेट पर ठेका श्रमिकों के साथ नहीं रहना चर्चा का विषय बना हुआ है।
ज्ञात रहे कि यह वही नेता है जो समय-समय पर श्रमिकों को हितों का लाभ दिलाने के लिए आगे रहते थे, लेकिन आज नदारद है। कुछ माह पूर्व भी उन्होंने इस समझौते को लेकर ग्रेसिम पॉवर हाउस गेट पर धरना दिया था लेकिन आज वह कहां है यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
श्रमिकों के हितेषी बनने वाले मालपानी क्यों नहीं है आज उनके साथ
ज्ञात रहे कि कुछ माह पूर्व कांग्रेस के नेता बसन्त मालपानी इस समझौते को लेकर श्रमिकों के हित में आगे आए थे और भूख हड़ताल पर भी बैठे थे, लेकिन आज जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत ठेका श्रमिकों को थी तो वह नदारद थे। ऐसा क्यों ? उस समय उनके धरने को राजनीतिक नौटंकी बताया गया था कि अपनी प्रसिद्धि के लिए वे इस तरह की नौटंकी कर रहे हैं और आज उनका ऐसे समय में श्रमिकों के साथ नहीं होना उस समय कही गई नौटंकी की बात को सिद्ध करता नजर आ रहा है।
मालपानी का ऐसे समय में श्रमिकों के साथ नहीं रहना चर्चा का विषय बनता जा रहा है। देखा जाए तो जो हमेशा समझोते को लेकर मजदूर हित की बात करते हैं वह ठेका श्रमिकों की हड़ताल में सामने नजर नहीं आए। वाह मालपानी जी उद्योग हित के लिए या यूं कहे कि उद्योग में अपने काम करवाने के लिए इन भोले भाले श्रमिकों का फायदा उठाते हैं।
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