एम्स के डायरेक्टर का करीबी बताकर 50 युवतियों से ठगे दो करोड़ |
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भोपाल. दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) के डायरेक्टर का करीबी बताकर भाेपाल , दिल्ली अाैर दूसरे एम्स में नर्स की नाैकरी दिलाने का झांसा देने वाले दाे ठगाें काे एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। जबकि गिराेह के तीसरे सदस्य की तलाश पुलिस कर रही है। अाराेपियाें ने खुलासा किया है कि बीते 8 महीने में एम्स में स्टाॅफ नर्स की नाैकरी दिलाने के नाम पर 50 युवतियाें से 4 से 6 लाख रुपए तक वसूले हैं।
मध्य प्रदेश एसटीएफ( Special Task Force) ने एक ऐसे गिरोह का राजफाश किया है। जिसने एम्स में नौकरी का झांसा देकर 50 महिलाओं से मोटी रकम ऐंठी थी। भोपाल पुलिस को ये शिकायत मिली थी कि कुछ लोग एम्स में नर्स की नौकरी दिलाने का वादा करके महिलाओं को चूना लगा रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपी गई थी।
जांच के बाद एसटीएफ ने इस गैंग के सरगना दिलशाद खान को उसके साथी आलोक कुमार को गिरफ्तार किया। आरोपितों ने नर्सिंग के विद्यार्थियों को भरोसा दिलाने के लिए न सिर्फ फर्जी चयन सूची बनाई थी,बल्कि चंडीगढ़,दिल्ली और भोपाल एम्स में भर्ती के नियुक्त पत्र भी तैयार किए थे।
एसपी(एसटीएफ) राजेशसिंह भदौरिया ने बताया कि एक सप्ताह पहले नर्सिंग की चार छात्राओं ने लिखित शिकायत की थी। उसमें बताया कि नर्सिंग का कोर्स पूरा करने के बाद वे बेहतर नौकरी की तलाश कर रही थीं। इस दौरान उनसे कुछ लोगों ने संपर्क किया और एम्स में नौकरी लगाने का भरोसा दिलाया। नौकरी के ऐवज में 4 से 6 लाख रुपए तक की मांग की। रुपए देने के बाद नौकरी की बात करने पर उन्हें एम्स की चयन सूची दिखाई गई। उसमें उनका नाम था। तय रकम हासिल करने के बाद आरोपितों ने उन्हें एम्स में भर्ती का ऑफर लेटर भी थमा दिया, जो फर्जी निकले। छात्राओं ने पुलिस को बताया कि राशि लेने के बाद ठगों के मोबाइल फोन नंबर बंद हो गए थे।
एसपी भदौरिया ने बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपितों के बंद हो चुके मोबाइल फोन की पुरानी कॉल डिटेल खंगाली गई। आरोपितों की पूर्व में हुई लोगों से बातचीत के आधार पर उनके संभावित ठिकानों पर निगरानी बढ़ा दी गई। इसके बाद बुधवार को गिरोह के सरगना जबलपुर निवासी दिलशाद खान और उसके साथी भोपाल निवासी आलोक कुमार बामने को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि गिरोह 50 से अधिक लोगों से अभी तक 2 करोड़ से अधिक की राशि ठग चुका है।
एसपी के मुताबिक पूछताछ में गिरोह सरगना दिलशाद खान ने बताया कि उसने पांच निकाह किए हैं। बीवियों के महंगे शौक पूरे करने के कारण वह धोखाधड़ी कर रुपए कमाने की राह पर चल पड़ा। यह भी पता चला कि दिलशाद की चौथी पत्नी का जबलपुर में निजी अस्पताल है। दिलशाद के साथी आलोक बामने की पत्नी भोपाल के पटेल नगर स्थित शासकीय कन्या छात्रावास में अधीक्षिका है। एसटीएफ इस मामले में आलोक बामने की पत्नी की भूमिका की भी जांच कर रही है। दोनों आरोपितों को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड मांगा जाएगा।
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