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राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने भोपाल के लाल परेड मैदान पर हुए राज्य-स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में कहा कि मध्यप्रदेश तरक्की के जिस मुकाम पर है, वह प्रदेश की जनता और सरकार के एक साथ खड़े होने से संभव हुआ है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेश की आगे की यात्रा और समृद्ध तथा सुखद होगी। राज्यपाल ने नागरिकों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएँ भी दीं।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि राज्य सरकार के सुशासन और बेहतर वित्तीय प्रबंधन का ही नतीजा है कि मध्यप्रदेश की विकास दर देश की औसत विकास दर से अधिक है। उन्होंने कहा कि डेढ़ दशक पूर्व तक मध्यप्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी में गिना जाता था। प्रदेश की विकास दर तो कुछ वर्षों तक नकारात्मक भी रही और देश की औसत विकास दर से हमेशा नीचे होती थी। आज मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है और विकास दर पिछले एक दशक से दो अंकों के करीब रही है। कृषि विकास दर तो 18 से 20 प्रतिशत तक प्रति वर्ष हो रही है। प्रदेश का बजट 2 लाख करोड़ रुपये पार कर चुका है और प्रति व्यक्ति आय में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। राज्यपाल ने कहा कि विकास दर न केवल अधिक रहे, बल्कि वह समावेशी भी हो। विकास में गरीबों की भी उतनी ही भागीदारी हो, जितनी बड़े लोगों की हो। राज्य की समावेशी विकास नीति को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने गरीबों के लिये रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई, दवाई और रोजगार की महत्वाकांक्षी योजनाएँ चलाई हैं।
राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि प्रदेश में दीनदयाल गरीब कल्याण वर्ष मनाते हुए सरकार ने प्रदेश के हर गरीब व्यक्ति तक पहुँचने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत प्रदेश में 5.50 करोड़ से अधिक जनसंख्या तक एक रुपये प्रति किलो के मूल्य पर अनाज पहुँचाया गया है। शहरों में दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को 5 रुपये में स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। सरकार ने प्रत्येक गरीब को छत मुहैया कराने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर रहने वाले 27 लाख ग्रामीणों को अभी तक भू-अधिकार-पत्र दिये जा चुके हैं। सभी पात्र बेघर परिवारों को आवास के लिये भूखण्ड उपलब्ध के लिये प्रदेशभर में भूखण्ड अधिकार अभियान शुरू किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न योजनाओं में 17.50 लाख से अधिक आवास बने हैं और अगले साल तक 15 लाख आवास बनाये जायेंगे। शहरी क्षेत्रों में इस वर्ष के अंत तक 5 लाख आवास तथा वर्ष 2022 तक 10 लाख आवासीय इकाइयाँ बनाने का लक्ष्य है।
राज्यपाल श्रीमती आनंदबेन पटेल ने महिलाओं के स्वास्थ्य की चर्चा करते हुए कहा कि उज्जवला योजना से महिलाओं को धुआँ-रहित रसोई मिली है। प्रदेश में प्रधानमंत्री की उज्जवला योजना से 31 लाख परिवारों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन मिले हैं। राज्य सरकार द्वारा नि:शक्तजन, वृद्धजन, निराश्रितों, कन्याओं एवं विधवा परित्यक्ताओं के लिये संचालित कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंगल क्लिक से 36 लाख पेंशनरों के खातों में प्रति माह एक तारीख को 116 करोड़ की वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही है। स्कूल शिक्षा से जन-समुदाय को जोड़ने के लिये 'मिल-बाँचे मध्यप्रदेश'' कार्यक्रम एक लाख से अधिक शालाओं में चलाया गया। पिछले 10 वर्षों में राज्य में हाई स्कूलों की संख्या पौने तीन गुना और हायर सेकेण्डरी स्कूलों की संख्या ढाई गुना से भी अधिक हुई है। शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिये नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक, छात्रवृत्ति, सिला हुआ गणवेश और साइकिल जैसी सुविधाएँ दी जा रही हैं। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के पहले वर्ष में ही 28 हजार से ज्यादा बच्चों को स्नातक शिक्षा के लिये लाभ दिया है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में कमी को दूर करने के लिये पढ़ाने वालों की केवल एक ही श्रेणी बनाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में उच्च शिक्षा की पहुँच दुर्गम इलाकों तक सुनिश्चित करने के लिये पिछले वर्ष 15 नये कॉलेज और 3 नये मॉडल कॉलेजों की स्थापना की गई है।
स्वास्थ्य सेवा
स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बाल मृत्यु दर में पिछले एक वर्ष में सर्वाधिक 10 अंकों की कमी मध्यप्रदेश में रिकार्ड हुई है। इन्द्रधनुष योजना में टीकाकरण की दर 74 फीसदी से बढ़कर 90 फीसदी तक हो गई है। सभी 51 जिलों में नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिये आगामी शैक्षणिक सत्र से 7 नये मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किये जा रहे हैं। इसके साथ ही पूर्व से चल रहे मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटों में वृद्धि की जा रही है। जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में सुपर स्पेशियलिटी सेंटर की स्थापना की जा रही है। प्रथम बोनमेरो ट्रांसप्लांट की स्थापना इंदौर मेडिकल कॉलेज में की गई है।
कुपोषण से निपटने के लिये ठोस प्रयास
राज्यपाल ने कहा कि पिछड़ी जनजातियाँ बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों के लिये राज्य सरकार द्वारा एक नई योजना प्रारंभ की गई है। प्रत्येक परिवार को एक हजार रुपये प्रति माह का भुगतान उनके बैंक खाते में किया जा रहा है। राज्य के 15 जिलों की किशोरियों को सबला योजना के तहत टेक-होम पोषण-आहार दिया जा रहा है। राज्य के अति कुपोषित 85 विकासखण्डों में साढे 11 लाख स्कूली बच्चों को सप्ताह में तीन दिन गुड़-मूंगफली की चिक्की देने की योजना लागू की जा रही है। राज्य सरकार टेक-होम राशन की वर्तमान व्यवस्था में एक बहुत बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब टेक-होम राशन की तैयारी कम्पनियों के स्थान पर महिला स्व-सहायता समूहों के जिला-स्तरीय संघ द्वारा की जायेगी।
स्वच्छता अभियान
प्रदेश में प्रधानमंत्री जी द्वारा शुरू किये गये स्वच्छ भारत मिशन की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 13 जिले और 10 हजार से अधिक ग्राम-पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हुई हैं। प्रदेश में 81 लाख से अधिक घरों में शौचालय सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने जन-सामान्य से स्वच्छता मिशन में सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी ग्रामों को चरणबद्ध तरीके से नल-जल योजना के माध्यम से पीने का साफ पानी उपलब्ध करवाया जायेगा। इसके अलावा प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना भी प्रारंभ की गई है। इसके तहत एक हजार तक की आबादी वाले गाँवों को नल-जल योजना से जोड़ा जायेगा।
रोजगार के अवसर
गरीबों के लिये रोजगार और कौशल संवर्धनको जरूरी बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने युवा सशक्तिकरण मिशन के नाम से एक नया मिशन प्रारंभ किया है, जिसके तहत हर साल 7 लाख 50 हजार युवाओं को कौशल विकास से जोड़ा जायेगा। दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत ग्रामीण आजीविका मिशन से सवा 23 लाख व्यक्तियों को 2 लाख से ज्यादा स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है। मिशन द्वारा 6 लाख 25 हजार बेरोजगारों को रोजगार के साथ जोड़ने के साथ-साथ 14 लाख 50 हजार परिवारों को आजीविका गतिविधियों से जोड़ने का कार्य किया गया है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में एक लाख 6 हजार हितग्राहियों को कौशल प्रशिक्षण देकर 52 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को स्व-रोजगार में लाया गया है।
नर्मदा नदी संरक्षण और एकात्म यात्रा
राज्यपाल ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा नदी संरक्षण का संदेश देने वाला अभूतपूर्व अभियान साबित हुआ जो जनता की सक्रिय भागीदारी के कारण सफल हो पाया। संरक्षण अभियान को मूर्तरूप देने के लिये नर्मदा सेवा मिशन के नाम से परियोजना तैयार की गई। प्रदेश में 2 जुलाई को नर्मदा कछार में 6 करोड़ से अधिक पौधे रोपे गये हैं। नदी के तटों पर 4,500 शांतिधाम बनाये गये हैं और 250 सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण किये जा रहे हैं। जिन उद्योगों का पानी नदी में जाता था, उनमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और पाइप-लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। एकात्म यात्रा की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह यात्रा सांस्कृतिक एकता के देवदूत अद्वैत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता और सनातन संस्कृति के पुनरुद्धारक आदि शंकराचार्य के एकात्म दर्शन को जन-सामान्य तक पहुँचाने में सफल रही है।
कृषि क्षेत्र में प्रगति
राज्यपाल ने प्रदेश में पिछले 14 साल में कृषि के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 4 वर्ष में 18 प्रतिशत सालाना से अधिक औसत कृषि विकास दर प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश देश का एकमात्र प्रदेश है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की आय 5 वर्षों में दोगुना करने के लिये रोड-मेप बनाकर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में फसल भावांतर भुगतान योजना की बदौलत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ सोयाबीन, उड़द, मूँग, मूँगफली और मक्का आदि फसलों में मिल पाया है। इस योजना की प्रशंसा राष्ट्रीय-स्तर पर भी की गई है। प्रदेश में किसान भाइयों के प्रयास से उद्यानिकी क्षेत्र का रकबा अब 19 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हो चुका है। उन्होंने कहा कि 2 वर्षों में पौने तीन लाख मीट्रिक टन प्याज की भण्डारण क्षमता बढ़ाई गई है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में हो रही लगातार वृद्धि की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि दुग्ध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 10.70 प्रतिशत रही है, जो देश की वृद्धि दर से दोगुनी है। खेती का खर्च कम करने के लिये राज्य सरकार ने किसानों को शून्य ब्याज दर का लाभ दिया है। इससे 17 लाख किसानों को लाभ पहुँचा है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिये भी लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। नर्मदा का पानी क्षिप्रा में डालकर और पहाड़ी क्षेत्रों में सुरंग बनाकर पानी ले जाने को भी राज्य सरकार ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। प्रदेश में 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर सिंचित रकबे से बढ़ाते हुए सिंचाई की क्षमता वर्ष 2025 तक शासकीय स्रोतों से 60 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य तैयार किया गया है। इस वर्ष अब तक करीब 25 हजार हेक्टेयर क्षमता की 65 लघु सिंचाई परियोजनाएँ पूर्ण की गई हैं।
बिजली की उपलब्धता
राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश आज बिजली के क्षेत्र में न केवल आत्म-निर्भर हुआ है, बल्कि सरप्लस बिजली बेचने की क्षमता भी रखता है। प्रधानमंत्री की सौभाग्य योजना के तहत वर्ष 2018 तक हर घर में बिजली पहुँचाने का लक्ष्य राज्य सरकार ने तय किया प्रदेश में जून-2019 तक 5 लाख अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शन में बदल दिया जायेगा।
सड़क निर्माण और अमृत योजना
राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में सड़कों का नेटवर्क सुधारने के लिये व्यापक प्रयास किये गये हैं। तीन हजार किलोमीटर के नये राष्ट्रीय राजमार्ग मंजूर किये जा चुके हैं। इसके अलावा 2,383 किलोमीटर नये राष्ट्रीय राजमार्गों की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में 75 हजार किलोमीटर से अधिक ज्यादा लम्बाई की सड़कों का निर्माण हो चुका है। एक लाख से अधिक आबादी वाले 33 शहर और पर्यटन शहर ओंकारेश्वर में अमृत योजना में 5 वर्ष में 6,200 करोड़ की राशि व्यय की जायेगी।
अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग का कल्याण
राज्यपाल श्रीमती आनंदबेन पटेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति के विकास के लिये एक पंचवर्षीय एकीकृत कार्य-योजना तैयार की गई है। वन अंचल में रहने वाले वनवासियों को करीब ढाई लाख वन अधिकार-पत्र बाँटे जा चुके हैं। अनुसूचित-जाति और जनजाति वर्ग को स्व-रोजगार योजना से जोड़ा जा रहा है। अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिये कौशल विकास की योजना चलाई जा रही है। भारत सरकार की छात्रवृत्तियों के लिये करीब डेढ़ लाख प्रकरण भेजे गये हैं। भोपाल में हज-हाउस बन गया है। वक्फ सम्पत्ति का कम्प्यूटरीकरण जारी है।
महिला सशक्तिकरण
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की महिला सशक्तिकरण की कोशिशें देश में मिसाल बनी हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ 27 लाख बालिकाओं को मिल चुका महिलाओं के लिये अनुकूल वातावरण बनाने में सफल रहे 82 हजार शौर्या दल की प्रशंसा अनेक अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा की गई है। लाडो अभियान में 83 हजार बाल-विवाह रोकने में सफलता मिली है।
निवेशकों की पहली पसंद मध्यप्रदेश
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि पिछले वर्षों में मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बना है। ईज ऑफ बिजनेस की रेंकिंग में मध्यप्रदेश को वर्ष 2015-16 में पाँचवीं रेंक मिली है। प्रदेश में 2300 करोड़ की लागत से 22 नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूरा हो जायेगा। मध्यप्रदेश में एमएसएमई विकास नीति और एमएसएमई प्रोत्साहन योजना अप्रैल-2018 से प्रभावशील हो जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक शांति की आदर्श स्थिति है।
सुशासन
राज्यपाल ने कहा कि सुशासन राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। समय-सीमा में नागरिकों को सेवाएँ प्रदान करने की कानूनी गारंटी के बाद राज्य सरकार अब इससे एक कदम आगे जा रही है और 'समाधान एक दिन'' लागू करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में भूमि संबंधी विवादों के निपटारे के लिये राज्य न्यायालयों के कार्य में कसावट लायी जा रही है। राजस्व महा-अभियान में 10 लाख अविवादित नामांतरण एवं बँटवारे निराकृत हुए हैं। किसानों को सवा चार करोड़ खसरा एवं खतौनी की नकल नि:शुल्क बाँटी गयी है।
पर्यटन एवं संस्कृति
राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटकों के लिये पसंदीदा जगह बन गया है। अब जिला-स्तर पर धार्मिक पर्यटन-स्थलों के विकास की योजना है। हनुवंतिया की तर्ज पर ओंकारेश्वर के नजदीक सैलानी टापू को जल-पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। इस वर्ष गाँधी सागर में जल-महोत्सव की शुरूआत की जा रही है। उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में बहु-उद्देश्यीय सांस्कृतिक कला-संकुल स्थापित किये गये हैं। स्वाधीनता संग्राम के दस्तावेजीकरण, संग्राम में जन-जातियों की भागीदारी, जन-जातीय चेतना और संघर्ष को रेखांकित करने वाला पहला और अकेला प्रयास मध्यप्रदेश में किया गया है।
वन सम्पदा
राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि मध्यप्रदेश वन के मामले में समृद्धशाली राज्य माना जाता है। वनों के संरक्षण और संवर्धन की प्रभावी पहल का ही परिणाम है कि वनों और उन पर आश्रित ग्रामीणों की स्थिति में सुधार हुआ है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये चरण-पादुका योजना प्रारंभ की गई है। योजना से 21 लाख से अधिक संग्राहकों को लाभ होगा।
आनंद विभाग और कानून-व्यवस्था
राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस पर कहा कि प्रदेश में भौतिक प्रगति के पैमाने से आगे बढ़कर राज्य सरकार ने देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन किया है। पचास हजार लोग स्वेच्छा से आनंदक बने हैं। शासकीय सेवकों में सकारात्मक सोच के विकास के लिये 780 अल्प ग्राम कार्यक्रम किये गये। उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश हमेशा अच्छे राज्यों में गिना जाता है। यहाँ राज्य सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण और पुलिस बलों में वृद्धि के विशेष प्रयास किये हैं। महिला अपराधों को नियंत्रित करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने विशेष कानून पारित किया है, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ बलात्कार अथवा सामूहिक बलात्कार के लिये मृत्यु दण्ड की व्यवस्था की गई है।
कर्मचारी कल्याण
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों के कल्याण पर भी हमेशा ध्यान दिया है। अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ दिया गया है। अनुसूचित-जाति और जनजाति वर्ग के रिक्त पदों को भरने के लिये विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा भी बढ़ाई गई है। राज्यपाल ने कहा कि पुलिसकर्मियों के लिये अगले 5 साल में 25 हजार नये मकान बनाये जायेंगे। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने प्रदेशवासियों को ईमानदारी के साथ अपने कार्य-क्षेत्र में कर्त्तव्यों का निर्वहन कराने का संकल्प दिलाया। राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस पर प्रदेश की उन हस्तियों को बधाइयाँ दीं, जिन्हें भारत सरकार के पद्मश्री से अलंकृत किया गया है।
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