ऐसे फर्जी पत्रकारों का आतंक होगा खत्म, यूटूबर और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ सरकार का एक्शन प्लान तैयार: कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर |
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सावधान फर्जी चैनलों से, फर्जी चैनलों "स्टेट टुडे न्यूज़" पर भी हो रही हैं कार्यवाही, इसके फर्जी रिपोर्टर और कर्मचारियों पर भी होगा मुकदमा दर्ज
नई दिल्ली: भारत सरकार अब फर्जी पत्रकारों पर शिकंजा कसने जा रही है क्योंकि फर्जी पत्रकारों का आतंक बढता जा रहा है इसलिए सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जाली पत्रकारों पर सिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। आज दोपहर को हुई प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों से बात करते हुए, सूचना प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि देश भर में जितने भी प्रेस आईडी लेकर घुम रहे हैं उन लोगों की तत्काल जांच शुरू होगी। इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कुछ दोषी लोगों के कारण अच्छे, सच्चे एवं ईमानदार पत्रकारों की छवि खराब हो रही है एवं उनके कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। आगे जानकारी देते हुए राठौर ने कहा कि पूरे देश में कुछ पैसा लेकर जाली प्रेस आईडी बांटने एवं जाली पत्रकार नियुक्ति करने तथा प्रेस के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने का धंधा चल रहा है। जिस पर अंकुश लगाना अति आवश्यक है। इस संबंध में सभी राज्यों के प्रेस सूचना मंत्रालय को निर्देश जारी कर दिया गया है।
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने आगे बताया कि जो अखबार/पत्रिका भारत सरकार के आरएनआई द्वारा रजिस्टर्ड हो या जो टीवी/रेडियो सूचना प्रसारण मंत्रालय से रजिस्टर्ड हो उसी के द्वारा पत्रकार/संवाददाता की नियुक्ति हो सकती है व केवल उसका सम्पादक ही प्रेस कार्ड जारी कर सकता है।
जब न्यूज पोर्टल के बारे में पत्रकारों ने पूछा तो राठौर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इन्टरनेट पर चल रहे न्यूज पोर्टल के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान सूचना प्रसारण मंत्रालय में नहीं है एवं कोई भी न्यूज पोर्टल एवं केबल (डीस) टीवी पर चल रहे समाचार चैनल किसी भी तरह के पत्रकार की नियुक्ति नहीं कर सकता है और न ही प्रेस आईडी जारी कर सकता है यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह अवैध है एवं उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी सुनिश्चित है।
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