#मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन के सोशल मीडिया ग्रुप में 2014 बैच के आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ द्वारा एक विवादित पोस्ट करने से बवाल मच गया है। उन्होंने MP के आईएएस अफसरों की कार्यप्रणाली और सिस्टम को लेकर उंगलियां उठाई हैं। जिसके बाद मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष आईसीपी केशरी ने आपत्ति उठाते हुए तत्काल पोस्ट को डिलीट करने की बात कही, लेकिन लोकेश कुमार जांगिड़ ने ग्रुप में लिखा कि पोस्ट नहीं हटाऊंगा। आप मुझे ग्रुप से हटा सकते हैं। मुझे पता है कि आप एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और मुझे हटाने की सभी शक्तियां हैं, गुड लक...। जानकारी के अनुसार आईएएस अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ ने बडवानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये है। उन्होंने ग्रुप में लिखा है कि मेरे रहते कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा पैसा नहीं खा पा रहे थे, इसलिए मुझे हटवाया गया। शिवराज सिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कान भर दिए। उन्होंने आगे लिखा कि ऐसा कितने एसडीएम के लिए होता है, और कितनी बार जनता तमाम राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर सड़कों पर आती है और इसके बाद आप वल्लभ भवन में 'लाइन अटैच्ड' हैं।
ऐसा ही कुछ शहडोल में मेरे साथ हुआ था, जब मैं वहां एसडीएम था। मैंने कलेक्टर से कहा कि वह कमजोर कलेक्टर है और मुझे उस आधार पर हटा दिया गया। इसके बाद खुद जिला भाजपा अध्यक्ष ने मेरे पक्ष में प्रदर्शन किया था। आईएएस एसोसिएशन के सोशल मीडिया ग्रुप में पोस्ट करने का सिलसिला अभी थमा नहीं आगे लोकेश जांगिड़ लिखते है कि वे जब अतिरिक्त आयुक्त आबकारी थे। तब विभाग में उनकी प्रतिष्ठा और उनके कार्यों से सभी जिला आबकारी अधिकारी और आबकारी निरीक्षक भी परिचित हैं। उन्होंने बिहार राज्य का उदाहरण देते हुए आगे लिखा कि वहां पैसे कमाने वाले को डीएम नहीं बनाते है। दिलचस्प बात यह है कि जो लोग हर तरह के माफिया से पैसा निकालते हैं, उनका एक जगह से दूसरे जगह में ट्रांसफर हो जाता है और बिना गलती के भी इमानदार लोगों को स्थानांतरण पर सचिवालय में फेंक दिए जाते हैं। मैं किसी से नहीं डरता। इसलिए इन बातों को खुलकर न कहने पर मुझे सलाह देने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही जांगिड़ को बडवानी से हटाकर राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ कर दिया था। जिसके बाद उनके तबादले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था।
#आईएएस जांगिड़ को दिया #नोटिस
सरकार ने लोकेश कुमार जांगिड़ को नोटिस जारी किया गया है। बुधवार को कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ट्रांसफर एक रूटीन प्रक्रिया है। यदि प्रशासकीय अधिकारी अपने ट्रांसफर को पूर्वाग्रह से ग्रसित कदम मानेगा, तो वह अपने और पद दोनों के साथ न्याय नहीं करेगा। सारंग ने कहा जांगिड को नोटिस जारी किया है। मंत्री सारंग ने कहा कि अनुशासनहीनता का अधिकार नहीं है। यदि ऐसा होगा, तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी अधिकारी द्वारा अपने सीनियर के साथ की हुई दूरभाष की बात को टैप करना गंभीर अपराध है। मंत्री सारंग ने कहा कि जिस प्रकार से उन्होंने चैट को सार्वजनिक किया है, यह एक अपराध है। उन्होंने संपूर्ण व्यवस्था को लेकर जो शुद्धता और शुचिता की अपेक्षा की थी, उसकी अवहेलना की गई है। सारंग ने कहा कि यदि कोई सोचता है कि वह व्यवस्था से बड़ा है, तो वह उसकी गलतफहमी है। व्यवस्था से बड़ा कोई नहीं हो सकता। जिस प्रकार से उन्होंने चैट को वायरल किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
#डेप्यूटेशन पर #महाराष्ट्र जाने के लिए किया है आवेदन
लोकेश कुमार जांगिड़ ने महाराष्ट्र में अपनी सेवाएं देने को लेकर बीतें 11 जून को डीओपीटी के सचिव और मप्र के मुख्य सचिव को आवेदन किया है। जिसके पीछे उन्होंने 87 वर्षीय डायबिटिक दादाजी और 57 वर्षीय विधवा माता को उनकी जरूरत की बात कही है।
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