बुधवार, 12 अक्तूबर 2022

पीसी सिंह के बाद सुरेश जैकब पहुंचे जेल साक्ष्य प्रमाण मिटाने 3 महीने की छुट्टी में रचना सिंह -नितिन लॉरेंस

 


पीसी सिंह के बाद सुरेश जैकब पहुंचे जेल साक्ष्य प्रमाण मिटाने 3 महीने की छुट्टी में रचना सिंह

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रचना सिंह और संजय सिंह जर्मनी भागने की तैयारी पर!

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पीसी सिंह के जेल जाने के बाद से ही उनके राजदारों के काले राज भी लगातार सामने आ रहे हैं। जिसके बाद उनके गैंग के लोगों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। और इसके सबसे पहले शिकार सुरेश जैकब बने। सुरेश जैकब के जेल जाते ही अब पी सी गैंग के बचे मुख्य राजदार संजय सिंह, रचना सिंह, मास्टरमाइंड बी के नायक जो वर्तमान में मॉडरेटर पद की कुर्सी संभाल रहे हैं, डेनिश लाल, प्रयागराज निवासी बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी उर्फ पिंटू तिवारी, जोशुआ रत्नम,अनुराधा अमोस व डेविड लुके की बेचैनी बढ़ती जा रही है। क्योंकि पीसी सिंह के जेल जाने के बाद भी इन सब को सुरेश जैकब से उम्मीद थी कि उनके रहते वह सुरक्षित बच जाएंगे और पीसी सिंह के जेल जाने के बाद भी इनका गैरकानूनी कारनामा जारी था।

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लेकिन जब इनको हेराफेरी करने की कमांड देने वाले सुरेश जैकब भी जेल चले गए तो सब के तोते उड़ गए। गलत व्यक्ति अक्सर अपने आप को बचाने के लिए ऐसी गलती कर देता है जिससे उसके गलत होने का प्रमाण खुद ब खुद साबित हो जाता है और कुछ ऐसा ही रचना सिंह ने किया। सुरेश जैकब के जेल जाते ही रचना सिंह के ऊपर खुद के जेल जाने और अवैध तरीके से बनाई गई संपत्ति के हाथ से निकल जाने का डर इस हद तक हावी हुआ कि उन्होंने स्कूल से 3 महीने की छुट्टी ले ली।

रचना सिंह नागपुर स्कूलों में जबरदस्ती पैसे देने का दबाव बनाती थी और स्कूलों से लाखों रुपए की वसूली करती थी

यह वही रचना सिंह है जो नागपुर स्कूलों में जबरदस्ती पैसे देने का दबाव बनाती थी और स्कूलों से लाखों रुपए की वसूली करती थी। एक हिसाब से देखा जाए तो गैर व्यापारिक संस्था कहे जाने वाले स्कूल को रचना सिंह ने अपने व्यापार का मुख्य ठिकाना बना लिया था। और इन स्कूलों से मिलने वाले पैसों का उपयोग यह अपनी संपत्ति को बढ़ाने में करते थे इतना ही नहीं रचना सिंह द्वारा इन्हीं पैसों से पीसी सिंह को सोना भी खरीद कर दिया जाता था।

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लेकिन गलत कर्मों का फल भुगतना ही होता है। जब पीसी सिंह सलाखों के पीछे गए तो सुरेश जैकब भी इसी तरह गायब हो गए थे ठीक उसी तरह जैसे ही सुरेश जैकब के इशारों में नाचने वाली रचना सिंह को इस बात का पता चला कि अब उनके दूसरे मास्टरमाइंड भी सलाखों के पीछे पहुंच गए तो वह अपनी सुध बुध खो बैठी और खुद को बचाने के लिए 3 महीने की छुट्टी ले ली ताकि वह अपने खिलाफ साक्ष्य प्रमाण को छुपा कर या नष्ट कर अपने आप को बचा सके। आप सभी को यह बताने की आवश्यकता नहीं की रचना सिंह द्वारा ऐसा करना खुद इस बात का खुला प्रमाण है कि वह भी पीसी सिंह के बड़े से बड़े अपराधी कृतियों में बराबर की भागीदार है। अगर ऐसा नहीं है, यदि वह सच्चाई से अपना काम कर रही हैं तो उन्हें ना ही छुट्टी लेने की जरूरत पड़ती और ना ही अपना मुंह छुपाने की जरूरत पड़ती।

सुरेश जैकब के इशारों में नाचने वाली रचना सिंह को इस बात का पता चला कि अब उनके दूसरे मास्टरमाइंड भी सलाखों के पीछे पहुंच गए तो वह अपनी सुध बुध खो बैठी और खुद को बचाने के लिए 3 महीने की छुट्टी ले ली

लेकिन आपको बताना चाहूंगा की पीसी सिंह के गैंग से जुड़े कोई भी व्यक्ति अपने अपराधों में बराबर की भागीदारी निभाने वाले राजदारों के प्रति समर्पित ही नहीं है और इसका नजारा तो तभी आप सबको देखने को मिल गया जब डेनिस लाल जो स्वयं पीसी सिंह के हर गलत कृतियों के कारगुजारी के साथी थे। बेनामी सम्पतियों के अवैध कागज बनाने का काम करते थे। बेनामी संपत्ति से बनाई गई संपत्ति को फेरबदल कर पीसी सिंह के लिए संपत्ति बनाने में मुख्य भूमिका निभाते थे। उन्होंने स्वयं खुद को बचाने के लिए पुलिस के सामने पीसी सिंह के ही सारे राज उगल दिए। इस समय पीसी सिंह गैंग के इन सभी मुख्य सदस्यों के बीच एक दूसरे के खिलाफ जाकर खुद को बचाने की होड़ मची हुई है।

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इसी कड़ी में इस बात से भी आपको वाकिफ कराना चाहूंगा कि पीसी सिंह और सुरेश जैकब को अपने पद का इतना घमंड था और उसका इस्तेमाल वह इस हद तक अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए करते थे कि दोनों ने मिलकर अपने बेटे पीयूष सिंह और क्षितिज जैकब को कम उम्र में ही जबलपुर स्कूल में प्रिंसिपल बना दिया। बिना उनकी परिपक्वता या इस बात को जाने कि वह इतने बड़े ओहदे में बैठने के लायक है भी या नहीं। सरासर इन लोगों ने मिलकर अपने पद को ही समाज की सेवा के लिए नहीं अपितु अपने व्यक्तिगत लाभ को भुनाने के लिए उपयोग में लाया है। इस स्कूल के भी कारनामे कुछ कम नहीं। यहां भी बहुत से पैसे गबन और हेरा फेरी के मामले सामने आए है। अगर पीसी सिंह और सुरेश जैकब के सगे संबंधियों पर भी कार्रवाई होती है तो इस बात की 100% गारंटी है कि वहां से भी करोड़ों की बेनामी संपत्तियों का खुलासा होगा।

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और बीके नायक जो वर्तमान में मॉडरेटर पद पर बैठ कर खुद को इन सब का मसीहा समझने लगे थे यह जब पीसी सिंह मॉडरेटर थे उस समय डिप्टी मॉडरेटर के पद पर थे और पीसी सिंह के साथ रहते हुए उनके सारे गलत कारनामों में उनका बराबर साथ देते थे। मानवता विरोधी और विधि विरुद्ध जाकर जो संपत्तियां इन्होंने कमाई है उन सब में बीके नायक भी बराबर के भागीदार है। लेकिन पीसी सिंह के जेल जाने के बाद सुरेश जैकब द्वारा इन्हे मॉडरेटर बना कर दिल्ली सिनेड में बैठा दिया गया ताकि बीके नायक आरोपी पीसी सिंह,आरोपी सुरेश जैकब और उनके लूटपाट वसूली गैंग के सदस्यों के खिलाफ जितने भी साक्ष्य हैं उसमें लीपापोती कर उनके अपराधों को प्रमाणित करने वाले दस्तावेजों को नष्ट कर सकें। सुरेश जैकब की बातों में आकर बिके नायक अपने पद की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हुए ऐसे अपराधियों का साथ निभा रहे है। अब उन्हें भी यह समझ आ गया होगा कि जिस सुरेश जैकब को अपना आका समझ कर उनके इशारों में नाच रहे थे जब वह कानून से नही बच पाए तो फिर वह तो एक मोहरा थे। सुरेश जैकब के जेल जाने के बाद उनकी भी बारी आने वाली है।

अपने पैसों के दम पर कानून को खरीद कर वाकई कानून को अंधा समझने वाले पीसी सिंह व उनके गैंग के इन लोगों को अब इस बात का आभास हो गया होगा कि हमारे देश की कानून इतनी भी सस्ती नहीं कि उनके अवैध पैसों से बिककर देशद्रोहियों का साथ दें।

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