भोपाल में पत्रकारों के धरने के बाद सरकार काला आदेश वापस करने को मजबूर, आखिर पत्रकार एकता की जीत हुई |
- भोपाल में पत्रकारों के धरने के बाद सरकार काला आदेश वापस करने को मजबूर, आखिर पत्रकार एकता की जीत हुई... एकता ही शक्ति में है
- सरकार ने जिला स्तरीय समिति की अनिवार्यता खत्म की,
- पूर्ववत जनसम्पर्क संचालनालय में ही लिए जाएंगे पुनरीक्षण फार्म
- साप्ताहिक, मासिक, और पाक्षिक को पुनरीक्षण फार्म नही देना होगा
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भोपाल । आखिरकार मप्र सरकार के जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने लघु और मध्यम समाचार पत्र-पत्रिकाओं की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान करते हुवे पुनर्निरीक्षण प्रक्रिया को सरल कर दिया हैं।
शर्मा ने विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला, संचालक ओपी श्रीवास्तव और विज्ञापन शाखा के अपर संचालक एच एल चौधरी को निर्देशित किया कि पुनर्निरीक्षण के समस्त दस्तावेज जिला मुख्यालय पर न जमा कराते हुवे जनसम्पर्क संचालनालय में पूर्वानुसार प्रस्तुत करें, जिला स्तर पर बनी कमेटी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई हैं, साथ ही प्रपत्र में भी सरलीकरण किया गया हैं।
जमा करने कोई समय सीमा भी नहीं रहेगी, जिस दिन से जानकारी जमा होगी उसके विज्ञापन फिर से शुरू हो जाएंगे।साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक के लिए पुनर्निरीक्षण की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई हैं।
आज 5 फरवरी को जनसम्पर्क संचालनालय के मुख्य द्वार पर धरना दे रहे लघु और मध्यम समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशकों, सम्पादकों और पत्रकारों के धरना स्थल पर यह घोषणा संचालक जनसंपर्क ने की।
यह भी आश्वासन दिया गया कि जल्द ही संशोधित आदेश सभी जिलों में भिजवा दिया जाएगा।पत्रकारों की एकता ने सरकार को बाध्य किया, इसके लिए सभी का आभार।