क्राइम सस्पेंस के तीसरे अंक में : आखिर वो कौन - कौन संभावित लोग जो एक विकलांग व माने गए फर्जी पत्रकार को उतारना चाहते हैं मौत के घाट |
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सिंगरौली (मध्य प्रदेश) - देश का पत्रकार जो दिन-रात एक कर के अपनी भूख-प्यास को भूल कर मात्र देश में ब्याप्त बुराइयों को आईना दिखाने का कार्य करता रहा हैं | आखिर-कार उसे क्यूँ हमेशा डर लगा रहता हैं कि उसे जीवन की अगली मोड़ में मौत के घाट उतार दिया जाएगा !!! आखिर क्या गलती करता हैं देश का पत्रकार ??? आखिर देश के ही पत्रकार पर हमेशा जानलेवा हमला क्यूँ किया जाता रहा हैं | जबकि चाटुकारिता को हमेशा सर पर चढ़ाया जाता रहा हैं | इसकी मूल वजह क्या हो सकती हैं कौन बताये???
जी हां हम बात कर रहे हैं | बीते हुए पिछले वर्ष के बहुचर्चित मामला जो एक विकलांग पत्रकार के साथ किये गए जानलेवा हमला की, जिसको अंजाम देने वाले जिला के ही कुछ साथी व खुद को सच्चे पत्रकार होने साबित करने की कोशिश कर रहे और कुछ कुकर्मी समाज सेवीओं की एक टोली ने | वो भी मात्र इसलिए की माने गए फर्जी पत्रकार नीरज गुप्ता द्वारा सिंगरौली जिला ब्याप्त कुछ मुद्दों में देश को आईना दिखाते हुए इन कुकर्मियों व सच्चे पत्रकार की टोली कि करतूत को समाज के सामने लाने का एक छोटा प्रयास किया गया |
जिसके परिणामस्वरूप इन सच्चे पत्रकार व कुकर्मियों की टोली ने सफलतापूर्वक माने गए फर्जी पत्रकार नीरज गुप्ता पर पहले दिनांक 17/08/19 को जानलेवा हमला करते हैं | फिर कानूनी प्रक्रिया से बचने जिला के तमाम (लगभग) सभी चौकियों व थानों में दवाब बनाने शिकायत किया जाता हैं | जब उक्त सच्चे पत्रकार व कुकर्मियों के मुताबिक जानलेवा हमला की जांच को नही रुकवा सके, तो पुलिस महाधिक्षक रीवा रेंज, कमिश्नर रीवा और बाद भोपाल मुख्यालय जा शिकायत किया जा कर भी जानलेवा हमला की जांच को नही रुकवा पाने से घबराए इन लोगों ने सफलतापूर्वक एक फर्जी मामला बरगवां थाना में आखिर कार दर्ज कराने में सफलता प्राप्त कर ही लिया जाता हैं |
आखिर कौन - कौन हो सकते हैं जानलेवा हमला मामले के संभावित आरोपी
माने गए फर्जी पत्रकार नीरज गुप्ता द्वारा पिछले दिनों मामले की सच्चाई दिखाने राकेश पाण्डेय व उसके साथी पत्रकार द्वारा लगातार 19 दिवस तक चलाये गए एक फर्जी खबर का खंडन किया गया | जिसके बाद घेराबंदी कर माने गए फर्जी पत्रकार नीरज गुप्ता पर जानलेवा हमाल किया गया | जिसके चश्मदीद कामरेड संजय नामदेव राज्य परिसद सदस्य CPI द्वारा ही बीच बचाव कर माने गए फर्जी पत्रकार नीरज गुप्ता की जान बचाई | यही नही माने गए फर्जी पत्रकार जब पत्रकारिता नही किया करता था, तब भी उसके ऊपर कई जानलेवा हमला करने वाले इन्ही सच्चे पत्रकारों की टोली द्वारा 2017 से लगातार जानलेवा हमला का किया जाना जारी रहा था |
आखिर क्यूँ इन सच्चे पत्रकारों द्वारा माने गए फर्जी पत्रकार पर लगातार किये जा रहे जानलेवा हमला
पत्रकारिता प्रारम्भ करने से पहले विकलांग नीरज गुप्ता द्वारा देश के बेकसूर नौजवानों के हित के लिए विप्रो कम्पनी के माध्यम से जारी नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा मामले के दो आरोपीगण के विरुद्ध दिनांक 05/05/16 को दर्ज मामले के प्रकाशन के नाम पर लिए गए साक्ष्य व वयान को विप्रो प्रमुख अज़ीम प्रेम जी को दिखा खबर को बेच कर प्रकाशन नही करने वाले व माने गए फर्जी पत्रकार नीरज गुप्ता पर 2017 से लगातार जानलेवा हमला का षड़यंत्र कर हमला की लगातार कोशिश करने वाले पत्रकार देवेंद्र पाण्डेय, पत्रकार शशि कांत कुशवाहा व उनके अन्य साथियों द्वारा सफलतापूर्वक जानलेवा हमला को अंजाम दिया जाना बताया गया |
माने गए फर्जी पत्रकार द्वारा उक्त जानलेवा हमला में विप्रो प्रमुख व न्यूज़-24 प्रमुख की भूमिका का संदेह क्यूँ किया जा रहा
मामला नीरज गुप्ता V/S अज़ीम प्रेम जी बगै. में पत्रकार देवेंद्र पाण्डेय विप्रो प्रमुख से मामला दवाने व प्रकाशन न करने के एवज में कई लाख रुपये पहले ही लिया जा चुका | जिसके बाद लगातार नीरज गुप्ता पर दवाब बनाने उस पर जानलेवा हमला की अथक कोशिश लगातार किया जाता रहा | जिसकी सफलता भी प्राप्त हुआ | ऐसा इस लिए भी माना जा रहा हैं क्योंकि इन सच्चे पत्रकारों द्वारा माने गए फर्जी पत्रकार के विरुद्ध श्री मान पुलिस अधीक्षक सिंगरौली को उक्त मामले को दवाब बनाने दिए गए ज्ञापन में पत्रकार देवेंद्र पाण्डेय व पत्रकार शशि कांत कुशवाहा भी सम्लित व उनका साथी पत्रकार बताया गया | जिससे यह कयाश लगाए जा रहे हैं कि नीरज गुप्ता पर जानलेवा हमला के पीछे कही न कही विप्रो प्रमुख अज़ीम प्रेम जी और न्यूज़-24 प्रमुख अनुराधा प्रसाद की अहम भूमिका का होना नकारा नही जा सकता |