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चिन्मयानंद के नाम के आगे स्वामी लगता है. वह बेहद ताकतवर हैं. केंद्र सरकार में एक जमाने में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं. कई आश्रम, कालेज के अलावा बेशुमार संपत्ति के मालिक हैं. उनके शौक बड़े निराले हैं. वे रोजाना तेल मालिश कराते हैं. वे महिलाओं या लड़कियों से तेल मालिश कराना ज्यादा पसंद करते हैं. बात जब तक सहमति से करने-कराने की होती है, तो कोई बात नहीं. पर अगर जिनसे तेल लगवाया जा रहा है, वह चिन्मयानंद के कालेज की छात्रा हो, साथ ही आरोप लगा रही हो कि चिन्मयानंद उस जैसी बहुत सी लड़कियों का जीवन बर्बाद कर चुके हैं, तो मामला गंभीर हो जाता है.
ऐसा भी नहीं है कि ये आरोप कोई पहली बार लगा हो. आठ साल पहले चिन्मयानंद की एक शिष्या ने बड़े गंभीर आरोप लगाए थे. उसने भी कहा था कि स्वामी जी शराब पीकर महिलाओं से तेल लगवाते हैं. ये मामला सुर्खियों में भी आया लेकिन अपने ताकत के बल पर स्वामी ने सब कुछ दबवा दिया. कहा जाता है कि योगी सरकार में स्वामी चिन्मयानंद की खूब चलती है. यही वजह है कि हाल ही में कानून की छात्रा द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद भी स्वामी चिन्मयानंद का बाल तक बांका नहीं हुआ.
छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद के नंगे होकर तेल मालिश कराने का वीडियो 31 जनवरी 2014 को खुफिया कैमरे लगे चश्मे से रिकार्ड किया.
पर अब लग नहीं रहा कि स्वामी चिन्मयानंद के आगे के दिन आराम से कटेंगे. छात्रा ने अपने आरोपों में अपने पास शोषण-उत्पीड़न के जिन प्रमाणों-सुबूतों के होने की बात कही है, उसका एक हिस्सा लीक हो चुका है. यूं भी कह सकते हैं कि इसे रणनीतिक तौर पर लीक करा दिया गया है. सभी मीडिया हाउसेज के पास स्वामी चिन्मयानंद की वो क्लीपिंग पहुंच चुकी है जिसमें वह नंगे होकर छात्रा से तेल लगवा रहे हैं. आइए जानते हैं इन क्लीपिंग्स में क्या खास बात है और इसे कैसे रिकार्ड किया गया.
इन क्लीपिंग्स को देखने से पता चलता है कि जो क्लिप्स लीक कराए गए हैं, वे सभी एक ही दिन के रिकार्ड किए हुए हैं, 31 जनवरी 2014 को. मतलब पांच साल पहले यह वीडियो रिकार्ड किया गया था.
सवाल ये भी उठता है कि अब तक इन वीडियोज को क्यों संभाल कर रखा गया था और जब रिकार्ड किया गया था तभी क्यों नहीं इन वीडियोज के जरिए स्वामी पर आरोप लगाए गए? ऐसे सवाल उठना स्वाभाविक है. जाहिर है, इसका जवाब छात्रा ही दे सकती है. पर आरोप जब भी सप्रमाण लगे तो उसकी जांच होनी ही चाहिए.
वीडियो में डेट-टाइम रिकार्ड है. डेट तो 31 जनवरी 2014 है और समय रात के नौ से ग्यारह बजे के बीच का दर्ज है. पर ऐसा लगता है कि खुफिया कैमरे की डिवाइस में समय की सेटिंग सही नहीं है. वक्त सुबह नौ से ग्यारह के बीच का प्रतीत होता है क्योंकि वीडियो में चिड़ियों के बोलने की आवाजें हैं, खिड़की से काफी रोशनी आ रही है. एक वीडियो में लड़की पूछती है कि आपको कुछ देना तो नहीं है. तब स्वामी चिन्मयानंद पूछते हैं कि क्या. तब वह जवाब देती है- जैसे मंजन या कुछ और.
तो ये जो मंजन की बात है, यह सुबह होने का ही सुबूत है.
छात्रा ने चश्मे वाले खुफिया कैमरे से वीडियो शूट किया है. जिस वक्त स्वामी चिन्मयानंद तेल लगवाते हुए पेट के बल लेट जाते हैं उस समय छात्रा काफी सहज होकर चश्मे से रिकार्ड करती है. वह कभी कभी चश्मे को निकाल कर दूर टेबल पर रख देती है ताकि फ्रेम में वह खुद भी आ सके. ज्यादातर वक्त छात्रा चश्मा पहने ही रहती है. यही वजह है कि जब वह वाशरूम जाती है तो आइने में उसका चेहरा उसका चश्मा रिकार्ड करता है. इन तस्वीरों को आप नीचे देख सकते हैं जो वीडियो क्लिप्स में से स्क्रीनशाट लेकर बनाए गए हैं.
नीचे के वीडियो लड़की ने खुफिया कैमरे लगे चश्मे को आंखों पर पहनकर रिकार्ड किया है. इन तस्वीरों में वो तेल भी दिख रहा है जिससे चिन्मयानंद की मालिश हो रही है. चार पांच वीडियो क्लिप्स में जो कुछ खास बातें हैं उसमें एक ये भी है कि पूरे वीडियो में कोई अश्लील संवाद नहीं है. चिन्मयानंद छात्रा से उसके खो गए महंगे मोबाइल फोन के बारे में पूछ रहे हैं. उसकी परीक्षा को लेकर पूछ रहे हैं. किस विषय का पहला पेपर है, यह पूछने पर लड़की बताती है, क्रिमिनलोजी. मतलब साफ है कि लड़की कानून की पढ़ाई कर रही है. एक दफे चिन्मयानंद पूछते हैं कि तुम ब्रा क्यों नहीं पहनती हो. तो लड़की कहती है कि पहनती हूं. इस पर वह कहते हैं कि लटक जाएगा. तुम्हें अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए. पूरे वीडियो से ऐसा लगता है कि दोनों लोग बिलकुल सहज हैं. एक मालिश करने में, दूसरा मालिश कराने में.
ऐसा लगता है कि वीडियो के जो अंश लीक कराए गए हैं, उसके अलावा भी ढेर सारे वीडियोज हैं. छात्रा ने चिन्मयानंद पर रेप के भी आरोप लगाए हैं. जाहिर है, उसके पास इसके भी प्रमाण वीडियो में मौजूद होंगे. छात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा भी किया है कि उसके पास पूरे सुबूत हैं और वह वक्त आने पर इसे सामने रख देगी. ऐसे में कहा जा सकता है कि चिनमयानंद की फेवर की केंद्र व राज्य सरकारें होने के बावजूद उनका इस मामले में बच पाना मुश्किल है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा केस को सीधे अपनी निगरानी में लेने से ये चर्चा आम है कि कहीं चिन्मयानंद का हाल आसाराम जैसा वाला न हो जाए कि एक बार अंदर गए तो फिर निकल पाना मुश्किल हो!
खबर सौजन्य- bhadas4media.com