Awadhesh Bhargava fraud |
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*सावधान रहे झुठी फर्जी खबरें डालने वाले धोखेबाज दगाबाजों से*
*बाबा गुरुघंटाल कड़ी नम्बर 1*
भोपाल. अवधेश भार्गव द्वारा कई व्हाट्सएप ग्रुप एवं कई पत्रकार साथियों को विनय डेविड का नाम लिखकर फर्जी तरीके से गलत और अपमानित करने विनय डेविड की वाली छवि खराब करने वाली पोस्ट प्रकाशित कर रहा है लोगों को पोस्ट कर रहा है जबकि सच्चाई यही नहीं है सच्चाई है कि इस षड्यंत्रकारी द्वारा है जनसंपर्क अधिकारियों के खिलाफ अपने तय किए गुर्गों से षडयंत्र कर न्यायालय में फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज करवाता है और अड़ीबाजी का खेल खेलता है।
जनसंपर्क के सभी अधिकारी इस के झांसे में आ जाते हैं और इससे दुश्मनी ना लेते हुए इस के काले कारनामों को अंजाम देते रहते हैं। अवधेश भार्गव द्वारा उक्त शीर्षक "जनसम्पर्क का बेबसाइट कॉड फिर अदालत में, एस के मिश्रा, मनोज श्रीवास्तव, अनुपन राजन (तीनों आई ए एस) अनिल माथुर, लाजपत आहूजा (दोनों जन सम्पर्क के पूर्व डायरेक्टर) पॉचो मुलजिम बनाये गये।" से खबर डाल रहा है उक्त खबर मैं मेरा नाम गलत तरीके से उपयोग कर धंधा हो रहा है जबकि उक्त किसी भी खबर से मेरा किसी प्रकार का कोई वास्ता नहीं है यह खबर "टाइम्स ऑफ इंडिया" समाचार पत्र ने अपने समाचार पत्र और वेबसाइट एडिशन पर किसी भुवनेश्वर मिश्रा की शिकायत पर सुनवाई की खबर को प्रकाशित किया है जिसका लिंक खबर के अंत में शेयर कर रहा हूं।
अवधेश भार्गव किस प्रवृति का आदमी है मैं उसे विगत 25 वर्षों से जानता हूं जहां जिसके साथ रहा जिसके साथ खाया उसी की थाली में छेद किया। अब डर के मारे उसकी ऐसी की तैसी हो रही है। यह खबर जो "टाइम्स आफ इंडिया' ने यह खबर कल के अंक में छापी है और न्यायालय ने इस पर जांच करने के आदेश दिए हैं तो मैं इसका स्वागत करता हूं और चाहता हूं स्वतंत्र रूप से इसकी जांच की जाना चाहिए और अगर यह जांच स्वतंत्र रूप से की जाती है तो इसमें सबसे बड़ा अपराधी अवधेश भार्गव इसका पुत्र अविनाश भार्गव और इसका नाती जितेंद्र भार्गव प्रथम आरोपी बन कर जेल जाएंगे।
जिन्होंने ही फर्जी तरीके से वेबसाइट का संचालन किया और फर्जी कानपुर से गूगल एनालिसिस रिपोर्ट बनवाकर फर्जीवाड़ा किया और सरकार से डेढ़ से दो लाख रुपये प्रतिमाह के विज्ञापन प्राप्त किए जिसकी खबर सूचना मैंने 1 वर्ष पहले ही आप लोगों जनता के सामने प्रस्तुत की थी , उन्होंने एक वेबसाइट डबलपर से सांठगांठ कर फर्जी तरीके से सॉफ्टवेयर के माध्यम से डमी वेबसाइट संचालित की गई और सरकार को गुमराह कर फर्जी दस्तावेज पेश करके लाखों रुपए का विज्ञापन प्राप्त किया। मैं आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जो भी जांच की जाती है उस में पूर्ण रूप से सहयोग करूंगा और इनके द्वारा संचालित की जाने वाली फर्जी वेबसाइटो की पूरी जानकारी उनके सामने मैं सबूत दस्तावेज के प्रस्तुत करूंगा। इनके द्वारा संचालित की जाने वाली वेबसाइट के नाम आप भी नोट कर लें.
1.
http://newsofchairpersons.com
Editor- Avdhesh Bhargava
Office- T/303, Anand Manglam Apartment
Vijay Nagar, Lalghati, Bhopal-30, Madhya Pradesh
2.
http://statetodaynews.com
Editor : Avinash Kumar ( beta )
Shivaji Ward Gandhinagar, Bhopal, Mob 8602167677
3.
http://logingonlinenenews.com
Jitendra bhargava ( nati )
यह तीन वेबसाइट और इनके संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी 420 का मुकदमा बनाता है साथ ही इन्हीं के साथ के 15 से 20 वेबसाइट संचालकों के नाम भी इस घोटाले में शामिल हैं। इन लोगों ने भी जनसंपर्क विभाग को गुमराह कर फर्जी दस्तावेज पेश कर प्रतिमाह 50000 रूपये तक के विज्ञापन प्राप्त किए जिसकी शिकायत राष्ट्रीय स्तर पत्रकार संगठन की प्रदेश इकाई ने ज्ञापन सौंपकर जनसंपर्क आयुक्त से की थी परंतु इस घोटालेबाज का कथित भाई जो मध्यप्रदेश शासन में आईएएस अधिकारी है उसका दबाव बनाकर जनसंपर्क विभाग में सभी जांचें रुकवा देता है और घोटालेबाजी करता रहता है।
अवधेश भार्गव के ये भी है काले कारनामे इसे भी पढ़ें :-
- MP नगर थाने में वकील के फर्जी लेटर हेड बना कर फर्जी हस्ताक्षर कर नोटिस भिजवाने के मामले में बार कौंसिल ने FIR करने अवधेश भार्गव की शिकायत
- अवधेश भार्गव की धोखाधड़ी का शिकार हुआ अधिमान्य पत्रकार एन पी अग्रवाल, बीमा कंपनी से लाखों की धोखाधड़ी की
जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि हम भले विभाग में घोटाले होते हैं हमें इन लोगों से दुश्मनी नहीं ले सकते क्योंकि कहीं ना कहीं ये तथाकथित लोग गलत तरीकों का इस्तेमाल कर हमें फसा देते हैं। जनसंपर्क विभाग में यह घोटाले खुलेआम प्रतिदिन हो रहे हैं परंतु मजाल है कि कोई भी अधिकारी इनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर लें। विडंबना तो यह है कि जनसंपर्क विभाग से उक्त कथित की शिकायत होने के बाद शिकायतें क्यों ऐसे गायब होती है जैसे गधे के सिर से सिंग।
कहावत भी सटीक है दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाले खुद उसी गड्ढे में गिरने वाले हैं.... भला हो भुवनेश्वर मिश्रा जैसे लोगों का जो ऐसे घोटालेबाजों को सामने लाने के लिए न्यायालय की शरण में जाकर दूध का दूध पानी का पानी करना चाहते हैं और घोटाले करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
मुझे विश्वास है जो आज का मोबाइल गई है उसकी जांच में इन आरोपियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई होगी आर्थिक अपराध द्वारा इनको भी मुलजिम बनाया जायेगा. और यह सभी लोग जेल की सलाखों के पीछे जीवन बिताते नजर आएंगे। और कोई भी घोटाला करने वाला शातिर षड्यंत्रकारी बच नहीं पाएगा।
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