डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ बैंकिंग उद्योग के कर्मचारी संघ ने रिजर्व बैंक (RBI) से उपभोक्ताओं को अनाधिकृत लेनदेन से सुरक्षित रखने की प्रणाली लाने का आग्रह किया है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) ने इस संबंध में रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा है।
एआईबीईए में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी शामिल हैं। RELATED STORIES डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए और प्रोत्साहन की जरूरत, मौजूदा वित्त वर्ष में 1800 करोड़ लेनदेन होने का अनुमान डेबिट कार्ड, भीम यूपीआई के जरिये 2,000 रुपए तक के भुगतान पर नहीं देना होगा MDR, दो साल तक सरकार उठाएगी इसका खर्च डेबिट कार्ड से 2,000 रुपए तक का लेनदेन हुआ शुल्क मुक्त, एक जनवरी से हुई शुरुआत आरबीआई की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, नोटबंदी की पूर्व स्थिति में पहुंचा कैश सर्कुलेशन एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने आरोप लगाया है कि एक तरफ केंद्र सरकार डिजिटल लेनदेन बढ़ाने पर जोर दे रही है जबकि दूसरी तरफ बैंकों के पास इस तरह के डिजिटल लेनदेन में ग्राहकों को सुरक्षा देने की वैश्विक प्रणालियां उपलब्ध नहीं हैं।
संगठन ने हाल ही में सौंपे इस ज्ञापन में कहा है कि हमें लगता है कि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान में हो रही वृद्धि को देखते हुए यह जरूरी है कि ग्राहकों को अनाधिकृत बैंकिंग लेनदेन से बचाने के लिए प्रणाली होनी चाहिए। वेकंटचलम ने कहा कि केंद्रीय बैंक की तरफ से धोखाधड़ी वाले लेनदेन अथवा अनाधिकृत बैंकिंग लेनदेन के मामले में एक मास्टर सर्कुलर जारी किया जाना चाहिए। इससे ग्राहकों को धोखाधड़ी वाले लेनदेन से बचाने में काफी फायदा होगा। वेंकटचलम ने बैंक खाता नंबरों को एक बैंक से दूसरे बैंक में स्थानांतरित करने की सुविधा शुरू किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रयाग दूरसंचार क्षेत्र में सफल रह है इसलिये बैंकिंग उद्योग में भी इसे शुरू किया जा सकता है।