टाइम्स ऑफ़ क्राइम
भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पांच बाबाओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। इनमें नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत का नाम शामिल है। इन सभी को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के खिलाफ राज्य की हाईकोर्ट के इंदौर बेंच में एक याचिका दायर की गई है।
राम बहादुर शर्मा ने इन पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की है। बता दें कि 31 मार्च को मध्यप्रदेश सरकार ने समिति बनाई थी, जिसमें ये फैसला लिया गया। सरकार द्वारा लिया गया ये आदेश तुंरत प्रभाव से लागू होगा। सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकार ने उन्हें यह तोहफा दिया है। ये संत लोगों को नर्मदा के संरक्षण को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें स्वच्छता का संकल्प भी दिलाएंगे।
गौरतलब है कि पिछले साल 2 जुलाई को 6.67 करोड़ पौधे लगाने के दावे को महाघोटाला बताया गया था और ये पांच बाबा 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' निकालने वाले थे। ऐलान किया गया था कि इन बाबाओं के नेतृत्व में 28 मार्च को संत समाज के साथ बैठक में फैसला लिया गया था कि प्रदेश के 45 जिलों में 6.5 करोड़ पौधों की गिनती कराई जाएगी। अब सरकार के राज्यमंत्री बनाते ही बाबाओं के सुर बदल गए हैं, उन्होंने कहा है कि अब हम घाटों पर जनजागरण करने जाएंगे।
साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने परकांग्रेस ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा है- 'ऐसा कर मुख्यमंत्री शिवराज अपने पापों को धोने की कोशिश कर रहे हैं। यह चुनावी साल में साधु-संतों को लुभाने की सरकार की कोशिश है।' दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम चाहते हैं कि हर वर्ग के लोग लोगों के विकास और कल्याण की दिशा में काम करें और यही वजह है कि हमने समाज के प्रत्येक हिस्से को एक साथ लाने का प्रयास किया है।