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शनिवार, 6 जून 2020

मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना अंतर्गत 19 जून तक आवेदन आमंत्रित

मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना अंतर्गत 19 जून तक आवेदन आमंत्रित

TOC NEWS @ www.tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
रायगढ़, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रायगढ़ द्वारा ऋण लेकर स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने वाले इच्छुक आवेदकों से 19 जून 2020 तक आवेदन आमंत्रित किया गया है।
उक्त योजनान्तर्गत आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। अजा, अजजा, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला, नि:शक्तजन, नक्सल प्रभावित एवं सेवानिवृत्त सैनिको को आयु सीमा में 5 वर्ष छूट की पात्रता होगी। आवेदक को निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र समस्त दस्तावेजों के साथ नियत तिथि तक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, रायगढ़ में दो प्रतियों में जमा करना होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत अधिकतम स्वीकार्य लागत, निर्माण एवं उद्योग इकाईयों हेतु 25 लाख, सेवा इकाईयों हेतु 10 लाख एवं व्यवसाय हेतु 2 लाख रुपए है। इसके लिए आवेदक को न्यूनतम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। उद्योग एवं सेवा परियोजना में स्वीकृत ऋण पर लगने वाला बैंक गारंटी शुल्क तथा आगामी 4 वर्षो के लिए अधिरोपित वार्षिक सेवा शुल्क का भुगतान शासन द्वारा दिया जाएगा.
नियमानुसार ब्याज अनुदान एवं मार्जिन मनी अनुदान देय होगा। कोई भी व्यक्ति अथवा उनके परिवार के सदस्य जो पूर्व में भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत अनुदान प्राप्त कर लाभान्वित हुए है वह इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। इस संबंध में अन्य जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति कार्यालयीन समय में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रायगढ़ में संपर्क कर सकते है।

शुक्रवार, 5 जून 2020

ग्रेसिम उद्योग के विस्तारीकरण के पूर्व 7 सूत्रीय मांग पत्र उद्योग चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला सहित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भेजकर उठाई मांग

NAGDA, CSR of Grasim Industries ,ANI NEWS INDIA
ग्रेसिम उद्योग के विस्तारीकरण के पूर्व 7 सूत्रीय मांग पत्र उद्योग चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला सहित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भेजकर उठाई मांग
TOC NEWS @ www.tocnews.org
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा- असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया ने नागदा स्थित मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्लांट विस्तारीकरण के संबंध में मिली पर्यावरणीय स्वीकृति के पश्चात एक 7 सूत्रीय मांग पत्र ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भेजा है ।
जिसके अंतर्गत चेयरमैन श्री कुमार मंगलम बिरला, मैनेजिंग डायरेक्टर श्री दिलीप सिंह गौर, कंपनी सेक्रेटरी हुतोक्षी आर. वाडिया, चीफ़ फाइनेंशियल ऑफिसर आशीष अदुकिया, सीएसआर चेयरपर्सन राजश्री बिरला, बोर्ड के डायरेक्टर्स ओमप्रकाश रूंगटा, अनीता रामचंद्रन, सी. सुरेश श्रॉफ, शैलेन्द्र कुमार जैन, मोहनराज एन. नायर एवं अरुण के. थियागराजन आदि को पत्र के माध्यम से भेजकर की हैं ।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि उन्होंने निम्नलिखित बिंदुओं को मांग पत्र के अतंर्गत शामिल किया है -
1) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) नागदा, जिला उज्जैन, मध्यप्रदेश में चंबल नदी के किनारे स्थित प्रदूषण पीड़ित 22 ग्राम पंचायतों के बेरोजगार युवाओं एवं युवतियों को 50% रोजगार दिया जाना सुनिश्चित करवाया जाए।
2) पूर्व में बंद हुई भारत कामर्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड की बिरलाग्राम एवं अशोक कॉलोनी स्थित भूमि पर बसे रहवासी कॉलोनियों के गरीब एवं निर्धन आम नागरिकों को उनके घरों से बेघर नहीं किए जाने के संबंध में ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) के प्रबंधन द्वारा उन्हें निवास करने हेतु पूर्णकालिक एनओसी का अनुबंध प्रदान करवाया जाए । क्योंकि उक्त भूमि का मामला वर्तमान में माननीय सर्वोच्च न्यायालय, भारत में मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन विचाराधीन हैं ।
3) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) के प्लांट विस्तारीकरण से पूर्व इनकी औद्योगिक इकाई में वर्तमान में कार्यरत 20 प्रतिशत ठेका श्रमिकों को स्थाई करने की प्रक्रिया तत्काल उद्योग प्रबंधन द्वारा शुरू करवाई जाए।
4) मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित, भोपाल द्वारा 22 ग्राम पंचायतों हेतु दिनांक 24 जनवरी 2020 को प्रारंभ हुई जल प्रदाय योजना का संपूर्ण खर्च मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) द्वारा वहन किया जाए जिसके संदर्भ में एक अनुबंध उद्योग प्रबंधन एवं मध्यप्रदेश शासन के मध्य इस प्लांट विस्तारीकरण के पूर्व किया जाए।
5) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) द्वारा प्लांट विस्तारीकरण से पूर्व रोजगार चयन हेतु रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तत्काल शुरू करवाई जाए एवं पूर्ण पारदर्शिता के साथ नागदा शहर के बेरोजगार युवाओं को बिना किसी राजनीतिक या प्रशासनिक व्यक्ति की अनुशंसा के उनकी योग्यता अनुसार रोजगार प्रदान करवाया जाए, स्थानीय बेरोजगार युवाओं का ही चयन किया जाए । चयन प्रक्रिया एवं चयनित अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक की जाए ।
6) नागदा नगरपालिका परिषद के माध्यम से नागदा शहर के 36 वार्ड की सफाई व्यवस्था का संपूर्ण खर्च मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) द्वारा सीएसआर फंड के माध्यम से वहन किया जाए । जिसके संबंध में दिनांक 11/03/2019 को प्रमुख सचिव एवं तत्कालीन अध्यक्ष,मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री अनुपम राजन द्वारा दिए गए निर्देश में भी इस बात का उल्लेख हैं ।
7) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) नागदा इकाई द्वारा अपने उद्योग में श्रमिकों के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री जैसे - सेफ्टी शू, हेलमेट, मास्क, इयरबड, ड्रेस मटेरियल, चश्में, सेनिटाइजर आदि की ख़रीद स्थानीय व्यापारियों से ही की जाएं ।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि यह अगर उद्योग समूह के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 30 दिन के भीतर अपना पक्ष नागदा शहर एवं प्रदूषण पीड़ित 22 ग्राम पंचायतों के लिए स्पष्ट नहीं किया तो मध्यप्रदेश हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर जाएंगे उद्योग के विस्तारीकरण को चुनौती दी जाएंगी ।
प्रदूषण पीड़ित इन 22 ग्राम पंचायतो के लिए उठाई हैं मांग -
परमारखेड़ी, दिवेल, गीदगड़, अटलवादा, बनवाड़ा, राजगढ़, टकरावदा, किलोडिया, भीमपुरा, निनावटखेडा, खजुरिया, झाझाखेड़ी, झिरमिरा, खुरमुंदी, गिंदवानिया, तारोद, चंदोडिया, टूटियाखेड़ी, रजला, बछोड़ा, भगतपुरी एवं बेरछा ।

रविवार, 31 मई 2020

मनरेगा से रोजगार देने में मध्यप्रदेश में बालाघाट जिले का स्थान प्रथम, एक लाख 23 हजार मजदूरों को मिल रहा है रोजगार

मनरेगा से रोजगार देने में मध्यप्रदेश में बालाघाट जिले का स्थान प्रथम, एक लाख 23 हजार मजदूरों को मिल रहा है रोजगार

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ब्यूरो चीफ बालाघाट // वीरेंद्र श्रीवास 83196 08778
बालाघाट. जिले में एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। मनरेगा के अंतर्गत इतनी अधिक संख्या में ग्रामीण जाबकार्ड धारकों को रोजगार देने के मामले में बालाघाट जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। इतनी अधिक संख्या में प्रदेश के किसी अन्य जिले में मजदूरों को काम नहीं मिला है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा के कार्यों में मजदूरी पर 20 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है।
17 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजित
आपको बता दें कि जिले में 30 मई 2020 की स्थिति में बालाघाट जिले की 684 ग्राम पंचायतों में कुल 5246 कार्य प्रगति पर है। इनमें 4520 कार्य हितग्राही मूलक कार्य है और 726 कार्य सामुदायिक कार्य है। इन कार्यों में 2076 कार्य जल संरक्षण, एवं जल संवर्धन से जुड़े है। मनरेगा के अंतर्गत चल रहे इन कार्यों से जिले के एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को रोजगार मिला हुआ है। कोरोना महामारी संकट के दौर में जिले में 20 अप्रैल से मनरेगा के कार्यों को प्रारंभ किया गया है। 20 अप्रैल से 30 मई 2020 तक जिले में मनरेगा से 17 लाख मानव दिवसों को रोजगार सृजित किया जा चुका है।


जिले में एक लाख 04 हजार मजदूर बालाघाट जिले में अन्य राज्यों से वापस आये है। बाहर से आये मजदूरों के जाबकार्ड बनाकर उन्हें भी मनरेगा में काम दिया जा रहा है। बालाघाट जिले में मनरेगा से प्रदेश में सबसे अधिक एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को काम मिल रहा है।

एक लाख 8 हजार मजदूरों को मास्क का किया गया वितरण

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए मनरेगा के कार्यों में पूरी सावधानी बरती जा रही है। सभी मजदूरों को मास्क लगाकर या मुंह पर गमछा बांधकर काम करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही काम के दौरान दो व्यक्तियों के बीच कम से कम की दूरी बनाये रखने की भी सलाह दी गई है । मनरेगा में काम कर रहे एक लाख 08 हजार मजदूरों को मास्क का वितरण किया जा चुका है। मनरेगा के कार्य स्थल पर मजदूरों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है।

बुधवार, 27 मई 2020

नागदा में हुआ व्यापारी महासंघ का गठन, विरेन्द्र जैन ( बिन्दू ) अध्यक्ष, रमेश मोहता सचिव मनोनीत

नागदा में हुआ व्यापारी महासंघ का गठन, विरेन्द्र जैन ( बिन्दू ) अध्यक्ष, रमेश मोहता सचिव मनोनीत

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा- कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सार्वजनिक रूप से बैठक का आयोजन न करते हुए नागदा के सभी व्यापारी संगठनो से पृथक-पृथक बातचीत करते हुए नगर में समस्त संगठनो का एक महासंघ का गठन दिनांक 26 मई 2020 बुधवार को किया गया।
जिसमें मोबाईल से सम्पर्क कर अलग-अलग संगठनो से राय मशविरा किया गया । श्री विरेन्द्र जैन(बिन्दू) को अध्यक्ष एवं श्री रमेश मोहता को सचिव मनोनीत किया गया। श्री हनुमानप्रसाद जी शर्मा, श्री राजेन्द्र जी कांठेड़, श्री भंवरलालजी बोहरा को संरक्षक नियुक्त किया गया है।
महासंघ के गठन हेतु जिनसे चर्चा की गई उनमें प्रमुख व्यापारिक संगठन बिल्डिंग मटेरियल एसोसिएशन के  श्री राजेन्द्र कांठेड़, श्री हनुमान प्रसाद शर्मा, नागदा व्यापारी संघ के श्री दिलीप कांठेड, श्री सज्जनसिंह शेखावत, कपड़ा व्यापारी संघ के श्री दीपक दलाल, अनाज व्यापारी संघ के श्री राधेश्याम पोरवाल, शू व्यापारी संगठन के श्री चन्दु टिलवानी, इलेक्ट्रिक व्यापारी संघ के श्री जगदीश मेहता, जनरल स्टोर्स एसोसिएशन श्री राजेश गगरानी, बर्तन व्यापारी संघ के श्री बसंतीलाल मेहता,
इलेक्ट्रिक व्यापारी एसोसिएशन के श्री नन्दकिशोर पोरवाल, होलसेल खाद्य सामग्री संघ के श्री आशीष चैधरी, सांची दुग्ध के श्री निलेश चैधरी, टेन्ट हाउस एण्ड केटरींग एसोसिएशन के अरविंद नाहर, आॅटोडील एसोसिएशन के गोपाल सलूजा, होटल नमकीन व्यापारी संघ के सुभाष गेलडा, मेडीकल एसोसिएशन के भंवरलाल बोहरा, सराफा व्यापारी संघ के श्री नरेन्द्र राठी, खाद बीज एसोसिएशन के शरद जैन, ईंट भट्टा सेवा समिति के श्री शिवनारायण प्रजापत, भारतीय लघु उद्योग के श्री मोतीसिंह शेखावत, केश शिल्पी बारबर के महेश जी शामिल थे।
उक्त जानकारी नागदा व्यापारी संघ संरक्षक दिनेश अग्रवाल ने दी है।

सोमवार, 25 मई 2020

शराब ठेकेदारों के लिए फायदेमंद नजर आ रहा ठेका निरस्त करना

शराब ठेकेदारों के लिए फायदेमंद नजर आ रहा ठेका निरस्त करना

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
इंदौर। मध्यप्रदेश में खुली शराब दुकाने फिर से बंद हो गई है। दरसल, ठेकेदारों की मांगों को लेकर ठेकेदारों और शासन-प्रशासन के बीच तनातनी चल रही है। ग्रामों क्षेत्रों में तो शराब की दुकाने खुली ही नहीं लेकिन अन्य जिलों में भी खुली थी उन्हें भी आज से बंद करने का फैसला लिया गया है। ठेका निरस्त करवाना ज्यादा फायदेमंद नजर आ रहा है।
कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते लगातार शराब दुकानें बंद हैं। एक अप्रैल से नए ठेके शुरू हो जाते हैं, मगर उसके पहले 22 मार्च को लागू जनता कर्फ्यू के दिन से ही दुकानें बंद हैं, जिसके चलते नए ठेके शुरू ही नहीं हो सके। इंदौर में ठेकेदारों के समूह ने 1168 करोड़ रुपए में जिले की सभी देशी-विदेशी शराब दुकानों का ठेका लिया है, जिसमें 5 प्रतिशत ड्यूटी भी एडवांस में जमा की गई, लेकिन लॉकडाउन के चलते दुकानें ही नहीं खुल सकी।
अब लॉकडाउन-4 में प्रदेश शासन ने अपने खाली खजाने को भरने के लिए शराब दुकानें खुलवाने का निर्णय लिया और पहले चरण में ग्रीन और ऑरेंज झोन की दुकानें खुलवाई गई। और रेड झोन, जिसमें इंदौर भी शामिल है, उसमें अनुमति अनुमति नहीं दी। लिहाजा कई जिलों में शराब दुकानें खुल तो गई, लेकिन 20 से 30 प्रतिशत ही बिक्री हो रही है। ऐसे में ठेकेदारों का कहना है कि वह पूरी 100 प्रतिशत लाइसेंस फीस कैसे जमा करेंगे।
इंदौर में चूंकि सबसे अधिक महंगा ठेका दिया है और कई ठेकेदार तो चवन्नी-अठन्नी से लेकर 1 रुपए के भागीदार हैं, उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा बेहतर अन्य बड़े ठेकेदारों की तरह नहीं है, जिसके चलते वे तो पूरी तरह से बर्बाद ही हो जाएंगे। पिछले दिनों शासन के निर्देश पर कलेक्टर मनीष सिंह ने ग्रामीण क्षेत्र की 83 दुकानों को खोलने के आदेश दिए। मगर ठेकेदारों ने दुकानें नहीं खोली। कल फिर शासन ने दो माह की लाइसेंस फीस भी माफ की। यानी मार्च के स्थान पर मई तक छूट दी गई। इस आशय का गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया, लेकिन इंदौर सहित प्रदेशभर के ठेकेदारों का कहना है कि शासन के नोटिफिकेशन में जो शर्तें हैं, वे उन्हें मंजूर नहीं है और जो दुकानें खुली हैं वह भी आज से बंद कर दी जाएगी।
ठेकेदारों का कहना है कि शासन हमारी व्यवहारिक कठिनाई को दूर करे और लाइसेंस फीस में राहत दी जाए और जितनी शराब की खपत हो उसके आधार पर लाइसेंस फीस ली जाए। अभी 20 से 25 प्रतिशत ही खपत होगी। ऐसे में पूरी 100 प्रतिशत फीस ठेकेदार कैसे भरेंगे। 10 से 15 प्रतिशत की कीमतों में भी शासन ने वृद्धि करने का निर्णय लिया, लेकिन ठेकेदारों का कहना है कि इससे कोई फायदा नहीं है। शासन ने ठेके निरस्त करने की चेतावनी दी है। इस पर भी ठेकेदारों का कहना है कि वे खुद तैयार हैं कि ठेके निरस्त हो जाएं, ताकि फिर से नीलामी होगी, तो आधी कीमत में ही ये ठेके अब सरकार को देना पड़ेंगे। 27 मई को जबलपुर हाईकोर्ट में भी इन्हीं मुद्दों पर लगाई गई याचिका पर फैसला आना है।
लिहाजा ठेकेदार और सरकार की निगाह इस फैसले पर टिकी है। इसके बाद निर्णय होगा। हालांकि ठेकेदारों का यह भी कहना है कि वे अगर हाईकोर्ट में हारे तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। वहीं उनकी 5 प्रतिशत जमा की गई राशि भी शासन राजसात नहीं कर पाएगा। उसके लिए भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और 5 प्रतिशत राशि अगर डूब भी गई तो भी ठेका चलाने की तुलना में यह कम घाटे का सौदा फायदेमंद रहेगा।

शनिवार, 23 मई 2020

रुपेटा उपार्जन केन्द्र पर किसानों की गेहूँ से भरे ट्रेक्टर की लग रही निरंतर कतारे

रुपेटा उपार्जन केन्द्र पर किसानों की गेहूँ से भरे ट्रेक्टर की लग रही निरंतर कतारे

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
सुबह से शाम तक चल रही है लगातार गेहूँ की खरीदी
नागदा जं.। उपार्जन केन्द्रो पर किसानो की लम्बी लम्बी कतारे देखने को मिल रही है। किसानो के द्वारा उपार्जन केन्द्र पर लाये गये गेहू बिक्री के पंजीयन पर गेहूँ तौलने की भीड़ लग रही है। ग्राम रूपेटा की सोसायटी पर 22 अप्रैल से निरंतर तुलावटी का कार्य चल रहा है। आज तक सोसायटी पर 52,635 क्लिंटन गेहूँ की खरीदी हो चूंकि है। उसमे से 41,600 क्लिंटन गेहूँ का परिवहन कर चुके है। 10 हजार क्लिंटन का स्टॉक सोसायटी पर रखा है।
एएनआई न्यूज़ इण्डिया को रुपेटा सोसाइटी प्रबंधक रविन्द्र शर्मा ने जानकारी देते हुवे बताया कि केन्द्र पर आने वाले किसानों के लिये पीने के पानी की पुर्ण व्यवस्था की गई है गर्मी अत्यधिक होने के कारण छाव के लिये टेन्ट की व्यवस्था की गई है। किसानो के लिये मास्क सेनेटाईजर के साथ ही हाथ धोने के लिये साबुन पानी के साथ ही शौचालय की व्यवस्था भी है।
शर्मा बड़े ही हर्ष के साथ बताते है कि कोरोना संक्रमण मे कार्य मे बाधाएं आती है पर सभी के सहयोग से सुचारु रूप से उपार्जन केन्द्र पर गेहूँ खरीदी का कार्य चल रहा है सोसायटी प्रबंधक श्री शर्मा के द्वारा किसानों के कुल 1,381 पंजीयन मे से 892 पंजीयन किये हुवे किसानों के गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है। शर्मा बताते है की भोपाल से किसानों के मोबाइल पर पंजीयन के मैसेज आते है उसके बाद भी हम लोग किसानो को फोन लगा कर सूचना देते है।


जिसके बाद किसान अपनी फसल( गेहूँ) ट्रेक्टरों मे लाद कर सोसायटी पर लाते है। प्रतिदीन 100 किसानों को मेसेज आते है जिन्हे टोकन बाट दिये जाते है ओर शाम तक खरीदी की जाती है। किसानों द्वारा ट्रेक्टरो की आवाक निरंतर जारी है। वही किसानो को जानकारी देते हुवे सोसल डिस्टेंस,मास्क ,सेनेटाईजर के उपयोग के बारे भी निरंतर जानकारी देते दिखते है। सभी किसानों और सोसायटी के कर्मचारियों को सेनेटराजर, मास्क की उपयोगिता के बारे मे बडी ही सक्रियता से सभी को सुरक्षित रहने के लिए प्रयास करते है।
उपार्जन केन्द्र रुपेटा पर जबसे खरीदी प्रारंभ की गई है केवल एक दीन किसानो को परेशानियो का सामना करना पड़ा है वही भी कूछ घंटो के लिये। कारण सोसायटी पर बारादान की व्यवस्था बिगड़ गई थी लेकिन शर्मा ने जिला उज्जैन से सीधे संपर्क कर जल्द से जल्द व्यवस्था जुटाई ओर किसानों को परेशान ना होने दिया। उज्जैन जिला उच्च अधिकारियों ने भी शर्मा की सक्रियता देखते हुए 20 गठान तुरंत व्यवस्था कर पहुचाई ।
एएनआई न्यूज़ इण्डिया को ग्राम रूपेटा उपार्जन केन्द्र की सोसायटी के प्रबंधक रविन्द्र कुमार शर्मा ने पूरी जानकारी दी।

मंगलवार, 12 मई 2020

चिकित्सक, स्टॉफ नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ व लैब टेक्नीशियन पद हेतु 18 तक आवेदन आमंत्रित

चिकित्सक, स्टॉफ नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ व लैब टेक्नीशियन पद हेतु 18 तक आवेदन आमंत्रित

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जिला ब्यूरो चीफ जबलपुर // प्रशांत वैश्य : 79990 57770
जबलपुर, कोविड-19 की महामारी की रोकथाम हेतु 3 माह की निश्चित अवधि के लिए आवश्यक मानव संसाधन जैसे चिकित्सक, स्टॉफ नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ व लैब टेक्नीशियन के पद हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यताधारी पात्र आवेदकों से 18 मई तक आवेदन आमंत्रित किये गये हैं । इच्छुक आवेदक कलेक्ट्रेट कार्यालय के कक्ष क्रमांक-15 गेट नंबर-तीन में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक आवेदन जमा कर सकते हैं ।       
इच्छुक पात्र आवेदक स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारी डिग्री, डिप्लोमा विषय विशेषज्ञ के लिए योग्यता एम.डी. मेडिसिन, एम.डी. एनेस्थीसिया, पॉलमोनोलॉजिस्ट के लिए मासिक मानदेय डिग्री धारको के लिए एक लाख 25 हजार रूपये प्रतिमाह, डिप्लोमा धारकों के लिए एक लाख 10 हजार रूपये प्रतिमाह देय होगा । इसके अतिरिक्त कोविड-19 नियंत्रण के परिप्रेक्ष्य में विषय विशेषज्ञ के कारण इन्हें 100 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देय होगी । 
इसी प्रकार चिकित्सा अधिकारी पद हेतु योग्यता एम.बी.बी.एस. होनी चाहिए, इन्हें 60 हजार रूपये प्रतिमाह का मानदेय मिलेगा ।   
आयुष चिकित्सक अधिकारी (आयुर्वेदिक यूनानी होम्योपैथिक) पद हेतु बी.ए.एम.एस., बी.यू.एम.एस., बी.एच.एम.एस. की डिग्री मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से प्राप्त होनी चाहिए । 
इस पद हेतु 25 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा । इसी तरह स्टॉफ नर्स महिला व पुरूष पद हेतु 20 हजार रूपये प्रतिमाह तथा ए.एन.एम. के पद के लिए 12 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय तय है ।     
इसके अलावा पैरामेडिकल स्टॉफ के रूप में फार्मासिस्ट व लैब टेक्नीशियन के पद पर चयनित पात्रों को 15 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से मानदेय दिया जायेगा । नियुक्ति व पद से संबंधित सेवा शर्तों सहित अन्य विस्तृत जानकारी नोडल अधिकारी डॉ. धीरज दबंडे डी.एच.ओ. 9425363139 एवं एम.एम. मेहरा 9425184228 से प्राप्त कर सकते हैं ।

सपोर्ट स्टॉफ (वार्ड बॉय) क्लीनिंग स्टॉफ, सिक्यूरिटी गार्ड को कलेक्टर द्वारा निर्धारित दरों पर अस्थायी रूप से तीन माह हेतु आवश्यकतानुसार लिया जा सकेगा ।

सोमवार, 11 मई 2020

भेल की 6 हजार एकड़ भूमि में से कुल 1164.21 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश शासन के नाम दर्ज होगी

भेल की 6 हजार एकड़ भूमि में से कुल 1164.21 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश शासन के नाम दर्ज होगी

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भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 
भोपाल : राजस्व विभाग द्वारा कलेक्टर भोपाल को निर्देशित किया गया है कि बीएचईएल (BHEL) के आधिपत्य में सौंपी गई 6 हजार एकड़ भूमि में से कुल 1164.21 एकड़ भूमि, जो भेल द्वारा उपयोग में नहीं लाई जा रही है, को मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के नाम दर्ज किया जाये। इस भूमि का उपयोग औद्योगिक निवेश बढ़ाने में किया जायेगा।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा भेल को नगर निगम भोपाल की सीमाओं में स्थित लगभग 6 हजार एकड़ शासकीय भूमि का वर्ष 1959 से 1962 के मध्य आधिपत्य सौंपा गया था। यह भूमि कारखाना स्थापित करने एवं अन्य आनुषंगिक गतिविधियों के लिये आधिपत्य में दी गई थी। इस भूमि में से लगभग 1164.21 एकड़ भूमि का भेल द्वारा कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है।
राजस्व विभाग द्वारा कलेक्टर भोपाल को भेल (बी.एच.ई.एल.) के आधिपत्य में सौंपी गई 6 हजार एकड़ भूमि के संबंध में जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। भेल द्वारा 3121.40 एकड़ भूमि का उपयोग वर्तमान में कारखाना एवं अन्य आनुषंगिक गतिविधियों के लिये किया जा रहा है। इस भूमि के भेल के पक्ष में विधिवत आवंटन के लिये प्रस्ताव राजस्व विभाग को भेजें, जिससे आवंटन आदेश एवं पट्टा देने की कार्यवाही की जा सके।
भेल से 611.45 एकड़ भूमि वापस लेकर अन्य विभागों/उपक्रमों को दी गई, परंतु अभी भी इस भूमि में भेल का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज है। ऐसे प्रकरणों में यथास्थिति हस्तांतरण संबंधित विभागों को (मध्यप्रदेश शासन के विभागों के मामले में) किया जाये अथवा भूमि का आवंटन संबंधित विभागों/ उपक्रमों को ( भारत शासन के विभाग, अन्य राज्य शासन के विभाग/उपक्रम एवं राज्य शासन के उपक्रम के मामलों में) करने के लिये यथोचित प्रस्ताव राजस्व विभाग को भेजें।
कुल 1084.62 एकड़ भूमि जो राज्य और केन्द्र शासन के विभागों एवं संस्थानों द्वारा उपयोग में लाई जा रही है, तथा संबंधित विभाग का नाम दर्ज है, इन प्रकरणों में यदि संबंधित विभाग मध्यप्रदेश शासन का न होकर केन्द्र शासन का है अथवा संबंधित संस्थान मध्यप्रदेश, केन्द्र शासन अथवा अन्य राज्य शासन का उपक्रम है और इन्हें भूमि का विधिवत आवंटन आदेश जारी नहीं किया गया है तो इस संबंध में यथोचित प्रस्ताव राजस्व विभाग को भेजा जाये।

मध्यप्रदेश सरकार की 'जीवन शक्ति योजना'' कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए है बेहतर योजना, जानें क्या क्या है इसके फायदे

मध्यप्रदेश सरकार की 'जीवन शक्ति योजना'' कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए है बेहतर योजना, जानें क्या क्या है इसके फायदे 

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भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 
भोपाल : सोमवार, मई 11, 2020, कोविड-19 के कारण पूरे प्रदेश का जन-जीवन प्रभावित हुआ लेकिन अगर कोई एक बात प्रभावित नहीं हुई, तो वो थी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महिलाओं के प्रति संवेदनशील मानसिकता। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उनकी जिद।
शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री के तौर पर पिछले तेरह सालों को याद करेंगे, तो महिला सशक्तिकरण के जितने कारगर और प्रभावी कदम उन्होंने उठाए, उतने उनके पहले के पाँच दशकों में शायद ही किसी और मुख्यमंत्री ने उठाए हों। शिवराज ने नवम्बर, 2005 में पहली बार प्रदेश की सत्ता को संभाला था। इस बार भी जब वे मुख्यमंत्री बने, तो लॉकडाउन के कारण शहरों और कस्बों में घरों में काम करके अपने परिवार की जीविका चलाने में सहयोग करने वाली महिलाओं के सामने रोजगार का एक नया संकट खड़ा हो गया था। घरों में साफ-सफाई या खाना बनाने वाली महिलाओं के काम छूट गए थे। ऐसे में शिवराज द्वारा घोषित 'जीवन शक्ति योजना'' वाकई में कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए जीवन शक्ति बन गई।
महिला सशक्तिकरण को लेकर उनकी सोच पर शायद ही कोई सवाल उठा सकता हो। कोरोना के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए जरूरतमंद महिलाओं को घर बैठे सम्मानपूर्वक पैसा कमाने का अवसर देने की उनकी सोच वाकई तारीफ के काबिल है। निश्चित तौर पर कोरोना वायरस का अंत जैसे और जब हो, लेकिन यह तय है कि चेहरे पर मास्क अब हमारी जीवन-शैली का एक लंबे समय के लिए अभिन्न अंग बनने वाला है। मध्यप्रदेश की आबादी आज करीब साढ़े सात करोड़ है और इस आबादी में बड़ी संख्या जाहिर है गरीब तबके की भी है। जीवन सुरक्षा के लिए मास्क तो अब सभी की जरूरत है।
शिवराज सरकार ने 'जीवन शक्ति योजना'' से 'एक पंथ-दो काज' वाला काम कर दिखाया। कमजोर वर्ग की महिलाओं को आर्थिक सहायता भी और कमजोर तबके के लिए सस्ते मास्क भी। जीवन शक्ति योजना प्रदेश के शहरी क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लागू की गई है। इस योजना से जुड़ने के लिए शहरी महिलाओं को योजना के पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीयन करना होगा। स्थानीय प्रशासन द्वारा पोर्टल पर पंजीकृत महिलाओं को मास्क बनाने का आर्डर ऑनलाइन दिया जाएगा। महिलाएँ जब मास्क बनाकर स्थानीय प्रशासन को सौंपेंगी, तब उसका भुगतान महिलाओं के बैंक खातों में उसी दिन ऑनलाइन कर दिया जाएगा। अब तक करीब दस हजार महिलाओं ने न सिर्फ ऑनलाइन पंजीयन करा लिया बल्कि 20 लाख मास्क बहुत जल्दी बनकर आ भी जाएंगे। करीब दस हजार महिलाओं में से हरेक को दो सौ मास्क बनाने का काम सौंपा गया है।
इस योजना के तहत जो महिलाएँ मास्क बनाएंगी और उन्हें सरकारी व्यवस्था के अनुसार तय जगह पर जमा करेंगी, तो उन्हें हर मास्क के लिए 11 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यानि एक महिला को घर बैठे कम से कम बाईस सौ रुपये कमाने का मौका। महिलाओं को घर में मास्क बनाने के काम से जोड़ने, घर बैठे उनके लिए काम मुहैया कराना भी है। राज्य के लोगों को यह मास्क सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि 'मास्क बनाने से न केवल महिलाओं को फायदा होगा बल्कि वो एक पुण्य कार्य में भागीदारी करेंगी।' इस योजना में पहले शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को मौका मिलेगा।
सरकार की इस योजना को महिलाओं ने हाथों-हाथ स्वीकार किया। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों ने बढ़ी संख्या में मास्क तैयार कर दिए हैं। यह मास्क स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल स्टोर और ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराए गए हैं। कुछ महिलाएँ पीपीई किट्स (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट) भी तैयार कर रही हैं।
प्रदेश में जीवन शक्ति योजना का शुभारंभ होते ही उज्जैन की महिला श्रीमती गरिमा महावत ने योजना से जुड़ने का निश्चय किया। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह बनाकर उसने बड़ी संख्या में शहरी महिलाओं को जोड़ा है। गरिमा इस योजना के माध्यम से कोरोना के विरुद्ध युद्ध में तैनात योद्धाओं के लिये बड़े पैमाने पर मास्क बनाने के लिये संकल्पित हो गई है। श्रीमती गरिमा महावत ने जीवन शक्ति योजना को प्रदेश की महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने की योजना बताया है। गरिमा मानती हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना के माध्यम से शहरी महिला शक्ति को सम्मानित किया है तथा आत्म-निर्भर बनाने की पहल की है।
महिला सशक्तिकरण के लिए शिवराज सिंह चौहान की प्रतिबद्धता मुख्यमंत्री बनने के साथ ही सामने आ गई थी। बेटियों को बचाने, उन्हें आगे बढ़ाने और उनके सम्मान के लिए शिवराज ने योजनाओं का एक लंबा सिलसिला शुरू किया। उनकी राजनीतिक सफलताओं में महिलाओं का इसलिए ही बड़ा योगदान रहा है। इन योजनाओं के जरिए ही शायद शिवराज महिलाओं से चहेते भाई और बच्चों के मामा जैसा व्यक्तिगत रिश्ता जोड़ने में कामयाब हो गए। शिवराज ने पिछले कार्यकाल में महिलाओं के लिए अपनी योजनाओं को एक तरह से उनके सशक्तिकरण के एक आंदोलन में ही बदल दिया था। लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजना शुरू कर प्रदेश में करीब 34 लाख 59 हजार से ज्यादा लाड़ली लक्ष्मी बनाई गईं, जो अब शायद इस योजना के लाभ लेने वाली उम्र के दौर में आ गई होंगी। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना ने समाज के गरीब तबकों में शादी जैसे महँगे आयोजन को आसान बना दिया।

इसमें शादी के खर्च से लेकर जरूरी दहेज तक के इंतजाम सरकार ने अपने सर लिए। जननी सुरक्षा योजना से लेकर गाँव की बेटी योजना और स्थानीय निकायों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने जैसे महिला सशक्तिकरण के कई उल्लेखनीय काम शिवराज के खाते में दर्ज हैं। महिला सशक्तिकरण में समाज की भागीदारी को शामिल करते हुए उन्होंने बेटी बचाओ जैसा आंदोलन खड़ा किया। शिवराज का मानना है कि केवल बेटों से ही वंश का नाम नहीं चलता है, बेटियों से भी वंश का नाम रोशन होता है।

शनिवार, 9 मई 2020

उद्योग आमंत्रित करने में देर नहीं करना है, औद्योगिक भूमि तथा नीति परिदृश्य पर बैठक

उद्योग आमंत्रित करने में देर नहीं करना है, औद्योगिक भूमि तथा नीति परिदृश्य पर बैठक

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भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 

प्रदेश में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित हों मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में औद्योगिक भूमि तथा नीति परिदृश्य पर बैठक ली

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में श्रम कानूनों में व्यापक संशोधन एवं उनका सरलीकरण किया गया है और उद्योगों को विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं। इसके चलते प्रदेश में उद्योग स्थापित करना और चलाना बहुत आसान हो गया है।
अब हमें प्रदेश में उद्योग आमंत्रित करने में देरी नहीं करनी चाहिए, यह स्वर्णिम अवसर है। इस संबंध में सभी औद्योगिक संगठनों, औद्योगिक घरानों आदि से बातचीत की जाए तथा प्रदेश अधिक से अधिक उद्योग स्थापित करवाने के प्रयास किए जाएं।  
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में प्रदेश में औद्योगिक भूमि तथा नीति परिदृश्य पर बैठक में चर्चा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उद्योग डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव एमएसएमई श्री मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री एम.सेलवेन्द्रन आदि उपस्थित थे। 
उद्योगों के लिये भूमि आसानी से उपलब्ध
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में भूमि पूलिंग नीति के चलते पर्याप्त भूमि उद्योगों के लिये उपलब्ध है। प्रदेश के प्रमुख नगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा में 2 हजार 902 हेक्टेयर विकसित भूमि तथा 10 हजार 673 हेक्टेयर अविकसित भूमि उद्योगों के लिये उपलब्ध है। भूमि का मूल्य भी बहुत कम रखा गया है। 
हमारे बच्चें भी उद्योग लगायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमने इस प्रकार की उद्योग नीति बनाई है, जिससे मध्यप्रदेश के बच्चे भी यहाँ उद्योग स्थापित कर सकें। लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिये सरकार विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दे रही हैं और अत्यंत कम ब्याज दर पर उद्योगों की स्थापना के लिये ऋण उपलब्ध करा रही है। 
फूड प्रोसेसिंग एवं गारमेंट उद्योग की अधिक संभावना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में फूड इंडस्ट्री एवं गारमेंट इंडस्ट्री के लिये शासन द्वारा अन्य राज्यों की तुलना में अधिक सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। अत: इन दोनों क्षेत्रों में उद्योग स्थापना की अधिक संभावना है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में चावल, विभिन्न प्रकार की दालें एवं तेल आदि से संबंधित उद्योग स्थापित किये जा सकते हैं। 
चार रूपये प्रति यूनिट मिलेगी उद्योगों को बिजली
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस प्रकार की योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत उद्योगों को बिजली प्रदान करने के लिये पृथक विद्युत कम्पनी की स्थापना पर विचार किया जा रहा है। ऐसा होने पर हम उद्योगों को 7.50 रूपये प्रति यूनिट के स्थान पर 4 रूपये प्रति यूनिट बिजली दे पायेंगे।
भोपाल में आई.टी. पार्क
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सूचना  प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आज रोजगार के बड़े अवसर है। भोपाल में आईटी पार्क स्थापित करने के संबंध में भी योजना बनाई जाये। बताया गया कि बी.एच.ई.एल. की 600 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश शासन को मिल रही है। 
अपनी कमियों पर भी ध्यान दें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्योगों की स्थापना के संबंध में हम अपनी कमियों पर भी ध्यान दें और देखें कि उन्हें किस प्रकार दूर किया जा सकता है। प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी बहुत अच्छी नहीं है तथा यह 'लैण्ड लॉक्ड' प्रदेश है। हमें हमारी एयर कनेक्टिविटी बेहतर करनी होगी। 

गुरुवार, 7 मई 2020

क्राइम रिपोर्टरों (12 वीं ) और ग्रामीण संवाददाता (10 वीं ) रिपोर्टरों की आवश्यकता है.

ANI NEWS INDIA ADD REPORTER S1
JOB क्राइम रिपोर्टरों (12 वीं) और ग्रामीण संवाददाता (10 वीं ) रिपोर्टरों की आवश्यकता है.
क्राइम रिपोर्टरों (12 वीं) और ग्रामीण संवाददाता (10 वीं ) रिपोर्टरों की आवश्यकता है.  

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*क्राइम रिपोर्टरों (12 वीं) और ग्रामीण संवाददाता (10 वीं ) रिपोर्टरों की आवश्यकता है*
‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ ( http://aninewsindia.com/ ) हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के प्रत्येक थाना स्तर पर क्राइम रिपोर्टरों (12 वीं) / प्रत्येक ब्लाक / पंचायत स्तर पर ग्रामीण संवाददाता (10 वीं ) / क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है। 
विशेष आग्रह : वरिष्ठ पत्रकार, सलाहकार, उपदेशक, उपयुक्त पोस्ट के लिये सम्पर्क न करें, हमारा और अपना समय नष्ट न करें, व्यवधान न हो इसलिये क्षमा करें।  

क्र. पद का नाम योग्यता आयु 
1. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं / 11 वीं ओल्ड आयु : 18 से 40 वर्ष 
2 . ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं ) आयु : 18 से 45 वर्ष 


नियुक्ति :- सीधे प्रवेश ( पहले आओ पहले पाओ ), सामान्य कार्य परीक्षण, 
कार्य क्षेत्र :-  प्रथम गृह क्षेत्र, स्थान रिक्त न होने पर अन्य नजदीक स्थान पर.
पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार । ( 4 अंकों में + )

कार्य :- उम्मीदवार को न्यूज़ कवरेज, समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन ( व्यापार ) में रूचि होना अनिवार्य है. खबरों से संबंधित कार्य करना होगा। ( एक दिवसीय प्रशिक्षण संस्थान देगी )
आवश्यक सामग्री :- संस्थान तय नियमों के अनुसार कार्य करने हेतु आवश्यक सामग्री, बैनर, बोर्ड, परिचय पत्र, आईडी दी जाएगी।

आवेदन आमन्त्रित :- 1. सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, 2. योग्यता प्रमाण पत्र, 3. आधार कार्ड 4. पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 1 फोटोग्राफ सहित ( योग्यता पत्र की आवश्यकता ) अधिकतम अन्तिम तिथि 12 मई 2019 शाम 5 बजे तक हमारे ईमेल aninewsindia@gmail.com, aninewsindia@yahoo.com पर आवेदन करें।
आवेदन पत्र :- आवेदन पत्र  का प्रारूप हमारी वेबसाइड की लिंक ANI NEWS INDIA आवेदन पत्र  ) पर जाकर कॉपी करें, आवेदन पर साफ़ स्पष्ट हस्तलिखित भी स्वीकार होगा 
चयन :- उम्मीदवार का चयन आवेदन आने के पश्चात लॉक डॉउन खुलने के बाद निजी साक्षात्कार सवाल और जवाब से होगा, आपके मोबाईल वाट्सअप नम्बर पर सूचना दी जाएगी। 
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन स्थानीय कार्यालय में दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र में कार्य जबाबदारी सौंपी जावेगी।

पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)


आवेदन प्रस्तुत करने के बाद ही अत्यंत आवश्यक होने पर ही मोबाइल पर करें 
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मोबाइल जबलपुर : 079990 57770 


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नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
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