राष्ट्रीय लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
राष्ट्रीय लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023

'LG वीके सक्सेना का कोई भी सीधा आदेश न मानें', दिल्ली की AAP सरकार ने सभी अधिकारियों को दिया निर्देश

 

'
LG वीके सक्सेना का कोई भी सीधा आदेश न मानें', दिल्ली की AAP सरकार ने सभी अधिकारियों को दिया निर्देश



]अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल के सीधे आदेशों का अनुपालन करना बंद करें। सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के सचिवों को इस संबंध में लिखा है और निर्देश दिया है कि कार्य आवंटन नियम (TBR) का पूरी तरह से पालन किया जाए

LG जारी कर रहे सचिवों को आदेश, ये संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन

नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी द्वारा सचिवों को सीधे आदेश जारी करना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। 

राजधानी में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने विभाग सचिवों को पत्र लिखकर ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीबीआर) का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। सचिवों को निर्देशित किया गया है कि एलजी से प्राप्त किसी भी सीधे आदेश की सूचना प्रभारी मंत्री को दें। 

एलजी कर रहे संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी द्वारा सचिवों को सीधे आदेश जारी करना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और संविधान के उल्लंघन में आदेशों के कार्यान्वयन को सरकार द्वारा गंभीरता से देखा जाएगा। 

एलजी कर रहे निर्वाचित सरकार को दरकिनार 

टीबीआर और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नियम 49 और 50 का उल्लंघन करते हुए एलजी निर्वाचित सरकार को दरकिनार करते हुए विभाग सचिवों को आदेश जारी कर रहे हैं। एलजी के ऐसे अवैध सीधे आदेशों को लागू करना टीबीआर के नियम 57 का उल्लंघन माना जाएगा।

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा पर ऐसी कार्यवाही निन्दनीय, भूपेश बघेल के कारण छत्तीसगढ़ में हो रहा मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी

 


कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा पर ऐसी कार्यवाही निन्दनीय, भूपेश बघेल के कारण छत्तीसगढ़ में हो रहा मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी


..

  • छत्तीसगढ़ में आपातकाल की स्थिति, पूरे प्रदेश में रासुका लगाना, पत्रकार को जेल भेजना, पुलिस से धमकाना भी मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी
  • भूपेश के राज में डेमोक्रेसी नहीं हिटलरशाही है
  • अधिवेशन में भूपेश के भ्रष्‍टाचार पर भी हो मंथन

विजया पाठक

कांग्रेस के प्रवक्‍ता पवन खेड़ा के साथ कुछ दिन पहले दिल्‍ली एयरपोर्ट पर जो हुआ वो भारत के लोकतंत्र में झटका सा था। पहली बार विपक्षी दल के किसी मुख्य प्रवक्ता को आनन फानन में असम पुलिस द्वारा एयरपोर्ट पर कार्यवाही की गई। वैसे जैसा पवन खेड़ा के साथ जो आज सुलूक हुआ है, वैसा व्यवहार छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के लिए आम बात है। पवन खेडा़ के साथ हुए व्‍यवहार को लेकर कांग्रेस भले ही हल्‍ला मचा रही हो लेकिन उन्‍हें छत्‍तीसगढ़ में तो यह आम बात है। 

वहां तो आये दिन गैर कानूनी कार्यवाहियां हो रही हैं। कांग्रेस को छत्‍तीसगढ़ की तरफ ध्‍यान देना चाहिए। प्रदेश के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने तो प्रदेश में लोकतंत्र का मजाक बनाकर रख दिया है। इसका एक उदाहरण तो मैं ही हूं जब मेरे भोपाल आवास में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पुलिस भेजकर मुझे डराना चाहा था। छत्तीसगढ़ सरकार की ज्यादतियां उन सभी के लिए बड़ी आम सी बात है, जो छत्तीसगढ़ के भय-भ्रष्टाचार-दमन के खिलाफ लिखते या आवाज उठाते हैं। चाहे रायपुर के पत्रकार सुनील नामदेव या बस्तर के पत्रकार सिर्फ एक उदाहरण भर हैं, जिसने ने भूपेश बघेल और इनके भ्रष्ट चांडाल चौकड़ी के खिलाफ आवाज उठाई, उस पर अवैधानिक पुलिसिया कार्यवाही की गई।

        जब इससे भी बात नहीं बनी तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश में ही रासुका यानी घोषित आपातकाल लगा दिया। मैं कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के की बात से पूरा इत्तेफाक रखती हूं कि आज के समय लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है, पर इसमें दायित्व कांग्रेस पार्टी का भी है, क्योंकि लोकतंत्र को सबसे ज्यादा असुरक्षित करने का काम आपके छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है। छत्तीसगढ़ में सरकार नहीं सिंडीकेट का राज है। भले ही सिंडिकेट के कुछ लोग अभी जेल में हैं पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री दागियों और भ्रष्टाचार से ओत-प्रोत अधिकारियों को अपनी कोटरी में रखा है। जिस अडानी को कांग्रेस पानी पी-पीकर कोसते हैं उसके लिए हसदेव के जंगल साफ करवाने का काम भूपेश बघेल ने ही दिए थे। राहुल गांधी के अनुसार आदिवासी ही क्षेत्र का मूल नागरिक हैं। ऐसे में जिस प्रदेश की कुल आबादी में 35% आबादी आदिवासियों की हो वहां, अपनी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की स्थिति आपने खराब कर रखी है। आज छत्तीसगढ़ की साख दांव पर लग चुकी है। हर 08-10 दिनों में कोई बड़ी गिरफ्तारी के साथ मनी ट्रेल पकड़ा जाता है। कुल मिलाकर सारी बातों का लब्बोलुबाब यह है कि जिस इंसान ने घर में आग लगाई हो वो क्या दुनिया को रोशन करेगा।

कहीं भूपेश बघेल पर भारी न पड़ जाये सौम्‍या चौरसिया?

सौम्या चौरसिया के जेल जाते ही छत्तीसगढ़ की फिजा एकदम बदल गई। मुख्यमंत्री की खासमखास सौम्या और उसकी टीम के सूर्यकांत और पार्टी तो जेल में हैं ही उनके बाद अब आईपीएस अफसर, राजनेता अब ईडी के हत्थे चढ़ने वाले हैं। हालात यह है कि सौम्या के पति सौम्‍या को बाहर लाने की रोज भूपेश से गुहार लगाते हैं। कुछ नही हो पा रहा है। समीर विश्‍नोई ईडी की कार्यवाही से अभी जेल में है। समीर विश्‍नोई की पत्नि अपने पति को छुडवाने के लिए प्रतिदिन भूपेश बघेल से मिलने जाती है। लेकिन बताया जाता है कि बघेल ने अब उनसे मिलना ही बंद कर दिया है। भूपेश बघेल अब तो यह भी कहने लगे हैं कि मैंने थोड़ी कहा था कि भ्रष्‍टाचार करो। लेकिन सब जानते हैं कि समीर जैसे भ्रष्‍टाचारियों को शह किसने दी थी। सौम्या ने भी अंदर से धमकी दे दी है कि में बाहर नहीं आयी तो सबको अंदर पहुंचाउगी। ईडी के पास भूपेश बघेल के खास विनोद वर्मा की युगबोध वाली मनी ट्रेल की जानकारी पहुंच गई है। ऐसे में अभी काफी लोगों का अंदर जाना पक्का है। इसके साथ-साथ ऊपर के दिग्गज के 52 करोड़ की ट्रेल की जैकपॉट भाजपा के पास ईडी के माध्यम से लग गई है। मैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की सफल होने की आशा करती हूं ताकि इन तीन दिनों के चिंतन मनन के बाद कम से कम अपने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के भय-भ्रष्टाचार-दमन का राज नजर आए और कम से कम छत्तीसगढ़ में मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी बंद हो।

क्या छत्तीसगढ़ में बनेगा आदिवासी मुख्यमंत्री?

आज से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन चालू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के आदिवासी कार्ड के जवाब में कांग्रेस कुछ व्यापक फेरबदल कर सकती है, इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री का तिलकोत्सव से प्रारंभ किया जा सकता है। वैसे भी देश में भूपेश बघेल के नाम पर तानाशाह का टैग लग गया है, जो हालत निर्मित हो रहे है। कभी वो खुद ही ना अंदर चले जाए इस कारण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आलाकमान कैसी आदिवासी को मुख्यमंत्री बना सकती है, जिसमें मोहन मरकाम का नाम काफी आगे चल रहा है।

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

पवन खेड़ा को SC से बड़ी राहत : दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश

 


पवन खेड़ा को SC से बड़ी राहत : दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश



सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को गिरफ्तारी से संरक्षण और कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के अनुरोध संबंधी याचिका को 27 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी और असम में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.

दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश

नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश आया है. सुप्रीम कोर्ट से पवन खेड़ा को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने कहा है कि दिल्‍ली कोर्ट पवन खेड़ा को मंगलवार तक अंतरिम जमानत दे. साथ ही कोर्ट ने याचिका पर सीमित सुनवाई मंजूर की. सभी एफआईआर के क्लब करने पर नोटिस जारी कर दिया है. खेड़ा के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश और असम में एफआईआर दर्ज हैं. पुलिस अब पवन खेड़ा को असम नहीं ले जा पाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "दिल्ली की क्षेत्राधिकार वाली कोर्ट अंतरिम जमानत दें. मंगलवार तक अंतरिम जमानत दी जाए.

खेड़ा को संरक्षण के लिए आदेश जारी कर रहे हैं. इस बीच खेड़ा निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करें. उत्‍तर प्रदेश और असम में दर्ज एफआईआर एक साथ जोड़ने पर सोमवार को सुनवाई करेंगे." सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा, "जो पवन खेड़ा ने कहा वो नहीं कहना चाहिए था, मैं ये मानता हूं. उन्होंने खुद माना कि जुबां फिसल गई थी. उन्होंने माफी भी मांगी थी. उनको रिहा करने के आदेश दिए जाएं.

अदालत उनको संरक्षण दे. देश में किसी भी राजनीतिक बयानबाजी पर ये गंभीर केस नहीं लगाए जा सकते. ये अभिव्‍यक्ति की आजादी का हनन है. गिरफ्तारी में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. खेड़ा ने जो अपराध किया है उसमें 3 और 5 साल की ही अधिकतम सजा है. सीजेआई ने कहा, "हम सभी एफआईआर के एक राज्य में निर्धारित कर देते हैं, ताकि वह राहत के लिए हाईकोर्ट जा सकें. इस स्टेज पर.हम एफआईआर रद्द नहीं कर सकते." इस दौरान प्रधामंत्री पर दिया गया गया बयान सुनाया गया. इस पर सीजेआई ने पूछा कि ये सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला कैसे?

इससे पहले सिंघवी ने सीजेआई को सूचित किया कि खेड़ा दिल्ली हवाईअड्डे से सुबह 11 बजे उड़ान भरने वाले थे, लेकिन उन्हें विमान से उतार दिया गया. प्रधानमंत्री के बारे में उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर असम, लखनऊ और वाराणसी में उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं. खेड़ा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 153बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, वह व्यक्तिगत रूप से विवादित बयानों का अनुमोदन नहीं करते हैं. लेकिन वाराणसी, लखनऊ और असम की एफआईआर को एक साथ जोड़ा जाना चाहिए.

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2023

सीनाजोरी करने वालों को संरक्षण देने की मची होड

 


सीनाजोरी करने वालों को संरक्षण देने की मची होड़

खबरों के लिए वाट्सएप्प पर संपर्क करें

विनय जी. डेविड  9893221036

भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिया

देश में मनमानी करने वालों की संख्या में निरंतर इजाफा होता जा रही है। राजनैतिक दलों से लेकर कथित समाजसेवियों-बुध्दिजीवियों की जामात तक ने वैधानिक कार्यों में भी अवरोध बनकर खडे होने के लिए कमर कस ली है। इजाफा-ए-वोट के नीतिगत सिध्दान्तों का अनुपालन करने वालों की भीड अब निहित स्वार्थों के लिए व्यवस्था के मापदण्डों तोडने के लिए मानवीयता का जामा पहनने लगी है। कानपुर में मां-बेटी के जलकर मरने की घटना को लेकर सर्वत्र हायतोबा मची हुई है। शासन स्तर पर घटना के लिए प्रथम दृष्टया वर्तमान अधिकारियों को दोषी मानकर उनके विरुध्द कार्यवाही भी की गई। कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्रान्तर्गत आने वाले मडौली गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान दु:खद घटना सामने आई। दीक्षित परिवारों के आपसी विवाद और लाभ लेने की गरज से की गई शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ। 

लम्बे समय से ग्राम सभा की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के विरुध्द की गई शिकायत पर पहली कार्यवाही 14 जनवरी को हुई जिसमें आंशिक अतिक्रमण हटाया गया था और शेष को स्वत: ही हटा लेने की समझाइश दी गई। आंशिक अतिक्रमण हटने के बाद अतिक्रमणकारियों ने उस जमीन को साम्प्रदायिक रंग देने की गरज से 18 जनवरी को शिव लिंग स्थापना हेतु चबूतरे का निर्माण कर दिया। कुल मिलाकर अतिक्रमणकारी वह शासकीय जमीन किसी भी सूरत में छोडने के लिए तैयार नहीं थे। इस स्थिति की शिकायत 27 जनवरी को की गई। यह पूरा मामला मडौली ग्राम पंचायत के गाटा संख्या 1642 का है। इस गाटा संख्या में 0.657 हेक्टेयर भूमि दर्ज है जिसमेें से लगभग 0.600 हेक्टेयर रकवे पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा था। विगत 27 जनवरी को की गई शिकायत पर प्रशासनिक अमला पुन: अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचा। 

कार्यवाही के दौरान अचानक अतिक्रमण करके बनाई गई झोपडी में से आग की लपटें निकलने लगीं। उपस्थित जन समूह ने आग बुझाने तथा आग में घिर चुकी प्रमिला दीक्षित तथा उनकी पुत्री नेेहा को बचाने का प्रयास किया परन्तु दुर्भाग्य से उन दौनों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के कानपुर की इस आग में राजनैतिक दलों ने रोटियां सेंकना शुरू कर दीं। अनेक कथित समाजसेवियों-बुध्दिजीवियों ने अपने वक्तव्य जारी किये। बढते दवाव में वहां के वर्तमान उपजिलाधिकारी, कानूनगो सहित 9 लोगों के विरुध्द प्राथमिकी दर्ज की गई। गिरफ्तारियां की जाने लगीं। पीडित परिवार को सरकारी नौकरी, मुआवजा और सुविधायें देने की मांगें उठने वालों की लाइन लग गई। इस पूरे परिदृश्य में तीन बिन्दु उभरकर सामने आये। 

पहला यह कि जब अतिक्रमण करने की आधारशिला रखी जाती है तब उत्तरदायी अधिकारी कहां होते हैं। पटवारी की नियुक्ति जिस हल्के में होती है वहां पर उसको निवास करना आवश्यक होता है ताकि रोजमर्रा की व्यवस्थाओं, समस्याओं और शिकायतों को स्थल पर ही तत्काल दूर किया जा सके। यदि कानपुर की घटना वाले स्थान पर अतिक्रमण के पहले चरण को ही नस्तनाबूत कर दिया जाता तो वर्तमान कब्जे पर काबिज रहने की स्थिति ही नहीं बनती। मगर तत्कालीन पटवारी सहित अन्य अधिकारियों के इस ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया। हमेशा ही ऐसा ही होता है कि जब पानी सिर से ऊपर होता है या दूसरों के हित प्रभावित होने लगते हैं तभी शिकायतों का दौर शुरू होता है। ऐसे में अतिक्रमण के पहल चरण के दौरान नियुक्त तत्कालीन अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी सेवा में उपेक्षा का मुकदमा दर्ज होना चाहिए था। 

परन्तु किन्हीं खास कारणों से आज तक अतीत के कृत्यों की विस्फोटक स्थिति होते ही वर्तमान को निशाना बनाया जाता है। मडौली जैसे अनगिनत उदाहरण देश के कोने-कोने में मौजूद है। कभी रेलवे ट्रैक पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के दौरान बेजा कब्जाधारी लामबंद होकर खडे हो जाते हैं तो कभी वन विभाग की जमीन पर अनाधिकृत ढंग से काबिज लोग हटने को तैयार नहीं होते। कहीं सडकों के फुटपाथ पर गैरकानूनी ढंग से पैर पसारने वाले उसे अपना अधिकार मान लेते हैं तो कहीं सरकारी सम्पत्ति को राजस्व विभाग में हेराफेरी करवाकर मालिकाना हक दिखा दिया जाता है। इतिहास गवाह है कि आज तक सरकारी दस्तावेजों मेें हेराफेरी करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की कारगुजारियों का लम्बे समय बाद पर्दाफास होने पर भी उनके विरुध्द कोई कार्यवाही नहीं हुई है। कुछ मामले अपवाद के रूप में सुुुर्खियां बने परन्तु बाद के परिणामों का खुलासा आमजन के समक्ष नहीं किया गया। 

दूसरा यह कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर अतिक्रमणकारियों से जमीन खाली कराने पहुंचे अमले पर दोधारी तलवार से वार करने की अंग्रेजी नीयत आज भी जस की तस लागू है। यदि अमला बिना अतिक्रमण हटाये वापिस पहुंचता तो निश्चय ही आदेश की अवहेलना का पात्र बनकर दण्ड का भागीदार बनता और जब अतिक्रमण हटाया गया तो अचानक लगी आग के लिए दोषी ठहरा दिया गया। चोरी करने वालों की सीना जोरी करने का दुस्साहस सामने आया। आंशिक अतिक्रमण हटा तो शिव लिंग की स्थापना हेतु चबूतरे का निर्माण कर लिया गया। ताकि साम्प्रदायिकता की आड में कब्जा बना रहे। देश के प्रत्येक छोर पर साम्प्रदायिकता की आड में अतिक्रमण करने वालों की लम्बी सूची मिल जायेगी परन्तु इस ओर से शासन-प्रशासन जानबूझकर अपनी आंखें बंद किये रहता है। कबाडी की दुकानों के नाम पर कचरा एकत्रित करके महानगरों तक के मुख्य मार्गों पर कब्जाधारियों को खुलेआम देखा जा सकता है। 

तीसरा यह कि सीना जोरी करने वालों को राजनैतिक दलों के अलावा कथित समाजसेवियों-बुध्दिजीवियों को खुला समर्थन मिलने से अतिक्रमणकारियों के हौसले निरंतर बुलंद होते जा रहे हैं। मानवीयता की आड में असंवैधानिक कृत्यों को अधिकार बताने वाले जहां स्वयं के नेतृत्व को स्थापित करने में लगे हैं वहीं दलगत नेता अपने आकाओं के इशारों पर इजाफा-ए-वोट का लक्ष्य साधने में जुटे हैं। ऐसे लोग कभी साम्प्रदायिकता के आधार पर वैमनुष्यता फैलाकर, फूट डालो-राज करो के सिध्दान्त की परिणति करते हैं तो कभी जातिगत मुद्दों पर हुंकार भरने लगते हैं। कुल मिलाकर वर्तमान में सीनाजोरी करने वालों को संरक्षण देने की होड मची है। किसी राज्य में चुनावी परिणाम आने वाले हैं तो किसी में निर्वाचन की आचार संहिता लगने वाली है। ऐसे में भावनात्मक बयार मेें वोट हथियाने के हथकण्डे नित नये रूप ले रहे हैं जो कि राष्ट्र हित में कदापि सुखद नहीं कहा जा सकता। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भर गया है भ्रष्टाचार का घड़ा, ईडी की चंगुल में आए आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रामगोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव और सन्नी अग्रवाल

 


ईडी की चंगुल में आए आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रामगोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव और सन्नी अग्रवाल


  • भूपेश के भय-भ्रष्टाचार-दमन के चक्र के कारण पूरी कांग्रेस पार्टी को होना पड़ा शर्मिंदा
  • ईडी के दायरे में राज्‍य के आला पुलिस अफसर!


भोपाल // विजया पाठक

छत्‍तीसगढ़ का कोल परिवहन खनन घोटाला अब काफी चर्चित होने लगा है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में 270 करोड़ की उगाही और इसकी बंदरबांट का लेखाजोखा पेश किया है इसमें 170 करोड़ रूपये सौम्‍या चौरसिया ने अपनी जेब में डाल लिये जबकि सूत्रों का कहना है कि 52 करोड़ रूपये से अधिक रूपये भूपेश बघेल के हाथ में पहुंचाये गए। यही नही 12 करोड़ रूपये से अधिक की रकम छत्‍तीसगड़ के पूर्व और वर्तमान विधायकों के अलावा अन्‍य नेताओं को उपलब्‍ध कराई गई थी। इतने बड़े घोटाले के बावजूद भी मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोपों के दायरे में आए अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत कोई प्रकरण दर्ज नही किया जबकि ईडी ने आरोपी अधिकारियों और कारोबारियों का पूरा ब्‍यौरा कोर्ट में प्रस्‍तुत किया है। बताते हैं कि ईडी आर्थिक अपराधों की जांच कर रही है वह सिर्फ मनी लांड्रिंग तक सीमित है, जबकि आरोपियों के अपराध आईपीसी की कई धाराओं के दायरे में है।

      आखिर जिसकी आशंका थी वही बात सच साबित हुई। दरअसल सौम्या चौरसिया पर प्रवर्तन निदेशालय ने जो दूसरी चार्टशीट प्रस्तुत की उसमें कांग्रेस में उपरोक्त नेताओं के नाम भी थे। ईडी के सूत्रों के मुताबिक अब उनकी नजर प्रदेश के आईपीएस लॉबी के अलावा उनके पुत्र का भी नाम है! पूछताछ में उनके पुत्र का नाम लिया गया है। ऐसे में कहना अतिश्योक्ति नहीं कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पापों का घड़ा भरता नजर आ रहा है। ईडी द्वारा हाल ही में पेश की गई चार्जशीट में शामिल बघेल और चौरसिया के करीबियों के नाम को देखने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भूपेश बघेल और सौम्या चौरसिया के लिए आने वाले दिनों में समस्या और बढ़ सकती है। एक तरफ प्रदेश में ईडी और आयकर विभाग की टीम सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। वहीं, दूसरी इस हफ्ते कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। 

ऐसे में राष्ट्रीय अधिवेशन से पू्र्व ही राज्य में बड़े उलटफेर की संभावनाएं बन रही हैं। बताया जा रहा है कि बघेल और चौरसिया के जिन करीबियों के नाम ईडी ने चार्जशीट में शामिल किये हैं उनमें कई ऐसे हैं जिनके पास बघेल और चौरसिया के भ्रष्टाचारों का पुलिंदा है। चार्जशीट में ईडी ने स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उपसचिव सौम्या चौरसिया के करीबियों के पास मौजूद दस्तावेज बघेल और चौरसिया के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा आरिफ शेख, अभिषेक माहेश्वरी, आनंद छाबरा, अभिषेक पल्लव, प्रशांत अग्रवाल, भोजराम पटेल और दीपांशु काबरा जैसे पुलिस महकमे के अधिकारियों की भी गिरफतारी की आशंका जताई जा रही है। जिन्‍होंने भूपेश सरकार में जमकर अपने पद का दुरूपयोग किया है और अपने पद के दुरूपयोग करते हुए आमजन के साथ-साथ मीडियाकर्मियों को काफी परेशान किया। इसके अलावा भूपेश के काले कारनामों में साथ दिया।

बघेल के करीबी आरपी सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेताओं की सक्रियता संदेह के घेरे में

इस बात से नेता, अफसर और जनता सभी अच्छी तरह से परिचित हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों में आरपी सिंह का नाम शीर्ष पर है। आरपी सिंह मुख्यमंत्री बघेल के सभी काले-पीले कारनामों का हिसाब रखते हैं और समय-समय पर बघेल के इशारे पर विपक्षी दलों पर बयानबाजी करते दिखाई देते हैं। कहने को तो आरपी सिंह पार्टी प्रवक्ता हैं, लेकिन जिस हिसाब से उनके ठाठ हैं उसको देखकर साफतौर पर कहा जा सकता है कि एक पार्टी प्रवक्ता इतना धनवान भला कैसे हो सकता है। पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर खासी चर्चा है। पार्टी कार्यकर्ताओं में आरपी सिंह द्वारा रायपुर के डीडी नगर इलाके में तैयार करवाई जा रही हवेली की चर्चा भी आम है। हर कोई इस बात को लेकर अचंभित हैं कि कभी रुपये-रुपये के लिए मोहताज आरपी सिंह अचानक अरबपति कैसे बन गया। चर्चा इस बात को लेकर भी है कि कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी और आरपी सिंह के बीच बड़ा आर्थिक लेन-देन हुआ है, जिसके बाद सिंह का बर्ताव ही बदल गया है।

रमन सरकार में अफसर ने लगाया था मानहानि का केस

बताया जाता है कि रमन सरकार के खिलाफ फालतू की बयानबाजी को लेकर आरपी सिंह पर रमन सिंह के प्रमुख सचिव अमन सिंह ने मानहानि का केस भी दर्ज किया था। उस समय आरपी सिंह टीएस सिंहदेव के पास हुआ करते थे। लेकिन बदलते समय के साथ ही आरपी सिंह ने पहले ही भाप लिया था कि आगामी सरकार में बघेल मुख्यमंत्री हो सकते हैं इसलिए उन्होंने तुरंत टीएस सिंह देव का पल्ला छोड़ भूपेश बघेल का पल्ला पकड़ लिया था। इसके बाद जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह और टीएस सिंहदेव के बीच संघर्ष छिड़ा तो उसकी नींव रखने वालों में भी आरपी सिंह का नाम बताया जाता है।

ईडी की चार्जशीट में आरपी सिंह पर दर्ज है 50 लाख रूपये

सूत्रों का कहना है कि ईडी द्वारा जारी की गई चार्जशीट में आरपी सिंह के नाम पर 50 लाख रुपये की राशि दर्ज है। यह राशि उन्होंने कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी से कोयला घोटाला करने के लिए ली थी। ईडी ने सौम्या चौरसिया के खिलाफ पेश की गई चार्जशीट में उन पन्नों का हवाला भी दिया है, जिसमें कई कांग्रेसी नेताओं को दी जाने वाली नगद रकम का हिसाब-किताब दर्ज है।

अफसरों की नियुक्तियां भी संदेह के घेरे में

भूपेश बघेल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। राज्य के भीतर भ्रष्टाचार इस तरह से चरम पर पहुंच चुका है कि अब उसके दायरे में आईएएस अफसर भी आ गये हैं। राज्य के भीतर इन दिनों इस बात को लेकर खासी चर्चा चल रही है कि बघेल सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय भ्रष्ट अफसरों को रिटायरमेंट के बाद भी नियुक्ति पर रख रही है। ताजा मामला रिटायर्ड निरंजन दास से जुड़ा है। निरंजन दास को बघेल के करीबी अफसरों में गिना जाता है। यही कारण है कि बघेल ने रिटायरमेंट के तुरंत बाद ही निरंजन दास को संविदा नियुक्ति देते हुए उन्हें कई प्रमुख विभागों का दायित्व सौंप दिया है। निरंजन दास को आबकारी विभाग में आबकारी आयुक्त बनाया गया है। जबकि देखा जाये तो निरंजन दास रिटायरमेंट के पहले से ही इस विभाग में डटे हुए थे और उन्होंने रमन सरकार के जाते और बघेल सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार का अंधाधुंध खेल मचाया है जिसकी आंच अब बघेल के मंत्रालय और मुख्यमंत्री निवास तक आने लगी है। निरंजन दास एक मात्र नाम है। राज्य में ऐसे कई भ्रष्ट अफसर हैं जिनका पुनर्वास बघेल सरकार के कार्यकाल में अपनी रोटियां सेंकने के लिए किया गया है।

      खैर भूपेश बघेल इसे बदले की कार्यवाही बोले पर 500 करोड़ के ऊपर की जब्ती और कार्टेल का जवाब किसी के पास नहीं है। शायद इसी के मद्देनजर उन्होंने प्रदेश में घोषित आपातकाल भी लगा कर रखा है ताकि मेरे जैसे लोगों को चुप कर सकें। अब इनके कदाचार के कारण ही कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन भूपेश के कारण शर्म में बदल जाएगा।

सोमवार, 30 जनवरी 2023

खेलो इंडिया घोटाला 2022 : राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों को धज्जियां उड़ाकर कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बनाया आर्चरी चयन कमेटी का सदस्य

राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों को धज्जियां उड़ाकर कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बनाया आर्चरी चयन कमेटी का सदस्य


 विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल पर मेहरबान है मध्य प्रदेश खेल विभाग

खबरों भेजने के लिए वाट्सएप्प पर संपर्क करें

विनय जी. डेविड  9893221036

भोपाल, मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की तैयारियां जोर शोर से चल रही है, आज शुरुआत भी हो गई, मध्य प्रदेश के संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग भोपाल द्वारा खेलो इंडिया यूथ गेम्स में खिलाड़ियों के चयन के लिए चयन समितियों का निर्माण भी कर लिया है, मध्य प्रदेश के आर्चरी बालक एवं बालिकाओं खिलाड़ी के चयन हेतु जो समिति बनाई गई है वे विवादों के घेरे में आ गई है।

यहां भारतीय खेल प्राधिकरण ( SAI ) भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय खेल निकाय द्वारा जारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खेल विभाग ने निर्धारित निर्धारित योग्यता से हटकर अयोग्य लोगों को लेकर कमेटी बना ली। जिस कमेटी पर अब प्रश्न खड़ा हो रहा है।

भारतीय खेल प्राधिकरण ( SAI ) ने खिलाड़ियों की चयन के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 समिति का गठन किए जाने के लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार को 10 दिसंबर 2022 को लिखित पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी की कमेटी का चयन करते समय किन नियमों का पालन किया जाए, पत्र में स्पष्ट था कि कमेटी में अध्यक्ष राज्य खेल विभाग का एक प्रतिनिधि एवं प्रथम सदस्य संबंधित स्पोर्ट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि एवं दूसरा सदस्य द्रोणाचार्य अवॉर्डी, अर्जुन अवॉर्डी या प्रख्यात एथलीट्स में से कोई एक होना चाहिए। परंतु इन नियमों को दरकिनार करते हुए.

साईं द्वारा जारी कमेटी के लिए नियम का पत्र दिनांक 10 दिसंबर 2022

मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सहायक संचालक के द्वारा 27 दिसंबर 2022 को खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 हेतु आर्चरी बालक एवं बालिका खिलाड़ियों के चयन ट्रायल बाबत एक चयन समिति तय की गई जिसमें आशीष पांडे जिला खेल अधिकारी जबलपुर को चेयरमैन एवं रिचपाल सलारिया को सदस्य एवं सुश्री मुस्कान किरार ख्याति प्राप्त खिलाड़ी को सदस्य बनाया गया एवं इनको निर्देशित किया गया कि मध्य प्रदेश आर्चरी बालक एवं बालिका वर्ग अंडर-18 का चयन किया जाना है इसके लिए 30 एवं 31 दिसंबर 2022 को रानीताल स्टेडियम जबलपुर में चयन ट्रायल कर चयन सूची प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए।

इसे भी पढ़ें : तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर, हाई कोर्ट ने खेल विभाग को नोटिस जारी किया, 4 सप्ताह में जवाब तलब

जानकार सूत्रों का कहना है कि बनाई गई समिति में राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन किया गया है एवं चयन में अध्यक्ष के रूप में जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे को लिया गया है वह खेल विभाग की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वही प्रथम सदस्य के रूप में रिचपाल सिंह सलारिया को ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक सदस्य बताते हुए कमेटी में लिया गया है, रिचपाल सलारिया ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक हो सकते हैं परंतु राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियम अनुसार किसी भी प्रकार की योग्यता प्राप्त नहीं किए हुए हैं इनकी नियुक्ति अवैधानिक है जिस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है, वही साईं के निर्देशानुसार प्रथम सदस्य संबंधित स्पोर्ट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि कमेटी में होना चाहिए एवं दूसरा सदस्य द्रोणाचार्य अवॉर्डी, अर्जुन अवॉर्डी या प्रख्यात एथलीट्स में से कोई एक होना चाहिए। परंतु खेल विभाग द्वारा इस चयन समिति में रिचपाल सिंह सलारिया को नियम विरुद्ध तरीके से शामिल कर लिया गया, दूसरे सदस्य के रूप में सुश्री मुस्कान किरार को समिति में शामिल किया गया है। जिसने तीरंदाजी में कई अवार्ड प्राप्त किए हैं।

संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश के सहायक संचालक द्वारा जारी चयन कमेटी का पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022

जानकार सूत्रों का मानना है तीरंदाजी खिलाड़ी चेन समिति के चयन में राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं, इस समिति में नियम विरुद्ध तरीके से रिछपाल सलारिया कोच को स्थान देकर भ्रष्टाचार किया गया है।

समिति द्वारा खिलाड़ियों के चयन में महा भ्रष्टाचार

जब समिति ही भ्रष्टाचार व्याप्त है तो चयन समिति द्वारा खिलाड़ियों के चयन में किस प्रकार की लापरवाही की गई होगी यह जगजाहिर। जबलपुर के रानीताल स्टेडियम में चयन समिति द्वारा 30 और 31 दिसंबर को खेल तीरंदाजी हेतु उम्मीदवार चयन किए गए उसमें भी खोर भ्रष्टाचार किया गया है।

इसे भी पढ़े : - राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों को धज्जियां उड़ाकर कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बनाया आर्चरी चयन कमेटी का सदस्य

चयन समिति ने चयनित खिलाड़ियों में समिति के रिश्तेदारों को चुना

तीरंदाजी एकेडमी में हुई तीरंदाजी समिति की चयन प्रक्रिया में तीरंदाजी चयन समिति की सदस्य मुस्कान किरार ने अपनी छोटी बहन सलोनी किरार को चयनित करवाया, वही तीरंदाजी एकेडमी रानीताल में निवासरत सहायक कोच अशोक यादव ने अपने रिश्तेदार भतीजे अमित कुमार यादव जो रानीताल तीरंदाजी एकेडमी निवास कर रहा है का चयन करवाया।

तीरंदाजी खिलाड़ियों के चयन में आमंत्रण नहीं दिया गया खिलाड़ियों को, मनमर्जी से हुआ निर्धारित खिलाड़ियों का चयन

विश्व सूत्रों की जानकारी के अनुसार 30 एवं 31 जनवरी को जो चयन खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए तीरंदाजी करने वाले खिलाड़ियों का चयन किया जाना था उसमें किसी भी प्रकार का नियम अनुसार चयन प्रक्रिया नहीं अपनाई गई अपनी मनमर्जी से जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे, तीरंदाजी एकेडमी के सलाहकार एवं कोच रिछपाल सिंह सलारिया एवं मुस्कान किरार ने मिलीभगत करते हुए पहले से तय खिलाड़ियों का चयन किया यहां प्रश्न यह उठता है कि इस चयन प्रक्रिया में कहां-कहां के तीरंदाज खिलाड़ी शामिल हुए क्या तीरंदाजी खिलाड़ियों को इस चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया।

चीफ टेक्निकल एडवाइजर कम कोच रिचपाल सिंह सलारिया द्वारा जारी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022

खिलाड़ी के चयन हेतु 27 जनवरी को सभी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को संबोधित करते हुए रिचपाल सलारिया कोच द्वारा सिलेक्शन ट्रायल के लिए आमंत्रण पत्र जारी किया गया, सिलेक्शन ट्रायल की डेट 30 एवं 31 दिसंबर 2022 रखी गई 3 दिवस में किस तरह पूरे मध्य प्रदेश के जिला खेल अधिकारी खेलो इंडिया में प्रतिभागी बनने के लिए खिलाड़ियों को चयन स्थल तक पहुंचा सके, इतनी कम समय सीमा में आखिर कैसे खिलाड़ी प्रतिभागीता कर सकता है यह भी गंभीर विषय है, वही विश्वस्त सूत्रों की जानकारी अनुसार रिचपाल सलारिया द्वारा तय किए गए छात्र-छात्राओं के लिए तय किए गए स्कोर पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया, वही कई ऐसी शर्त लागू कर दी गई कि तीरंदाजी खिलाड़ी खेलो इंडिया टूर्नामेंट में भाग ही ना ले सके।

कोच रिचपाल सिंह सलारिया

इस समिति के चयन में षड्यंत्र की बू आ रही है कि आखिर राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियमों को दरकिनार कर नियम के विरुद्ध रिचपाल सलारिया को चयन समिति में क्यों लिया, आखिर खेल विभाग की मंशा क्या है यह समझ के परे हैं, वही संबंधित खेल तीरंदाजी संघ के सदस्यों को क्यों नहीं चयनित किया गया। यहां गंभीर में सही है कि अगर नियम का पालन करते तो इनके चाहे गए खिलाड़ी आज खेलो इंडिया में प्रतिभागी नहीं बन पाते इन चयन समिति द्वारा जो खिलाड़ियों का चयन किया गया है वह भी नियम विरुद्ध कुछ लोगों के बीच में कर लिया गया।

इस विषय पर मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग एवं खेलो इंडिया के प्रभारी विकास खडारकर से +919826376133 संपर्क करने की कोशिश की गई परंतु उनसे संपर्क नहीं हो सका।

इस खबर से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप मध्यप्रदेश तीरंदाजी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री गिरजा शंकर शर्मा जी से +919425041114 संपर्क करके प्राप्त कर सकते हैं.

खबर कि प्रमाण के लिए

  1. साईं द्वारा जारी कमेटी के लिए नियम का पत्र दिनांक 10 दिसंबर 2022
  2. संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश के सहायक संचालक द्वारा जारी चयन कमेटी का पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022
  3. चीफ टेक्निकल एडवाइजर कम कोच रिचपाल सिंह सलारिया द्वारा जारी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022
  • जनहित में खबर का प्रकाशन अवश्य करें, ताकि खिलाड़ियों के साथ अन्याय ना हो, न्याय जरूर मिले *

गुरुवार, 19 जनवरी 2023

ईसाई समाज का नटवरलाल पूर्व बिशप पी सी सिंह को 120 दिन की जेल के बाद दी सशर्त जमानत, देशभर में दर्ज हैं 100 से ज्यादा मामले


ईसाई समाज का नटवरलाल पूर्व बिशप पी सी सिंह को 120 दिन की जेल के बाद दी सशर्त जमानत, देशभर में दर्ज हैं 100 से ज्यादा मामले


खबरों भेजने के लिए वाट्सएप्प पर संपर्क करें

विनय जी. डेविड  9893221036


120 दिन की जेल के बाद जबलपुर (Jabalpur) के पूर्व बिशप को बेल मिल गई है.मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) ने पूर्व बिशप पीसी सिंह (P.C Singh) को इस आधार पर बेल दी है कि वह अपना पासपोर्ट (Passport) जमा करें और इस दौरान किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश ना करें. साक्ष्य व सबूतों से छेड़छाड़ न करने की शर्त भी कोर्ट ने रखी है. यहां बता दें कि पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ देश भर में 80 मामले दर्ज है.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे (Nandita Dubey) की बेंच ने मंगलवार को 10 लाख के मुचलके और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर पीसी सिंह को जमानत का लाभ दे दिया. कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने चालान पेश कर दिया है. आरोपी के सभी बैंक अकाउंट सीज हो गए हैं और उसे सभी पदों से हटा दिया गया है. इसलिए अब जमानत दी जा सकती है. कोर्ट ने पीसी सिंह से यह भी कहा कि वे ट्रायल में पूरा सहयोग करेंगे. किसी भी गवाह पर दबाव नहीं डालेंगे और न ही साक्ष्य व सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे.

फर्जीवाड़ा समेत बिशप पर ये आरोप

यहां बता दें कि पूर्व बिशप पीसी सिंह पर मिशनरियों की शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग व मिशन की संपत्ति में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है.आवेदक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने दलील दी कि पी सी सिंह पिछले चार माह से न्यायिक अभिरक्षा में है. उसके विरुद्ध चालान भी पेश हो चुका है. इसके अलावा उसकी आयु व शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए जमानत
अर्जी मंजूर कर ली जाए. वहीं, राज्य शासन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया. सरकार की ओर से दलील दी गई कि मामला गंभीर प्रकृति का है.

बिशप के पास 10 FD समेत 174 बैंक खाते

गौरतलब है कि इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की टीम ने 8 सितम्बर 2022 को पूर्व बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय व घर पर दबिश दी थी. इस दौरान 80 लाख का सोना, 1.65 करोड़ रुपए नकद, 48 बैंक खाते, 18 हजार 352 यूएस डालर, 118 पाउंड, 9 लग्जरी गाड़ियां तथा 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. छापे के दौरान पीसी सिंह देश के बाहर थे. ईओडब्ल्यू ने उसे नागपुर एयरपोर्ट से 12 सितम्बर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. ईओडब्ल्यू द्वारा उसे 4 दिन की रिमांड पर लिए जाने के दौरान उसने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी. पूर्व बिशप ने मिशन कंपाउंड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी. आरोप है कि उसने बिशप रहते हुए जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वयं खरीद ली.

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

स्वर्ण पदक विजेता से अवैध संबंध पर बबाल : नेशनल तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह छात्रा संग अय्याशी में डूबा, बिखरा परिवार

  

नेशनल तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह की पीड़ित पत्नी मोहिनी सलारिया
 

ANI NEWS INDIA // विनय जी. डेविड 9893221036

भोपाल : तीरंदाजी के राष्ट्रीय कोच रिछपाल सिंह सलारिया को रानीताल स्पोर्ट्स क्लब स्टेडियम में अपनी पत्नी के साथ ना सिर्फ स्वयं मारपीट की बल्कि अपने छात्राओं से भी मारपीट करवाई. इस दौरान मौके पर मौजूद मीडिया से भी कोच और उनके छात्राओं ने अभद्रता करने की कोशिश की, स्पोर्ट्स क्लब में काफी देर तक हुए हाईप्रोफाइल हंगामे के बाद मौके पर पहुंची लार्डगंज थाना पुलिस ने महिला को शिकायत दर्ज करवाने के लिए उसे अपने साथ ले आई.परन्तु प्रकरण दर्ज करने में सेटिंग कर ली. 

पत्नी ने कोच पति पर लगाए संगीन आरोप

कोच पत्नी आज शाम जम्मू से अचानक जबलपुर आई और सीधे वह रानीताल स्पोर्ट्स क्लब में जाकर अपने पति से मिलने पहुंच गई. महिला के पति ने उससे बात करने की वजह मारपीट करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं मौके पर मौजूद इस खबर को कवर कर ही मीडिया से भी कोच और उसकी छात्राओं ने अभद्रता की. कोच की पत्नी का आरोप है कि उसके पति का आर्चरी की छात्रा के मुस्कान किरार के साथ  नाज़ायज संबंध है. इतना ही नहीं महिला ने यह भी कहा कि उसने दिल्ली में दोनों को रंगे हाथों पकड़ा था.

रिचपाल कोच का एक दिव्यांग बेटा, बेटी माँ मोहिनी सलारिया के साथ

रिचपाल कोच का एक दिव्यांग बेटा, बेटी भी स्कूल नहीं जाती, बच्चों की नहीं करता देख-रेख

तीरंदाजी कोच रिछपाल की पत्नी ने बताया कि उसका एक दिव्यांग बेटा है, जो कि हमेशा बीमार रहता है. लेकिन उनके पति ना ही कभी अपने बेटे पर ध्यान देते हैं और बेटी भी स्कूल भी नहीं जाती है,  बच्चों की नहीं करता देख-रेख ही नहीं करता, महिला का यह भी आरोप था कि उसका पति जबरन उसे तलाक देना चाहता है, जबकि जम्मू कोर्ट में केस चल रहा है. कोर्ट ने ही जो खर्चा राशि तय की है वह भी समय से नहीं देता।

mohini salariya Richpal Singh (Twitter @RichpalSingh01 ) with family
https://twitter.com/richpalsingh01


हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस, रिचपाल पर एफ आई आर दर्ज 

रानीताल स्पोर्ट्स क्लब में हुए इस हाईप्रोफाइल हंगामे में जमकर विवाद हुआ. इधर विवाद की सूचना मिलते ही लार्डगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और महिला की शिकायत दर्ज कराने को लेकर थाने ले गई. इस पूरी घटना को अंजाम देने के बाद कोच मौके से फरार हो गए और रिचपाल पर एफ आई आर दर्ज कर ली है परन्तु एक माह बीत जाने के बाद भी कोच को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी, फरार कोच जबलपुर में ही मस्ती मार रहा है, रानीताल स्टेडियम में इसका आजा जाना चालू है।

नेशनल तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह और मुस्कान किरार भारतीय तीरंदाज

संचालनालय खेल भोपाल के आला अधिकारियों भी मोन, पीड़ित पत्नी से नहीं मिलना चाहते संचालक पवन जैन 

मोहनी की जहां तक बात है वह संचालनालय खेल भोपाल के आला अधिकारियों से करीब ढाई साल से अपने पति के कृत्यों के साथ स्वयं का परिवार टूटने से बचाने की गुहार लगा रही है लेकिन उसे आश्वासन मिलने के अलावा कुछ भी नसीब नहीं हुआ। अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते प्रशिक्षक का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया कि उसने पत्नी से छुटकारा पाने के लिए जम्मू की अदालत में वाद भी दायर कर दिया। इतना ही नहीं उसने खेल अधिकारियों को झूठे शपथ-पत्र से भ्रमित कर मामले को रफा-दफा करने की भी नापाक कोशिश की। संचालनालय खेल भोपाल के आला अधिकारियों भी मोन है पीड़ित पत्नी से नहीं मिलना चाहते संचालक पवन जैन, विभाग में चल रही ऐय्याशी पर इनको कुछ सुनना पसंद नहीं। 

मुस्कान किरार खिलाड़ी और प्रशिक्षक रिचपाल सिंह पर अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए शिविर से बाहर किया था, तीन दिन गायब था ये जोड़ा
 

मुस्कान किरार खिलाड़ी और प्रशिक्षक  रिचपाल सिंह पर अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए शिविर से बाहर किया था, तीन दिन गायब था ये जोड़ा 

पिछले साल प्रशिक्षक और उसकी शिष्या को भारतीय खेल प्राधिकरण के रोहतक (हरियाणा) केन्द्र में लगे जूनियर नेशनल कैम्प से एक साथ 21 से 24 जुलाई, 2019 तक गायब रहने की भी खूब चर्चा रही। तब साई ने इस वाकये के सिलसिले में शिविर से सम्बन्धित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद फैसला किया गया कि खिलाड़ी और प्रशिक्षक पर अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए शिविर से बाहर कर दिया जाए। साई ने तीरंदाज और प्रशिक्षक को भेजे गए पत्र में लिखा था कि नेशनल कैम्प में अनुशासन का ध्यान रखना सबसे अहम है और सक्षम अधिकारियों ने इसे गम्भीरता से देखा जिससे अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत आपका नाम मौजूदा नेशनल कैम्प से तुरंत प्रभाव से हटाया जाता है। एक साल पूर्व के इस मामले से खेल विभाग के साथ ही जबलपुर का हर सदस्य वाकिफ है लेकिन मोहनी सलारिया की मदद करने की बजाय उसे फुटबाल बना दिया गया। इसे दुर्भाग्य कहें या कुछ और जिस प्रशिक्षक का मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी से चार साल का अनुबंध 28 फरवरी, 2020 को ही समाप्त हो चुका है, उसका नाम विभाग द्वारा द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है।

Archer Muskan Kirar
 

कौन है मुस्कान किरार मुस्कान किरार 

मुस्कान किरार एक भारतीय तीरंदाज है।  28 अगस्त 2018 को इंडोनेशिया में हुए महिलाओं के तीरंदाजी कंपाउंट इवेंट में सिल्वर मेडल लाने वाली भारतीय टीम का वो हिस्सा रहीं। मुस्कान मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने हाल ही में बैंकाक में हुए महिला कंपाउंड - तीरंदाजी एशिया कप में स्वर्ण पदक भी जीता। 

Archer Muskan Kirar
 
भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए चैम्पियनशिप के कम्पाउण्ड स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में मुस्कान किरार ने 139 अंक प्राप्त किए और मलेशिया की खिलाड़ी को हराकर स्वर्ण पदक अर्जित किया। मुस्कान किरार 2016 से मध्यप्रदेश में तीरंदाजी का प्रशिक्षण ले रही हैं तथा रिछपाल सिंह सलारिया उनके कोच हैं।

मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

सरकार और किसानों के बीच नहीं बनी सहमति, 3 दिसंबर को फिर होगी बातचीत, जारी रहेगा प्रदर्शन

सरकार और किसानों के बीच नहीं बनी सहमति, 3 दिसंबर को फिर होगी बातचीत, जारी रहेगा प्रदर्शन

TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में जमे किसानों और सरकार के तीन मंत्रियों के बीच करीब साढ़े तीन घंटे तक बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया।

मंगलवार को विज्ञानभवन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित तीन मंत्रियों और किसान संगठनों के 30 से अधिक प्रतिनिधियों में मंथन के बाद केवल इतना तय हो पया है कि 3 दिसंबर को दोनों पक्षों में फिर बातचीत होगी। किसान नेताओं ने यह भी साफ कर दिया है कि धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। सरकार ने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने की पेशकश की है। 

सूत्रों ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों के साथ सरकार की तरफ से रखे गए इस प्रस्ताव का जवाब किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की ओर से नहीं आया है। लेकिन वे सभी किसान प्रतिनिधि नए तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर एकमत हैं। किसान प्रतिनिधियों की राय में ये कानून कृषक समुदाय के हित के खिलाफ हैं।

किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक अच्छी रही और हमने फैसला लिया है कि फिर से 3 दिसंबर को बातचीत होगी। उन्होंने कहा, ''हम चाहते थे कि एक छोटा सा समूह बनाया जाए, लेकिन किसान नेता चाहते हैं कि सभी से बातचीत हो। हमें इससे कोई समस्या नहीं है।'' बीकेयू (एकता उगराहां) अध्यक्ष जोगिंद्र सिंह उगराहां ने कहा कि सरकार की प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ बातचीत बेनतीजा रही है।

केंद्रीय मंत्रियों और 30 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक के बीच सरकार ने विश्वास जताया कि वह आंदोलनकारी किसानों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के बाद किसी समाधान पर पहुंचेगी। विज्ञान भवन में बैठक के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेल और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश, जो पंजाब के एक सांसद भी हैं, भी मौजूद थे।

बैठक से कुछ घंटे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नरेन्द्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन पर लंबी चर्चा की। शुक्रवार को हुई हिंसा की घटना के बाद किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और अधिकतम पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा सिंघू और टिकरी सीमाओं पर शांतिपूर्ण धरना जारी रहा। सोमवार को गाजीपुर की सीमा पर प्रदर्शनकारियों का हुजूम जुट गया था।

विपक्षी दलों ने भी अपना दबाव बढ़ा दिया है और केंद्र सरकार से किसानों के ''लोकतांत्रिक संघर्ष का सम्मान करने और नये कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए कहा है।'' किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों की वजह से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जायेगी जिससे किसान बड़े निगमित घरानों (कॉरपोरेट्स) की 'दया के मोहताज' हो जाएंगे। सरकार निरंतर यह कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और कृषि में नई प्रौद्योगिकियों का समावेश बढ़ेगा।

सोमवार, 23 नवंबर 2020

यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम ने मांगी जमानत, बोला- 80 साल का वृद्ध हूं, कोर्ट ने याचिका पर किया यह निर्णय

यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम ने मांगी जमानत, बोला- 80 साल का वृद्ध हूं, कोर्ट ने याचिका पर किया यह निर्णय 

TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए जोधपुर कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है।

जनवरी के तीसरे हफ्ते में आसाराम की अर्जी पर सुनवाई होगी। कोर्ट में सुनवाई के लिए आसाराम ने अपनी उम्र की दलील दी।

जस्टिस संदीप मेहता और रामेश्वरलाल व्यास की पीठ ने आसाराम की याचिका स्वीकार कर ली है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आसाराम ने कहा कि वह 80 साल के वृद्ध हैं और 2013 से जेल में है। आसाराम ने अदालत से कहा कि उसकी अपील पर जल्द सुनवाई की जाए। आसाराम के आवेदन को वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी और प्रदीप चौधरी ने प्रस्तुत किया।

देश में हर दिन बढ़ रहे कोरोना के मामले, दिल्ली में 24 घंटे में 4,454 नए केस- 121 लोगों की मौत

देश में हर दिन बढ़ रहे कोरोना के मामले, दिल्ली में 24 घंटे में 4,454 नए केस- 121 लोगों की मौत


TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

देश में हर दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे है. दिल्ली में हालात इतने खराब हैं, कि हर दिन मामलों में तेजी देखी जा रही है. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 4,454 नए मामले सामने सामने आए हैं. वहीं संक्रमण से एक दिन में 121 लोगों की मौत हो गई. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 7,216 लोग ठीक होकर अस्पताल से घर वापस लौट चुके हैं.

दिल्ली में फिलहाल कोरोना के 37,329 एक्टिव मामले हैं, जिलके साथ कोरोना के 5,34,317 कुल मामले हो चुके हैं, वहीं वायरस संक्रमण से अबतक 8,512 लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 4,88,476 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं.

दिल्ली में नहीं थम रहे कोरोना के मामले

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 2,067 नए मामले सामने आए है, जिसके साथ कुल मरीजों की तादाद 5,28,833 हो गई है, वहीं एक दिन में 23 मौतों के साथ मरने वालों का कुल आंकड़ा 7,582 हो गया है. पूरे राज्य में 4,97,475 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं. राज्य में कुल 32,776 एक्टिव मामले हैं.

यूपी में कोरोना से एक दिन में 23 मौतें

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य है. रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के 4,153 नए मामलों के साथ ही राज्य में कुल मरीजों का आंकड़ा 17,84,361 हो गया है, वहीं एक दिन में 30 मौतों के साथ कुल 46,653 मौतें हुई हैं. राज्य में कोरोना संक्रमण से एक दिन में 3,729 मरीजों के डिस्चार्ज होने के साथ ही वाले ठीक होने वाले कुल मरीजों की संख्या 16,54, 793 हो गई है. महाराष्ट्र में फिलहाल 81,902 सक्रिय मामले हैं.

कोरोना से 16,54,793 लोगों ने जीती जंग

प. बंगाल में कोरोना के 3,557 नए मामले सामने आने के साथ ही, कुल मामले 4,59,918 हो गए हैं, वहीं 3,687 लोगों के डिस्चार्ज होने के साथ ही ठीक होने वाले कुल मरीजं का आंकड़ा 4,26,816 हो गया है. वहीं राज्य में 47 मौतों के साथ ही कुल 8,072 हो गई है. वहीं राज्य में फिलहाल कुल 25,030 एक्टिव मामले हैं.

रविवार, 22 नवंबर 2020

नशेड़ी भारती सिंह व पति हर्ष लिम्बाचिया को अदालत ने 4 दिसंबर तक भेजा जेल


भारती सिंह व पति हर्ष लिम्बाचिया को अदालत ने 4 दिसंबर तक भेजा जेल

TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

मुंबई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने रविवार को कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया को अदालत में पेश किया। अदालत ने दंपती को चार दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। भारती और हर्ष के घर से एनसीबी ने छापेमारी में गांजा बरामद किया था। ताजा जानकारी के अनुसार अब दोनों एस्प्लेनेड कोर्ट से बाहर निकल चुके हैं।

एनसीबी की टीम ने 15 घंटों की कड़ी पूछताछ के बाद भारती के पति हर्ष लिम्बाचिया को रविवार सुबह गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी ने छापेमारी के बाद भारती को शनिवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। दूसरी तरफ, दंपती ने कोर्ट में जमानत की अर्जी दायर की है। उनकी अर्जी पर कल सोमवार को सुनवाई होगी।

इससे पहले, रविवार को कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया को मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया। जांच एजेंसी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने बताया कि उनके खिलाफ ड्रग्स के उपभोग के आरोप लगाए गए हैं। 

भारती सिंह व पति हर्ष लिम्बाचिया को अदालत ने 4 दिसंबर तक भेजा जेल


इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा है कि ये लोग नशेड़ी हैं, जिन्हें जेल ना भेजकर रिहैब (पुनर्वसन) भेजना चाहिए। नवाब मलिक ने कहा, 'एनसीबी उन लोगों को गिरफ्तार कर रही है जो ड्रग्स का सेवन करते हैं। वे नशेड़ी हैं जिन्हें पुनर्वसन के लिए भेजा जाना चाहिए, जेल नहीं। एनसीबी का कर्तव्य ड्रग तस्करों को ट्रैक करना है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। क्या एनसीबी फिल्म उद्योग से मादक पदार्थों की गिरफ्तारी करके उनकी रक्षा कर रही है?'

एनसीबी ने भारती सिंह के प्रोडक्शन ऑफिस और घर पर छापा मारा था। इस दौरान जांच एजेंसी को 86.5 ग्राम गांजा बरामद हुआ। इसके बाद एनसीबी ने भारती सिंह को गिरफ्तार कर लिया था और उनके पति हर्ष को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। दंपती ने गांजा सेवन की बात स्वीकार कर ली है। 

एक विज्ञप्ति में जांच एजेंसी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के नेतृत्व में एक टीम ने विशेष जानकारी के आधार पर भारती सिंह के अंधेरी में लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स स्थित आवास की तलाशी ली। उनके घर से 86.5 ग्राम गांजा बरामद किया गया है। बयान में कहा कि भारती और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया दोनों ने गांजे का सेवन करना स्वीकार किया। भारती सिंह को मादक पदार्थ संबंधी कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। 

शनिवार, 21 नवंबर 2020

Canara Bank SO Recruitment 2020: कैनरा बैंक में स्पेशल ऑफिसर के पदों पर निकली वैकेंसी, जल्द करें अप्लाई

 

Canara Bank SO Recruitment 2020: कैनरा बैंक में स्पेशल ऑफिसर के पदों पर निकली वैकेंसी, जल्द करें अप्लाई

TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

Canara Bank SO Recruitment 2020: अगर आप बैंक में नौकरी (Bank Jobs) करने का सपना देख रहे हैं तो आपके लिए ये शानदार मौका हो सकता है. दरअसल, कैनरा बैंक (Canara Bank) ने स्पेशल ऑफिसर (Special Bank) के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं. आवेदन प्रक्रिया 25 नवंबर 2020 से शुरु होगी. इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने की आखिरी तारीख 13 दिसंबर 2020 है.

संस्था का नाम- कैनरा बैंक (Canara Bank)

पद नाम- स्पेशल ऑफिसर (बैकअप एडमिनिस्ट्रेटर, बीआई स्पेशलिस्ट, एंटी वायरस एडमिनिस्ट्रेटर, नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर, डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर,)

शैक्षणिक योग्यता- सभी पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग है. अधिक जानकारी के लिए विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन देखें.

Indian Army Recruitment 2020: भारतीय सेना में शामिल होने का शानदार मौका, ये है शैक्षिक योग्यता

आयु सीमा- सभी पदों के लिए आयु सीमा भी अलग-अलग है. इनमें कुछ पदों के लिए उम्मीदवार की आयु कम से कम 20 साल और अधिकतम 30 साल होनी चाहिए. वहीं कुछ पदों के लिए उम्मीदवार की आयु कम से कम 22 और अधिकतम 35 साल होनी चाहिए.

बिहार मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड में निकली बंपर वैकेंसी, जल्द करें अप्लाई

आवेदन शुल्क- सामान्य और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को 600 रुपये आवेदन शुल्क देना होगा. वहीं अन्य सभी वर्ग के उम्मीदवारों को 100 रुपये आवेदन शुल्क देना होगा.

पदों की संख्या- पदों की कुल संख्या 220 है.

यहां निकली जूनियर असिस्टेंट के पदों पर वैकेंसी, स्नातक उम्मीदवार करें अप्लाई

IAF Recruitment 2020: भारतीय वायु सेना में इन पदों पर निकली बंपर वैकेंसी, 12वीं पास करें अप्लाई

महत्वपूर्ण तिथियां-

आवेदन शुरु होने की तिथि- 25 नवंबर 2020

आवेदन करने की आखिरी तिथि- 13 दिसंबर 2020

कैसें करें आवेदन- इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर आवेदन कर सकते हैं.

बुधवार, 4 नवंबर 2020

रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने किया गिरफ़्तार


TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

अर्णब गोस्वामी को महाराष्ट्र सीआईडी ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की मौत की जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया है। नाईक की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप

खुद अर्णब ने आरोप लगाया है कि मुम्बई पुलिस ने उनसे मारपीट की है।

ये स्पष्ट हो चुका है कि मुंबई पुलिस ने अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया है। पत्रकारिता के हर नियम की धज्जियां उड़ाने वाले अर्णब गोस्वामी का चैनल अब बाकी पत्रकारों से उम्मीद कर रहा है कि वे गिरफ्तारी का विरोध करें। जो न्यूज़ चैनल खुद हर तरह की सलाह, नियंत्रण, संगठन से बाहर रहता हो और केंद्रीय सत्ता का मोहरा-भोंपू बनकर एकपक्षीय पत्रकारिता करता हो, वह अब किस मुंह से दूसरे संपादकों-पत्रकारों से मदद चाहता है।

अर्णब के अरेस्ट हो जाने के बाद उनके चैनल रिपब्लिक भारत पर बस यही न्यूज़ चलाई जा रही है। रिपब्लिक टीवी का रिपोर्टर लगातार लाइव कवरेज दे रहा है और पुलिस टीम से भिड़ंत की मुद्रा में है।

पुलिस वालों ने रिपोर्टर को चेतावनी भी दी लेकिन रिपोर्टर ने टका सा जवाब दे दिया कि वह अपनी ड्यूटी कर रहा है।

नाईक की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप

अर्नब गोस्वामी के Republic , News Studio को बनाने वाली निर्माण कम्पनी को 5करोड़ 40 लाख के पेमेंट नही होने की वजह से , उन पर कर्जदारों का भार आ गया और कई बार अर्नब से अपने हक का पैसा मांगने पर भी जब नही दिया गया तो उन्होंने आत्महत्या कर ली , जिसका जिम्मेदार अर्नब है ।

शनिवार, 24 अक्तूबर 2020

मुंबई पुलिस की रिपब्लिक चैनल मिडिया के 1000 पत्रकारों के खिलाफ पर FIR दर्ज करने के खिलाफ पत्रकारों का आंदोलन पूरे देश में शुरू 

मुंबई पुलिस की रिपब्लिक चैनल मिडिया के 1000 पत्रकारों के खिलाफ पर FIR दर्ज करने के खिलाफ पत्रकारों का आंदोलन पूरे देश में शुरू 

TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036

भोपाल । "भारतीय इतिहास में पहली बार, किसी TV नेटवर्क के प्रत्येक संपादकीय कर्मचारियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के 1000 कर्मचारियों को मुंबई पुलिस द्वारा किया गया है। 

मुंबई पुलिस को कथित रूप से बदनाम करने के आरोप में शुक्रवार (अक्टूबर 23, 2020) को समाचार चैनल Republic TV के 4 पत्रकारों समेत चैनल के लगभग सभी मीडियाकर्मियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। Republic TV मीडिया नेटवर्क ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इतिहास में पहली बार किसी न्यूज़ चैनल के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हुई है।

वहीं, रिपब्लिक चैनल का कहना है कि चैनल की पूरी एडिटोरियल टीम के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जिसका मतलब है कि करीब 1000 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। रिपब्लिक टीवी ने इसे ‘मीडिया अधिकारों पर हमला’ करार दिया और कहा कि चैनल बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई के खिलाफ हर ‘मजबूत रणनीति’ से लड़ेगा, मुंबई पुलिस आयुक्त संविधान और कानून से ऊपर नहीं है।

FIR on 1000 journalists from Republic ANI NEWS 01
FIR on 1000 journalists from Republic

अचरज का विषय है कि हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता खतरे में है और किसी टीवी चैनल के पूरे के पूरे स्टाफ पत्रकारों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जा रही है देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन " आइसना" ने पत्रकारों खिलाफ हुए इसे मुकदमे जो षडयंत्र पूर्वक दर्ज किए जा रहे हैं उनके खिलाफ आवाज बुलंद की है मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विनय जी. डेविड ने 1000 पत्रकारों खिलाफ की गई FIR. के खिलाफ और लगाई गई धाराएं जो अंग्रेजों की प्रताड़ना को प्रदर्शित करती है घोर निंदा करते हुए इस तरह की कार्रवाई को रोके जाने और मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला जो किया जा रहा है उसे तुरंत रोका जाए अगर इस तरह की कार्रवाई नहीं रोकी जाती है तो मध्यप्रदेश के 3000 पत्रकारों के साथ रिपब्लिक टीवी और उनके साथ मीडियाकर्मी पत्रकारों जिनके भी खिलाफ इस तरह की षडयंत्रपूर्वक कार्रवाई की जा रही है के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी।

"ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन " आइसना" मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विनय जी. डेविड ने इस घटना की निंदा करते हुए कहां की खबरों से संबंधित प्रबंधन के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई होना चाहिए ना कि षड्यंत्र करते हुए पत्रकारों के साथ तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसी सरकार को मीडिया संस्थानो के खिलाफ ऐसी किसी भी बदले की भावनाओं से किसी भी कार्रवाई का करना उचित नहीं है. महाराष्ट्र मुंबई पुलिस में होने वाली इस तरह की कार्रवाई और पत्रकारिता जगत पर दबाव डालने का षड्यंत्र नहीं रुका तो पूरे देश में पत्रकार संगठन "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन " आइसना" ऐसी कार्रवाई करने वाली व्यवस्थाओं के खिलाफ आंदोलित होगा.

विनय जी. डेविड, मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन " आइसना" से  सम्पर्क ( 9893221036 ) कर सकते है। 

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020

प्रदेश सड़क सुरक्षा के संबंध में की गयी कार्यवाही में 5082 वाहन चालकों के लायसेंस निलंबित

प्रदेश सड़क सुरक्षा के संबंध में की गयी कार्यवाही में 5082 वाहन चालकों के लायसेंस निलंबित


TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036

भोपाल : माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ़्टी द्वारा 19 अक्टूबर, 2020 को आयोजित की गयी वर्चुअल मीटिंग में प्राप्त निर्देशों के अनुसार परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में  सड़क सुरक्षा के संबंध में की गयी कार्यवाही से कमेटी को अवगत कराया गया।
परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2020 में  दोपहिया वाहन चालकों के 2976 लायसेंस एवं चार पहिया वाहन चालकों के 2106 लायसेंस इस तरह कुल  5082 वाहन चालकों के लायसेंस निलंबित किये गये हैं।   
परिवहन विभाग द्वारा आगामी समय में सभी ज़िलों में ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर स्थापित, आटोमैटिक वाहन फ़िटनेस टेस्टिंग सेंटर एवं व्हीकल लोकेशन डिवाइस स्थापित करने की कार्य योजना प्रस्तुत की गई। मान. कमेटी को वर्ष 2019 में जारी की गयी 'स्कूल बस पॉलिसी' के संबंध में अवगत कराया गया। 
परिवहन विभाग द्वारा बताया गया कि मान. कमेटी द्वारा दिये गये निर्देशों पर व्यवसायिक वाहनों - स्कूल बसों की गति नियंत्रित हेतु परिपत्र जारी किया तथा समस्त प्रदेश में मानक स्तर के गति नियंत्रक लगाकर कमेटी के आदेश का पालन कराया गया।

CCH ADD

CCH ADD

सुपरहिट न्यूज़

लोकप्रिय पोस्ट

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 15 मई 2018 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )