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सोमवार, 27 जनवरी 2020

आदित्य बिड़ला की महान एल्युमिनियम प्लांट (हिंडाल्को) बरगवां (सिंगरौली) द्वारा मौखिक आश्वासन के बाद आंदोलन कराया गया समाप्त या गंभीर षणयंत्र

आदित्य बिड़ला की महान एल्युमिनियम प्लांट (हिंडाल्को) बरगवां (सिंगरौली) द्वारा मौखिक आश्वासन के बाद आंदोलन कराया गया समाप्त या गंभीर षणयंत्र

TOC NEWS @ www.tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली  // नीरज गुप्ता  7771822877 
सिंगरौली. आखिर कार एक बार फिर यह साबित हो ही गया कि ईस्ट इंडिया कम्पनी की नीति से देश वासियों पर राज किया जाना आसान हैं | जिसे चरितार्थ किया गया बरगवां विस्थापितों के विरुद्ध | जिस प्रकार से हिंडाल्को विस्थापितों द्वारा किये जा रहे भूख हड़ताल को सरे आम रौंदा गया हैं | 
उससे यह तो साबित होता नजर आ रहा हैं कि हम कम से कम एक बार और किसी न किसी ईस्ट इंडिया कम्पनी की नीति पर चलने वाली कम्पनी के गुलाम आवश्य ही होंगे | जिसका आगाज आज मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला के बरगवां स्थित हिंडाल्को द्वारा किया जा चुका है | जिसके मुख दर्शन स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन व हमारी ही दोनों राज्य व केंद्र सरकारें ही हैं | बड़े बुजुर्ग का यह कहना कि इतिहास एक बार पुनः जरूर दोहराता ही हैं | यह साबित होने की एक छोटी सी पहल कहना कही से गलत न होगा | 

एक बार फिर आश्वासन का हुआ खेल 

गौरतलब है कि जिस प्रकार हिंडाल्को विस्थापितों द्वारा किये जा रहे भूख हड़ताल को मात्र मौखिक आश्वासन के साथ समाप्त करवाने में सफलता प्राप्त किया गया | जिससे यह तो तय माना जा रहा कि एक बार फिर आश्वासन की जीत हुआ हैं | और विस्थापितों की हार | आखिर इसका जिम्मेदार कौन, कौन बताएगा ???? 

क्या हिंडाल्को प्रबंधक विस्थापितों की समस्याये निपटायेगा या होगा एक और गंदा खेल

आश्वासन पे आश्वासन के बीच यह सवाल का उठना लाजमी होता दिख रहा हैं कि क्या हिंडाल्को प्रबंधक विस्थापितों की समस्याये निपटा पायेगा या यह खेल निरंतर जारी रहने के आसार लगातार होता रहेगा | क्योंकि जिस प्रकार आज हिंडाल्को प्रबंधक व जिला प्रशासन द्वारा मात्र मौखिक आश्वासन के साथ विस्थापितों के साथ खेला गया गंदा खेल से यह तो साफ हैं कि हिंडाल्को अभी भी विस्थापितों की मांगों को पूरा करने के मूड़ में नही हैं | फिर यह आश्वासन किस काम का यह कौन बताएगा ???

क्या प्रशासन, जनप्रतिनिधि विस्थापितों का हक दिलापाएंगे या फिर होगा कई और आश्वासन

जिस प्रकार उक्त भूख हड़ताल को मात्र मौखिक आश्वासन के साथ डरा-धमका कर समाप्त करने में सफलता प्राप्त किया गया हैं | इससे यह सवाल उत्पन्य जरूर होता नजर आ रहा हैं कि क्या जिला प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि विस्थापितों को न्याय दिला पाएंगे या कई और आश्वासन दिलाने में होंगे सफल यह कौन बतायेगा???

आखिर किस कमी से एक और आश्वासन के साथ समाप्त हुआ विस्थापितों का भूख हड़ताल 

स्थानीय विस्थापितों की माने तो अनुभव की कमी व खुद की राजनीति चमकाने में कई बार कोशिश करने में लगे रहे नारायण दास विश्वकर्मा द्वारा उक्त भूख हड़ताल के माध्यम से विस्थापितों का बनाया गया एक भद्दा मजाक, जिसका जीता जागता सबूत यह हैं कि खुद की राजनीति रोटी सेंकने दिनांक 26/01/2020 को शाम से ही स्थानीय विस्थापितों को बहकाने / भड़काने व्हाट्सएप पर एक संदेश वायरल कर दिया गया | जिसमें यह बताया गया कि -

 आवश्यक सूचना 

आज दिनांक 26/01/2020 दिन रविवार को भी  39 सूत्रीय मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल लगातार जारी है, इसके निराकरण के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हुई है कि कल दिनांक 27/01/2020 को माननीय जिला कलेक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी देवसर निराकरण हेतु हिंन्डाल्को 1 नं. गेट पर उपस्थित होने वाले हैं, जिसमें आप सभी श्रमिक एवं  विस्थापित अपने-अपने विस्थापित कार्ड ,गेट पास एवं समस्त जरुरी दस्तावेज कल सुबह ही अपने साथ में  लेकर उपस्थित होवें। 
                   मीडिया सेल 

महान विस्थापित एवं श्रमिक संघ सिंगरौली मध्य प्रदेश 

जसके बाद स्थानीय विस्थापितों द्वारा उग्र हो स्वयं का आपा खो हिंडाल्को गेट नंबर 1 को बंद करने उकसाया भी गया | गमिनियत यह रही कि सिंगरौली पुलिस प्रशासन हमेशा की भांति मुस्तैद नजर आई | जिससे वहां कोई अप्रिय घटना नही घटी वरना स्थिति कुछ और भी हो सकती थी | जिसकी पूरी जिम्मेदारी उक्त भूख हड़ताल को संचालित करने वाले नारायण दास की ही माना जाना कही से भी गलत नही माना जा सकता | 

उक्त हड़ताल संचालनकर्ता ने लगाए सी.एस.आर. प्रमुख यशवंत कुमार पर गम्भीर आरोप

वही उक्त भूख हड़ताल को संचालित करने वाले नारायण दास की माने तो उक्त भूख हड़ताल को कुचलने कम्पनी के सी0एस0आर0 प्रमुख यशवंत कुमार हिंडाल्को के विश्वस्थ कर्मचारियों को भी उक्त भूख हड़ताल में सम्लित करवा व हमला करवाने लाठीयो के कई गड्ढे भी तैयार किये गए थे | जिससे उक्त भूख हड़ताल को आज के आज कुचला जा सके | और ऐसा हुआ भी | जिससे यह तो स्पस्ट हैं कि जिस प्रकार हिंडाल्को विस्थापितों की आवाज को कुचला जा रहा है | कभी ईस्ट इंडिया कम्पनी भी देशवाशियों की आवाज कुचला करती थी | तब हम गुलाम हुए होंगे | और ऐसी आशंकाएं हैं कि जल्द से जल्द एक बार फिर हम गुलाम अवश्य ही होने वाले हैं |

मंगलवार, 21 जनवरी 2020

हिंडाल्को प्रबंधक की तानाशाही, विस्थापित भूख हड़ताल करने को मजबूर

हिंडाल्को प्रबंधक की तानाशाही, विस्थापित भूख हड़ताल करने को मजबूर

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जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली  // नीरज गुप्ता  7771822877 
सिंगरौली. मध्य प्रदेश की पिछली मामा (शिव राज सिंह चौहान) सरकार द्वारा सिंगरौली को बड़े-बड़े सपने दिखा कर क्षेत्र में कई इकाइयों को स्थापित करने का कार्य किया गया |
जिसमें क्षेत्र के रहवाशिओं द्वारा मीठे सपनों को देख, खुद की जमीनों को पानी के भाव दे भी दिया गया | और उन सपनों को इन उद्द्योगिक इकाइयों के बरिष्ट अधिकारियों द्वारा मात्र खाना पूर्ति हेतु या यह कहिये की बाहरी दिखावा के लिए मात्र पूर्ण भी किया जा चुका हैं |
पर अगर जमीनी हकीकत में देखा जाए तो इन इकाइयों के वादे पूर्णतः खोखले साबित नजर आते साबित हो रहे हैं | जी हां हम बात कर रहे हैं बरगवां स्थित महान एल्युमिनियम पावर प्लांट (हिंडाल्को) की | जहां के विस्तापितों की माने तो, उनका आरोप हैं कि वो पिछले जून 2015 से लगातार जनवरी 29, 2019 तक 14 बार अपनी मांगों को ले कर महान विस्थापित एवं श्रमिक संघ सिंगरौली द्वारा अनशन किया जाना बताया गया हैं |
हिंडाल्को प्रबंधक की तानाशाही, विस्थापित भूख हड़ताल करने को मजबूर

परन्तु आज तक कंपनी प्रबंधक और जिला प्रशासन द्वारा मात्र आश्वासन ही दिया जाना बताया गया हैं | आश्चर्य की बात यह हैं कि आज दिनांक को कड़ाके की ठंड के बीच क्षेत्र के विस्थापितों द्वारा भूख हड़ताल करने को मजबूर हैं | पर न तो कम्पनी प्रबंधक और न ही जिला प्रशासन के कानों में जूं तक रेंगी हो | आज हड़ताल को 6 दिन पूर्ण होने के बाद विस्थापितों द्वारा भूख हड़ताल का रूप ले लिया गया हैं |   
जहां एक ओर हिंडाल्को के बरिष्ट अधिकारियों द्वारा दावा किया जा रहा हैं कि क्षेत्र के विस्थापितों की सभी प्रकार की मांगों की पूर्ति कर दिया गया | वही नागेश्वर जैसवाल सचिव महान विस्थापित एवं श्रमिक संघ द्वारा 39 सूत्रीय मांगों को लेकर सैकड़ों विस्थापितों के साथ पिछले 6 दिनों से हड़ताल में डटे हुए हैं | जो आज दिनांक 21/01/2020 दिन मंगलवार से भूख हड़ताल में परिवर्तित हो गई हैं | इनका कहना हैं कि कम्पनी के बरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मात्र पेपर पर ही सभी 39 मांगों की पूर्ति कर छलने का कार्य किया जाना बताया गया हैं |   
यही नही विश्वस्त सूत्रों की माने तो हिंडाल्को के मौजूदा बरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विस्थापितो के साथ अन्याय व अत्याचार के अलावा कुछ और नही किया जाना बताया जा रहा हैं जिसके सबूत के तौर पर जानकारी लेने पर पता चला कि विस्थापितों के हित के लिए कई संगठनों व राजनैतिक पार्टीया भी सम्लित रही हैं | बावजूद इसके यहां के विस्थापितों को उनके हक नही दिलाया जा सका | जिन्होंने हिंडाल्को से सीधा लोहा लिया बताया गया |   
यहा देखने वाली बात यह है कि खुद की जमीन दे भूखों मरने की कगार में पहुँचने वालों को झूठा दिखाने, हिंडाल्को के बरिष्ट अधिकारी किस हद तक सफल हो पाते है, या जिला प्रशासन इन विस्थापितों का हक भी दिलवा पाती हैं | या पिछले कई बार असफल हुए इस संगठन फिर एक बार और असफल होगी | यह जानने के लिए बने रहिये ANI News India

गुरुवार, 9 जनवरी 2020

मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच टीम द्वारा नागदा के औद्योगिक इकाइयों एवं ग्रामीण क्षेत्र में जांच कर लिये सेम्पल

मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच टीम द्वारा नागदा के औद्योगिक इकाइयों एवं ग्रामीण क्षेत्र में जांच कर लिये सेम्पल

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
ग्रेसिम उद्योग के अंदर पत्रकारों के प्रवेश पाबंदी की तानाशाही का मिथक आज टूटा। मीडिया कवरेज करने के लिये उद्योग के अंदर पहुंचा
नागदा- मध्यप्रदेश शासन द्वारा असंगठित मजदुर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चैरसिया की शिकायत पर गठित की गई विभिन्न विभागो की 9 सदस्यो की जांच समिति की टीम के अंतर्गत मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन्दौर एवं उज्जैन की टीम द्वारा आज ग्रेसिम इडस्ट्रीज लिमिटेड, ग्रेसिम केमिकल डिवीजन, लैंक्सेस इंडिया प्रायवेट लिमिटेड एवं गुलब्राण्डसन लिमिटेड ग्राम पारदी एवं उद्योग के समीपस्थ नालों व खाल से केमिकल युक्त रासायनिक जल का सेम्पल जांच हेतु लिया गया। इसके अन्तर्गत सेम्पल की दो प्रतियां करते हुए एक प्रति शासन द्वारा एवं एक प्रति शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत स्तर पर जांच करवाने हेतु उपलब्ध कराई गई।
बुधवार सुबह से ही जांच दल द्वारा शहर के विभिन्न उद्योगो का दौरा किया गया इस दौरान शहर का मीडिया समूह भी जांच दल के साथ रहा । जांच समिति में प्रदूषण बोर्ड इन्दौर से एस.के. सिंह एवं उज्जैन से ही दीपक काले उपस्थित थे। जांच के दौरान कई जगह रसायनयुक्त जल देखने को मिला जो उद्योगो की सीमा से सटे नालो में मिला। इन नालो से जांच दल द्वारा पानी के सेम्पल भरे गये। वायु प्रदूषण से संबंधित जांच के लिये उपयोग में लाये जाने वाले यंत्र उपलब्ध ना होने की वजह से उच्च अधिकारियों से चर्चा के बाद आगामी दिनों में उनकी जांच करवाई जावेगी। 
शिकायतकर्ता अभिषेक चैरसिया द्वारा बताया गया कि आगामी दिनों में व्यापक स्तर पर राज्य एवं केन्द्र स्तर के जांच दल नागदा में आकर प्रदूषण एवं उद्योगो में हो रही गंभीर अनियमितता की जांच की जावेगी।  साथ ही उक्त जांच समिति के अन्य विभागों द्वारा भी नागदा शहर एवं चंबल नदी से सटे 22 गांवो में पृथक-पृथक जांच की जा रही है।
जब जाच दल लेन्सेक्स उद्योगो पहुचा तो उद्योग के भीतर जाने की बात को लेकर उद्योग के अधिकारियो व मिडिया साथियो मे विवाद की स्थिति बन गई, किन्तु वरिष्ठ पत्रकार कैलास सनोलिया जी के समझाने के बाद लेन्सेक्स उद्योग ने नरमी दिखाते हुवे मिडिया साथियो की बात मान कर उद्योग मे कवरेज करने की अनुमती दे दी। और उद्योग मे सभी मिडिया को जाने की बात को मान लिया । और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व मिडिया साथियो को लेन्सेक्स उद्योग द्वारा पुरा सहयोग किया गया।

गुरुवार, 17 अक्तूबर 2019

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की 80 प्रतिशत समस्या और सुझाव पर अमल की कार्रवाई शुरू

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की 80 प्रतिशत समस्या और सुझाव पर अमल की कार्रवाई शुरू

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मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों से चर्चा संवाद के लिए संगठन के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त   
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की जो भी समस्याएँ और सुझाव हैं उनमें से 80 प्रतिशत बिन्दुओं पर सरकार ने पूर्व में ही समाधान की कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनें और उन्हें अपने काम में कोई परेशानी न हो, सरकार इसके लिए सजग है। श्री नाथ आज इन्दौर में 'मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश'' आयोजन की पूर्व संध्या पर स्थानीय ब्रिलियेंट कन्वेंशन सेंटर में पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि पीथमपुर औद्योगिक संगठन ने जो मांग पत्र आजदिया है, उस पर सरकार ने पहले से ही समाधान की कार्रवाई शुरू कर दी है। श्री नाथ ने कहा कि जो भी बिन्दु और सुझाव उनके ध्यान में लाये जाएंगे सरकार उन पर प्राथमिकता के साथ काम करेगी और धीरे-धीरे उन सभी दिए गए सुझावों को शामिल कर समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश के विकास और यहाँ के रहवासियों की खुशहाली और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वातावरण बनाना चाहते हैं। इसमें नए निवेशकों और पूर्व से स्थापित उद्योगों की हर शिकायत और सुझावों को प्राथमिकता पर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पीथमपुर औद्योगिक संगठन से अपेक्षा की कि वे समय-समय पर अपने शिकायतों और सुझावों से अवगत करवाते रहें।
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष डॉ. गौतम कोठारी ने मुख्यमंत्री को बाईस सूत्रीय ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि उनके आठ माह के अल्प कार्यकाल में कई ऐसे निर्णय हुए हैं जिससे उद्योग और निवेशक प्रोत्साहित हुए हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को बधाई भी दी। पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया कि पहली बार उन्हें गंभीरता से सुना गया और उनके ज्ञापन में से कई बिन्दुओं पर सरकार ने समाधान की कार्रवाई भी शुरू कर दी।
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के चेयरमेन श्री अजय शिवेकरी ने मुख्यमंत्री को संगठन की ओर से स्मृति-चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री को संगठन की ओर से गांधी जी की 150वीं जयंती पर गांधी जी की प्रतिकृति भी स्मृति-चिन्ह के रूप में भेंट की गई। इस मौके पर मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, प्रमुख सचिव उद्योग डॉ. राजेश राजौरा, प्रबंध संचालक एमपीएसआईडीसी श्री विनोद पोरवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बुधवार, 18 सितंबर 2019

लेन्सेक्स उद्योग से निकला पानी अमृत तो नही फिर क्यो है प्रसाशन मौन ?



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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
  • उद्योग की मनमानी के आगे क्या झुकता रहेगा प्रसासन?

  • क्या अमृत बहा रहा है लेन्सेक्स उद्योग?

नागदा मे लगे उद्योगो द्वारा नालो के माध्यम से काले रंग का जहरीला पानी छोडा जा रहा है । जो मानव जाती पर दुषप्रभाव डाल रहा है। जो बरसात के मौसम मे छोडा जाता है जब चम्बल नदी उफान पर होती है।
नागदा मे स्थित उद्योगों मे लेन्सेक्स,केमिकल डिविजन एव गुलब्रांडसन जैसे उद्योग नालो के माध्यम से काला जहर रात के अन्धेरे मे छोड़ते है जो पास की ही जिवन दायनी नदी चम्बल मे जा कर मिलता है नदी लगातर जहरीले पानी से दुषित हो रही।
वही वार्ड क्रमांक 35 मेहतवास के रहवासी इस जहरीले काले पानी से खासे परेसान भी है। लेन्सेक्स व आर्सियेल के उद्योगो से ये काला पानी लगातर नदियो मे मिलाया जा रहा है पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मौन साधे रहता है क्या कारण है यह कह पाना मुस्किल है।
जब इस काले पानी की शिकायत एएनआई न्यूज़ इंडिया  ने नगर पालिका सीएमओ सतीस मटसेनीया से की तो वे तत्काल मौके पर अपनी टीम के साथ पहुचे ओर उन्होने भी माना की उद्योगो के द्वारा काला पानी छोड़ा जा रहा है जिसमे से बदबू भी आ रही है। अब देखना यह है की क्या सी एम ओ उद्योग पर कोई कार्यवाही करते भी है या केवल खाना पूर्ति ही रह जायेगी।

शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

नागदा : उन्हेल में दूसरे दिन भी डेयरी एवं मावा व्यापारियों पर खाद्य विभाग की कार्रवाई जारी


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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
उन्हैल। प्रदेश भर में चल रहे नकली दूध मावा के काले धंधे को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा लगातार उज्जैन जिला कलेक्टर शशांक मिश्र के निर्देश पर छापामारी कार्रवाई जारी है ।जिसके चलते नागदा-उन्हेल में दूसरे दिन भी खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेश गुप्ता के नेतृत्व में सक्रिय नजर आई।
नागदा : उन्हेल में दूसरे दिन भी डेयरी एवं मावा व्यापारियों पर खाद्य विभाग की कार्रवाई जारी

दल ने नागदा उन्हैल सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दूध डेयरी व चिलिंग प्लांट पर छापामारी करते हुए दूध के सैंपल एकत्रित किए  जिन्हें जांच हेतु भेजा जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार रात्रि 8:00 बजे के लगभग उन्हैल चौपाटी स्थित कृष्णा दूध डेयरी एवं उज्जैन रोड पर सांवरिया दूध डेयरी पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेश गुप्ता की टीम ने दूध के सैंपल लिए है वही इनके संचालन हेतु आवश्यक खाद्य लाइसेंस का भी निरीक्षण किया ले गए दूध के सैंपल के परीक्षण के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी।

दूसरे दिन भी मावा व्यापारी रहे नदारद

क्षेत्र में हो रही लगातार छापेमारी की कार्रवाई को देखते हुए उन्हैल सहित आसपास के क्षेत्र के मामा व्यापारी व दूध डेयरी संचालक अपने प्रतिष्ठान पर ताले लगाकर भूमिगत हो गए हैं वहीं दबी जुबान में हो रही कार्रवाई को लेकर अधिकारियों को कोसते नजर आ रहे हैं क्योंकि त्यौहार का सीजन नजदीक आ रहा है और ऐसी परिस्थितियों में लगातार कार्यवाही के चलते वे मावा निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। 

गुरुवार, 18 जुलाई 2019

बिड़ला के ग्रेसिम उद्योग व बहुराष्ट्रीय लैंक्सेस उद्योग के प्रदूषण नियंत्रण दावों की विधानसभा में खुली पोल

बिड़ला के ग्रेसिम उद्योग व बहुराष्ट्रीय लैंक्सेस उद्योग के प्रदूषण नियंत्रण दावों की विधानसभा में खुली पोल

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा । वरिस्ठ पत्रकार कैलास सनोलिया के द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर औद्योगिक नगर नागदा में बिड़ला घराना के ग्रेसिम उद्योग व बहुराष्टीय लैक्सेस के प्रदूषण नियंत्रण के दावों की पोल गुरुवार को विधानसभा में खुल गई। इन उद्योगों के खिलाफ प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं करने पर अदालत में दायर विभिन्न प्रकरणों का खुलासा किया गया।
महिदपुर के विधायक बहादुरसिंह चौहान के परिवर्तित तारांकित प्रश्नों के जवाब में लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने खुलासा किया। 1 मार्च 2018 से 10 जून 2019 तक की ग्रेसिम से संबधित जांच रिपोर्ट नकारात्मक साबित हुई। इस अवधि की जांच रिर्पोटों में डिजाल्ड सालिड्स एवं टीडीएस अधिक पाए गए हैं। मंत्री ने बड़ी बात करते हुवे यह भी खुलासा कीया कि ये तो पूर्व से ही अधिक पाए जा रहे है। इसी कारण से ग्रेसिम उद्योग के खिलाफ  पूर्व से ही प्रकरण दायर किए गए है। यहां तक मंत्री ने उद्योगों के खिलाफ  प्रदूषण से संबधित सारे प्रकरणों की पोल खोल दी।
मंत्री वर्मा ने बताया की उद्योग के विरूद्ध जल अधिनियम 1974 की धारा 44 के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उज्जैन के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 4903/ 2017 द्धारा न्यायालयीन कार्यवाही की गई है। जोकि वर्तमान में प्रकियाधीन है। नागदा के उद्योगों के विरोध में चल रहे प्रकरणों के बारे में मंत्री ने बताया जल अधिनियम 1974 के तहत प्रदत सम्मति शर्ताे का उल्लघनं करने पर ग्रेसिम के खिलाफ  प्रकरण क्रमांक 11088/2014 व प्रकरण क्रमांक 9700/2017  तथा वायु अधिनियम के तहत 1981 के तहत सम्मति शर्तो का उल्लघंन करने पर प्रकरण क्रमांक 8174 / 2015 मेसर्स लैक्सेस इंडिया लिमिटेड के विरूद्ध  सम्माति शर्ता का उल्लघंन करने पर जल अधिनियम 1974 के तहत प्रकरण क्रमांक  4077/ 2011 व प्रकरण क्रमांक 9699/ 2017 तथा मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज केमिकल डिवीजन के खिलाफ जल अधिनियम 1974 के तहत प्रकरण क्रमांक 9690/2017 दायर किए गए हैं।
*ग्रेसिम का प्लान 106 करोड़ का*
मंत्री वर्मा ने जवाब में यह भी बताया कि चंबल नदी में निस्त्राव को रोकने के लिए ग्रेसिम ने दूषित जल उपचार व्यवस्था उन्नयन का एक प्लान 106 करोड़ का  प्रस्तुत किया है। जिसके तहत माह जनवरी 2021 तक उपचारित जल का निस्त्राव बंद कर दिया जाएगा। इस कार्ययोजना के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए उद्योग ने 26.5 करोड़ की बैंक गारंटी बोर्ड में प्रस्तुत की है।



बुधवार, 17 जुलाई 2019

ग्रेसिम उद्योग के मजदूरो ने हड़ताल कर किया थाने का घेराव, साथ आई कॉंग्रेस, वीडियो


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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा। ग्रेसिम उद्योग के मजदूरो द्वारा हड़ताल कर बिरला ग्राम पुलिस थाने का घेराव किया गया । हड़ताल मजदूरो के रिटर्न प्रक्रिया को लेकर की गई। बिरला मन्दिर, बिरला हाऊस व कालोनियो मे कार्य करने वाले मजदूरो ने सड़कों पर आ कर उद्योग के खिलाफ नारेबाजी करना प्रारम्भ कर दी। जिसमे आकर कॉंग्रेस के जनप्रतिनिधि भी सामिल हो गये। 
मौके पर पहुंचे सीएसपी मनोज रत्नाकर के द्वारा मामले की गम्भीरता को देखते हुवे सभी आन्दोलन कारियो को बिरला ग्राम थाने पर बुला लिया गया थाने पहुचते ही आन्दोलन कारियो ने उद्योग के खिलाफ नारेबाजी करना शुरु कर दी । सी एस पी द्वारा उद्योग के अधिकारीयो को बुलाया गया ।

ग्रेसिम उद्योग के अधिकारी के साथ कॉंग्रेस के जनप्रतिनिधि सुबोध स्वामी, अजय शर्मा, रघुनाथ ठाकुर ओर पाच से छह मजदूरो की मिटिंग बंद कमरे मे की गई जहा से मिडिया को दूर रखा गया।
मजदूरो की इस हड़ताल मे कही किसी भी युनियन के नेता नजर नही आये। ग्रेसिम उद्योग के अधिकारीयो का कांग्रेस नेताओ के साथ बद कमरे मे चर्चा ओर फिर मजदूरो को समझा कर कार्य पर भेजना कही ना कही सवाल खड़ा होता है की इस पूरी घटना में कॉंग्रेस के नेताओ का होंना ओर ट्रेड युनियन का  नही दिखने के पीछे क्या कारण है।

रविवार, 7 जुलाई 2019

प्रतिष्ठित मनोहर डेरी और होटल जम-जम सहित अनेक संस्थानों पर मोबाईल कोर्ट ने किया 2 लाख 54 हजार रुपये का जुर्माना, सही व्यवस्था एवं साफ सफाई की थी शिकायतें


प्रतिष्ठित मनोहर डेरी और होटल जम-जम सहित अनेक संस्थानों पर मोबाईल कोर्ट ने किया 2 लाख 54 हजार रुपये का जुर्माना, सही व्यवस्था एवं साफ सफाई की थी शिकायतें 

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भोपाल विनोद मिश्रा  9893221036
भोपाल। स्वच्छता अभियान की चमक का प्रभाव फीका कर रहे दुकानदारों की अब खैर नहीं है। नगर निगम के मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव ने आज यह बता दिया कि वह किसी भी प्रकार की अनियमितता और अतिक्रमण को बर्दास्त नहीं करेंगे।
मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव के साथ पहुँचा नगर निगम का अमला
 आज नगर निगम के अमले को साथ लेकर नगर निगम मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव ने हमीदिया रोड़ स्थित दुुकानों पर छापा मार कार्यवाही की। दहशत में आये अनेक दुकानदार दुकान बंद करके भाग गये। लेकिन नगर निगम अमले ने पहले से ही इन दुकानों के फोटो खिंच रखे थे और मूवी बना रखी थी जिस आधार पर मजिस्ट्रेट ने इनके खिलाफ नोटिस जारी कर दिये। 
जो दुकानदार मौजूद थे उन पर विभिन्न अनिमितताओं को लेकर जुर्माना किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार हमीदिया रोड़ और जहांगीराबाद में 2 लाख 82 हजार रुपये का जुर्माना किया गया। मनोहर डेरी और होटल जम-जम की नगर निगम में सबसे ज्यादा शिकायत आ रही थी कि इनके यहां सही व्यवस्था एवं साफ सफाई  नहीं है और से यह दुकाने रास्ता जाम कर देती हैं।
हमीदिया रोड पर जुर्माने की कार्यवाही करने के बाद मोबाईल कोर्ट पहुँची शाकिर अली मार्केट यहाँ दुकानदारों पर कार्यवाही की गई। नगर निगम अमले में स्वास्थ्य अधिकारी अशोक वर्मा के अलावा पूरे शहर के एचओ और नगर निगम का लाव लश्कर साथ में था। जिस-जिस जगह पर भी यह लश्कर रुका वहीं पर दुकानदारों में अफरा में मोबाईल कोर्ट चला कर दुकानदारों द्वारा किये जा रहे अनियमित कार्यों पर लगाम लगायेंगे।

शनिवार, 6 जुलाई 2019

नवोदय स्कूल के टेंडर को खारिज कर नए सिरे से प्रकिया को दोबारा करने एसडीएम ने दिये आदेश, मांगा स्पष्टीकरण

नवोदय स्कूल के टेंडर को खारिज कर नए सिरे से प्रकिया को दोबारा करने एसडीएम ने दिये आदेश, मांगा स्पष्टीकरण

TOC NEWS @ www.tocnews.org
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा । केंद्र सरकार द्वारा संचालित होने वाले नवोदय विद्यालय जो बुरानाबाद , नागदा जिला उज्जैन  में स्थित है जिसमे वाहन, खाद्य पदार्थ  एवं अन्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए आंमत्रित टेंडर खुलने की प्रकिया के दौरान 05 जुलाई को एसडीएम कार्यालय में हंगामा हो कर विवाद खड़ा हो गया। 
एक लिखित शिकायत के बाद एसडीएम श्री आरपी वर्मा हरकत में आए और नवोदय स्कूल के प्राचार्य डॉ. के.बी गुप्ता से स्पष्टीकरण मांगा । विवाद के तुरंत बाद किराना व्यापारी संघ के संयोजक मनोज राठी ने एक लिखित शिकायत श्री आरपी वर्मा को सौंप दीया। उसके बाद श्री वर्मा ने प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगा है।
किराना व्यापारी संघ के संयोजक मनोज राठी ने शिकायत की प्रति प्रेस को भी जारी की है, जिसमें लिखा है कि नवोदय स्कूल में टेंडर प्रक्रिया में वे स्वयं पहुंचे थे। इस दौरान किसी बात पर अपने पक्ष रखने पर प्राचार्य डॉ. गुप्ता आपत्तिजनक  व्यवहार पर उतर आए और शर्म करो आदि जैसे अपमानजक शब्दो का उपयोग किया। इस मामले में एसडीएम श्री वर्मा ने घटना होने के तुरंत बाद पत्रकारों  के सवाल के जवाब में बताया की एक ओहदेदार अधिकारी प्राचार्य को इस प्रकार के अमर्यादित शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
एसडीएम के मुताबिक शिकायत मिलते ही प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है। कुछ लोगों की कहा सुनी भी प्राचार्य से हो गई। कई बार एसडीएम को कई मसलों पर हस्तक्षेप भी करना पड़ा। आखिरकार एसडीएम ने एक टेंडर को खारिज कर नए सिरे से प्रकिया को दोबारा करने का आदेश दिया।

सोमवार, 24 जून 2019

नागदा : Lanxess industry में हो सकता था बड़ा हादसा, धड़ाम से गिरी 150 फिट ऊँची चिमनी

नागदा : Lanxess industry में हो सकता था बड़ा हादसा,  धड़ाम से गिरी 150 फिट ऊँची चिमनी

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा । शहर में रविवार शाम को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. शाम 4 बजे आए आंधी-तूफान से LANXESS उद्योग के भीतर एक चिमनी गिर गई गनीमत रही कि घटना के समय मौके पर कोई भी श्रमिक वहा नहीं था। रविवार को अवकाश होने की वजह से उक्त प्लांट मे एक दो ही श्रमिक थे, जो चिमनी से काफी  दूरी पर थे।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार उद्योग के कोजन (पावर प्लांट)प्लांट में लगभग 150 फीट ऊंची चिमनी धराशयी हो गई । यह चिमनी एस एस के उपकरण की बनी थी जो काफी पुरानी हो गई थी। तेज हवा चलने से चिमनी लटकी गई । घटना की जानकारी मिलते ही LANXESS उद्योग प्रबंधन हरकत में आया और मौके पर पहुंचा।
प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाया। राजस्व विभाग के अधिकारि व बिरलाग्राम पुलिस ने शाम 5.30 बजे मौका मुआएना कर पंचनामा बनाया । उद्योग में लगभग 2 माह पूर्व भी इस तरह की घटना हुई थी ।गनीमत थी कि उस समय चिमनी छोटी थी जो अन्य चिमनी पर टिक गई थी। जिस प्लांट में चिमनी गिरी उस प्लांट में भूसा (बायोमास) जलाकर बिजली का उत्पादन किया जाती है।

बड़ा हादसा टला

इस घटना से गनीमत रही कि कोई जनहानी नहीं हुई। जिस स्थान पर यह चिमनी गिरी वहां पर कार्यदिवस के दिन 24 घंटे लगभग 25 से 30 ठेकाश्रमिक चिमनी के ही निचे कार्य करते है। परंतु रविवार को कार्य ना के बराबर होता है।
प्रतिदिन उक्त स्थान पर भूसे (बायोमास) के ट्रक भी आते है । पूरे उद्योग परिसर में कई जहरीली गैस की पाइप लाइन गुजर रही है । ऐसे में यदि चिमनी किसी पाइप लाइन पर गिर जाती और पाइप लाइन लिकेज हो जाती तो उद्योग ओर उद्योग के आसपास रहवासी इलाको मे भी बड़े हादसे से इंनकार नही किया जा सकता था।
सूत्रो से मिली जानकरी के अनुशार बताया जा रहा है कि चिमनी काफी पुरानी हो गई थी, उद्योग प्रबंधन द्वारा समय पर देखरेख नहीं करने व मरम्मत नहीं करने से चिमनी जर्जर हो चुकी थी जिससे तेज हवा से वह धराशयी हो गई।
सवाल ये भी उठता है की अभी डेढ माह पहले ही सुरक्षा जाच की गई थी तो जाच कर्ता ने इस चिमनी को क्यो नजर अंदाज कर दिया। उद्योग ने लापरवाही दबाने के लिए किसी भी मीडियाकर्मी को उद्योग परिसर में जाने नही दिया।

शुक्रवार, 21 जून 2019

इंडियन टिम्बर लकड़ी टाल में लगी आग, तीन फायर ब्रिगेड मौके पर

इंडियन टिम्बर लकड़ी टाल में लगी आग, तीन फायर ब्रिगेड मौके पर

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
रायगढ़, जूटमिल चौकी के अंतर्गत, रेलवे स्टेशन के पीछे स्थित लकड़ी के ताल में आज अचानक आग लग गई, रायगढ़ नगर निगम की तीन फायर ब्रिगेड मौके पर आ गई,
साथ ही साथ जूटमिल चौकी और कोतवाली पुलिस भी मौके पर मौजूद हो गई, प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडियन टिम्बर लकड़ी टाल के मालिक मंजीत सिंह ने एएनआई न्यूज़ इंडिया से बात करके बताया कि उनको आग लगने के करणो का पता नई चला है और कितना नुकसान हुआ ये भी अभी तक इसका अंदाजा नही लगा पा रहे ,
साथ ही साथ इंश्योरेंस के बारे में पूछने पर उन्होंने कोई जवाब नई दिया। अभी आग पर काबू पा लिया गया है।

बुधवार, 19 जून 2019

नागदा : ग्रेसिम उद्योग बंद होने की कगार पर, यह रही बड़ी वजह 

नागदा : ग्रेसिम उद्योग बंद होने की कगार पर, यह रही बड़ी वजह 

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा - जल संकट से ग्रेसिम उद्योग बंद होने की कगार पर है। उद्योग के स्टेपल फाईबर के उत्पादन में गिरावट शुरू हो गई है। कुल 11 मशीनों में से मशीने एक एक कर स्लो हो रही है। 
चंबल नदी में अब 40 एमसीएफटी पानी ही शेष रहने से प्रबंधक ने ग्रेसिम उद्योगो को धीरे-धीरे बंद करने का निर्णय लिया है। मानसून की स्थिति के अनुसार बाद में एक के बाद एक मशीनों को बंद कर उत्पादन को लगातार कम किया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उद्योग में प्रतिदिन भारी मात्रा में पानी की खपत रा-मटेरियल के रूप में होती है। उत्पादन में रोजाना तकरीबन 2 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है। सवा लाख की आबादी के शहर नागदा में जलापूर्ति भी चबंल नदी के भरोसे हैं। शहर से लगभग 14 किमी दूर कस्बा खाचरौद के वाशीयो की प्यास भी नदी से बुझती है। दोनों शहरों में मिलाकर प्रतिदिन आधा एमसीएफटी पानी की जरूरत आंकी जा रही है। मुख्य जंक्शन होने से यहां से गुजरने वाली रेलगाडिय़ों में पानी की आपूर्ती चबंल से की जाता है।
यदि जल्दी बारिश नहीं हुई तो उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों पर भी प्रभाव पडऩे की संभावना है। उद्योग में लगभग 1600 स्थायी मजदूर तथा 2500 हजार ठेका श्रमिक की रोजी-रोटी जुड़ी है।


उद्योग में स्थानीय के अलावा बिहार, राजस्थान, उप्र, केरल, उतराखंड, उड़ीसा आदि प्रांतों के कर्मचारी बड़ी संख्या में कार्यरत हैं। पूरे ग्रेसिम उद्योग के बंद होने से शासन-प्रशासन को भी राजस्व में हानि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उद्योग प्रबंधक प्रतिदिन केंद्र एवं प्रदेश सरकार को तकरीबन 1 करोड़ का राजस्व चुकाता है। यहां का उत्त्पादन देश के कई भागों में कच्चा माल के रूप में पहुंचता है। विदेशों में भी ग्रेसिम का उत्पादन निर्यात होता है। ऐसी स्थिति में परिवहन में जुड़े लोगों का कारोबार प्रभावित हो सकता है।



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