RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना |
सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।
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भोपाल, जुर्माने का नोटिस जारी होते ही राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के यहाँ से अपनी सुनवाई ट्रांसफर करने पर भी नही बच पाए भोपाल के चीफ़ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार। सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।
आयोग जारी करने वाला था बेलेबल वारंट
जुर्माने की कार्रवाई मुख्य सूचना आयुक्त ए. के. शुक्ला द्वारा की गई है। ये दोनो RTI अपील प्रकरण पूर्व में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। दोनो प्रकरणों में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार को दोषी पाते हुए जुर्माने और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए थे। जनवरी 2023 से बार-बार आयोग के आदेश की अवहेलना करते हुए लिखार आयोग के समक्ष भी हाजिर नहीं हो रहे थे ना वे सिंह द्वारा जारी कार्रवाई की नोटिस का जवाब भी दे रहे थे। इसको भी सिंह ने इस को गंभीरता से लेते हुए निखार को चेतावनी दी थी कि अगर वे आयोग के समक्ष सुनवाई में नहीं आएंगे तो उनके विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी किया जायेगा।
कार्रवाई से बचने के लिए प्रकरण ही ट्रांसफर कराया
लिखार ने सिंह की कार्रवाई से बचने के लिए अपने दोनों प्रकरणों को सूचना आयुक्त राहुल सिंह की कोर्ट से किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने की एप्लीकेशन दे दी यह कहते हुए कि उन्हें सिंह से न्याय मिलने की उम्मीद कम है। वही इस इस प्रकरण में सिंह ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए लिखार की दोनों आरटीआई अपील प्रकरणों को अपने खंडपीठ से अन्य खंडपीठ में सुनवाई के लिए अंतरित करने के लिए मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला को लिख दिया था। साथ में सिंह ने यह भी टिप्पणी कर दी कि उनके द्वारा इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए लिखार को प्रथम दृष्टया दोषी भी पाया गया था तब से जुर्माने से बचने के लिए निखार द्वारा अपने प्रकरण में न्याय की उम्मीद कम दिखने लगी।
जुर्माने के साथ हुई अनुशासनिक कार्रवाई
सिंह के पास से यह मामला ट्रांसफर होने पर मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए सिंह द्वारा जारी किए गए शो कॉज नोटिस को सही पाया और आनंद नीरज निखार के ऊपर ₹25000 का जुर्माना लगा दिया वही दूसरे प्रकरण में भी सिंह द्वारा जारी शो कॉज नोटिस के तथ्यों को सही पाते हुए एके शुक्ला ने भोपाल नगर निगम के आयुक्त को आनंद नीरज लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए आदेशित किया है।
RTI में यह जानकारी मांगी थी
भोपाल के आरटीआई आवेदक समीउल्लाह खान नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर से भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा जारी एक मकान के कंस्ट्रक्शन की एनओसी की जानकारी मांगी थी। जिसे नीरज आनंद निखारने देने से मना कर दिया यह कहते हुए कि यह मकान मालिक की व्यक्तिगत जानकारी है। इस मामले में अपर आयुक्त नगर निगम शाश्वत मीणा भी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए थे लेकिन उनके आदेशों की भी अवहेलना करते हुए लिखार ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी। वही दूसरे आरटीआई प्रकरण में समीउल्लाह खान ने एक अतिक्रमण की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी मांगी थी यह जानकारी भी चीफ सिटी प्लानर ने समीउल्लाह को उपलब्ध नहीं कराई।
अतिक्रमण की जानकारी को RTI मे रोका नही जा सकता: सिंह
इन दोनों प्रकरणों में स्थिति को साफ करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने यह कहा था कि अतिक्रमण की जानकारी को जनहित में दिया जाना चाहिए था वही किसी भी मकान के निर्माण के लिए जारी एनओसी को व्यक्तिगत जानकारी होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता है। ये पूरी तरह से जनहित का मुद्दा है और अवैध निर्माण के ऊपर कारवाई शासन नियम और कानून के अनुरूप करता है। सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण में की गई कार्रवाई को अधिकारियों को स्वतः वेबसाइट पर ही उपलब्ध करा देना चाहिए। ताकि अवैध निर्माण के संबंध में चल रही कार्रवाई में कसावट सुनिश्चित होगी, साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी बनेगी। इंदौर के मंदिर में हुए हादसे का जिक्र करते हुए सूचना आयुक्त सिंह ने यह भी लिखा कि अगर इस तरह की जानकारी को पारदर्शी तरीके से पहले ही जनता के सामने रखा जाएगा तो अवैध निर्माण की वजह से होने वाले हादसों पर भी रोक लगेगी।