Times of crime
लखनऊः मिशन 2019 के सियासी लड़ाई की तैयारी शुरू हो चुकी है. बीजेपी जहां सत्ता बरकरार रखना चाहती है वहीं, कांग्रेस वापसी को बेताब है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार से चुनावी मुकाबले के लिए सभी विपक्षी पार्टियों का गठबंधन बनाना चाहते हैं.
एक फरवरी को विपक्षी पार्टियों ने एक बैठक की. इस बैठक में राहुल गांधी ने खासतौर पर उत्तर प्रदेश में गठबंधन की आवश्यकता बताई.
सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों से साथ आने की अपील की गई है. ये अपील इस बैठक में राहुल गांधी ने की. राहुल गांधी ने कहा कि सभी पार्टियों को क्षेत्रीय मतभेद भुलाकर साथ आना चाहिए. इसके लिए हर राज्य में अलग अलग गठबंधन करना होगा. राहुल गांधी ने यूपी को लेकर बैठक में खास जोर दिया.
यहां गौर करने वाली बात ये है कि बैठक में समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल जैसे बड़े नेता तो पहुंचे थे लेकिन बीएसपी का कोई प्रतिनिधि नहीं था. यूपी में एसपी-बीएसपी जब तक साथ नहीं आती तब तक मोर्चा सफल नहीं हो पाएगा. लेकिन एसपी और बीएसपी नेताओं की आपसी दुश्मनी जगजाहिर है. दोनों पार्टियां साथ आने को लेकर राजी नहीं दिखती.
कांग्रेस अगर बीएसपी मुखिया मायावती और अखिलेश यादव को साथ लेकर मैदान में उतरती है तो राजनीतिक तस्वीर यूपी की बदल सकती है. अगर 2014 के लोकसभा चुनाव में मिले वोट को देखें तो बीजेपी के खिलाफ तीनों पार्टियां साथ आती है तो फिर मोदी के लिए मुसीबत हो जाएगी.
2014 में एसपी- 22 फीसदी
बीएसपी- 20 फीसदी
कांग्रेस- 7.5 फीसदी वोट मिले थे.
अब अगर कांग्रेस एसपी और बीएसपी साथ चुनाव लड़ती तो इन्हें करीब 50 फीसदी वोट मिलते जबकि एनडीए को 43 फीसदी वोट ही.