गुरुवार, 4 दिसंबर 2025

RTI में मांगी जानकारी न देना खेल अधिकारी आशीष पांडे को पड़ा महंगा, राज्‍य सूचना आयुक्‍त ने लगाया 10 हजार का जुर्माना


सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ने वाले जबलपुर के खेल और लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे पर ₹10,000 का जुर्माना


*सूचना आयोग ने लगाया जबलपुर के खेल अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे पर 10,000 का जुर्माना*

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भोपाल/ जबलपुर । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने जबलपुर के खेल और युवा कल्याण विभाग के संभागीय खेल अधिकारी और जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे के खिलाफ सुनवाई कर दोषी पाए जाने पर ₹10000 का शास्ति अधिरोपित की है। 

सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने माना कि सूचना के अधिकार के तहत अपीलार्थी श्री विनय जी. डेविड द्वारा सूचना की जानकारी के लिए एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था जिसमें जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे के द्वारा चाही गई जानकारी जो सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई थी उसे छुपाने दबाने गुमराह करने के लिए जानबूझकर अपीलार्थी डेविड का आवेदन अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत निरस्त किया गया था, जो कि अधिनियम की धारा 7 का उल्लंघन है। उक्त कृत्य अधिनियम की धारा 20 के तहत कार्यवाही योग्य है। अतः तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डे संभागीय खेल अधिकारी, कार्यालय जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी, जबलपुर को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। जिसके जवाब में लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे

श्री आशीष पाण्डे ( लोक सूचना अधिकारी )
जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी

अपने वकील के साथ सूचना आयोग में 23 अक्टूबर 2025 को पेशी के दौरान उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। अपने पक्ष में उक्त प्रकरण पर अनेकों दलील दी गई, परंतु एक भी दलील काम नहीं आई । अपीलार्थी विनय जी. डेविड ने आयोग को बताया कि लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं देना चाहते वह हर जानकारी को छुपाने की नीयत से कार्य करते हैं कोई ना कोई बहाना ढूंढ करके आरटीआई के आवेदन को निरस्त कर देते। इस प्रकरण के मामले में भी उन्होंने जानकारी नहीं देते हुए आरटीई आवेदन को निरस्त कर दिया। जिस कारण मुझे प्रथम अपीलीय अधिकारी के सामने आवेदन प्रस्तुत करना पड़ा अपीलीय अधिकारी ने भी प्रकरण पर किसी भी प्रकार का विचार विमर्श करवाई नहीं की । इसी कारण मुझे मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत करनी पड़ी इस सभी प्रकरण में करीब 3 साल का वक्त लग गया।

सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने अपने आदेश में कहा कि इस प्रकरण में लोक सूचना अधिकारी का दायित्व था कि यदि जानकारी उनके कार्यालय में अगर जानकारी नहीं थी तो उस भाग के लिए अधिनियम की धारा 6 (3) के तहत आवेदन संबंधित कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी को अंतरित किया जाना चाहिए था जो कि नहीं किया गया। लोक सूचना अधिकारी यह कहकर दायित्व से नहीं बच सकते कि मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकादमी से संबंधित जानकारी होने के कारण वह जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके, जबकि अपीलार्थी के आवेदन में चाही गई जानकारी प्रकटन योग्य होने से समयावधि में उपलब्ध करायी जानी चाहिए थी।

सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने कहा कि उपरोक्त समस्त तथ्यों से स्पष्ट है कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय आवेदन में चाही गई प्रकटन योग्य जानकारी नहीं देना चाहते थे। उनके उपरोक्त आचरण को देखते हुए यह परिलक्षित होता है कि उनका उद्देश्य जानकारी प्रकटन नहीं करने का था। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रकरण में तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधान अनुसार दायित्व निर्वहन नहीं करने के कारण अपीलार्थी के आवेदन में चाही गई जानकारी समयावधि में उपलब्ध नहीं कराने के लिए तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय द्वारा अधिनियम की धारा 7 का उल्लंघन किया गया है, जिससे अपीलार्थी को जानकारी उपलब्ध कराने में अत्यधिक विलंब हुआ है। उक्त कृत्य अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत शास्ति अधिरोपित करने योग्य है। प्रकरण एवं तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी की सेवा अवधि के दृष्टिगत उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाने का निर्णय लिया गया।

साथ ही अपीलार्थी द्वारा एक अन्य आवेदन लोक सूचना अधिकारी को पेश किया गया था जिसकी द्वितीय अपील क्रमांक ए-590/रा०सू०आ० / जबलपुर / 2023 का निराकरण राज्य सूचना आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 30 जनवरी 2025 से किया गया है। इस मामले में भी लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय ही थे, इसमें भी उन्होंने जानकारी नहीं दी थी, किन्तु इस मामले में उन्हें दंडित नहीं किया गया था।

अतः सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के तहत तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय, संभागीय खेल अधिकारी, कार्यालय जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी, जिला-जबलपुर पर रू. 10,000/- (रूपये दस हजार मात्र) की शास्ति अधिरोपित की जाती है। उपरोक्त अधिकारी / कर्मचारी उक्त शास्ति राशि एक माह के भीतर आयोग कार्यालय में जमा करेंगे। शास्ति ( जुर्माना) राशि जमा करने का पालन प्रतिवेदन के लिए मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग जबलपुर संभाग के प्रबाचक म०प्र०राज्य सूचना आयोग भोपाल ने प्रकरण क्रमांक ए-592/2023/ जबलपुर // 115885 का आदेश दिनांक 18 नवंबर 2025 को जारी कर दिया है । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 26 दिसंबर 2025 पेशी नियत की हैं।

उपरोक्त अधिकारी/कर्मचारी को निर्देशित किया जाता है कि वह शास्ति राशि "सचिव, राज्य सूचना आयोग, भोपाल" को देय बैंक ड्राफ्ट अथवा चालान के माध्यम से शासकीय कोष के मद-"मुख्य शीर्ष 0070 अन्य प्रशासनिक सेवायें, उप शीर्ष 60 अन्य सेवायें, लघु शीर्ष 118 अन्य प्राप्तियाँ (0000)" में जमा कर उक्त बैंक ड्राफ्ट / चालान की प्रति के साथ पालन प्रतिवेदन आगामी पेशी के एक सप्ताह पूर्व आयोग कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे।

लोक प्राधिकारी- प्रमुख सचिव, म०प्र० शासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल यह सुनिश्चित करेंगे कि उपरोक्तानुसार अधिकारी / कर्मचारी द्वारा शास्ति राशि समयावधि में आयोग कार्यालय में जमा हो जाए अन्यथा म०प्र० सूचना का अधिकार (अपील तथा फीस) नियम, 2005 के नियम-8 (6) (तीन) के अनुसार उनके वेतन से कटौती कर तथा उनके सेवा-पुस्तिका में इन्द्राज करते हुए उसकी प्रति सहित आयोग को चालान / बैंक ड्राफ्ट/ नगद रूप में आयोग कार्यालय में जमा कराकर प्रति सहित आयोग को पालन प्रतिवेदन पेश करें।

प्रकरण तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय द्वारा शास्ति राशि रू. 10,000/- (रूपये दस हजार मात्र) जमा करने का पालन प्रतिवेदन हेतु दिनांक 26.12.2025 को प्रातः 11.00 बजे नियत किया जाता है।

मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने प्रकरण में अपीलार्थी विनय जी. डेविड द्वारा प्रस्तुत प्रथम अपील के प्रकरण में तत्कालीन प्रथम अपील अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा को भी अधिनियम की धारा 19(1) के प्रावधान अनुसार समयावधि में निराकरण आदेश पारित नहीं किए जाने पर सूचना आयुक्त ने तात्कालिक प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा के उक्त कृत के लिए आयोग द्वारा निंदा व्यक्त करते हुए समझाईश दी है कि भविष्य में अधिनियम के प्रावधान अनुसार गुण-दोष के आधार पर समयावधि में प्रथम अपील का निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें।

*अधिक जानकारी के लिए*

*प्रकरण में अपीलार्थी*

*विनय जी. डेविड* 

से संपर्क करें : 98932 21036 

*( संपर्क का समय सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक )*

रविवार, 7 सितंबर 2025

आइसना पत्रकार संगठन ने पुलिस अधीक्षक को पत्रकार सुनील सेन पर हमला करने वालो के खिलाफ ज्ञापन सौंपा

 


आइसना पत्रकार संगठन ने पुलिस अधीक्षक को पत्रकार सुनील सेन पर हमला करने वालो के खिलाफ ज्ञापन सौंपा


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जबलपुर . पत्रकार सुनील सेन पर हुए हमले के विरोध में पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत ज्ञापन सौपा है संदिग्ध आरोपी की गिरफ्तारी न होने से नाराज पत्रकार संगठन "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" ( आइसना ) ने पुलिस अधीक्षक जबलपुर को ज्ञापन सौंपा ।

जबलपुर शहर के गढ़ा थाना क्षेत्र में रात एक कैमरामैन पत्रकार सुनील सेन पर जानलेवा हमला किया गया। हमलावरों ने रात लगभग 1 बजे पत्रकार को रास्ते में घेरकर खबर हटाने का दबाव बनाया और इनकार करने पर बेरहमी से पिटाई की। घायल पत्रकार को तत्काल स्थानीय लोगों की मदद से निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद से पत्रकार समुदाय में भारी आक्रोश है।

जानकारी के अनुसार पत्रकार सुनील सेन, मेडिकल क्षेत्र से एक न्यूज़ कवर कर अपने घर लौट रहे थे। तभी पिसनहारी की मड़िया के पास स्थित पेट्रोल पंप के समीप, नीले रंग की स्विफ्ट कार में सवार चार से पांच युवकों ने उनका रास्ता रोका। आरोपियों ने पत्रकार को घेर लिया और किसी खबर को लेकर नाराजगी जताते हुए गाली-गलौज करने लगे। जब पत्रकार ने उनकी बात मानने से इनकार किया तो आरोपियों ने मिलकर उनकी जबरदस्त पिटाई कर दी।

शोर सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे, जिसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। क्षेत्रीय लोगों की मदद से घायल पत्रकार को अस्पताल पहुंचाया गया और मामले की सूचना गढ़ा थाना पुलिस को दी गई। थाने के प्रभारी पुलिस अधिकारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और प्राथमिक जांच शुरू की।

सूत्रों के मुताबिक, हमले की वजह एक स्थानीय डॉक्टर से जुड़ी खबर को बताया जा रहा है, जिससे संबंधित लोग पत्रकार पर खबर हटाने का दबाव बना रहे थे। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।


पत्रकार संगठन "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन"
 ( आइसना )

इस घटना के बाद पत्रकारिता जगत में रोष की लहर है। पत्रकार संगठन "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" ( आइसना ) ने प्रशासन से मामले में त्वरित गिरफ्तारी और पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। मांगो को लेकर ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( आइसना ) के प्रदेश अध्यक्ष एवं टाइम्स ऑफ क्राइम न्यूज़ चैनल के संपादक विनय जी डेविड, ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन के संगठन महामंत्री एवं देवांश भारत समाचार पत्र के संपादक प्रशांत वैश्य, पत्रकार राहुल सक्सेना, पीवीसी न्यू संचालक कुणाल सिंह एवं संवाददाता राज गुलाटी, आयुष्मान के जबलपुर जिला अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह परिहार, साधना न्यूज़ से संवाददाता पंकज विश्वकर्मा एवं पदाधिकारी आदि मौजूद रहे।


रविवार, 24 अगस्त 2025

अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर CBI ने मारा छापा ! SBI के बाद अब इस बैंक ने भी लगाया 'फ्रॉड' का ठप्पा

 


अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर CBI ने मारा छापा ! SBI के बाद अब इस बैंक ने भी लगाया 'फ्रॉड' का ठप्पा

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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) और इसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को ₹2,000 करोड़ से अधिक के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में की गई।

मुंबई में आरकॉम और अनिल अंबानी से जुड़े छह स्थानों पर तलाशी ली गई। सूत्रों के अनुसार, इन छापों का उद्देश्य अहम दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत जुटाना है, जिससे यह स्थापित किया जा सके कि बैंक फंड का दुरुपयोग कैसे हुआ और क्या ऋण को कहीं और मोड़ा गया। एजेंसी ने आरकॉम के खिलाफ SBI को ₹2,000 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुँचाने का मामला भी दर्ज किया है।

SBI ने 13 जून को आरकॉम और अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित कर दिया था और 24 जून को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को रिपोर्ट भेजी थी। RBI दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी खाते को धोखाधड़ी घोषित करने के बाद बैंक को 21 दिनों के भीतर RBI को सूचित करना होता है और मामला CBI या पुलिस को भेजना होता है।

अनिल अंबानी की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के बाद अब बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने भी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और अनिल अंबानी के लोन खातों को 'फ्रॉड' घोषित कर दिया है।

बैंक का आरोप है कि लोन की रकम का गलत इस्तेमाल किया गया और शर्तों का पालन नहीं किया गया। इस मामले में कंपनी से जुड़े कई और लोग भी शामिल हैं। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बताया कि उन्हें BOI से 8 अगस्त को एक पत्र मिला, जो 22 अगस्त 2025 को प्राप्त हुआ।

बैंक ऑफ इंडिया ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को भेजे नोटिस में कहा है कि अनिल धीरूभाई अंबानी और मंजरी आशिक कक्कर के लोन खातों को 724.78 करोड़ रुपये के बकाया लोन के लिए 'फ्रॉड' माना गया है। एसबीआई से पहले केनरा बैंक ने भी RCom को फ्रॉड घोषित किया था।

बैंक ऑफ इंडिया ने अपने पत्र में लिखा है कि उधारकर्ता का खाता 30 जून 2017 को 724.78 करोड़ रुपये के बकाया के साथ NPA हो गया। बैंक उधारकर्ताओं और गारंटर से बकाया चुकाने के लिए लगातार कह रहा है, लेकिन वे भुगतान करने में विफल रहे हैं।

BOI ने रिलायंस टेलीकॉम को भेजे नोटिस में कंपनी के खाते को 'फ्रॉड' बताया है। इसके साथ ही कंपनी के डायरेक्टर ग्रेस थॉमस और सतीश सेठ के खातों को भी फ्रॉड बताया गया है। इन पर 51.77 करोड़ रुपये का लोन बकाया है। इस मामले में गौतम भाईलाल दोशी, दगदुलाल कस्तूरचंद जैन और प्रकाश शेनॉय भी शामिल हैं। RCom और उसकी सहायक कंपनियों ने बैंकों से कुल 31,580 करोड़ रुपये का लोन लिया था।

एक दिन पहले ही यानी शनिवार को सीबीआई ने अनिल अंबानी के ठिकानों पर छापा मारा था। यह कार्रवाई मुंबई में एक कथित बैंक लोन फ्रॉड मामले से जुड़ी थी। सीबीआई के अनुसार, एजेंसी ने मुंबई में दो जगहों पर तलाशी ली, जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड का ऑफिस और अनिल अंबानी का घर शामिल था।

सीबीआई ने एसबीआई की शिकायत पर रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड मुंबई, इसके डायरेक्टर अनिल अंबानी, अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एजेंसी का आरोप है कि अंबानी और RCom ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात जैसे अपराध किए हैं।

शनिवार, 23 अगस्त 2025

केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री गडकरी ने फ्लाई ओव्हर का फीता काटकर किया लोकार्पण

 


केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री गडकरी ने फ्लाई ओव्हर का फीता काटकर किया लोकार्पण

जबलपुर. प्रदेश के सबसे बड़े एवं जबलपुर के महत्वाकांक्षी और बहुप्रतिक्षित मदन महल- दमोह नाका फ्लाई ओव्हर का आज केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने फीता काटकर लोकार्पण किया।

इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू, सांसद श्री आशीष दुबे, विधायक श्री अशोक रोहाणी, श्री सुशील तिवारी इंदू, श्री नीरज सिंह ठाकुर के साथ श्री अखिलेश जैन व नगर निगम के अध्यक्ष श्री रिकुंज विज सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी व मंत्री श्री सिंह ने अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ इस फ्लाई ओव्हर पर चले। इस दौरान फ्लाई ओव्हर निर्माण एजेंसियों द्वारा जगह-जगह गुलाब की पंखुडियों से तथा केबल स्ट्रे के पास रंगों की बौछार कर अतिथियों का भव्य स्वागत किया। फ्लाई ओव्हर लोकार्पित होते ही लोगों में उत्साह का संचार हुआ और वे अपने वाहनों से फ्लाई ओव्हर से यात्रा करने लगे।

सोमवार, 18 अगस्त 2025

अनुसूचित जाति विकास विभाग के सहायक ग्रेड-1 जीवन लाल बरार 1 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा

  


अनुसूचित जाति विकास विभाग के सहायक ग्रेड-1 जीवन लाल बरार 1 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया

भोपाल मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस महानिदेशक (लोकायुक्त) योगेश देशमुख के निर्देश पर जबलपुर लोकायुक्त इकाई ने भोपाल में एक सनसनीखेज ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया।

इस कार्रवाई में अनुसूचित जाति विकास विभाग के सहायक ग्रेड-1 जीवन लाल बरार को ₹1 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। यह राशि उन्होंने एक जाति प्रमाण पत्र की जाँच को दबाने के एवज में माँगी थी। इस घटना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की सक्रियता को एक बार फिर उजागर किया है।

घटना 18 अगस्त 2025 की है, जब जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने भोपाल के पंचशील नगर में ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया। शिकायतकर्ता उषा दाभीरकर (60 वर्ष), निवासी गुलाबरा, जिला छिंदवाड़ा, जो वाणिज्य कर कार्यालय, छिंदवाड़ा में सहायक ग्रेड-2 के पद पर कार्यरत हैं, ने लोकायुक्त को सूचना दी थी।

उषा ने बताया कि उनकी जाति प्रमाण पत्र की जाँच कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास विभाग, राजीव गांधी भवन, भोपाल में चल रही थी। इस जाँच को दबाने के लिए आरोपी जीवन लाल बरार (61 वर्ष), सहायक ग्रेड-1, ने उनसे ₹5 लाख की रिश्वत की माँग की थी।

शनिवार, 1 फ़रवरी 2025

मानव दुर्व्यापार एवं वैश्यावृत्ति के प्रकरण में ‘संगठित अपराध’ की 26 आरोपीयो के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध

  


मानव दुर्व्यापार एवं वैश्यावृत्ति के प्रकरण में ‘संगठित अपराध’ की 26 आरोपीयो के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध

सभी जिले एवं तहसीलों में ब्यूरो संवाददाताओं की आवश्यकता है हमसे जुड़ने के लिए संपर्क करें : 9893221036 

  • 1. भोपाल पुलिस की बडी कार्यवाही*
  • 2. मानव दुर्व्यापार एवं वैश्यावृत्ति के प्रकरण में ‘संगठित अपराध’ की एफ.आई.आर.दर्ज
  • 3. प्रकरण के आरोपीगण पूर्व में थाना क्राईम ब्रांच , थाना शाहपुरा में हो चुके है गिरफ्तार
  • 4. अब तक 26 आरोपी चिन्हित

भोपाल शहर मे गंभीर अपराधो एवं अपराधियो पर नियंत्रण रखने एवं पंजीबद्ध मामलो मे त्वरित कार्यवाही करने के संबंध मे पुलिस आय़ुक्त श्री हरिनारायणाचारी मिश्र, अति.पुलिस आयुक्त श्री अवधेश गोस्वामी द्वारा समय-समय पर दिये गये दिशा निर्देशो के पालन मे पुलिस उपायुक्त जोन 01 श्रीमती प्रियंका शुक्ला एवं अति.पुलिस उपायुक्त जोन 01 श्रीमती रश्मि अग्रवाल दुबे के मार्गदर्शन मे श्री सुजीत तिवारी सहा.पुलिस आयुक्त हबीबगंज संभाग ,श्री सुरभि मीणा सहायक पुलिस आयुक्त जहाँगीराबाद संभाग के नेतृत्व मे टीम गठित कर देह व्यापार एंव दुर्व्यापार मे संलिप्त 26 आरोपीयो के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया ।

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घटना का संक्षिप्त विवरण

थाना अशोका गार्डन भोपाल मे दिनांक 21.01.23 को 15 वर्षीय बालिका के गुमने की रिपोर्ट पर अप.क्र 39/23 धारा 363 भादवि का पजींबद्ध कर उनि पवन सेन द्वारा अनुसंधान किया जा रहा था । अनुसंधान के दौरान अपहर्ता को दिनांक 23/01/2025 को थाना ईसागढ क्षेत्र जिला अशोक नगर से दस्तयाब किया गया । अपहर्ता ने अपने कथन में बताया की उसकी माँ का दोहान्त हो गया है पिता ने माँ को पुर्व में ही छोड दिया था इसलिये वह मामा के पास रह रही थी मामा से प्रताडित होने पर अपहर्ता आरोपी सलमान के संपर्क में आयी , सलमान ने अपहर्ता को दंमत्ति आशुतोष वाजपेयी एंव पत्नि महक यादव को देह व्यापार करवाने एंव कमीशन की राशि प्राप्त करने के लिये सुपुर्द किया गया जिनके द्वारा अपहर्ता से देह व्यापार कराया गया बाद में प्रकरण में अन्य आरोपीयो ने अपहर्ता के साथ देह व्यापार को अग्रसर किया बाद में अपहर्ता का नाम पता , उम्र गलत बताकर उसकी शादी कराकर प्रतिफल स्वरुप राशी दो लाख रुपये प्राप्त किये प्रथम दृष्टया यह प्रकरण मानव दुर्व्यापार का पाया गया ।

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भारतीय दण्ड विधान के स्थान पर नवीन भारतीय न्याय संहिता 2023 में पहली बार संगठित अपराधो पर नियत्रंण स्थापित करने हेतु नवीन धारा संगठित अपराध 111 बीएनएस का प्रावधान किया गया है । जिसमें व्यपहरण , डकैती , उद्दापन , भूमि हथियाना , संविदा पर हत्या करना , आर्थिक अपराध , साईबर अपराध , मानव दुर्व्यापार, वेश्यावृत्ति आदि में सतत् विधि विरूद्ध क्रियाकलाप पर प्रभारी नियंत्रण स्थापित करने हेतु प्रावधान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि थाना अशोकागार्डन के अपराध क्रमांक 39/23 धारा 363 भादवि ईजाफा धारा 366ए,376,376(2)एन376(च) 370,120बी,भादवि ,3/4 पाक्सो एक्ट के मुख्य आरोपी आशुतोष बाजपेयी ,महक यादव पुर्व में भी क्राईम ब्रांच एंव थाना शाहपुरा में मानव दुर्व्यापार एंव वेश्यावृत्ति के प्रकरण में अन्य आरोपीयो के साथ गिरफ्तार हो चुके है, थाना क्राईम ब्रांच भोपाल के अपराध क्र. 79/19 धारा 4,5,7 अनैतिक व्यापार अधिनियम ,34(2) आबकारी एक्ट मे आशुतोष उर्फ आशु वाजपेयी के साथ मिथलेश पुराईना को गिरफ्तार किया गया है। इसी प्रकार थाना क्राईम ब्रांच के 130/19 धारा 3,4,5 अनैतिक व्यापार एवं 384,120 बी ,34 भादवि. में आरोपी निधि ठाकुर , शशांक पोद्दार उर्फ शेंकी , डिम्पी खान ,मकबूल अली , अर्जुन पटेल, निशांत महोले , मो. नवेद , अंजलि मोहाले, इसके अलावा थाना शाहपुरा के अपराध क्र.146/24 धारा 302,376,377,201 भादवि. 3,4,5,7 अनैतिक व्यापार मे आरोपी योगेश कुमार , कुलदीप उर्फ कुनाल उर्फ करन सिंह , रितुल कुमार पाण्डेय , सुरेन्द्र उर्फ सागर चौहान , इन्द्र बहादुर सिंह को साथ गिरफ्तार किया गया है।

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आशुतोष वाजपेयी , महक यादव एवं उपार्युक्त आरोपियो का यह कृत्य बी.एन.एस. की धारा 111 की परिधि में आता है। जिसके आधार पर उपर्युक्त आरोपियो के विरूद्ध अपराध क्र.50/25 धारा 111,111(2)(क),111(ख),111(3)(4) ,3(5) बीएनएस का पंजीबद्ध कर अनुसंधान मे लिया गया है।

सराहनीय भूमिका

निरी.हेमन्त श्रीवास्तव थाना प्रभारी अशोका गार्डन ,उनि पवन सेन, उनि विजय भामरे ,उनि शिवराज सिंह , सउनि जयवीर सिंह सेंगर, सउनि हरवीर सिंह यादव ,प्रआऱ ऋषिकेश राय , प्रआऱ पुनीत शुक्ला , प्रआर सुनील यादव मप्रआऱ भारती डाखरे, आर. कामिल खान , आर. आदर्श गजभिया , आर. नन्दकिशोर जाटव , आर. ओम प्रकाश आसरे आर.सतेन्द्र सिंह, आर. सुषपेन्द्र सिंह ,म.आर रोशनी अहिरवार ,म.आर स्मिता तिवारी ,आर. पुष्पेन्द्र सिंह भदौरिया ( पुलिस उपायुक्त कार्यलय जोन 01) की सराहनीय भूमिका रही ।

मंगलवार, 6 जून 2023

मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

 

 
मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

(मानव अधिकार क्रांति संगठन द्वारा संगोष्ठी) 

जबलपुर में मानव अधिकार क्रांति संगठन के द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन मढा़ताल पार्क में  प्रदेश अध्यक्ष डाँ गीता पांडेय, "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष विनय जी. डेविड की अध्यक्षता में कार्यक्रम का संयोजन जिला अध्यक्ष ममता ठाकुर एवं राजकुअँर के द्वारा किया गया 


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

और पर्यावरण दिवस पर सभी ने अपने अपने विचार रखें पौधारोपण  करने के पश्चात संगोष्ठी  में सभी अपने विचार रखे कार्यक्रम में संस्था के डाँ मुकेश जैन, जगदीश शर्मा, एड भावना निगम , ज्योति दुबे , मीना पांडे , प्रेमलता ठकार, नीलम शर्मा, रोशनी कुमंरे, हेमलता तिवारी, प्रीति रूसिया, अंजुला दीक्षित, रेखा विश्वकर्मा , सुधा तिवारी, किरण पंडित, नाज, यशवंत कोस्टा, पंकज मेहता ,अशोक चौधरी, संजय शर्मा, तुषार चौहान, अभिषेक गांगुली , प्रवीण मेहरोत्रा, इंद्र कुमार कुशवाहा, साकेत कुमार अग्रहरी दिलीप गोस्वामी, आदर्श शर्मा, राजेश पांडेय आदि सदस्य उपस्थित रहे ।


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

आज विश्व पर्यावरण दिवस पर उठाएं संकल्प,

ताकि हो सके आपके स्वस्थ जीवन का काया कल्प!

अगर बचाना है प्रलय से मानवता के जीवन तो,

तो पर्यावरण संरक्षण ही है एक मात्र विकल्प!!


विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं!

सोमवार, 5 जून 2023

RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

 


RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

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भोपाल, जुर्माने का नोटिस जारी होते ही राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के यहाँ से अपनी सुनवाई ट्रांसफर करने पर भी नही बच पाए भोपाल के चीफ़ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार। सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

आयोग जारी करने वाला था बेलेबल वारंट
जुर्माने की कार्रवाई  मुख्य सूचना आयुक्त ए. के. शुक्ला द्वारा की गई है। ये दोनो RTI अपील प्रकरण पूर्व में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। दोनो प्रकरणों में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार को दोषी पाते हुए जुर्माने और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए थे। जनवरी 2023 से बार-बार आयोग के आदेश की अवहेलना करते हुए लिखार आयोग के समक्ष भी हाजिर नहीं हो रहे थे ना वे सिंह द्वारा जारी कार्रवाई की नोटिस का जवाब भी दे रहे थे। इसको भी सिंह ने इस को गंभीरता से लेते हुए निखार को चेतावनी दी थी कि अगर वे आयोग के समक्ष सुनवाई में नहीं आएंगे तो उनके विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी किया जायेगा।


कार्रवाई से बचने के लिए प्रकरण ही ट्रांसफर कराया


लिखार ने सिंह की कार्रवाई से बचने के लिए अपने दोनों प्रकरणों को सूचना आयुक्त राहुल सिंह की कोर्ट से किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने की एप्लीकेशन दे दी यह कहते हुए कि उन्हें सिंह से न्याय मिलने की उम्मीद कम है। वही इस इस प्रकरण में सिंह ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए लिखार की दोनों आरटीआई अपील प्रकरणों को अपने खंडपीठ से अन्य खंडपीठ में सुनवाई के लिए अंतरित करने के लिए मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला को लिख दिया था। साथ में सिंह ने यह भी टिप्पणी कर दी कि उनके द्वारा इस प्रकरण में  कार्रवाई करते हुए लिखार को प्रथम दृष्टया दोषी भी पाया गया था तब से जुर्माने से बचने के लिए निखार द्वारा अपने प्रकरण में न्याय की उम्मीद कम दिखने लगी।


जुर्माने  के साथ हुई अनुशासनिक कार्रवाई

सिंह के पास से यह मामला ट्रांसफर होने पर मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए सिंह द्वारा जारी किए गए शो कॉज नोटिस को सही पाया और आनंद नीरज निखार के ऊपर ₹25000 का जुर्माना लगा दिया वही दूसरे प्रकरण में भी सिंह द्वारा जारी शो कॉज नोटिस के तथ्यों को सही पाते हुए एके शुक्ला ने भोपाल नगर निगम के आयुक्त को आनंद नीरज लिखार के  विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए आदेशित किया है।


RTI  में यह जानकारी मांगी थी


भोपाल के आरटीआई आवेदक समीउल्लाह खान नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर से भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा जारी एक मकान के कंस्ट्रक्शन की एनओसी की जानकारी मांगी थी। जिसे नीरज आनंद निखारने देने से मना कर दिया यह कहते हुए कि यह मकान मालिक की व्यक्तिगत जानकारी है। इस मामले में अपर आयुक्त नगर निगम शाश्वत मीणा भी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए थे लेकिन उनके आदेशों की भी अवहेलना करते हुए लिखार ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी। वही दूसरे आरटीआई प्रकरण में समीउल्लाह खान ने एक अतिक्रमण की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी मांगी थी यह जानकारी भी चीफ सिटी प्लानर ने समीउल्लाह को उपलब्ध नहीं कराई।


अतिक्रमण की जानकारी को RTI मे रोका नही जा सकता: सिंह

इन दोनों प्रकरणों में स्थिति को साफ करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने यह कहा था कि अतिक्रमण की जानकारी को जनहित में दिया जाना चाहिए था वही किसी भी मकान के निर्माण के लिए जारी एनओसी को व्यक्तिगत जानकारी होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता है। ये पूरी तरह से जनहित का मुद्दा है और अवैध निर्माण के ऊपर कारवाई शासन नियम और कानून के अनुरूप करता है। सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि  अवैध निर्माण और अतिक्रमण में की गई कार्रवाई को अधिकारियों को स्वतः वेबसाइट  पर ही उपलब्ध करा देना चाहिए।  ताकि अवैध निर्माण के संबंध में चल रही कार्रवाई में कसावट सुनिश्चित होगी, साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी बनेगी। इंदौर के मंदिर में हुए हादसे का जिक्र करते हुए सूचना आयुक्त सिंह ने यह भी लिखा कि अगर इस तरह की जानकारी को पारदर्शी तरीके से पहले ही जनता के सामने रखा जाएगा तो अवैध निर्माण की वजह से होने वाले हादसों पर भी रोक लगेगी।

गुरुवार, 1 जून 2023

RTI : सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ाने वाली महिला बाल विकास विभाग की दो अधिकारियों पर 25-25 हजार का जुर्माना

 

RTI : सूचना के अधिकार

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महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।

MP State Information Commission: 

भोपाल । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये के जुर्माना लगाया हैं। विभाग की ही एक महिला कर्मचारी को सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी नहीं देने पर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही आवेदक से लिया गया तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी लौटाने का आदेश दिया।

आवेदक ऋचा दुबे ने 25 मई 2022 को महिला एवं बाल विकास विभाग के सागर कार्यालय से आवक-जावक पंजी की प्रति मांगी थी। लोक सूचना अधिकारी ने समय सीमा में उनसे तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी ले लिया पर उन्हें जानकारी नहीं मिली। प्रथम अपीलीय आदेश के बावजूद 15 दिन में दस्तावेज नहीं दिए गए तो प्रकरण राज्य सूचना आयोग के समक्ष आया।

आयोग ने धारा 20 के अंतर्गत जुर्माने का नोटिस जारी किया। अपने बचाव में लोक सूचना अधिकारी रचना बुधौलिया ने कहा कि जानकारी विस्तृत थी और पंचायत चुनाव के कारण जानकारी देना संभव नहीं हुआ। सुनवाई में सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने बचाव पक्ष की दलीलों को अमान्य करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और शुल्क की राशि लौटाने के आदेश दिए।

इसी तरह एक अन्य आवेदन में विभाग के मालथौन कार्यालय में सात अप्रैल 2022 को ऋचा दुबे ने आंगनबाड़ी भवनों के किराए से जुड़े दस्तावेज मांगे थे, लेकिन न तो 30 दिन में कोई जवाब दिया गया और न ही प्रथम अपीलीय आदेश का पालन हुआ। आयोग की सुनवाई में यह हर स्तर पर सूचना के अधिकार की अवहेलना का प्रकरण माना गया।

अपीलार्थी का कहना था कि आंगनबाड़ियों के किराए के नाम पर यह वित्तीय अनियमितताओं के दस्तावेज हैं, इसलिए जानबूझकर टालमटोल की गई। उन्हें मजबूर होकर आयोग तक आना पड़ा। अंतत: दस माह के विलंब से उन्हें जानकारी मिली। लोक सूचना अधिकारी प्रेमवती चढ़ार को भी इस मामले में नोटिस दिया गया और 25 हजार रुपए जुर्माना का आदेश हुआ।

आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि महिला बाल विकास विभाग के एक से अधिक मामलों में यह देखा गया है कि लोक सूचना आधिकारियों को अपनी भूमिका का ही ज्ञान नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी का कहना है कि सूचना का अधिकार कानून 18 साल पुराना हो चुका है लेकिन लोक सूचना अधिकारियों को 30 दिन की अमूल्य समय सीमा संज्ञान में नहीं है। मामूली सी जानकारियों के प्रकरण आयोग तक आते हैं। कुछ विभागोंं का रवैया तो बेहद चिंताजनक है।


मंगलवार, 23 मई 2023

41वें स्थापना दिवस पर ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन ( आइसना ) के उत्तर प्रदेश प्रांतीय सम्मेलन का हुआ आयोजन, उपमुख्यमंत्री ने किया पत्रकारों को सम्मानित


ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन आइसना के लखनऊ सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी का सम्मान करते आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव शंकर त्रिपाठी जी एवं उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद जुगल किशोर जी के साथ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विनय जी डेविड

विनय जी डेविड // 9893221036

लखनऊ, ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन ( आइसना )  का 41वां प्रांतीय सम्मेलन 22 मई 2023 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया सभागार में वार्षिक महान सम्मेलन पूर्व सांसद एवं आइसना के प्रांतीय अध्यक्ष जुगल किशोर एवं सुश्री आरती त्रिपाठी महामंत्री आइसना एवं सदस्य पी सी आई के सहयोग से संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया। हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली के साथ-साथ दक्षिण भारत के पदाधिकारी भी भारी संख्या बल के साथ सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार स्वतंत्र मिश्रा द्वारा किया गया। आइसना के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर ने एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी का स्वागत किया। प्रांतीय सम्मेलन में आए विशिष्ट अतिथि मंत्री जितिन प्रसाद, आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी व राष्ट्रीय महामंत्री आरती त्रिपाठी (सदस्य, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष आइसना व पूर्व सांसद जुगल किशोर ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारियों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आइसना के प्रांतीय सम्मेलन में विनय जी. डेविड (प्रांतीय अध्यक्ष, मध्य प्रदेश आइसना), प्रशांत वैश्य (प्रांतीय संगठन महामंत्री, मध्य प्रदेश आइसना), श्रीराम (साउथ इंडिया अध्यक्ष) गिरीश चंद्र शर्मा (अध्यक्ष, हरियाणा प्रदेश), पंडित संजीब नारायण दास (अध्यक्ष असम प्रदेश), संदीप कुमार दफ्तुआर (बिहार प्रदेश अध्यक्ष), सुनील कुमार पांडेय (मंत्री नई दिल्ली), मैरियन (तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष), लखनऊ से संजीव पाहवा, आर.के.सिंह, अरविंद त्रिपाठी, अरविंद द्विवेदी, अमन सिंह, सुनीता सिंह, अमित सिंह, रीति सिंह आदि देश के कोने-कोने से आए पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया। 

कार्यक्रम के समापन पर सभी सदस्यों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सभी प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारिणी के सदस्य एवं पदाधिकारी भारी संख्या में सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक

आइसना के योगदान को सराहा और दिया हर संभव मदद का भरोसा

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारियों व उत्तर प्रदेश के समस्त पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि योगेंद्र मिश्रा व शिव शंकर त्रिपाठी ने कड़ी मेहनत करके छोटे अखबारों को एक मंच पर संगठित करने का कार्य किया और पहला सम्मेलन दिल्ली के मावलंकर हाल में हुआ। 

इसके बाद से अनवरत कार्यक्रम चलता रहा और देश के सारे छोटे एवं मध्यम अखबार एक धागे में बंधते चले गए। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन द्वारा दिए गए 6 सूत्रीय मांग पत्र को जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि स्याही से लेकर कागज तक की महंगाई इतना आसमान छू रही है, ऐसी परिस्थिति में छोटे अखबारों का संचालन बहुत ही चुनौती भरा कार्य है। छोटे व मध्यम अखबारों से वह बातें सामने आती हैं जो बड़े अखबारों की पहुंच से बाहर होती हैं। गांव की गलियों से निकली आवाज लखनऊ और दिल्ली की सत्ता के गलियारों तक पहुंच कर आंदोलन बन जाती है, यह छोटे और मध्यम अखबारों की ही देन है। आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अखबारों को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आइसना की राष्ट्रीय महामंत्री व प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सदस्य आरती त्रिपाठी व राष्ट्रीय अध्यक्ष आइसना शिव शंकर त्रिपाठी के साथ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद जुगल किशोर का विशेष आभार व्यक्त किया।

पत्रकारों को एकजुट होकर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ना होगा : विनय जी. डेविड

ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आइसना के उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सम्मेलन में विनय जी. डेविड ( प्रांतीय अध्यक्ष, मध्य प्रदेश आइसना ) ने कहा कि देश के सभी लघु मध्यम समाचार पत्र पत्रिकाओं एवं पत्रकारों को एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ना चाहिए, पत्रकारों के अधिकार का देश की सभी सरकारों को ध्यान रखना चाहिए, देश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए, प्रदेश सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए इस कानून को जल्द से जल्द लागू होना चाहिए, विनय डेविड ने मध्य प्रदेश सरकार से मध्य प्रदेश के लघु समाचार पत्र-पत्रिकाओं को प्रतिमाह एक निर्धारित राशि का विज्ञापन प्रदान किए जाने एवं मध्यप्रदेश के पत्रकारों एवं उनके परिवार के जीवन यापन के लिए एक सुनिश्चित राशि प्रतिमाह प्रदान करने की मांग उठाई, आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव शंकर त्रिपाठी एवं महासचिव एवं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सदस्य सुश्री आरती त्रिपाठी ने मांगों का समर्थन करते हुए शीघ्र भारत सरकार और प्रदेश की सरकारों से इन मांगों को पूरा करने के लिए प्रयास किए जाने मंजूरी दी।

विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे मंत्री जितिन प्रसाद ने आइसना के कर्तव्य परायणता को सराहा

अखबारों को हर संभव मदद करने का दिया भरोसा

विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे मंत्री जितिन प्रसाद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी कड़ी मेहनत के साथ अखबारों की महत्वपूर्ण भूमिका भी होती है, गांव से निकली आवाज ही दिल्ली की सत्ता के गलियारों तक पहुंचती है। अधिकारियों और नेताओं की जवाबदेही तय करना चौथे स्तंभ का प्रमुख कर्तव्य है, जिसे आज के समय में लघु एवं मध्यम अखबार ही पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। ऐसे अखबारों को सरकार द्वारा हर संभव मदद मिलनी चाहिए। इन अखबारों को हमारी तरफ से हर संभव मदद मिलती रहेगी। अखबार के पन्नों और स्याही की महंगाई का जिक्र करते हुए छोटे एवं मध्यम अखबारों के संघर्षों को सराहा और अखबार के पन्नों से सोशल मीडिया तक पहुंचे अखबारों की खबरों का आभार व्यक्त किया।

आइसना राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी व अन्य पदाधिकारियों के साथ संगठन के प्रांतीय सम्मेलन में पहुंचे बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को 6 सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों की सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के साथ-साथ पत्रकारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा व पांच लाख रुपए तक के इलाज की मुफ्त सुविधा जैसी मूलभूत सुविधाओं को राज्य सरकार के द्वारा मुहैया कराए जाने की बात भी रखी गई। जिसे उपमुख्यमंत्री ने राज्य सरकार तक संगठन की मांगों को पहुंचाने की बात कहते हुए इन्हें पूरा करने का भरोसा भी दिलाया।

आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी समाचार पत्रों की बिकट समस्याओं जैसे विज्ञापन नहीं मिलना जीएसटी लगना आरएनआई में समस्याओं का शीघ्र समाधान न होना सरकार का विज्ञापन बजट प्रति वर्ष कम करना पत्रकारों को आर्थिक मदद ना देना, सुरक्षा न देना आदि समस्याओ से अवगत कराया और इन समस्याओं के समाधान करने के लिये सरकार को ज्ञापन दिया। इसके बाद सरकार की तरफ़ से पूर्ण आश्वासन जितिन प्रसाद और उपमुख्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने देने की घोषणा कर दी। 

पूर्व सांसद जुगल किशोर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर रत्न से सम्मानित

स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन के प्रांतीय सम्मेलन में आइसना के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद जुगल किशोर को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर रत्न से सम्मानित किया गया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पद चिन्हों पर चलने वाले पूर्व सांसद जुगल किशोर ने अपने जीवन में बाबा साहब के मूल सिद्धांतों को संजोने का पूरा प्रयास किया है।

बुधवार, 10 मई 2023

महिला आईएएस अफसर गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, दामाद के साथ ली गयी हिरासत में !

 


महिला आईएएस अफसर गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, हिरासत में !

जयपुर | राजस्थान के अजमेर से 105 करोड़ रुपये के घोटाले में असम की आईएएस अधिकारी सेवाली देवी शर्मा, उनके दामाद और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया है। अजमेर के कोतवाली थाने के सहयोग से असम की सतर्कता टीम ने सोमवार सुबह इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

गिरफ्तारियां असम के स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में हुई हैं। तीनों आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए अजमेर आए थे। उन्हें यहां सीजीएम कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। इसके तुरंत बाद टीम उन्हें लेकर असम के लिए रवाना हो गई।

रविवार देर रात इंस्पेक्टर प्रीतम सेकिया के नेतृत्व में असम सतर्कता दल अजमेर पहुंचा। अधिकारियों ने कहा, ”टीम रविवार रात अजमेर पहुंची थी। कोतवाली थाना पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी ली। सोमवार की सुबह असम


महिला आईएएस अफसर सेवाली देवी शर्मा गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, दामाद के साथ ली गयी हिरासत में !

विजिलेंस टीम और कोतवाली थाने के पुलिसकर्मियों ने जयपुर रोड स्थित होटल क्रॉस लेन से सेवाली देवी शर्मा, दामाद अजीत पाल सिंह और राहुल अमीन को गिरफ्तार किया। राहुल और अजीत पाल दोनों ठेकेदार हैं।

बताया जाता है कि सेवाली देवी शर्मा 2017-2020 के बीच एससीईआरटी में रही हैं। आरोप है कि उसने सरकार की सहमति के बिना 5 बैंक खाते खोले और कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों में शामिल थी। आरोप है कि इस घोटाले में उसका दामाद भी शामिल था। बताया जा रहा है कि आईएएस अधिकारी ने बिना किसी वर्क ऑर्डर के 105 करोड़ रुपये निकलवा लिए। सेवाली देवी 1992 कैडर की अधिकारी हैं। मामला सामने आने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

दरअसल, निलंबित आईएएस सेवाली देवी शर्मा की गिरफ्तारी के लिए असम मुख्यमंत्री कार्यालय लगातार मॉनिटरिंग कर रहा था। असम पुलिस लगातार आरोपितों की लोकेशन ट्रेस कर रही थी। अपनी गिरफ्तारी के डर से निलंबित आईएएस अपने दामाद और ठेकेदार अमीन के साथ शनिवार से अजमेर के एक होटल में ठहरी थी। अजमेर में आरोपितों की लोकेशन मिलने पर असम पुलिस ने अजमेर पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद असम पुलिस रविवार देर शाम को अजमेर पहुंची और अजमेर की कोतवाली थाना पुलिस की मदद से आईएएस सेवाली देवी शर्मा, उनके दामाद अजीत पाल सिंह और ठेकेदार अमीन को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की गिरफ्तारी असम की स्टेट काउंसलिंग ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के मामले में हुई है।

सोमवार सुबह कोतवाली थाना पुलिस के साथ असम पुलिस के अधिकारियों ने आरोपितों को असम ले जाने के लिए स्थानीय कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने अतिरिक्त वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश व अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 1 में ट्रांजिट वारंट की अर्जी दाखिल किया है। कोर्ट से ट्रांजिट वारंट की स्वीकृति मिलने के बाद असम पुलिस सेवाली देवी शर्मा को असम लेकर रवाना होगी।

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023

बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा



बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा


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विनय जी डेविड : 9893221036

*ED की पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे, चर्च की कीमती जमीन को बेचा, कई काले कारनामों का दस्तावेज भी बरामद*

*बर्खास्त बिशप के जबलपुर समेत मुबंई, रांची व नागपुर स्थित ठिकानों पर भी ईडी ने मारा था छापा*

जबलपुर। चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के पूर्व निदेशक बिशप (former bishop) पीसी सिंह (PC Singh) को जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीसी सिंह से 14 दिन तक पूछताछ की। जिसमें कई अहम खुलासे हुए। बिशप सिंह ने सीएनआई की कीमती कई जमीन को बेचा। कई संस्थानों को बेकार बताकर किराए पर दे दिया। पी सी सिंह के कई काले कारनामों के दस्तावेज भी बरामद किए गए।

बिशप पद से हटाए गए द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चेयरमैन पीसी सिंह को कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने जबलपुर केंद्रीय जेल भेज दिया है। ईडी ने पीसी सिंह को 12 अप्रैल को जबलपुर में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड स्वीकृत की थी। पूछताछ के लिए उसे भोपाल ले जाया गया था।

रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पीसी सिंह को 27 अप्रैल को जबलपुर लाया गया जिसके बाद जेल भेज दिया गया। दरअसल, जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मुंबई, रांची, नागपुर स्थित छह ठिकानों पर छापा मारा था।

इन ठिकानों से ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और करीब पांच लाख 37 हजार 500 रुपये नकद जब्त किए थे। ईडी ने यह कार्रवाई 15 मार्च को जबलपुर, मुंबई, रांची व नागपुर के छह ठिकानों तथा 18 मार्च को रांची में तीन ठिकानों पर छापामारी की थी। जिसके बाद ईडी की टीम 12 अप्रैल को जबलपुर पहुंची और पीसी सिंह को उसके नेपियर टाउन स्थित बंगले से गिरफ्तार कर लिया था।

बिशप पीसी सिंह के घर में आठ सितंबर 2022 को ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा था। वहां से एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपए, 118 पाउंड, 18352 यूएस डालर, 80 लाख 72 हजार रुपये कीमत के दो किलो वजनी सोने के जेवर समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज और 48 बैंक खातों के संबंधित दस्तावेज जब्त हुए थे। 

पीसी सिंह जर्मनी से 11 सितंबर को स्वदेश लौटने पर उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। जबलपुर लाकर पूछताछ व जांच की गई। जांच के दौरान उसकी पौने आठ करोड़ रुपये की एफडी का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि वह स्वयं 128 बैंक खाते संचालित करता था। 46 खाते उसके स्वजन और संस्थाओं के नाम पर थे।


अतीक-अशरफ हत्याकांड: SC ने UP सरकार से पूछा-माफिया भाइयों की परेड क्‍यों करवाई

 


अतीक-अशरफ हत्याकांड में SC का UP सरकार से सवाल, 'एंबुलेंस से सीधे अस्पताल क्यों नहीं लाया गया


सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि अतीक और अशरफ अहमद को एंबुलेंस में अस्पताल के गेट तक क्यों नहीं ले जाया गया. खूंखार गैंगस्टरों के मारे जाने की शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र समिति से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा, ”उनकी परेड क्यों कराई गई?’ न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह भी पूछा कि शूटर्स को कैसे पता चला कि अतीक और अशरफ को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए ले जाया जाएगा?

 नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार से अतीक अहमद (Ateek Ahmed) और अशरफ की हत्या मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के पहले हुये असद एनकाउंटर (Encounter) पर हलफनामा मांगा है. यूपी सरकार से यह भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बी एस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं. कहा कि हमने ये घटना टीवी पर देखी है. दोनों को अस्पताल में सीधे एंबूलेंस से क्यों नहीं ले जाया गया. उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तीन हफ्ते में सुनवाई को करने के लिए कहा है. जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी.

यूपी सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी हुए पेश 
उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government)की ओर से मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने कोर्ट में पक्ष रखा. रोहतगी ने कहा हमने जांच के लिए दो-दो पूर्व चीफ जस्टिस का आयोग बनाया है. इस मामले में यूपी सरकार ने तेजी से काम किया है.

जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. वहीं वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की है.

बता दें कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की प्रयागराज में 16 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास यह घटना हुई थी. दोनों को ही 10 से अधिक गोली मारी गई थीं. इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके पहले 14 अप्रैल को यूपी एसटीएफ (UP STF) की टीम ने अतीक अहमद के बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. झांसी में असद के साथ शूटर गुलाम भी एनकाउंटर में मारा गया था. जब कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक को इसकी खबर मिली तो वह फूट-फूटकर रोने लगा था.

पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च संस्थान द्वारा निर्मित अवैध भवन नगर निगम जबलपुर ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया

 


पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा 


*जबलपुर से विनय जी. डेविड की रिपोर्ट*
*संपूर्ण जानकारी खबर, वीडियो, फोटो के लिए संपर्क करें : 98932210368989655519

*जबलपुर, नगर पालिक निगम जबलपुर अपर आयुक्त श्री राजेन्द्र मिश्रा द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड अन्तर्गत तैय्यबअली मार्ग पीली कोठी पर फादर मनीष एस.गिडियन मेथोडिस्ट द्वारा किए जा रहे निर्माण विषयक् स्वामित्व सहित भवन स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा था। परंतु मनीष गिडियन एवं संस्थान के लोगों द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए. चर्च के नाम पर मेथोडिस्ट चर्च संस्थान के बिशप एम.ए. डेनियल, एरिक पी नाथ और मनीष गिडियन है मनीष गिडियन अभी सेंट्रल जेल जबलपुर में सलाखों के पीछे है ये सभी मुख्य आरोपी है,

जिस पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम ने आज तहसील भेजकर के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है जो अभी चल रही है.*

ज्ञात हो कि नगर निगम में चर्च द्वारा प्रस्तुत जबाब पर नगर निगम द्वारा चर्च को नोटिस दिया कि “स्थल पर किया गया निर्माण अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति से किया गया है। तदोपरान्त उक्त निर्माण को हटाए जाने हेतु आपको कार्यालय द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम नियम अनुसार नोटिस किया गया है ।

जिस पर आपके द्वारा निगम कार्यालय पर दिनांक 27.08.2020 को एक पत्र प्रस्तुत कर चर्च शेड निर्माण की बात कही गई एवं नजूल डीड एवं नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत की गई । आपने उक्त पत्र में स्थल पर किए जा रहे निर्माणाधीन भवन का नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त होने पश्चात् निगम से भवन अनुज्ञा अनुमति लिए जाने का लेख किया है।

आपके द्वारा स्थल पर किए गए निर्माण के संबंध में ढाई वर्ष उपरान्त भी आज दिनांक तक निगम कार्यालय पर भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इतनी बड़ी संरचना का निर्माण बगैर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की स्वीकृति के एवं बगैर भवन अनुज्ञा अनुमति प्राप्त किए गंभीर त्रुटी है।

आपको इस पत्र के माध्यम से निर्देशित किया जाता है कि आप पत्र प्राप्ति से 24 घण्टे के भीतर स्थल पर किए गए निर्माण को स्वयं हटा लेवें। अन्यथा कि स्थिति में स्थल पर किया गया अनाधिकृत निर्माण निगम द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम में विहित प्रावधानों के अन्तर्गत किसी भी समय हटा दिया जावेगा।

इस मामले में यूसीएनआईटीए के स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी एडमिन लाल एवं यूसीएनआईटीए के मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के लीगल एडवाइजर विनय जी. डेविड ने अवैध निर्माण तोड़ने की शिकायत की थी.

आज अभी पीली कोठी  मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी लगाकर अभी शुरू कर दी है कार्रवाई चल रही है जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा जा रहा है.

सोमवार, 24 अप्रैल 2023

7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले

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विनय जी. डेविड : 9893221036

जबलपुर. मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर परिसर में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे और प्रमुख कोच रिचपाल सिंह सलारिया की कृपा से संविदा शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पिछले 7 वर्षों से सभी कोच एवं कर्मचारी अपने परिवार के साथ एकेडमी परिसर में ही निवास कर रहे हैं जिसकी शिकायत जबलपुर कलेक्टर को की गई.

आशीष पांडे जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी

जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे से जब यह जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने गुमराह करते हुए शिकायत को झूठी बताया जबकि हर एक आदमी को पता है कि आर्चरी एकेडमी परिसर के छात्रा-छात्राओं के होस्टल में सभी कोच कई कमरों में कब्जा करके रह रहे हैं

विडियो खबर : तीरंदाजी एकेडमी जबलपुर में प्रशिक्षकों की बल्ले-बल्ले


वही हॉस्टल में छात्रा-छात्राओं के लिए बनने वाला भोजन भी नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन कर रहे हैं संविदा आर्चरी  कोचों के अनुबंध के आधार पर नियम अनुसार उनको किसी भी प्रकार की वेतन के अलावा अन्य सुविधा प्रदान नहीं की जा सकती, परंतु सरकारी संपत्ति पर कब्जा करके लाखों रुपए का सरकार के राजस्व का नुकसान, खेल अधिकारियों की मिलीभगत सांठगांठ से हो रहा  है, 

इस मामले में जबलपुर जिला कलेक्टर को भी जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे के द्वारा गुमराह किया जा रहा है, सही रिपोर्ट नही मिलने की वजह से जिला जबलपुर कलेक्टर इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, 

इस मामले में एक शिकायत कलेक्टर जबलपुर को प्राप्त हुई थी जिस परजिला खेल अधिकारी आशीष पांडे ने गुमराह करते हुए कलेक्टर को सही जानकारी नहीं पहुंचाई, जहां छात्रा छात्राओं के लिए यह सुविधा दी गई है वहीं कोचों के यहां पर निशुल्क सरकारी खाते में वारे न्यारे हैं, अब जब यह खुलासा  हुआ है तो अब देखना यह है कि इस मामले में कलेक्टर जबलपुर क्या कार्रवाई की जाती है.

कौन-कौन कोच वं कर्मचारी है नियमों की धज्जियां उड़ा कर शासकीय संपत्ति का उपयोग करने वाले

1. रश्मि सिंह कोच आर्चरी अगस्त 2016 से ही एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है,

2. अशोक कुमार यादव आर्चरी कोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं, जिसमें पत्नी एवं 3 बच्चे एवं अपने दो रिश्तेदारों अमित यादव एवं अन्य) के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

3. रवि प्रधान आर्चरीकोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

4. दशरथ सिंह ठाकुर वार्डन अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

5. कप्तान  स्वयं अपने एक दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

6. रिचपाल सिंह सलारिया मुख्य आर्चरी कोच स्वयं सत्र 2019 से 2023 निवास कर रहे हैं, अपने 4 रिश्तेदारों 1. सौम्या सिंह उर्फ तनु 2. दीक्षांत सिंग उर्फ देसू एवं अन्य दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है

बुधवार, 19 अप्रैल 2023

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सोमवार, 17 अप्रैल 2023

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार

  

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

 


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिय

चर्चित व्यक्ति को नेतृत्व देने की पुरातन परम्परा रही है। प्रतिभा, योग्यता और समर्पण के आधार पर चर्चाओं का वातावरण सकारात्मकता का पर्याय हुआ करता था। वर्तमान समय में सकारात्मकता को नकारात्मकता ने पछाड दिया है। वातावरण निर्माण हेतु प्रायोजित कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है। लाभ के अवसरों के लिए आपसी समझौतों की श्रंखला अब नित नई ऊंचाइयां छूने लगीं हैं। इन कार्यक्रमों को विभिन्न माध्यमों से आम आवाम तक पहुंचाने वाले समूह को आधुनिक भाषा में पीआर ग्रुप का नाम दिया गया है। 

व्यक्तिगत संबंधों को व्यापक बनाने के लिए अब विशेषज्ञों की तलाश की जाने लगी है। राजनैतिक धरातल से लेकर वित्तीय संस्थानों तक ने अपने विस्तार के लिए पीआर स्पेशलिस्ट्स की फौज नियुक्त कर ली है। इनसे हटकर अपराधियों, असामाजिक तत्वों और षडयंत्रकारियों ने तो संचार माध्यमों के लिए विधिवत व्यक्तिगत तंत्र ही विकसित कर लिया है। स्वधीनता संग्राम के दौर में धरती से जुडे राष्ट्र भक्तों का बलिदान भी गोरों के षडयंत्र का शिकार हो गया था। उस दौर में भी पैसों की चमक, लालच के दावानल और सत्ता के सम्मान ने इच्छित व्यक्यिों को देश का लोकप्रिय नेता घोषित करवा दिया गया था। 

तब षडयंत्र के तहत अंग्रेजी पत्रों में व्यक्ति विशेष के लिए आलेख, समाचार और  उनकी कथित जीवन गाथायें प्रकाशित करवायी जातीं थीं। लोलुप लोगों को व्यक्ति विशेष के पक्ष में वातावरण निर्मित करने के काम में लगा दिया जाता था, जो चौराहों से लेकर चौपालों तक पहुंचकर उसकी प्रशंसा में मनगढन्त कहानियों सुनाता और समाज में उसे चर्चा का विषय बना देता था। धीरे-धीरे उसके वक्तव्यों को कालीदास के इशारों में बदलकर विदुषी विद्योत्मा बनी आवाम के समक्ष परोसा जाता ताकि समाज उस पैरासूट नेता को वास्तविक नेतृत्व प्रदान कर दे। कठपुतली को जीवित शरीर के भ्रम के रूप प्रस्तुत किया गया। अन्त: देश में जब राष्ट्र भक्तों का दबाव बढने लगा, आम आवाम स्वाधीनता के लिए कफन बांधकर खडी हो गई तो गोरों ने अपनी कठपुतलियों को नेता बनाकर पेश किया। 

वार्ता के लिए उन्हें ही आमंत्रित किया और दिखाने शुरू कर दिये देशवासियों को सब्जबाग। इतिहास की गवाही ने एक बार फिर वर्तमान को व्यथित करना शुरू कर दिया है। अतीक, शाइस्ता, असद, गुलाम, अशरफ, अमृतपाल, जोगा जैसों की नकारात्मकता को सुुर्खियां मिलने लगीं। उनके पक्ष में कमर कसकर खडे लोगों की बातों को महात्व दिया जाने लगा। किसी लोकप्रिय जन कल्याणकारी समाजसेवी की तरह उनकी जीवन गाथायें, विश्राम करने के स्थान, सहयोगियों की जमात जैसे कारक आज चारों ओर छाये हुए हैं। नकारात्मकता को समाप्त करने में लगे लोगों पर प्रश्नचिन्ह अंकित करने का फैशन चल निकला है। सत्य को कोसकर असत्य को स्थापित करने का कारोबार तो दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करने लगा है। विचार मंथन के माध्यम से पेश किये जाने वाले कार्यक्रम समाज को तोडने में महात्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 

सोची समझी योजना के तहत चलने वाले कृत्यों को सामान्य ढंग से होने वाली गतिविधियों की तरह प्रस्तुत करने की पटकथा तो पहले ही लिखी जा चुकी है। कभी कश्मीर में सेना के जवानों पर वहां के आतंकियों के थप्पड पडते थे और थप्पड मारे वालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर राष्ट्र भक्त फौजियों पर मामले दर्ज किये जाते थे, जबाब मांगे जाते थे, आत्मरक्षा में उठाये गये कदमों को अपराध बनाकर न्याय की चौखट पर दस्तक दी जाती थी। ऐसे लोलुप भितरघातियों की जमात अब आतंक की इबारत बनने की हसरत पालने वालों के चारों ओर सुरक्षा कवच लगा रही है। सरेआम हत्या करने वालों के साथ खडे लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अनेक घरों के चिरागों को बुझाने वालों के दीये पर हवा को लगते अपराधियों ने अपने संरक्षणदाताओं के साथ मिलकर मुल्क की फिजां में जहर घोलने का काम शुरू कर दिया है। 

इस जहर की चर्चा भी प्रमुखता से की जाने लगी है। पीआर के विशेषज्ञों को मैदान में उतार दिया गया है। अपराध की कहानियां सुना सुनाकर आम आवाम में दहशत पैदा करने वाले अपने विदेशी आकाओं के इशारों कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। राजनीति के पंडितों से लेकर अपराध के जल्लादों तक ने समय के साथ करवट बदल ली है। दहशत के आकाओं को उनकी जाति विशेष के लिए संरक्षक की भूमिका में दिखाया जाने लगा हैं। अपराध से जुटायी गई धन-सम्पत्ति से राजनीति के दरवाजे पर दस्तक देने का क्रम भी चल निकला है। सत्ता का मुखिया बनने वाला व्यक्ति भी अपनी जाति के लिए लचीला रुख अख्यितार करता है। अन्य सशक्त जातियों को नस्तनाबूत करने की मुहिम भी पर्दे के पीछे से निरंतर चलाता है। दूसरी ओर पार्टी के लिए धन संग्रह करने में अपराध जगत की महात्वपूर्ण भूमिका भी तेजी से बढ जा रही है। 

पार्टियों की चंदा राशि को सूचना के अधिकार की सीमा से बाहर रखा गया है। इसी तरह निजिता की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी और मौलिक अधिकारों की दुहाई जैसी व्यवस्थायें देश को कोढ में खाज देने का काम स्वाधीनता के बाद से निरंतर कर रहीं हैं। पंजाब में सत्ता बदलते ही खालिस्तान के नारे बुलंद होने लगे। खास दलों की सरकारों वाले राज्यों में धार्मिक उन्माद चरम सीमा पहुंचता जा रहा है। व्यक्तिगत हितों पर आदर्श, सिध्दान्त और नीतियों की हत्यायें हो रहीं है। लोगों की महात्वाकांक्षायें अब आसमान छूने लगीं हैं। दल बदलकर इच्छित लक्ष्य की पूर्ति में जुडे लोगों ने स्वयं को जाति विशेष, सम्प्रदाय विशेष तथा क्षेत्र विशेष का कथित ठेकेदार घोषित कर दिया है। ऐसे लोगों को अपने पक्ष में लाने के लिए खद्दरधारियों की टोलियां जुटीं है ताकि आने वाले चुनावों में सत्ता का सिंहासन मिल सके। 

देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन, परन्तु संचार माध्यमों के चन्द मठाधीशों को किन्हीं कारणों से यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। यही फर्क है धृतराष्ट्र और गांधारी के अंधेपन में। एक तो सत्ता के लालच में अंधा है तो दूसरा वैभव की प्रचुरता के पीछे पागल होकर अंधे का अंधा बनकर अनुशरण कर रहा है। ऐसे में देश के राष्ट्र भक्त नागरिकों को ही आगे आने होगा, तभी बूंद-बूंद पानी से गागर भर सकेगी और पुन: प्राप्त किया जा सकेगा विश्व गुरु का सम्मान। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

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