सोमवार, 27 फ़रवरी 2023

आयुक्त जनसंपर्क की नाक के नीचे माध्यम का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी निकला आईटी हेड आत्माराम शर्मा

 



आयुक्त जनसंपर्क की नाक के नीचे माध्यम का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी निकला आईटी हेड आत्माराम शर्मा


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  • *आत्‍माराम ने अपनी पत्नि के नाम मासिक पत्रिका तूर्यनाद को दिलवाया 35 लाख का विज्ञापन*
  • *मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी जरूरतमंद पत्रकारों का हिस्सा चट करने से नहीं चूके माध्‍यम के अधिकारी*

*विजया पाठक, भोपाल*

अंधेर नगरी चौपट राजा.... यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी। इस कहावत को सही कर दिखाया है मध्यप्रदेश जनसंपर्क संचालनालय की अधीनस्थ संस्था मध्यप्रदेश माध्यम में काम करने वाले आईटी हेड आत्माराम शर्मा ने। भ्रष्टाचार, घूसखोरी और कमीशनखोरी में लिप्त आत्माराम की करतूतों की परतें खुलना शुरू हो गई हैं। वर्षों से माध्यम की एक ही शाखा में पदस्थ आत्माराम शर्मा किस तरह से फर्श से अर्श तक पहुंचे हैं इसके बारे में हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बतायेंगे। 

लेकिन उससे पहले आत्माराम शर्मा की करतूतों को जान लेना जरूरी है। दरअसल बीते दिनों सूचना के अधिकार के तहत जनसंपर्क विभाग से जानकारी चाही गई कि मासिक पत्रिका और बेवसाइटों को शासन द्वारा कितना विज्ञापन मिला है। जब जानकारी हाथ लगी तो उसमें विज्ञापन के एवज में संस्थाओं को दी जाने वाली राशि देख आंखें खुली की खुली रह गई। डेढ़ से दो लाख रूपये महीने तन्ख्वाह पाने वाले आत्माराम शर्मा को जनसंपर्क विभाग से मासिक पत्रिका तूर्यनाद के लिए ढाई लाख रूपये और बेवसाइट को 30 लाख रूपये से अधिक का विज्ञापन जारी हुआ है। 

आत्माराम शर्मा यह पत्रिका अपनी पत्नी के नाम से चलाते हैं और इसी नाम से उन्होंने बेवसाइट का संचालन भी किया। सूचना के अधिकार में विज्ञापन के एवज में जो राशि दिये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है उससे साफतौर पर यह मालूम चलता है कि आत्माराम शर्मा की यह हरकत माफी योग्य नहीं है। उन्होंने जरूरतमंद और गरीब पत्रकारों के हक का पैसा खाया है। उनके द्वारा किया गया यह ऐसा घिनौना कृत्य है जिसके लिए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। सूत्रों के अनुसार आत्माराम के इस खेल में जनसंपर्क और माध्यम के कई आला अधिकारी और बाबू भी शामिल हैं, जो मिलवाट कर जनसंपर्क विभाग का बट्टा बैठाने में लगे हुए हैं।

*करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं आत्‍माराम*

एक डेलीवेज वर्कर के रूप में पहली बार माध्यम में काम करने आये आत्माराम शर्मा ने अपनी नियुक्ति के कुछ सालों में ही जो तरक्की की है उससे साफ यह जान पड़ता है कि आत्माराम शर्मा किस हद तक भ्रष्टाचारी हैं। उनकी कार्यशैली शुरू से ही संदेहात्मक रही है। शर्मा ने पैसों के प्रभाव में पहले तो गलत ढंग से प्रमोशन लिये और जब उन्हें प्रमोशन मिल गये तो वे इसका गलत फायदा उठाते हुए माध्यम में होने वाली खरीदी में भ्रष्टाचार को अंजाम देने लगे। बीते दिनों माध्यम में प्रशासन के निर्देशानुसार इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की बड़ी खरीदी हुई है। यह खरीदी संदेह के घेरे में है। बताया जाता है कि आत्माराम ने माध्यम के प्रमुख पद पर बैठे अफसर को अपना झांसे में लेते हुए बाजार से कई गुना महंगी कीमतों पर खरीदी की है और इससे मिलने वाला भ्रष्टाचार का पैसा उन तक पहुंचाया है। अगर इस खरीदी की सही ढंग से जांच हो जाये तो माध्यम के अंदर ही एक बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जायेगा।

*क्‍या शर्मा के भ्रष्टाचार की जानकारी के अभाव में हैं आयुक्त?*

जनसंपर्क आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह खुद एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं। उनका उद्देश्य समय-सीमा पर बेहतर कार्य करना है। लेकिन माध्यम के आला अफसरों ने उनकी नाक के नीचे जिस तरह का भ्रष्टाचार फैला रखा है, क्‍या उससे आयुक्त पूरी तरह से अनभिज्ञ है? आत्माराम शर्मा द्वारा किया गया भ्रष्टाचार उसी का एक उदाहरण है। इसका बड़ा कारण है कि जनसंपर्क आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह अधिकत्तर समय जनसंपर्क संचालनालय में बैठते हैं। वे माध्यम कम ही आते जाते हैं। माध्यम के तथाकथित वरिष्ठ अफसर जो जानकारी उन्हें देते हैं उसे वे सच मानकर स्वीकार कर लेते हैं। जबकि आयुक्त को इसकी तह में जाना चाहिए जिससे उन्हें वहां के अन्य भ्रष्टाचारों की जानकारी भी मिलेगी। किसी एक अफसर के कह देने मात्र से सभी चीजों को सही मान लेना एक वरिष्ठ अफसर के लिए समझदारी भरा कदम नहीं है।

*निरतंर पढ़ते रहिए आत्माराम शर्मा और माध्‍यम में हो रहे भ्रष्टाचार की परतें...*

पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर द्वारा किया गया जिला मुंगेली का वार्षिक निरीक्षण

 


पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर द्वारा किया गया जिला मुंगेली का वार्षिक निरीक्षण


 मुंगेली से ब्योरो चीफ हनीफ मेमन की रिपोर्ट

पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर जिला मुंगेली का वार्षिक निरीक्षण किया गया। जिसमें सर्वप्रथम श्रीमान पुलिस महानिरीक द्वारा परेड की सलामी ली गई। तत्पश्चात् परेड का निरीक्षण किये, जिसमें रक्षित निरीक्षक श्रीमती क्रिस्ट नरगिश तिग्गा ने परेड कमांडर एवं उपनिरीक्षक श्री सत्यम चौहान ने उपकमांडर की जिम्मेदारी निभाई।

परेड निरीक्षण में पुलिस महानिरीक्षक द्वारा प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारियों के टर्नआउट का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर थाना प्रभारियों द्वारा टोलीवार परेड कराया गया। इसके तत्पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक द्वारा किट परीक्षण किया गया, जिसमें सभी कर्मचारियों से उन्हें प्राप्त किट सामग्री प्राप्त होने एवं किट सामग्री की जीवनावधि के विषय में पूछे। इसके अतिरिक्त कर्मचारियों की यूनिफार्म की गुणवत्ता एवं सिलाई के संबंध में पुलिस अधीक्षक एवं रक्षित निरीक्षक को निर्देशित किये।

इसके पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक द्वारा रक्षित केन्द्र के वाहन शाखा का निरीक्षण किया गया जिसमें पूर्व से एक्सीडेंटल वाहनो के रख-रखाव तथा मरम्मत के संबंध में निर्देश दिये, साथ ही वाहन शाखा के कार्यां में आवश्यक सुधार करने हेतु भी निर्देश दिये। इसके पश्चात् स्टोर शाखा का निरीक्षण किये जिसमें सभी सामग्रियों के रख-रखाव, सही समय पर वितरण एवं सामग्रियों की सुरक्षा हेतु फायर अलार्म एवं स्मोक सेंसर अनिवार्य रूप से लगवाने हेतु निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक द्वारा आर्म्स शाखा, जिम आदि का भी निरीक्षण किया गया

रक्षित निरीक्षक को रक्षित केन्द्र की भूमि में आवश्यक निर्माण/संसाधनों हेतु मास्टर प्लान बनाने, रात में चेकरोल कॉल हेतु तथा पुलिस कर्मचारियों की छोटी-छोटी समस्याओं एवं गुजारिशों हेतु अर्दली रूम के माध्यम से पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। निरीक्षण के अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पुलिस अधिकारीयों एवं कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण हेतु दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें आरक्षक ईश्वर साहू ने पुलिस लाईन कॉलोनी में प्ले ग्राउण्ड बनाने की गुजारिश की।

दरबार में पुलिस महानिरीक्ष ने कर्मचयारियों की समस्याओं के निराकरण का आश्वासन देते हुए पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को अनुशासन में रहते हुए शक्ति एवं कर्त्तव्य के साथ सामंजस्य बनाते हुए सकारात्मक एवं अच्छा कार्य करने हेतु प्रेरित कर बच्चों की शिक्षा की ओर विशेष ध्यान देने हेतु कहा गया। इसके अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षकने छत्तीसगढ़ पुलिस के श्लोगन परित्राणाय साधूनाम को चरितार्थ कर जनता के मन में पुलिस के प्रति विश्वास जगाकर पुलिस के प्रति अच्छी छवि स्थापित करने को कहा।


इसके पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक बद्रीनारायण मीणा द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर समस्त शाखाओं का निरीक्षण कर उनके शाखाओं के कार्यां की जानकारी ली। जिसमें अनुकंपा नियुक्ति, लंबित पेंशन प्रकरणों, विभागीय भविष्य निधि, सामान्य भविष्य निधि, मेडिकल बिलां के संबंध में जानकारी लिये।

इसके पश्चात् थाना सिटीकोतवाली पहुंच कर थाना का निरीक्षण किये, जिसमें रिकार्ड रूम, मालखाना महिला एवं बाल कक्ष, पुरूष व महिला बंदीगृहो, विवेचक कक्ष एवं पूरे थाने का भ्रमण कर सूक्ष्मता से निरीक्षण किया, साथ ही सभी विवेचकों को अपराध, मर्ग एवं शिकायतों को लंबित नहीं रखने, रिकार्ड दुरूस्त करने, आगंतुको से अच्छा व्यवहार करने संबधी निर्देश दिये। निरीक्षण के अवसर पर थाना सिटी कोतवाली में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें शामिल होकर पुलिस महिनरीक्षक एवम पुलिस अधीक्षक द्वारा भी वृक्षारोपण किया गया।


निरीक्षण के अवसर पर को जिला पुलिस मुंगेली द्वारा जागरूकता अभियान उड़ान ‘‘सामर्थ्य का, हौसले का’’ शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उड़ान रथ को पुलिस महानिरीक्षक बी.एन.मीणा एवं पुलिस अधीक्षक श्री चन्द्रमोहन सिंह द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उड़ान अभियान में बाल सुरक्षा एवं विकास तथा अभिव्यक्ति के विभिन्न आयामों को शामिल किया गया है। उड़ान अभियान के अंतर्गत अभिव्यक्ति एप, हमर बेटी-हमर मान, टोल फ्री नम्बर,, गुड टच-बैड टच बालक/बालिका अपराध संबंधी जानकारी एवं कानूनी अधिकार सोशल अवेयरनेस, यातायात जागरूकता, थानों का भ्रमण पुलिस की कार्यप्रणाली की जानकारी आत्मरक्षा के गुर, गुम बालक-बालिका की दस्तयाबी, ग्रामों में चलित थाना आदि कार्यक्रमों को शामिल किया गया है।

उद्घाटन कार्यक्रम की शुरूआत में जिले पुलिस बल मुंगेली द्वारा बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु संचालित *बज्जर मुंगेली *कार्यक्रम के बच्चों द्वारा मलखम्ब, रोप एव जूडो-कराटे, ताइक्वांडो के बच्चों ने प्रस्तुति दी। पुलिस अधीक्षक चन्द्रमोहन सिंह ने बताया कि बज्जर मुंगेली कार्यक्रम के बच्चों द्वारा बहुत ही कम समय में राज्यस्तरीय खेल में 13 बच्चों ने स्वर्ण पदक, 18 बच्चों ने रजत पदक एवं 01 बच्चे ने कांस्य पदक जीता है। पुलिस महिनरीक्षक श्री बी.एन.मीणा ने बच्चों की प्रस्तुति देखकर बहुत प्रसन्न हुए। पुलिस महानिरीक्षकने कहा कि सभी बच्चे अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेल के लिये तैयार हो इसके लिये प्रयास करें, साथ ही कहा कि एक स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ मष्तिस्क का विकास होता है इसलिये इनडोर गेम्स के बदले आउटडोर खेल को अधिक महत्व देने की बात कही। बच्चों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक महोदय ने चिल्फी एवं खुड़िया के बच्चों को क्रिकेट किट तथ वॉलीबॉल भेंट किये।
उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर पुलिस अधीक्षक शचंद्रमोहन सिंह ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती साधना सिंह,, उप पुलिस अधीक्षक श्री एम.एम. मिंज, उप पुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल,, रक्षित निरीक्षक श्रीमती क्रिस्ट नरदंगिश तिग्गा, पत्रकारगण, अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023

'LG वीके सक्सेना का कोई भी सीधा आदेश न मानें', दिल्ली की AAP सरकार ने सभी अधिकारियों को दिया निर्देश

 

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LG वीके सक्सेना का कोई भी सीधा आदेश न मानें', दिल्ली की AAP सरकार ने सभी अधिकारियों को दिया निर्देश



]अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल के सीधे आदेशों का अनुपालन करना बंद करें। सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के सचिवों को इस संबंध में लिखा है और निर्देश दिया है कि कार्य आवंटन नियम (TBR) का पूरी तरह से पालन किया जाए

LG जारी कर रहे सचिवों को आदेश, ये संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन

नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी द्वारा सचिवों को सीधे आदेश जारी करना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। 

राजधानी में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने विभाग सचिवों को पत्र लिखकर ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीबीआर) का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। सचिवों को निर्देशित किया गया है कि एलजी से प्राप्त किसी भी सीधे आदेश की सूचना प्रभारी मंत्री को दें। 

एलजी कर रहे संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी द्वारा सचिवों को सीधे आदेश जारी करना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और संविधान के उल्लंघन में आदेशों के कार्यान्वयन को सरकार द्वारा गंभीरता से देखा जाएगा। 

एलजी कर रहे निर्वाचित सरकार को दरकिनार 

टीबीआर और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नियम 49 और 50 का उल्लंघन करते हुए एलजी निर्वाचित सरकार को दरकिनार करते हुए विभाग सचिवों को आदेश जारी कर रहे हैं। एलजी के ऐसे अवैध सीधे आदेशों को लागू करना टीबीआर के नियम 57 का उल्लंघन माना जाएगा।

लोकायुक्त ने बीमा निगम ESI के क्लर्क को 5 हजार की रिश्वत लेते दबोचा


लोकायुक्त ने बीमा निगम ESI के क्लर्क शुभम गुप्ता को 5 हजार की रिश्वत लेते दबोचा


ग्वालियर। मध्य प्रदेश में आए दिन रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी घूस लेते रंगेहाथों पकड़े जा रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा मामला शुक्रवार को ग्वालियर से सामने आया है। 

यहां कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESI) के बाबू को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी बाबू शुभम गुप्ता मातृत्व अवकाश के रुके हुए वेतन के भुगतान करने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। ग्वालियर लोकायुक्त टीम की कार्रवाई चल रही है।

क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक, नौगजा रोड शिंदे की छावनी निवासी सपना पत्नी गिरीश पाल बिजली कंपनी में संविदा पर पदस्थ है। इन्होंने मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) लिया था। जिसके चलते उनका वेतन रुक गया था। लेकिन वेतन को लिपिक शुभम गुप्ता निकाल नहीं रहा था। भुगतान करने के एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। महिलाकर्मी ने इसकी शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त से की।

आरोपी को रिश्वते लेते दबोचा

ग्वालियर लोकायुक्त टीम ने महिलाकर्मी की शिकायत दर्ज की गई। लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार को सपना पाल को रिश्वत देने के लिए शुभम के पास भेजा। सपना ने जैसे ही शुभम को 5 हजार रुपए दिए, तभी लोकायुक्त टीम ने उसे दबोच लिया। साथ ही रिश्वत के 5 हजार रुपए भी बरामद कर लिए। इसके बाद उसके हाथ धुलाए गए तो उसके हाथ रंग गए। इसके बाद लोकायुक्त टीम द्वारा आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाटार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।

पटवारी सुरेश शुक्ला को 3000 रुपयों की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा

 


पटवारी सुरेश शुक्ला को 3000 रुपयों की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा 

रीवा. मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान थाना अंतर्गत उमरी ब्यौहरा गांव में पदस्थ हल्का पटवारी सुरेश शुक्ला ₹5000 की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथ पकड़ा गए। 

शिकायतकर्ता दीपक पटेल निवासी उमरी ब्यौहरा ने लोकायुक्त एसपी कार्यालय रीवा गोपाल धाकड़ से यह शिकायत दर्ज कराई थी। रायपुर कर्चुलियान तहसील के उमरी गांव में पदस्थ पटवारी सुरेश शुक्ला द्वारा सीमांकन के एवज में ₹5000 की रिश्वत मांग रहा है। 

जिसमें ₹2000 शिकायतकर्ता पूर्व में पटवारी को रिश्वत दे चुका था। मामले का सत्यापन कराने के उपरांत रीवा लोकायुक्त एसपी ने निरीक्षक जिया। उल हक प्रवीण सिंह परिहार उप पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में 12 सदस्य टीम में जैसे पटवारी ने ₹3000 रिश्वत लेते आज रायपुर कर्चुलियान तहसील कार्यालय में लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को रंगे हाथ दबोच लिया। 

पकड़े गए पटवारी को लोकायुक्त पुलिस ने हिरासत में लेकर भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए मुचलका जमानत छोड़ दिया है।  

नगर परिषद बरघाट सीएमओ काम‍िनी लिल्हारे रिश्‍वत लेते गिरफ्तार


Nagar Parishad Barghat CMO Kamini Lilhare arrested taking bribe 


सिवनी। जिला मुख्यालय से करीब 23 किमी नगर परिषद बरघाट कार्यालय में शुक्रवार दोपहर जबलपुर लोकायुक्त दल ने महिला सीएमओ (मुख्य नगर पालिका अधिकारी) कामिनी लिल्हारे को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।   

महिला निरीक्षक के साथ पहुंचे लोकायुक्त दल ने अपनी कुर्सी पर बैठकर प्रत्येक भवन अनुज्ञा पत्र जारी करने के बदले दो हजार रुपये की रिश्वत लेते महिला सीएमओ को गिरफ्तार किया ।लोकायुक्त की इस कार्रवाई से नगर परिषद कार्यालय में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया।  

उपपुलिस अधीक्षक दिलीप झरबड़े ने बताया कि बरघाट निवासी प्रायवेट इंजीनियर व कंसलटेंट रामेश्वर प्रसाद टेम्भरे के माध्यम से 11 फाइलें भवन अनुज्ञा पत्र जारी करने नगर परिषद कार्यालय को भेजी गई थी।  


नगर परिषद बरघाट सीएमओ काम‍िनी लिल्हारे रिश्‍वत लेते गिरफ्तार


इंजीनियर के पुत्र जय टेम्भरे द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी से संपर्क करने पर लंबित भवन अनुज्ञा फाइल के बदले दो हजार रुपये के हिसाब से पांच फाइलों पर भवन अनुज्ञा पत्र जारी करने के एवज में प्रार्थी से दस हजार रुपये मांगे ।  

इसकी शिकायत प्रार्थी जय पुत्र रामेश्वर प्रसाद टेम्भरे (38) बरघाट निवासी ने जबलपुर लोकायुक्त में दर्ज कराई।प्रकरण में तस्दीक करने के बाद शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे लोकायुक्त दल ने सुनियोजित तरीके से नगर परिषद कार्यालय में आवेदक को रिश्वत के रुपये लेकर सीएमओ के पास भेजा गया।  बाद में लोकायुक्त दल ने सीएमओ को रिश्वत

Certificate in Community health (CCH) Session JULY 2023 Admission

Certificate in Community health (CCH) Session JULY 2023 Admission

 
Certificate in Community health ( CCH ) Session JULY 2023 Admission


कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा पर ऐसी कार्यवाही निन्दनीय, भूपेश बघेल के कारण छत्तीसगढ़ में हो रहा मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी

 


कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा पर ऐसी कार्यवाही निन्दनीय, भूपेश बघेल के कारण छत्तीसगढ़ में हो रहा मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी


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  • छत्तीसगढ़ में आपातकाल की स्थिति, पूरे प्रदेश में रासुका लगाना, पत्रकार को जेल भेजना, पुलिस से धमकाना भी मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी
  • भूपेश के राज में डेमोक्रेसी नहीं हिटलरशाही है
  • अधिवेशन में भूपेश के भ्रष्‍टाचार पर भी हो मंथन

विजया पाठक

कांग्रेस के प्रवक्‍ता पवन खेड़ा के साथ कुछ दिन पहले दिल्‍ली एयरपोर्ट पर जो हुआ वो भारत के लोकतंत्र में झटका सा था। पहली बार विपक्षी दल के किसी मुख्य प्रवक्ता को आनन फानन में असम पुलिस द्वारा एयरपोर्ट पर कार्यवाही की गई। वैसे जैसा पवन खेड़ा के साथ जो आज सुलूक हुआ है, वैसा व्यवहार छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के लिए आम बात है। पवन खेडा़ के साथ हुए व्‍यवहार को लेकर कांग्रेस भले ही हल्‍ला मचा रही हो लेकिन उन्‍हें छत्‍तीसगढ़ में तो यह आम बात है। 

वहां तो आये दिन गैर कानूनी कार्यवाहियां हो रही हैं। कांग्रेस को छत्‍तीसगढ़ की तरफ ध्‍यान देना चाहिए। प्रदेश के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने तो प्रदेश में लोकतंत्र का मजाक बनाकर रख दिया है। इसका एक उदाहरण तो मैं ही हूं जब मेरे भोपाल आवास में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पुलिस भेजकर मुझे डराना चाहा था। छत्तीसगढ़ सरकार की ज्यादतियां उन सभी के लिए बड़ी आम सी बात है, जो छत्तीसगढ़ के भय-भ्रष्टाचार-दमन के खिलाफ लिखते या आवाज उठाते हैं। चाहे रायपुर के पत्रकार सुनील नामदेव या बस्तर के पत्रकार सिर्फ एक उदाहरण भर हैं, जिसने ने भूपेश बघेल और इनके भ्रष्ट चांडाल चौकड़ी के खिलाफ आवाज उठाई, उस पर अवैधानिक पुलिसिया कार्यवाही की गई।

        जब इससे भी बात नहीं बनी तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश में ही रासुका यानी घोषित आपातकाल लगा दिया। मैं कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के की बात से पूरा इत्तेफाक रखती हूं कि आज के समय लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है, पर इसमें दायित्व कांग्रेस पार्टी का भी है, क्योंकि लोकतंत्र को सबसे ज्यादा असुरक्षित करने का काम आपके छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है। छत्तीसगढ़ में सरकार नहीं सिंडीकेट का राज है। भले ही सिंडिकेट के कुछ लोग अभी जेल में हैं पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री दागियों और भ्रष्टाचार से ओत-प्रोत अधिकारियों को अपनी कोटरी में रखा है। जिस अडानी को कांग्रेस पानी पी-पीकर कोसते हैं उसके लिए हसदेव के जंगल साफ करवाने का काम भूपेश बघेल ने ही दिए थे। राहुल गांधी के अनुसार आदिवासी ही क्षेत्र का मूल नागरिक हैं। ऐसे में जिस प्रदेश की कुल आबादी में 35% आबादी आदिवासियों की हो वहां, अपनी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की स्थिति आपने खराब कर रखी है। आज छत्तीसगढ़ की साख दांव पर लग चुकी है। हर 08-10 दिनों में कोई बड़ी गिरफ्तारी के साथ मनी ट्रेल पकड़ा जाता है। कुल मिलाकर सारी बातों का लब्बोलुबाब यह है कि जिस इंसान ने घर में आग लगाई हो वो क्या दुनिया को रोशन करेगा।

कहीं भूपेश बघेल पर भारी न पड़ जाये सौम्‍या चौरसिया?

सौम्या चौरसिया के जेल जाते ही छत्तीसगढ़ की फिजा एकदम बदल गई। मुख्यमंत्री की खासमखास सौम्या और उसकी टीम के सूर्यकांत और पार्टी तो जेल में हैं ही उनके बाद अब आईपीएस अफसर, राजनेता अब ईडी के हत्थे चढ़ने वाले हैं। हालात यह है कि सौम्या के पति सौम्‍या को बाहर लाने की रोज भूपेश से गुहार लगाते हैं। कुछ नही हो पा रहा है। समीर विश्‍नोई ईडी की कार्यवाही से अभी जेल में है। समीर विश्‍नोई की पत्नि अपने पति को छुडवाने के लिए प्रतिदिन भूपेश बघेल से मिलने जाती है। लेकिन बताया जाता है कि बघेल ने अब उनसे मिलना ही बंद कर दिया है। भूपेश बघेल अब तो यह भी कहने लगे हैं कि मैंने थोड़ी कहा था कि भ्रष्‍टाचार करो। लेकिन सब जानते हैं कि समीर जैसे भ्रष्‍टाचारियों को शह किसने दी थी। सौम्या ने भी अंदर से धमकी दे दी है कि में बाहर नहीं आयी तो सबको अंदर पहुंचाउगी। ईडी के पास भूपेश बघेल के खास विनोद वर्मा की युगबोध वाली मनी ट्रेल की जानकारी पहुंच गई है। ऐसे में अभी काफी लोगों का अंदर जाना पक्का है। इसके साथ-साथ ऊपर के दिग्गज के 52 करोड़ की ट्रेल की जैकपॉट भाजपा के पास ईडी के माध्यम से लग गई है। मैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की सफल होने की आशा करती हूं ताकि इन तीन दिनों के चिंतन मनन के बाद कम से कम अपने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के भय-भ्रष्टाचार-दमन का राज नजर आए और कम से कम छत्तीसगढ़ में मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी बंद हो।

क्या छत्तीसगढ़ में बनेगा आदिवासी मुख्यमंत्री?

आज से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन चालू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के आदिवासी कार्ड के जवाब में कांग्रेस कुछ व्यापक फेरबदल कर सकती है, इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री का तिलकोत्सव से प्रारंभ किया जा सकता है। वैसे भी देश में भूपेश बघेल के नाम पर तानाशाह का टैग लग गया है, जो हालत निर्मित हो रहे है। कभी वो खुद ही ना अंदर चले जाए इस कारण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आलाकमान कैसी आदिवासी को मुख्यमंत्री बना सकती है, जिसमें मोहन मरकाम का नाम काफी आगे चल रहा है।

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

पवन खेड़ा को SC से बड़ी राहत : दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश

 


पवन खेड़ा को SC से बड़ी राहत : दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश



सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को गिरफ्तारी से संरक्षण और कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के अनुरोध संबंधी याचिका को 27 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी और असम में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.

दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश

नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश आया है. सुप्रीम कोर्ट से पवन खेड़ा को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने कहा है कि दिल्‍ली कोर्ट पवन खेड़ा को मंगलवार तक अंतरिम जमानत दे. साथ ही कोर्ट ने याचिका पर सीमित सुनवाई मंजूर की. सभी एफआईआर के क्लब करने पर नोटिस जारी कर दिया है. खेड़ा के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश और असम में एफआईआर दर्ज हैं. पुलिस अब पवन खेड़ा को असम नहीं ले जा पाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "दिल्ली की क्षेत्राधिकार वाली कोर्ट अंतरिम जमानत दें. मंगलवार तक अंतरिम जमानत दी जाए.

खेड़ा को संरक्षण के लिए आदेश जारी कर रहे हैं. इस बीच खेड़ा निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करें. उत्‍तर प्रदेश और असम में दर्ज एफआईआर एक साथ जोड़ने पर सोमवार को सुनवाई करेंगे." सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा, "जो पवन खेड़ा ने कहा वो नहीं कहना चाहिए था, मैं ये मानता हूं. उन्होंने खुद माना कि जुबां फिसल गई थी. उन्होंने माफी भी मांगी थी. उनको रिहा करने के आदेश दिए जाएं.

अदालत उनको संरक्षण दे. देश में किसी भी राजनीतिक बयानबाजी पर ये गंभीर केस नहीं लगाए जा सकते. ये अभिव्‍यक्ति की आजादी का हनन है. गिरफ्तारी में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. खेड़ा ने जो अपराध किया है उसमें 3 और 5 साल की ही अधिकतम सजा है. सीजेआई ने कहा, "हम सभी एफआईआर के एक राज्य में निर्धारित कर देते हैं, ताकि वह राहत के लिए हाईकोर्ट जा सकें. इस स्टेज पर.हम एफआईआर रद्द नहीं कर सकते." इस दौरान प्रधामंत्री पर दिया गया गया बयान सुनाया गया. इस पर सीजेआई ने पूछा कि ये सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला कैसे?

इससे पहले सिंघवी ने सीजेआई को सूचित किया कि खेड़ा दिल्ली हवाईअड्डे से सुबह 11 बजे उड़ान भरने वाले थे, लेकिन उन्हें विमान से उतार दिया गया. प्रधानमंत्री के बारे में उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर असम, लखनऊ और वाराणसी में उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं. खेड़ा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 153बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, वह व्यक्तिगत रूप से विवादित बयानों का अनुमोदन नहीं करते हैं. लेकिन वाराणसी, लखनऊ और असम की एफआईआर को एक साथ जोड़ा जाना चाहिए.

टेैंकरों से पैट्रोल एवं डीजल चुरा कर बेचने के अवैध कारोबार में लिप्त 7 पुलिस गिरफ्त में


टेैंकरों से पैट्रोल एवं डीजल चुरा कर बेचने के अवैध कारोबार में लिप्त 7 पुलिस गिरफ्त में

टैंकरों से चुराया हुआ 425 लीटर पैट्रोल, एवं 25 लीटर डीजल तथा टैंकर में मिलने हेतु रखा 150 लीटर एथनॉल सहित चुराये हुये पैट्रोल एवं डीजल के परिवहन के लिये प्रयुक्त 1 कार, 3 मोटर सायकिलें जप्त

जबलपुर. आज दिनांक 23-2-23 को विश्वसनीय सूत्रें से जानकारी प्राप्त हुई कि थाना शहपुरा अंतर्गत खिरका खेडा में कुछ लोग टैंकर चालकों से सांठ-गांठ कर टैंकर से पैट्रोल एवं डीजल की चोरी कर कम दाम मे बेच रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा हेतु आदेशित किये जाने पर चौकी प्रभारी विजय धनवंतरी नगर उप निरीक्षक सतीष झारिया एवं थाना शहपुरा के उप निरीक्षक राजकुमार तिवारी के नेतृत्व में गठित टीमों के द्वारा दबिश दी गयी। खिरकाखेडा स्थित हाईवे रोड से लगभग 50 मीटर अंदर बने निर्माणाधीन मकान के बाजू में बने शेड के नीचे खडे टैंकर से कुछ लोग पैट्रोल निकालते हुये दिखे, पुलिस को देखकर सभी भागने लगे, घेराबंदी कर 7 लोगों को पकड़ा गया  

पूछताछ पर टैकंर चालक ने अपना नाम जितेन्द्र कुमार पाण्डें उम्र 32 वर्ष, हैल्पर ने शैलेन्द्र केवट उम्र 26 वर्ष निवासी रामपुर बघेलान, तथा अन्य ने क्रमशः छोटू रैकवार उम्र 35 वर्ष, शब्बीर उम्र 40 वर्ष दोनो निवासी ग्राम मगरमुंह थाना शहपुरा, सचिन यादव उम्र 32 वर्ष निवासी पौडी फाटक शहपुरा, अजीत यादव उम्र 32 वर्ष निवासी निवरिया जिला जौनपुर, नीरज यादव उम्र 25 वर्ष निवासी देवसरा प्रतापगढ बताये। निमार्णाधीन कमरो की तलाशी लेने पर एक कमरे मे 9 प्लास्टिक की केनो में 425 लीटर पैट्रोल, 1 केन में 25 लीटर डीजल एवं 3 केनो में 150 लीटर एथनॉल भरा हुआ मिला, जिसके सम्बंध मे पूछताछ करने पर टैंकरों से चोरी कर बेचने हेतु भरकर रखना स्वीकार करते हुये बताया कि विनय यादव, वैभव ठाकुर, सोनू महाराज के कहने पर टैंकरों से पैट्रोल एवं डीजल निकालते थे, निकाले हुये डीजल एवं पैट्रोल की कमी पूरी करने के लिये एथनॉल मिला देते थे।  

मौके से चुराये हुये डीजल एवं पैट्रोल के परिवहन मे प्रयुक्त कार एमपी 20 जेडबी 6723, एवं 3 मोटर सायकिल यूपी 70 बीयू 7469, एमपी 20 एमव्ही 3355, एमपी 20 एमएफ 8507 तथा प्लास्टिक के पाईप, बाल्टी, आदि जप्त करते हुये आरोपियों के विरूद्ध थाना शहपुरा में धारा 379, 420, 34 भादवि एवं 9 बी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम तथा 3, 7 ईसी एक्ट के तहत कार्यवाही की जा रही है।

नगर निगम ने मेथोडिस्ट पीली कोठी चर्च शेड निर्माण 24 घंटे के भीतर तोड़ने का अल्टीमेटम दिया

 


नगर निगम ने मेथोडिस्ट पीली कोठी चर्च शेड निर्माण 24 घंटे के भीतर तोड़ने का अल्टीमेटम दिया


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जबलपुर, नगर पालिका निगम जबलपुर द्वारा पीली कोठी अंतर्गत अनाधिकृत निर्माणाधीन भवन तोड़ने के लिए 10 फरवरी को नोटिस जारी किया गया है नोटिस फादर मनीष एस गिडियन मेथाडिस्ट चर्च जिला अधीक्षक जबलपुर को जारी किया गया है। नोटिस में बिना अनुमति किए गए निर्माण को 24 घंटे के भीतर स्वयं हटा लेने को निर्देशित किया गया है।

नगर पालिका निगम जबलपुर के अपर आयुक्त के द्वारा मेथोडिस्ट चर्च जिला अधीक्षक फादर मनीष एस गिडियन को एक नोटिस जारी करके अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति के किए गए निर्माण को हटाए जाने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है नोटिस में कहा गया है कि अगर 24 घंटे में अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया तो अनाधिकृत निर्माण निगम द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के अंतर्गत किसी भी समय हटा दिया जाएगा। 


नगर निगम ने मेथोडिस्ट पीली कोठी चर्च शेड निर्माण 24 घंटे के भीतर तोड़ने का अल्टीमेटम


नगर निगम द्वारा पहले भी मेथोडिस्ट चर्च जबलपुर को दो बार नोटिस जारी करके स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड अंतर्गत तैय्यब अली मार्ग स्थित पीली कोठी पर किए जा रहे निर्माण विषयक स्वामित्व से भवन स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने हेतु नोटिस जारी किए गए थे परंतु मेथाडिस्ट चर्च के कर्ता-धर्ताओ ने किसी भी प्रकार का स्वामित्व एवं निर्माण अनुमति के दस्तावेज निगम को प्रस्तुत नहीं कर पाए। 

नगर निगम ने मेथाडिस्ट चर्च संस्थान पर गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि आज दिनांक तक निगम कार्यालय पर भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया इतनी बड़ी संरचना का निर्माण बगैर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की स्वीकृति के बगैर भवन अनुज्ञा अनुमति प्राप्त किए बिना निर्माण किया जाना गंभीर त्रुटि है।

नगर निगम द्वारा 14 एवं 27 अगस्त 2020 को भी पत्र लिखकर अनाधिकृत चर्च सेट निर्माण को हटा लेने के लिए नोटिस जारी किए गए थे परंतु कर्ता-धर्ताओं के द्वारा निर्माण को हटाए जाने की कार्रवाई नहीं की गई जिसको नगर निगम अपर आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए पुनः एक बार 10 फरवरी 2023 को अवैध निर्माण 24 घंटे के अंदर हटा लेने का अल्टीमेटम दिया है। 24 घंटे के भीतर अगर निर्माण नहीं हटाया गया तो नगर निगम पालिका द्वारा इस अवैध निर्माण को किसी भी समय हटा देने की चेतावनी दी गई है।

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2023

सीनाजोरी करने वालों को संरक्षण देने की मची होड

 


सीनाजोरी करने वालों को संरक्षण देने की मची होड़

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विनय जी. डेविड  9893221036

भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिया

देश में मनमानी करने वालों की संख्या में निरंतर इजाफा होता जा रही है। राजनैतिक दलों से लेकर कथित समाजसेवियों-बुध्दिजीवियों की जामात तक ने वैधानिक कार्यों में भी अवरोध बनकर खडे होने के लिए कमर कस ली है। इजाफा-ए-वोट के नीतिगत सिध्दान्तों का अनुपालन करने वालों की भीड अब निहित स्वार्थों के लिए व्यवस्था के मापदण्डों तोडने के लिए मानवीयता का जामा पहनने लगी है। कानपुर में मां-बेटी के जलकर मरने की घटना को लेकर सर्वत्र हायतोबा मची हुई है। शासन स्तर पर घटना के लिए प्रथम दृष्टया वर्तमान अधिकारियों को दोषी मानकर उनके विरुध्द कार्यवाही भी की गई। कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्रान्तर्गत आने वाले मडौली गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान दु:खद घटना सामने आई। दीक्षित परिवारों के आपसी विवाद और लाभ लेने की गरज से की गई शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ। 

लम्बे समय से ग्राम सभा की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के विरुध्द की गई शिकायत पर पहली कार्यवाही 14 जनवरी को हुई जिसमें आंशिक अतिक्रमण हटाया गया था और शेष को स्वत: ही हटा लेने की समझाइश दी गई। आंशिक अतिक्रमण हटने के बाद अतिक्रमणकारियों ने उस जमीन को साम्प्रदायिक रंग देने की गरज से 18 जनवरी को शिव लिंग स्थापना हेतु चबूतरे का निर्माण कर दिया। कुल मिलाकर अतिक्रमणकारी वह शासकीय जमीन किसी भी सूरत में छोडने के लिए तैयार नहीं थे। इस स्थिति की शिकायत 27 जनवरी को की गई। यह पूरा मामला मडौली ग्राम पंचायत के गाटा संख्या 1642 का है। इस गाटा संख्या में 0.657 हेक्टेयर भूमि दर्ज है जिसमेें से लगभग 0.600 हेक्टेयर रकवे पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा था। विगत 27 जनवरी को की गई शिकायत पर प्रशासनिक अमला पुन: अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचा। 

कार्यवाही के दौरान अचानक अतिक्रमण करके बनाई गई झोपडी में से आग की लपटें निकलने लगीं। उपस्थित जन समूह ने आग बुझाने तथा आग में घिर चुकी प्रमिला दीक्षित तथा उनकी पुत्री नेेहा को बचाने का प्रयास किया परन्तु दुर्भाग्य से उन दौनों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के कानपुर की इस आग में राजनैतिक दलों ने रोटियां सेंकना शुरू कर दीं। अनेक कथित समाजसेवियों-बुध्दिजीवियों ने अपने वक्तव्य जारी किये। बढते दवाव में वहां के वर्तमान उपजिलाधिकारी, कानूनगो सहित 9 लोगों के विरुध्द प्राथमिकी दर्ज की गई। गिरफ्तारियां की जाने लगीं। पीडित परिवार को सरकारी नौकरी, मुआवजा और सुविधायें देने की मांगें उठने वालों की लाइन लग गई। इस पूरे परिदृश्य में तीन बिन्दु उभरकर सामने आये। 

पहला यह कि जब अतिक्रमण करने की आधारशिला रखी जाती है तब उत्तरदायी अधिकारी कहां होते हैं। पटवारी की नियुक्ति जिस हल्के में होती है वहां पर उसको निवास करना आवश्यक होता है ताकि रोजमर्रा की व्यवस्थाओं, समस्याओं और शिकायतों को स्थल पर ही तत्काल दूर किया जा सके। यदि कानपुर की घटना वाले स्थान पर अतिक्रमण के पहले चरण को ही नस्तनाबूत कर दिया जाता तो वर्तमान कब्जे पर काबिज रहने की स्थिति ही नहीं बनती। मगर तत्कालीन पटवारी सहित अन्य अधिकारियों के इस ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया। हमेशा ही ऐसा ही होता है कि जब पानी सिर से ऊपर होता है या दूसरों के हित प्रभावित होने लगते हैं तभी शिकायतों का दौर शुरू होता है। ऐसे में अतिक्रमण के पहल चरण के दौरान नियुक्त तत्कालीन अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी सेवा में उपेक्षा का मुकदमा दर्ज होना चाहिए था। 

परन्तु किन्हीं खास कारणों से आज तक अतीत के कृत्यों की विस्फोटक स्थिति होते ही वर्तमान को निशाना बनाया जाता है। मडौली जैसे अनगिनत उदाहरण देश के कोने-कोने में मौजूद है। कभी रेलवे ट्रैक पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के दौरान बेजा कब्जाधारी लामबंद होकर खडे हो जाते हैं तो कभी वन विभाग की जमीन पर अनाधिकृत ढंग से काबिज लोग हटने को तैयार नहीं होते। कहीं सडकों के फुटपाथ पर गैरकानूनी ढंग से पैर पसारने वाले उसे अपना अधिकार मान लेते हैं तो कहीं सरकारी सम्पत्ति को राजस्व विभाग में हेराफेरी करवाकर मालिकाना हक दिखा दिया जाता है। इतिहास गवाह है कि आज तक सरकारी दस्तावेजों मेें हेराफेरी करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की कारगुजारियों का लम्बे समय बाद पर्दाफास होने पर भी उनके विरुध्द कोई कार्यवाही नहीं हुई है। कुछ मामले अपवाद के रूप में सुुुर्खियां बने परन्तु बाद के परिणामों का खुलासा आमजन के समक्ष नहीं किया गया। 

दूसरा यह कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर अतिक्रमणकारियों से जमीन खाली कराने पहुंचे अमले पर दोधारी तलवार से वार करने की अंग्रेजी नीयत आज भी जस की तस लागू है। यदि अमला बिना अतिक्रमण हटाये वापिस पहुंचता तो निश्चय ही आदेश की अवहेलना का पात्र बनकर दण्ड का भागीदार बनता और जब अतिक्रमण हटाया गया तो अचानक लगी आग के लिए दोषी ठहरा दिया गया। चोरी करने वालों की सीना जोरी करने का दुस्साहस सामने आया। आंशिक अतिक्रमण हटा तो शिव लिंग की स्थापना हेतु चबूतरे का निर्माण कर लिया गया। ताकि साम्प्रदायिकता की आड में कब्जा बना रहे। देश के प्रत्येक छोर पर साम्प्रदायिकता की आड में अतिक्रमण करने वालों की लम्बी सूची मिल जायेगी परन्तु इस ओर से शासन-प्रशासन जानबूझकर अपनी आंखें बंद किये रहता है। कबाडी की दुकानों के नाम पर कचरा एकत्रित करके महानगरों तक के मुख्य मार्गों पर कब्जाधारियों को खुलेआम देखा जा सकता है। 

तीसरा यह कि सीना जोरी करने वालों को राजनैतिक दलों के अलावा कथित समाजसेवियों-बुध्दिजीवियों को खुला समर्थन मिलने से अतिक्रमणकारियों के हौसले निरंतर बुलंद होते जा रहे हैं। मानवीयता की आड में असंवैधानिक कृत्यों को अधिकार बताने वाले जहां स्वयं के नेतृत्व को स्थापित करने में लगे हैं वहीं दलगत नेता अपने आकाओं के इशारों पर इजाफा-ए-वोट का लक्ष्य साधने में जुटे हैं। ऐसे लोग कभी साम्प्रदायिकता के आधार पर वैमनुष्यता फैलाकर, फूट डालो-राज करो के सिध्दान्त की परिणति करते हैं तो कभी जातिगत मुद्दों पर हुंकार भरने लगते हैं। कुल मिलाकर वर्तमान में सीनाजोरी करने वालों को संरक्षण देने की होड मची है। किसी राज्य में चुनावी परिणाम आने वाले हैं तो किसी में निर्वाचन की आचार संहिता लगने वाली है। ऐसे में भावनात्मक बयार मेें वोट हथियाने के हथकण्डे नित नये रूप ले रहे हैं जो कि राष्ट्र हित में कदापि सुखद नहीं कहा जा सकता। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भर गया है भ्रष्टाचार का घड़ा, ईडी की चंगुल में आए आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रामगोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव और सन्नी अग्रवाल

 


ईडी की चंगुल में आए आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रामगोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव और सन्नी अग्रवाल


  • भूपेश के भय-भ्रष्टाचार-दमन के चक्र के कारण पूरी कांग्रेस पार्टी को होना पड़ा शर्मिंदा
  • ईडी के दायरे में राज्‍य के आला पुलिस अफसर!


भोपाल // विजया पाठक

छत्‍तीसगढ़ का कोल परिवहन खनन घोटाला अब काफी चर्चित होने लगा है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में 270 करोड़ की उगाही और इसकी बंदरबांट का लेखाजोखा पेश किया है इसमें 170 करोड़ रूपये सौम्‍या चौरसिया ने अपनी जेब में डाल लिये जबकि सूत्रों का कहना है कि 52 करोड़ रूपये से अधिक रूपये भूपेश बघेल के हाथ में पहुंचाये गए। यही नही 12 करोड़ रूपये से अधिक की रकम छत्‍तीसगड़ के पूर्व और वर्तमान विधायकों के अलावा अन्‍य नेताओं को उपलब्‍ध कराई गई थी। इतने बड़े घोटाले के बावजूद भी मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोपों के दायरे में आए अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत कोई प्रकरण दर्ज नही किया जबकि ईडी ने आरोपी अधिकारियों और कारोबारियों का पूरा ब्‍यौरा कोर्ट में प्रस्‍तुत किया है। बताते हैं कि ईडी आर्थिक अपराधों की जांच कर रही है वह सिर्फ मनी लांड्रिंग तक सीमित है, जबकि आरोपियों के अपराध आईपीसी की कई धाराओं के दायरे में है।

      आखिर जिसकी आशंका थी वही बात सच साबित हुई। दरअसल सौम्या चौरसिया पर प्रवर्तन निदेशालय ने जो दूसरी चार्टशीट प्रस्तुत की उसमें कांग्रेस में उपरोक्त नेताओं के नाम भी थे। ईडी के सूत्रों के मुताबिक अब उनकी नजर प्रदेश के आईपीएस लॉबी के अलावा उनके पुत्र का भी नाम है! पूछताछ में उनके पुत्र का नाम लिया गया है। ऐसे में कहना अतिश्योक्ति नहीं कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पापों का घड़ा भरता नजर आ रहा है। ईडी द्वारा हाल ही में पेश की गई चार्जशीट में शामिल बघेल और चौरसिया के करीबियों के नाम को देखने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भूपेश बघेल और सौम्या चौरसिया के लिए आने वाले दिनों में समस्या और बढ़ सकती है। एक तरफ प्रदेश में ईडी और आयकर विभाग की टीम सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। वहीं, दूसरी इस हफ्ते कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। 

ऐसे में राष्ट्रीय अधिवेशन से पू्र्व ही राज्य में बड़े उलटफेर की संभावनाएं बन रही हैं। बताया जा रहा है कि बघेल और चौरसिया के जिन करीबियों के नाम ईडी ने चार्जशीट में शामिल किये हैं उनमें कई ऐसे हैं जिनके पास बघेल और चौरसिया के भ्रष्टाचारों का पुलिंदा है। चार्जशीट में ईडी ने स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उपसचिव सौम्या चौरसिया के करीबियों के पास मौजूद दस्तावेज बघेल और चौरसिया के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा आरिफ शेख, अभिषेक माहेश्वरी, आनंद छाबरा, अभिषेक पल्लव, प्रशांत अग्रवाल, भोजराम पटेल और दीपांशु काबरा जैसे पुलिस महकमे के अधिकारियों की भी गिरफतारी की आशंका जताई जा रही है। जिन्‍होंने भूपेश सरकार में जमकर अपने पद का दुरूपयोग किया है और अपने पद के दुरूपयोग करते हुए आमजन के साथ-साथ मीडियाकर्मियों को काफी परेशान किया। इसके अलावा भूपेश के काले कारनामों में साथ दिया।

बघेल के करीबी आरपी सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेताओं की सक्रियता संदेह के घेरे में

इस बात से नेता, अफसर और जनता सभी अच्छी तरह से परिचित हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों में आरपी सिंह का नाम शीर्ष पर है। आरपी सिंह मुख्यमंत्री बघेल के सभी काले-पीले कारनामों का हिसाब रखते हैं और समय-समय पर बघेल के इशारे पर विपक्षी दलों पर बयानबाजी करते दिखाई देते हैं। कहने को तो आरपी सिंह पार्टी प्रवक्ता हैं, लेकिन जिस हिसाब से उनके ठाठ हैं उसको देखकर साफतौर पर कहा जा सकता है कि एक पार्टी प्रवक्ता इतना धनवान भला कैसे हो सकता है। पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर खासी चर्चा है। पार्टी कार्यकर्ताओं में आरपी सिंह द्वारा रायपुर के डीडी नगर इलाके में तैयार करवाई जा रही हवेली की चर्चा भी आम है। हर कोई इस बात को लेकर अचंभित हैं कि कभी रुपये-रुपये के लिए मोहताज आरपी सिंह अचानक अरबपति कैसे बन गया। चर्चा इस बात को लेकर भी है कि कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी और आरपी सिंह के बीच बड़ा आर्थिक लेन-देन हुआ है, जिसके बाद सिंह का बर्ताव ही बदल गया है।

रमन सरकार में अफसर ने लगाया था मानहानि का केस

बताया जाता है कि रमन सरकार के खिलाफ फालतू की बयानबाजी को लेकर आरपी सिंह पर रमन सिंह के प्रमुख सचिव अमन सिंह ने मानहानि का केस भी दर्ज किया था। उस समय आरपी सिंह टीएस सिंहदेव के पास हुआ करते थे। लेकिन बदलते समय के साथ ही आरपी सिंह ने पहले ही भाप लिया था कि आगामी सरकार में बघेल मुख्यमंत्री हो सकते हैं इसलिए उन्होंने तुरंत टीएस सिंह देव का पल्ला छोड़ भूपेश बघेल का पल्ला पकड़ लिया था। इसके बाद जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह और टीएस सिंहदेव के बीच संघर्ष छिड़ा तो उसकी नींव रखने वालों में भी आरपी सिंह का नाम बताया जाता है।

ईडी की चार्जशीट में आरपी सिंह पर दर्ज है 50 लाख रूपये

सूत्रों का कहना है कि ईडी द्वारा जारी की गई चार्जशीट में आरपी सिंह के नाम पर 50 लाख रुपये की राशि दर्ज है। यह राशि उन्होंने कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी से कोयला घोटाला करने के लिए ली थी। ईडी ने सौम्या चौरसिया के खिलाफ पेश की गई चार्जशीट में उन पन्नों का हवाला भी दिया है, जिसमें कई कांग्रेसी नेताओं को दी जाने वाली नगद रकम का हिसाब-किताब दर्ज है।

अफसरों की नियुक्तियां भी संदेह के घेरे में

भूपेश बघेल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। राज्य के भीतर भ्रष्टाचार इस तरह से चरम पर पहुंच चुका है कि अब उसके दायरे में आईएएस अफसर भी आ गये हैं। राज्य के भीतर इन दिनों इस बात को लेकर खासी चर्चा चल रही है कि बघेल सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय भ्रष्ट अफसरों को रिटायरमेंट के बाद भी नियुक्ति पर रख रही है। ताजा मामला रिटायर्ड निरंजन दास से जुड़ा है। निरंजन दास को बघेल के करीबी अफसरों में गिना जाता है। यही कारण है कि बघेल ने रिटायरमेंट के तुरंत बाद ही निरंजन दास को संविदा नियुक्ति देते हुए उन्हें कई प्रमुख विभागों का दायित्व सौंप दिया है। निरंजन दास को आबकारी विभाग में आबकारी आयुक्त बनाया गया है। जबकि देखा जाये तो निरंजन दास रिटायरमेंट के पहले से ही इस विभाग में डटे हुए थे और उन्होंने रमन सरकार के जाते और बघेल सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार का अंधाधुंध खेल मचाया है जिसकी आंच अब बघेल के मंत्रालय और मुख्यमंत्री निवास तक आने लगी है। निरंजन दास एक मात्र नाम है। राज्य में ऐसे कई भ्रष्ट अफसर हैं जिनका पुनर्वास बघेल सरकार के कार्यकाल में अपनी रोटियां सेंकने के लिए किया गया है।

      खैर भूपेश बघेल इसे बदले की कार्यवाही बोले पर 500 करोड़ के ऊपर की जब्ती और कार्टेल का जवाब किसी के पास नहीं है। शायद इसी के मद्देनजर उन्होंने प्रदेश में घोषित आपातकाल भी लगा कर रखा है ताकि मेरे जैसे लोगों को चुप कर सकें। अब इनके कदाचार के कारण ही कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन भूपेश के कारण शर्म में बदल जाएगा।

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने हाई कोर्ट की सुनवाई 27 फरवरी 2023 को

 

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने हाई कोर्ट की सुनवाई 27 फरवरी 2023 को



जबलपुर। तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर के तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर, हाई कोर्ट ने खेल विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब था परंतु परंतु एक प्रतिवादी को नोटिस की तामिली नहीं होने के कारण अब अगली सुनवाई इस मामले में 27 फरवरी को नियत की गई है।

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर की गई हैं याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आज मध्य प्रदेश राज्य खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक एवं अन्य को 4 हफ्तों में ये जवाब देने का निर्देश दिया था अब मामले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी 2023 में की जाएगी। हाईकोर्ट में एक याचिका समाजसेवी विनय जी. डेविड ने दायर की है, याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश राज्य तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर में तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है उक्त प्रकरण की जानकारी छुपाकर रिचपाल शासकीय नौकरी पर काबिज हैं खेल एवं युवा कल्याण अनुबंध सेवा भर्ती (नियोजन एवं सेवा की शर्ते ) नियम 2017 शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जबकि प्रकरण होने के बाद रिचपाल सलारिया को विभाग द्वारा बर्खास्त किए जाने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी।

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कोच रिचपाल सिंह सलारिया शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के
का मुख्य सचिव और संचालक की कृपा से लगातार मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में नियम विरुद्ध तरीके से पदस्थ है कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर याचिका में याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन्होंने अपराधिक प्रकरण की जानकारी छुपाते हुए खेल विभाग में मुख्य कोच की संविदा नौकरी हासिल कर ली है, कोच रिचपाल ने अपराधिक प्रकरण दर्ज होने और न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने की जानकारी, अपने अपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी छिपाकर विभाग के साथ अनुबंध किया। संविदा नियम के अनुसार खेल विभाग को नियुक्ति दिनांक से 15 दिवस के अंदर कोच रिचपाल सिंह सलारिया का चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य था। जो विभाग के द्वारा भी नहीं कराते हुए रिचपाल सलारिया को नियम विरुद्ध तरीके से संविदा नौकरी पर रखा गया है। प्रस्तुत याचिका में कहा गया है कि संविदा नियम में ऐसे अपराधिक प्रकरण वाले आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने का प्रावधान है। परंतु विभाग के आला अधिकारियों ने नियमों के विपरीत नियुक्ति पाने वाले कोच रिचपाल सलारिया को नौकरी से बर्खास्त नहीं किया है।

कोच रिचपाल सिंह सलारिया

पुलिस डायरी के अनुसार लॉर्डगंज थाने में 12 जनवरी 2021 को अपराध क्रमांक 38 / 2021 धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, मुकदमा दर्ज होने के बाद रिछपाल सिंह सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ माननीय न्यायालय कोर्ट नंबर और जज 22 – सिविल जज क्लास- I और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक प्रताप सिंह की अदालत में 23 जून 2021 को आरसीटी 3314 / 2021 चालान पेश किया गया. और अभी वर्तमान में न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। यह जानकारी रिचपाल द्वारा छुपाते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक के साथ 19 मई 2021 को अनुबंध हस्ताक्षर किए । इस अपराधिक प्रकरण में 4 नवंबर 2022 को माननीय न्यायालय में सुनवाई हुई एवं आगामी फरवरी माह में पेशी नियत है.

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याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की है कि रिचपाल सलारिया का अनुबंध कोच/तकनीकी विशेषज्ञ के पद से हटाने/समाप्त करने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग संचालक को निर्देशित करें। अनुबंध समझौते को रद्द कर दिया जाए और निष्पक्ष जांच और कानून के अनुसार नियम विरुद्ध तरीके से नौकरी प्राप्त करने वाले रिछपाल सिंह सलारिया कोच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और प्राधिकरण को वसूली के लिए निर्देशित किया जाए जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने सुनवाई करते हुए न्यायाधीश आनंद पाठक की न्यायालय ने कि न्यायालय ने मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक एवं प्रमुख सचिव एवं अन्य को 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है, याचिकाकर्ता की ओर से याचिका की पैरवी अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने की ।

याचिकाकर्ता
विनय जी. डेविड 9893221036

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

ईधन में मिलावट रोकने दो पेट्रोल पम्पों की जांच पेट्रोल और डीजल के लिये गये सेम्पल

 


ईधन में मिलावट रोकने दो पेट्रोल पम्पों की जांच पेट्रोल और डीजल के लिये गये सेम्पल




जबलपुर, संभागायुक्त बी.चन्द्रशेखर के निर्देशानुसार ईधन में मिलावट की रोकथाम के उद्देश्य से आज खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कम्पनी के सेल्स ऑफीसर के साथ दो पेट्रोल एवं डीजल पम्प की आकस्मिक जांच की गई। 
      

जिला आपूर्ति नियंत्रक कमलेश तांडेकर के अनुसार जांच के दौरान मेसर्स शंकरा एनर्जी पेट्रोल एवं डीजल पम्प एम.आर-4 रोड, जबलपुर से पेट्रोल पॉवर का 1 सेम्पल, सादा डीजल का 1 सेम्पल,  सादा पेट्रोल के 2 सेम्पल, इस प्रकार कुल 4 सेम्पल लिए गये।

इसी अनुक्रम में मेसर्स सुमेरू ऑटो सर्विस पेट्रोल एवं डीजल पम्प, नागपुर रोड  सगड़ा, जबलपुर की भी जांच कर पेट्रोल पॉवर का 1 सेम्पल, सादा डीजल का 3 सेम्पल, सादा पेट्रोल के 2 सेम्पल, इस प्रकार कुल 6 सेम्पल एकत्र किये गये।       

दोनों पेट्रोल पम्पों से लिए गए डीजल एवं पेट्रोल के सेम्पल की जांच हेतु हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के सेल्स ऑफिसर वीरेन्द्र रैकवार को सौंपे गये। पेट्रोल पम्पों से लिए गये सेम्पलों की परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। इसी प्रकार जिले के समस्त पेट्रोल पम्पों की जांच की कार्यवाही सतत जारी रहेगी।

खेलो इंडिया गेम्स 2022 में मध्य प्रदेश को तीरंदाजी में अभयदान में मिला गोल्ड मेडल

 


खेलो इंडिया गेम्स में मध्य प्रदेश को तीरंदाजी में अभयदान में मिला गोल्ड मेडल

जबलपुर. रानीताल कैंपस में हुए तीरंदाजी टूर्नामेंट रिकर्व मिक्स में २ टीमें फाइनल में पहुंची उसमें से मध्य प्रदेश को अभय दान मिल गया, मध्य प्रदेश के तीरंदाजों को फाइनल में पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार की मेहनत स्पर्धा नहीं करनी पड़ी क्योंकि इनके सामने स्पर्धा करने के लिए कोई टीम ही नहीं थी,

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रिकर्व मिक्स टीम में केवल 3 स्टेट की टीमें ही शामिल हुई जिसमें महाराष्ट्र एवं झारखंड ने स्पर्धा की जिसमें झारखंड को हराकर महाराष्ट्र ने अपनी जगह फाइनल में बनाई । दूसरे ग्रुप में मध्यप्रदेश के साथ कोई अन्य टीम स्पर्धा के लिए मैदान में थी ही नहीं इसलिए मध्य प्रदेश टीम को मेजबान की श्रेणी में रखते हुए बाय देकर बिना स्पर्धा के फाइनल में पहुंचा दिया गया,

आज मध्य प्रदेश के तीरंदाजों ने फाइनल में महाराष्ट्र को हराकर गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमा लिया।


खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 : खो-खो के बालक वर्ग में महाराष्ट्र और बालिका वर्ग में उड़ीसा बना चैंपियन

  


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तीरंदाजी के मिक्स रिकर्व में मेजबान मध्यप्रदेश को गोल्ड मेडल

जबलपुर . खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रानीताल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आज खो-खो और तीरंदाजी के फाइनल मुकाबले खेले गये। खो-खो बालक वर्ग में महाराष्ट्र ने दिल्ली को 10 अंकों से हराकर प्रतियोगिता जीती, वहीं बालिका वर्ग में उड़ीसा की टीम ने दमदार खेल का प्रदर्शन करते हुये महाराष्ट्र को पराजित कर गोल्ड मेडल हासिल किया। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रानीताल स्पोर्ट्स कॉम्लेक्स में ही खेले गये तीरंदाजी के अंतिम मुकाबलों में मिक्स रिकर्व इवेंट में मेजबान मध्यप्रदेश के अमित कुमार और सोनिया ठाकुर की जोड़ी ने गोल्ड मेडल हासिल किया।

खो-खो एवं तीरंदाजी के फाइनल मुकाबलों के बाद आयोजित पदम वितरण समारोह में विजेता टीमों और खिलाड़ियों को पुरस्कार प्रदान किये गये। खो-खो के बालक वर्ग में विजेता महाराष्ट्र और उपविजेता दिल्ली की टीम के सदस्यों को विधायक श्री अजय विश्नोई एवं बालिका वर्ग में विजेता उड़ीसा एवं उपविजेता महाराष्ट्र की टीम के सदस्यों को विधायक श्रीमती नन्दिनी मरावी ने गोल्ड और सिल्वर मेडल प्रदान किये। वहीं तीरंदाजी में विजेता खिलाड़ियों को विधायक श्री लखन घनघोरिया एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा मेडल प्रदान किये गये।

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खो-खो के फाइनल मुकाबलों की शुरुआत लड़कियों के वर्ग में उड़ीसा और महाराष्ट्र के बीच खेले गये मैच से शुरु हुई। इस मैच में उड़ीसा ने महाराष्ट्र को 6 अंकों से पराजित कर पांचवे खेलो इंडिया यूथ गेम्स का विजेता होने का गौरव हासिल किया। उड़ीसा ने इस मैच की पहली पारी में महाराष्ट्र के 7 और दूसरी पारी में 9 खिलाड़ियों को आउट कर कुल 32 अंक अर्जित किये वहीं। महाराष्ट्र पहली पारी में उड़ीसा के 7 और दूसरी पारी में 6 खिलाड़ियों को आउट कर कुल 26 अंक अर्जित कर सकी।

खो-खो के बालक वर्ग के फाइनल मैच में भी महाराष्ट्र और दिल्ली के बीच रोमांचक मुकाबला देखने मिला। इस मैच में महाराष्ट्र के खिलाड़ियों ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुये पहली पारी में दिल्ली के 9 खिलाड़ियों को आउट कर 18 अंक हासिल किये। वहीं दिल्ली ने पहली पारी में आक्रामक खेल दिखाया और अपने से मजबूत महाराष्ट्र की टीम के 8 खिलाड़ियों को आउट कर 16 अंक अर्जित कर लिये। दूसरी पारी में महाराष्ट्र की टीम और आक्रामक नजर आई और उसने दिल्ली के दस खिलाड़ियों को आउट कर 20 अंक बटोरे। दिल्ली की टीम दूसरी पारी में महाराष्ट्र के केवल 6 खिलाड़ियों को आउट कर 12 अंक ही ले सकी।

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खो-खो के फाइनल मैच के पहले लड़के और लड़कियों के वर्ग में तीसरे और चौथे स्थान के लिये मुकाबला हुआ। लड़कियों के वर्ग में पंजाब ने कर्नाटक को दो अंकों से पराजित कर और लड़कों के वर्ग में उड़ीसा ने पश्चिम बंगाल को 2 अंकों से पराजित कर तीसरा स्थान हासिल किया। खो-खो के बालक और बालिका वर्ग में तीसरे एवं चौथे स्थान पर रही दोनों टीमों को सयुंक्त रूप से तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया तथा टीम के सभी सदस्यों को कांस्य पदक प्रदान किये गये।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रानीताल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बालक वर्ग के खो-खो के फाइनल मुकाबले के प्रारम्भ में विधायक श्री अजय विश्नोई एवं संभागायुक्त बी चन्द्रशेखर ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया । सिहोरा विधायक श्रीमती नंदिनी मरावी एवं कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन भी बालक और बालिका वर्ग में खो-खो के फाइनल मुकाबलों के दौरान रानीताल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में मौजूद थे।

तीरंदाजी :-

खेलो इंडिया यूथ गेम्स में तीरंदाजी की प्रतियोगिता आज रानीताल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बालक एवं बालिका वर्ग में रिकर्व और कम्पाउंड श्रेणी में तथा रिकर्व मिक्स एवं कम्पाउंड मिक्स के फाइनल मुकाबले खेले गये। शुरुआत बालिका वर्ग में रिकर्व और बालक वर्ग में कम्पाउंड स्पर्धा से हुई ।

खेलो इंडिया गेम्स में मध्य प्रदेश को तीरंदाजी में अभयदान में मिला गोल्ड मेडल

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बालिका वर्ग में रिकर्व श्रेणी में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक हरियाणा की खिलाड़ियों ने हासिल किये। हरियाणा की रिद्धि ने अपने ही राज्य की भजन कौर को पराजित कर स्वर्ण पदक हासिल किया। हरियाणा की तिषा पुनिया इस स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहीं और उन्हें कांस्य पदक से सन्तोष करना पड़ा।

बालक वर्ग की कम्पाउंड श्रेणी में हरियाणा के कुशल दलाल ने आंध्रप्रदेश के थिरुमुरु गणेश मनी रतनाम को हराकर स्वर्णपदक पर कब्जा किया। महाराष्ट्र के पार्थ सुनील कोरडे ने तीसरा स्थान प्राप्त कर इस स्पर्धा का कांस्य पदक जीता।

बालिका वर्ग की कम्पाउंड श्रेणी में महाराष्ट्र की अदिति गोपीचंद स्वामी ने स्वर्ण पदक हासिल किया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने राजस्थान की प्रिया गुर्जर को हराया। प्रिया गुर्जर को रजत पदक से सन्तोष करना पड़ा । इस स्पर्धा में दिल्ली की ऐश्वर्या शर्मा ने कांस्य पदक प्राप्त किया।

बालक वर्ग की रिकर्व स्पर्धा में रामपाल चौधरी ने स्वर्ण और पश्चिम बंगाल के जुएल सरकार ने रजत पदक प्राप्त किया। महाराष्ट्र के बिशाल चांगमई इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें कांस्य पदक हासिल हुआ।

तीरंदाजी के रिकर्व मिक्स श्रेणी के अंतिम मुकाबले में मध्यप्रदेश की टीम विजेता बनी। इस टीम में शामिल अमित कुमार और सोनिया ठाकुर की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुये मेजबान मध्यप्रदेश को स्वर्ण पदक दिलवाया। इस स्पर्धा का रजत पदक महाराष्ट्र को तथा कांस्य पदक झारखंड की टीम को प्राप्त हुआ। रिकर्व मिक्स में बिशाल चांगमई और मंजरी अलोने ने महाराष्ट्र का तथा विष्णु चौधरी और एस नागेश्वरी ने झारखंड का प्रतिनिधित्व किया।

कम्पाउंड मिक्स में राजस्थान को स्वर्ण पदक, महाराष्ट्र को रजत और दिल्ली को कांस्य पदक प्राप्त हुआ। तीरंदाजी की इस स्पर्धा में प्रिया गुर्जर और पवन गट राजस्थान का, अदिति गोपीचंद स्वामी

तीरंदाजी मिक्स टीम में मध्यप्रदेश ने स्वर्ण, महाराष्ट्र ने रजत एवं झारखंड में कांस्य पदक

 


 तीरंदाजी मिक्स टीम में मध्यप्रदेश ने स्वर्ण, महाराष्ट्र ने रजत एवं झारखंड में कांस्य पदक



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जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर के रानीताल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 के अंतर्गत तीरंदाजी खेल के तीसरे दिन फाइनल मैच के दौरान रिकर्व इवेंट के दौरान बालिका वर्ग में हरियाणा की रिद्धि ने हरियाणा की भजन कौर को हराकर स्वर्ण पदक पर अपना दबदबा बनाया। निशा पुनिया ने हरियाणा की तमन्ना को हराकर कांस्य पदक प्राप्त किया ।

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रिकर्व के व्यक्तिगत बालक वर्ग में राजस्थान के रामपाल चौधरी ने पश्चिम बंगाल जेएल सरकार को हराकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया । महाराष्ट्र के विशाल चंगमई ने मणिपुर के लेशराक नेल्सन को हराकर कांस्य पदक प्राप्त किया । कंपाउंड बालक वर्ग में व्यक्तिगत स्पर्धा में हरियाणा के कुशल दलाल ले आंध्र प्रदेश के गणेश को हराकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया l

महाराष्ट्र के पार्थ सुनील कोरडे ने महाराष्ट्र के तेजवीर सिंह को हराकर कांस्य पदक प्राप्त किया ।कंपाउंड बालिका के व्यक्तिगत स्पर्धा में महाराष्ट्र के अदिति गोपीचंद ने राजस्थान की प्रिया गुर्जर को हराकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया । दिल्ली की ऐश्वर्या शर्मा ने सोमाक्षी मेडवाल राजस्थान को हराकर कांस्य पदक प्राप्त किया।

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मिक्स टीम में मध्यप्रदेश ने स्वर्ण, महाराष्ट्र ने रजत एवं झारखंड में कांस्य पदक प्राप्त किया। कंपाउंड वर्ग के राजस्थान ने स्वर्ण, महाराष्ट्र ने रजत एवं दिल्ली ने कांस्य पदक प्राप्त किया।

विकास यात्रा का शुभारंभ संत रविदास जयंती कार्यक्रम में समारोह पूर्वक किया जाये – कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन 

 


विकास यात्रा का शुभारंभ संत रविदास जयंती कार्यक्रम में समारोह पूर्वक किया जाये – कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन 

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विनय जी. डेविड  9893221036

जबलपुर, कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन की अध्य‍क्षता में विकास यात्रा को लेकर आज कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर श्री शेर सिंह मीणा, सुश्री विमलेश सिंह सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थिात थे। बैठक में कहा गया कि विकास यात्रा 5 फरवरी से 25 फरवरी तक चलेगी। अत: इसकी कार्ययोजना पहले से सुनिश्चित कर ली जाये।

यात्रा शुरू होने के पहले यात्रा शिविर कर लिया जाये और विकास यात्रा की कार्ययोजना बनायें। विकास यात्रा के दौरान जहॉं जल जीवन मिशन अंतर्गत अच्छा काम हुआ है वहां जल कलश यात्राऍं निकाली जायें, लाडली लक्ष्मी, लाडली बहना व स्वसहायता समूह की महिलाओं से संवाद किया जाये। गृह प्रवेश, स्वच्छ्ता संबंधी कार्यो के साथ लोकार्पण व सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जाये। किस गॉंव में किस योजना के ज्यादा हितग्राही है उसके कार्यक्रम के लिये कार्ययोजना तैयार करने के लिये निर्देश दिये साथ ही कहा गया कि छात्रावासों व स्कूलों का निरीक्षण हो व मध्यान्ह भोजन गुणवत्तापूर्ण हो। यात्रा का प्रोपर रूट बनाये और जन चौपाल करें और योजनाओं से लाभान्वित करें। बैठक में कहा गया कि विकास यात्राओं को लेकर विकास रथ भी तैयार किये जा रहे है जिसमें प्रचार के मानकों को ध्या्न रखा जाये।

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बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि विकास यात्रा को ध्याान में रखते हुए पंचायतों में स्पेशल एक्टीविटी करें। संत रविदास जयंती का कार्यक्रम भव्य हो, इसमें उनके अनुयायियों को अवश्य शामिल करें। स्थाेनीय जन प्रतिनिधियों व प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा उनकी जीवनी पर चर्चा हो, संत रविदास जी से संबंधित भजनों का गायन हो, संत रविदास योजना के हितग्राहियों को योजना से लाभान्वि त किया जाये।

विकास यात्रा का शुभारंभ संत रविदास जयंती कार्यक्रम में समारोह पूर्वक किया जाये। इस दौरान अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र वितरित किये जाये। विकास और जनकल्याण के माध्यम से स्वराज के लक्ष्यों को प्राप्त करने को प्राथमिकता देते हुये विकास की विभिन्न गतिविधियॉं की जाये। नये विकास कार्यों की आधारशिला रखी जाये। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रो में आयोजित की जाने वाली विकास यात्राओं के रूट व रूप रेखा तय हो, जिसमें प्रतिदिन यात्रा का प्रारंभ स्थल एवं समापन स्थील नियत हो, साथ ही यात्रा के दौरान सम्पाजदित की जाने वाली गतिविधियों का भी उल्लेख हो।

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यात्रा के दौरान जन चौपाल में हितग्राहियों को लाभान्वित करें, आवेदन लें और निराकरण करें। मुख्य रूप से फौती नामांतरण, सीमांकन, बटवारा, आवासी पट्टा, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना, मुख्य मंत्री किसान कल्‍याण योजना, मनरेगा में आधार सीडिंग, स्ट्रीट वेंडर योजना, समस्त प्रकार की पेंशन, आयुष्मान, जननी सुरक्षा योजना, लाडली लक्ष्मी , खाद्यान्न पात्रता पर्ची, सम्बल 2, के.सी.सी. समग्र आई डी, छात्रवृत्ति , पी.एम. आवास, मनरेगा मजदूरी भुगतान आदि के समस्याओं का निराकण सुनिश्चित करना है। यात्रा के दौरान लोकार्पण व शिलान्यास की गतिविधियॉं भी की जाये।

हर कार्यक्रम के लिए एक वरिष्ठ प्रभारी अधिकारी हो, विकास यात्रा में आवेदन कलेक्ट‍ करने के साथ एक बुकलेट की व्यवस्था भी की गई है और यह बुकलेट जनप्रतिनिधियों व पंचायतों के लिये पर्याप्त‍ रूप में रखने के लिये निर्देश दिये गये है। कार्यक्रम हर ग्राम पंचायत व वार्ड में गरीमामय रूप से करने को कहा गया है। कार्यक्रम के दौरान सफाई कर्मियों का सम्मायन के साथ अनुसूचित जाति के हितग्राही चाहे वह किसी भी योजना में पात्रता रखते हों उन्हें लाभान्वित किया जाये। 

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