चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया - भ्रष्टाचार, अंडरवर्ल्ड और देशविरोधी गतिविधियां |
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विनय जी. डेविड 9893221036
भारत में चर्च एवं चर्च द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थित समूहों, संस्थाओं एवं संगठनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के अपराध किए जाने के मामले सामने आए हैं। चर्च से जुड़े लोगों पर यौन शोषण से लेकर हत्या करने के भी आरोप लगे हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में चर्च के द्वारा किए जा रहे अवैध मतांतरण की खबरें तो आम हो चुकी हैं।लेकिन इन सब के बीच चर्च और उसके लोगों के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर कोई बात नहीं होती। दरअसल ऐसी कई रिपोर्ट्स और आरोप सामने आये हैं जिनमें यह दावा किया गया कि चर्च और उससे जुड़े लोगों के द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार किया जा रहा है जो भारत के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के मामलों में से एक है।
भारत में चर्च का जो सबसे बड़ा संगठन मौजूद है, वह है चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया। यह संगठन दक्षिण भारत के गिरिजाघरों को छोड़कर शेष भारत के अधिकांश चर्च से जुड़ा हुआ है। यह देश की सबसे बड़ी ईसाई मिशनरी संस्था है। अब इस समूह के मॉडरेटर ईसाई बिशप पीसी सिंह पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगा है।
आरोपों में कहा गया है कि ईसाई बिशप ने चर्च के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले किए हैं एवं शासकीय भूमि से संबंधित भी बड़ा गबन किया है। इसमें दिलचस्प बात यह भी है कि ईसाई बिशप पर यह आरोप किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि उनके अपने संगठन के लोगों ने लगाए हैं। इसके अलावा ईसाई संगठन के इस मॉडरेटर पर कुछ विशेष राजनीतिक दलों का समर्थन करने और अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े होने के आरोप लगे हैं।
दरअसल 'चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया' से जुड़े कुछ सदस्यों ने प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से भी ईसाई बिशप के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि ईसाई बिशप ने करोड़ों रुपयों का गबन किया है, और यह रकम इतनी बड़ी है कि यदि उसके गतिविधियों की पूरी जांच हो तो शासकीय भूमि बेचकर संपत्ति अर्जित करने के मामले में यह देश का सबसे बड़ा घोटाला होगा।
ईसाई संगठन की दिल्ली इकाई के पूर्व बिशप वारिस मसीह ने इस विषय पर कहा है कि संस्था के मॉडरेटर बिशप पीसी सिंह ने विभिन्न प्रदेशों में चर्च की जमीन और विद्यालयों की जमीन को अवैध रूप से बेचकर घोटाला किया है। इसके अलावा पीसी सिंह ने शासकीय जमीनों में भी बड़ी मात्रा में गबन किया है।
वारिस मसीह का कहना है कि देश बड़े एवं शक्तिशाली लोगों से पीसी सिंह संबंध हैं, इसी कारण उस पर कोई कार्यवाई भी नहीं होती। वारिस मसीह के अलावा इस ईसाई संगठन से जुड़े नितिन लारेंस का भी कहना है कि ईसाई बिशप पीसी सिंह अवैध रूप से बिल्डरों को जमीन दे रहा है और करोड़ों रुपये का गबन कर रहा है।
जबलपुर सीनेट के नितिन लारेंस ने बताया कि बिशप पीसी सिंह पर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के विभिन्न नगरों में कुल 100 से अधिक केस दर्ज है। पंचमढ़ी क्षेत्र में भी ईसाई बिशप ने 300 करोड़ की भूमि को अवैध रूप से लीज पर दिया है।
इसके अलावा ईसाई बिशप पर ऐसे आरोप लगे हैं कि शिक्षण संस्थाओं के लिए खर्च की जाने वाली रकम को ईसाई मिशनरी के किए कार्य कर रहे पादरियों को दिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के अधीन जितने भी विद्यालय हैं, उसके द्वारा एकत्रित की जा रही फीस से पादरियों को वेतन दिया जा रहा है।
इसके अलावा लखनऊ में भी 100 अरब की संपत्ति से जुड़ी अनियमितता दिखाई दी है, जिसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। नितिन लारेंस ने ईसाई बिशप पीसी सिंह पर अंडरवर्ल्ड आतंकी दाऊद इब्राहिम के सहयोगी से भी जुड़े होने का आरोप लगाया है।
नितिन लारेंस का कहना है कि पीसी सिंह ने दाऊद के सहयोगी रियाज भाटी को चर्च की जमीन लीज पर दी है। मुंबई जिमखाने स्थित इस जमीन को लेकर पुलिस ने जब छानबीन की तब रियाज भाटी के पास इस जमीन का एग्रीमेंट सामने आया है। हालांकि महाराष्ट्र पुलिस की जाँच के बाद भी पीसी सिंह का कुछ नहीं हुआ।
इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि पीसी सिंह को गैर-भाजपा शासित राज्यों में राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिल रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश के चुनाव में पीसी सिंह ने गुप्त रूप से एक विशेष दल के लिए प्रचार भी किया था।
ईसाई समूह के इस मॉडरेटर बिशप पीसी सिंह से जुड़ी यह जानकारी भी सामने आई है कि पीसी सिंह भ्रष्टाचार द्वारा अर्जित किए गए पैसों से देश विरोधी गतिविधियों को भी अंजाम दे रहा है। ईसाई समूह के ही पूर्व सदस्य ने यह दावा किया है कि यदि पीसी सिंह की सीबीआई जांच हो तो भ्रष्टाचार के साथ-साथ कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ जाएंगे।
इसके अलावा कई राजनीतिक दलों को फंडिंग करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध मतांतरण की गतिविधियों में भी इन पैसों का उपयोग पीसी सिंह कर रहा है। हाल ही के वर्षों में पीसी सिंह का एक खास सहयोगी बिशप पीटर बलदेव को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था।
कुल मिलाकर देखा जाए तो चर्च के द्वारा किए जा रहे अवैध मतांतरण की गतिविधियों पर तो सभी की नजर है लेकिन इसके पीछे जिस तरह से चर्च से जुड़े लोग व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, उसकी भी जांच होनी आवश्यक है।
यह भी आवश्यक है कि पीसी सिंह जैसे लोगों की जांच किसी बड़ी राष्ट्रीय संस्था से कराई जाए ताकि भ्रष्टाचार की परतों के अलावा देश विरोधी गतिविधियों के लिए की जा रही फंडिंग का स्त्रोत भी उजागर किया जा सके।
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