नगर पालिका अध्यक्ष अशोक मालवीय की याचिका पर हाईकोर्ट का सीएमओ को नोटिस 15 अक्टूबर तक देना होगा जवाब।
नगर पालिका अध्यक्ष अशोक मालवीय और सीएमओ सतीश मटसेनिया के बीच चल रहा विवाद अब हाईकोर्ट की दहलिज पर जा पहुंचा है । मंगलवार को हाईकोर्ट ने नगर पालिका अध्यक्ष अशोक मालवीय की याचिका को मंजूर करते हुए प्रदेश के प्रमुख सचिव नगरी प्रशासन विभाग के मुख्य सचिव आयुक्त सीएमओ को नोटिस जारी कर पुरे मामले में 15 अक्टूबर तक जवाब तलब करने को कहा है।
*नगर पालिका नागदा का मामला मध्य प्रदेश का पहला ऐसा मामला होगा जिसमें एक चुनी हुई परिषद को सीएमओ के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा है ।*
सतीश मटसेनिया ने नागदा सीएमओ का चार्ज जब से संभाला है तभी से अध्यक्ष और सीएमओ के बीच तालमेल नहीं बैठ पाया है यही कारण है कि पिछले 8 महिने से नगर के बहुत से कार्य प्रभावित हुए पडें है।
8 अगस्त को नगर पालिका की पीएसी की बैठक में सीएमओ के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया था ।
26 अगस्त को याचिका दायर की गई। मामले में 30 अगस्त को न्यायालय ने व शासन ने परिषद ने दोनों पक्षों को सुना है। मंगलवार को परिषद की ओर से नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा दायर की गई अर्जी को हाईकोर्ट में स्वीकार कर संबंधित के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है।
पीएसयू परिषद के निर्णय की अवहेलना करने का है आरोप
विधायक के इशारे पर करते है काम सीएमओ । नगर पालिका अध्यक्ष अशोक मालवीय ने पत्रकार वार्ता रख कर यह भी आरोप लगाया है कि सीएमओ सतीश मटसेनिया कांग्रेसी विधायक दिलिप सिंह गुर्जर के इशारे पर शहर विकास कार्यों में अवरोध बन कर खड़े हो गए हैं नियमानुसार नगरपालिका सीएमओ को परिषद युपी आई सी द्वारा स्वीकृत कार्यों को सात दिन के भीतर अमल में लाने का प्रावधान है लेकिन दो दर्जन से ज्यादा ऐसे कार्य हैं जो पीएसयू परिषद द्वारा स्वीकृत किए जाने के बाद भी महीनों से नगरपालिका सीएमओ द्वारा अमल में नहीं लाया गया है। लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़े कार्य को भी सीएमओ वरिष्ठ अधिकारी के मार्गदर्शन मांगने के बहाने से हटाने का काम कर रहे हैं। इसी वजह से हमें न्यायालय की शरण में जाने पर मजबूर होना पड़ा है।