मंगलवार, 6 जून 2023

मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

 

 
मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

(मानव अधिकार क्रांति संगठन द्वारा संगोष्ठी) 

जबलपुर में मानव अधिकार क्रांति संगठन के द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन मढा़ताल पार्क में  प्रदेश अध्यक्ष डाँ गीता पांडेय, "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष विनय जी. डेविड की अध्यक्षता में कार्यक्रम का संयोजन जिला अध्यक्ष ममता ठाकुर एवं राजकुअँर के द्वारा किया गया 


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

और पर्यावरण दिवस पर सभी ने अपने अपने विचार रखें पौधारोपण  करने के पश्चात संगोष्ठी  में सभी अपने विचार रखे कार्यक्रम में संस्था के डाँ मुकेश जैन, जगदीश शर्मा, एड भावना निगम , ज्योति दुबे , मीना पांडे , प्रेमलता ठकार, नीलम शर्मा, रोशनी कुमंरे, हेमलता तिवारी, प्रीति रूसिया, अंजुला दीक्षित, रेखा विश्वकर्मा , सुधा तिवारी, किरण पंडित, नाज, यशवंत कोस्टा, पंकज मेहता ,अशोक चौधरी, संजय शर्मा, तुषार चौहान, अभिषेक गांगुली , प्रवीण मेहरोत्रा, इंद्र कुमार कुशवाहा, साकेत कुमार अग्रहरी दिलीप गोस्वामी, आदर्श शर्मा, राजेश पांडेय आदि सदस्य उपस्थित रहे ।


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

आज विश्व पर्यावरण दिवस पर उठाएं संकल्प,

ताकि हो सके आपके स्वस्थ जीवन का काया कल्प!

अगर बचाना है प्रलय से मानवता के जीवन तो,

तो पर्यावरण संरक्षण ही है एक मात्र विकल्प!!


विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं!

सोमवार, 5 जून 2023

RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

 


RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

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भोपाल, जुर्माने का नोटिस जारी होते ही राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के यहाँ से अपनी सुनवाई ट्रांसफर करने पर भी नही बच पाए भोपाल के चीफ़ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार। सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

आयोग जारी करने वाला था बेलेबल वारंट
जुर्माने की कार्रवाई  मुख्य सूचना आयुक्त ए. के. शुक्ला द्वारा की गई है। ये दोनो RTI अपील प्रकरण पूर्व में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। दोनो प्रकरणों में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार को दोषी पाते हुए जुर्माने और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए थे। जनवरी 2023 से बार-बार आयोग के आदेश की अवहेलना करते हुए लिखार आयोग के समक्ष भी हाजिर नहीं हो रहे थे ना वे सिंह द्वारा जारी कार्रवाई की नोटिस का जवाब भी दे रहे थे। इसको भी सिंह ने इस को गंभीरता से लेते हुए निखार को चेतावनी दी थी कि अगर वे आयोग के समक्ष सुनवाई में नहीं आएंगे तो उनके विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी किया जायेगा।


कार्रवाई से बचने के लिए प्रकरण ही ट्रांसफर कराया


लिखार ने सिंह की कार्रवाई से बचने के लिए अपने दोनों प्रकरणों को सूचना आयुक्त राहुल सिंह की कोर्ट से किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने की एप्लीकेशन दे दी यह कहते हुए कि उन्हें सिंह से न्याय मिलने की उम्मीद कम है। वही इस इस प्रकरण में सिंह ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए लिखार की दोनों आरटीआई अपील प्रकरणों को अपने खंडपीठ से अन्य खंडपीठ में सुनवाई के लिए अंतरित करने के लिए मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला को लिख दिया था। साथ में सिंह ने यह भी टिप्पणी कर दी कि उनके द्वारा इस प्रकरण में  कार्रवाई करते हुए लिखार को प्रथम दृष्टया दोषी भी पाया गया था तब से जुर्माने से बचने के लिए निखार द्वारा अपने प्रकरण में न्याय की उम्मीद कम दिखने लगी।


जुर्माने  के साथ हुई अनुशासनिक कार्रवाई

सिंह के पास से यह मामला ट्रांसफर होने पर मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए सिंह द्वारा जारी किए गए शो कॉज नोटिस को सही पाया और आनंद नीरज निखार के ऊपर ₹25000 का जुर्माना लगा दिया वही दूसरे प्रकरण में भी सिंह द्वारा जारी शो कॉज नोटिस के तथ्यों को सही पाते हुए एके शुक्ला ने भोपाल नगर निगम के आयुक्त को आनंद नीरज लिखार के  विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए आदेशित किया है।


RTI  में यह जानकारी मांगी थी


भोपाल के आरटीआई आवेदक समीउल्लाह खान नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर से भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा जारी एक मकान के कंस्ट्रक्शन की एनओसी की जानकारी मांगी थी। जिसे नीरज आनंद निखारने देने से मना कर दिया यह कहते हुए कि यह मकान मालिक की व्यक्तिगत जानकारी है। इस मामले में अपर आयुक्त नगर निगम शाश्वत मीणा भी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए थे लेकिन उनके आदेशों की भी अवहेलना करते हुए लिखार ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी। वही दूसरे आरटीआई प्रकरण में समीउल्लाह खान ने एक अतिक्रमण की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी मांगी थी यह जानकारी भी चीफ सिटी प्लानर ने समीउल्लाह को उपलब्ध नहीं कराई।


अतिक्रमण की जानकारी को RTI मे रोका नही जा सकता: सिंह

इन दोनों प्रकरणों में स्थिति को साफ करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने यह कहा था कि अतिक्रमण की जानकारी को जनहित में दिया जाना चाहिए था वही किसी भी मकान के निर्माण के लिए जारी एनओसी को व्यक्तिगत जानकारी होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता है। ये पूरी तरह से जनहित का मुद्दा है और अवैध निर्माण के ऊपर कारवाई शासन नियम और कानून के अनुरूप करता है। सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि  अवैध निर्माण और अतिक्रमण में की गई कार्रवाई को अधिकारियों को स्वतः वेबसाइट  पर ही उपलब्ध करा देना चाहिए।  ताकि अवैध निर्माण के संबंध में चल रही कार्रवाई में कसावट सुनिश्चित होगी, साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी बनेगी। इंदौर के मंदिर में हुए हादसे का जिक्र करते हुए सूचना आयुक्त सिंह ने यह भी लिखा कि अगर इस तरह की जानकारी को पारदर्शी तरीके से पहले ही जनता के सामने रखा जाएगा तो अवैध निर्माण की वजह से होने वाले हादसों पर भी रोक लगेगी।

गुरुवार, 1 जून 2023

RTI : सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ाने वाली महिला बाल विकास विभाग की दो अधिकारियों पर 25-25 हजार का जुर्माना

 

RTI : सूचना के अधिकार

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महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।

MP State Information Commission: 

भोपाल । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये के जुर्माना लगाया हैं। विभाग की ही एक महिला कर्मचारी को सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी नहीं देने पर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही आवेदक से लिया गया तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी लौटाने का आदेश दिया।

आवेदक ऋचा दुबे ने 25 मई 2022 को महिला एवं बाल विकास विभाग के सागर कार्यालय से आवक-जावक पंजी की प्रति मांगी थी। लोक सूचना अधिकारी ने समय सीमा में उनसे तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी ले लिया पर उन्हें जानकारी नहीं मिली। प्रथम अपीलीय आदेश के बावजूद 15 दिन में दस्तावेज नहीं दिए गए तो प्रकरण राज्य सूचना आयोग के समक्ष आया।

आयोग ने धारा 20 के अंतर्गत जुर्माने का नोटिस जारी किया। अपने बचाव में लोक सूचना अधिकारी रचना बुधौलिया ने कहा कि जानकारी विस्तृत थी और पंचायत चुनाव के कारण जानकारी देना संभव नहीं हुआ। सुनवाई में सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने बचाव पक्ष की दलीलों को अमान्य करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और शुल्क की राशि लौटाने के आदेश दिए।

इसी तरह एक अन्य आवेदन में विभाग के मालथौन कार्यालय में सात अप्रैल 2022 को ऋचा दुबे ने आंगनबाड़ी भवनों के किराए से जुड़े दस्तावेज मांगे थे, लेकिन न तो 30 दिन में कोई जवाब दिया गया और न ही प्रथम अपीलीय आदेश का पालन हुआ। आयोग की सुनवाई में यह हर स्तर पर सूचना के अधिकार की अवहेलना का प्रकरण माना गया।

अपीलार्थी का कहना था कि आंगनबाड़ियों के किराए के नाम पर यह वित्तीय अनियमितताओं के दस्तावेज हैं, इसलिए जानबूझकर टालमटोल की गई। उन्हें मजबूर होकर आयोग तक आना पड़ा। अंतत: दस माह के विलंब से उन्हें जानकारी मिली। लोक सूचना अधिकारी प्रेमवती चढ़ार को भी इस मामले में नोटिस दिया गया और 25 हजार रुपए जुर्माना का आदेश हुआ।

आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि महिला बाल विकास विभाग के एक से अधिक मामलों में यह देखा गया है कि लोक सूचना आधिकारियों को अपनी भूमिका का ही ज्ञान नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी का कहना है कि सूचना का अधिकार कानून 18 साल पुराना हो चुका है लेकिन लोक सूचना अधिकारियों को 30 दिन की अमूल्य समय सीमा संज्ञान में नहीं है। मामूली सी जानकारियों के प्रकरण आयोग तक आते हैं। कुछ विभागोंं का रवैया तो बेहद चिंताजनक है।


मंगलवार, 23 मई 2023

41वें स्थापना दिवस पर ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन ( आइसना ) के उत्तर प्रदेश प्रांतीय सम्मेलन का हुआ आयोजन, उपमुख्यमंत्री ने किया पत्रकारों को सम्मानित


ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन आइसना के लखनऊ सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी का सम्मान करते आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव शंकर त्रिपाठी जी एवं उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद जुगल किशोर जी के साथ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विनय जी डेविड

विनय जी डेविड // 9893221036

लखनऊ, ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन ( आइसना )  का 41वां प्रांतीय सम्मेलन 22 मई 2023 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया सभागार में वार्षिक महान सम्मेलन पूर्व सांसद एवं आइसना के प्रांतीय अध्यक्ष जुगल किशोर एवं सुश्री आरती त्रिपाठी महामंत्री आइसना एवं सदस्य पी सी आई के सहयोग से संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया। हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली के साथ-साथ दक्षिण भारत के पदाधिकारी भी भारी संख्या बल के साथ सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार स्वतंत्र मिश्रा द्वारा किया गया। आइसना के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर ने एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी का स्वागत किया। प्रांतीय सम्मेलन में आए विशिष्ट अतिथि मंत्री जितिन प्रसाद, आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी व राष्ट्रीय महामंत्री आरती त्रिपाठी (सदस्य, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष आइसना व पूर्व सांसद जुगल किशोर ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारियों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आइसना के प्रांतीय सम्मेलन में विनय जी. डेविड (प्रांतीय अध्यक्ष, मध्य प्रदेश आइसना), प्रशांत वैश्य (प्रांतीय संगठन महामंत्री, मध्य प्रदेश आइसना), श्रीराम (साउथ इंडिया अध्यक्ष) गिरीश चंद्र शर्मा (अध्यक्ष, हरियाणा प्रदेश), पंडित संजीब नारायण दास (अध्यक्ष असम प्रदेश), संदीप कुमार दफ्तुआर (बिहार प्रदेश अध्यक्ष), सुनील कुमार पांडेय (मंत्री नई दिल्ली), मैरियन (तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष), लखनऊ से संजीव पाहवा, आर.के.सिंह, अरविंद त्रिपाठी, अरविंद द्विवेदी, अमन सिंह, सुनीता सिंह, अमित सिंह, रीति सिंह आदि देश के कोने-कोने से आए पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया। 

कार्यक्रम के समापन पर सभी सदस्यों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सभी प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारिणी के सदस्य एवं पदाधिकारी भारी संख्या में सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक

आइसना के योगदान को सराहा और दिया हर संभव मदद का भरोसा

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारियों व उत्तर प्रदेश के समस्त पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि योगेंद्र मिश्रा व शिव शंकर त्रिपाठी ने कड़ी मेहनत करके छोटे अखबारों को एक मंच पर संगठित करने का कार्य किया और पहला सम्मेलन दिल्ली के मावलंकर हाल में हुआ। 

इसके बाद से अनवरत कार्यक्रम चलता रहा और देश के सारे छोटे एवं मध्यम अखबार एक धागे में बंधते चले गए। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन द्वारा दिए गए 6 सूत्रीय मांग पत्र को जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि स्याही से लेकर कागज तक की महंगाई इतना आसमान छू रही है, ऐसी परिस्थिति में छोटे अखबारों का संचालन बहुत ही चुनौती भरा कार्य है। छोटे व मध्यम अखबारों से वह बातें सामने आती हैं जो बड़े अखबारों की पहुंच से बाहर होती हैं। गांव की गलियों से निकली आवाज लखनऊ और दिल्ली की सत्ता के गलियारों तक पहुंच कर आंदोलन बन जाती है, यह छोटे और मध्यम अखबारों की ही देन है। आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अखबारों को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आइसना की राष्ट्रीय महामंत्री व प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सदस्य आरती त्रिपाठी व राष्ट्रीय अध्यक्ष आइसना शिव शंकर त्रिपाठी के साथ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद जुगल किशोर का विशेष आभार व्यक्त किया।

पत्रकारों को एकजुट होकर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ना होगा : विनय जी. डेविड

ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आइसना के उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सम्मेलन में विनय जी. डेविड ( प्रांतीय अध्यक्ष, मध्य प्रदेश आइसना ) ने कहा कि देश के सभी लघु मध्यम समाचार पत्र पत्रिकाओं एवं पत्रकारों को एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ना चाहिए, पत्रकारों के अधिकार का देश की सभी सरकारों को ध्यान रखना चाहिए, देश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए, प्रदेश सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए इस कानून को जल्द से जल्द लागू होना चाहिए, विनय डेविड ने मध्य प्रदेश सरकार से मध्य प्रदेश के लघु समाचार पत्र-पत्रिकाओं को प्रतिमाह एक निर्धारित राशि का विज्ञापन प्रदान किए जाने एवं मध्यप्रदेश के पत्रकारों एवं उनके परिवार के जीवन यापन के लिए एक सुनिश्चित राशि प्रतिमाह प्रदान करने की मांग उठाई, आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव शंकर त्रिपाठी एवं महासचिव एवं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सदस्य सुश्री आरती त्रिपाठी ने मांगों का समर्थन करते हुए शीघ्र भारत सरकार और प्रदेश की सरकारों से इन मांगों को पूरा करने के लिए प्रयास किए जाने मंजूरी दी।

विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे मंत्री जितिन प्रसाद ने आइसना के कर्तव्य परायणता को सराहा

अखबारों को हर संभव मदद करने का दिया भरोसा

विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे मंत्री जितिन प्रसाद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी कड़ी मेहनत के साथ अखबारों की महत्वपूर्ण भूमिका भी होती है, गांव से निकली आवाज ही दिल्ली की सत्ता के गलियारों तक पहुंचती है। अधिकारियों और नेताओं की जवाबदेही तय करना चौथे स्तंभ का प्रमुख कर्तव्य है, जिसे आज के समय में लघु एवं मध्यम अखबार ही पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। ऐसे अखबारों को सरकार द्वारा हर संभव मदद मिलनी चाहिए। इन अखबारों को हमारी तरफ से हर संभव मदद मिलती रहेगी। अखबार के पन्नों और स्याही की महंगाई का जिक्र करते हुए छोटे एवं मध्यम अखबारों के संघर्षों को सराहा और अखबार के पन्नों से सोशल मीडिया तक पहुंचे अखबारों की खबरों का आभार व्यक्त किया।

आइसना राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी व अन्य पदाधिकारियों के साथ संगठन के प्रांतीय सम्मेलन में पहुंचे बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को 6 सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों की सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के साथ-साथ पत्रकारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा व पांच लाख रुपए तक के इलाज की मुफ्त सुविधा जैसी मूलभूत सुविधाओं को राज्य सरकार के द्वारा मुहैया कराए जाने की बात भी रखी गई। जिसे उपमुख्यमंत्री ने राज्य सरकार तक संगठन की मांगों को पहुंचाने की बात कहते हुए इन्हें पूरा करने का भरोसा भी दिलाया।

आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी समाचार पत्रों की बिकट समस्याओं जैसे विज्ञापन नहीं मिलना जीएसटी लगना आरएनआई में समस्याओं का शीघ्र समाधान न होना सरकार का विज्ञापन बजट प्रति वर्ष कम करना पत्रकारों को आर्थिक मदद ना देना, सुरक्षा न देना आदि समस्याओ से अवगत कराया और इन समस्याओं के समाधान करने के लिये सरकार को ज्ञापन दिया। इसके बाद सरकार की तरफ़ से पूर्ण आश्वासन जितिन प्रसाद और उपमुख्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने देने की घोषणा कर दी। 

पूर्व सांसद जुगल किशोर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर रत्न से सम्मानित

स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन के प्रांतीय सम्मेलन में आइसना के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद जुगल किशोर को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर रत्न से सम्मानित किया गया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पद चिन्हों पर चलने वाले पूर्व सांसद जुगल किशोर ने अपने जीवन में बाबा साहब के मूल सिद्धांतों को संजोने का पूरा प्रयास किया है।

बुधवार, 10 मई 2023

महिला आईएएस अफसर गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, दामाद के साथ ली गयी हिरासत में !

 


महिला आईएएस अफसर गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, हिरासत में !

जयपुर | राजस्थान के अजमेर से 105 करोड़ रुपये के घोटाले में असम की आईएएस अधिकारी सेवाली देवी शर्मा, उनके दामाद और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया है। अजमेर के कोतवाली थाने के सहयोग से असम की सतर्कता टीम ने सोमवार सुबह इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

गिरफ्तारियां असम के स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में हुई हैं। तीनों आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए अजमेर आए थे। उन्हें यहां सीजीएम कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। इसके तुरंत बाद टीम उन्हें लेकर असम के लिए रवाना हो गई।

रविवार देर रात इंस्पेक्टर प्रीतम सेकिया के नेतृत्व में असम सतर्कता दल अजमेर पहुंचा। अधिकारियों ने कहा, ”टीम रविवार रात अजमेर पहुंची थी। कोतवाली थाना पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी ली। सोमवार की सुबह असम


महिला आईएएस अफसर सेवाली देवी शर्मा गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, दामाद के साथ ली गयी हिरासत में !

विजिलेंस टीम और कोतवाली थाने के पुलिसकर्मियों ने जयपुर रोड स्थित होटल क्रॉस लेन से सेवाली देवी शर्मा, दामाद अजीत पाल सिंह और राहुल अमीन को गिरफ्तार किया। राहुल और अजीत पाल दोनों ठेकेदार हैं।

बताया जाता है कि सेवाली देवी शर्मा 2017-2020 के बीच एससीईआरटी में रही हैं। आरोप है कि उसने सरकार की सहमति के बिना 5 बैंक खाते खोले और कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों में शामिल थी। आरोप है कि इस घोटाले में उसका दामाद भी शामिल था। बताया जा रहा है कि आईएएस अधिकारी ने बिना किसी वर्क ऑर्डर के 105 करोड़ रुपये निकलवा लिए। सेवाली देवी 1992 कैडर की अधिकारी हैं। मामला सामने आने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

दरअसल, निलंबित आईएएस सेवाली देवी शर्मा की गिरफ्तारी के लिए असम मुख्यमंत्री कार्यालय लगातार मॉनिटरिंग कर रहा था। असम पुलिस लगातार आरोपितों की लोकेशन ट्रेस कर रही थी। अपनी गिरफ्तारी के डर से निलंबित आईएएस अपने दामाद और ठेकेदार अमीन के साथ शनिवार से अजमेर के एक होटल में ठहरी थी। अजमेर में आरोपितों की लोकेशन मिलने पर असम पुलिस ने अजमेर पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद असम पुलिस रविवार देर शाम को अजमेर पहुंची और अजमेर की कोतवाली थाना पुलिस की मदद से आईएएस सेवाली देवी शर्मा, उनके दामाद अजीत पाल सिंह और ठेकेदार अमीन को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की गिरफ्तारी असम की स्टेट काउंसलिंग ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के मामले में हुई है।

सोमवार सुबह कोतवाली थाना पुलिस के साथ असम पुलिस के अधिकारियों ने आरोपितों को असम ले जाने के लिए स्थानीय कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने अतिरिक्त वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश व अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 1 में ट्रांजिट वारंट की अर्जी दाखिल किया है। कोर्ट से ट्रांजिट वारंट की स्वीकृति मिलने के बाद असम पुलिस सेवाली देवी शर्मा को असम लेकर रवाना होगी।

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023

बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा



बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा


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विनय जी डेविड : 9893221036

*ED की पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे, चर्च की कीमती जमीन को बेचा, कई काले कारनामों का दस्तावेज भी बरामद*

*बर्खास्त बिशप के जबलपुर समेत मुबंई, रांची व नागपुर स्थित ठिकानों पर भी ईडी ने मारा था छापा*

जबलपुर। चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के पूर्व निदेशक बिशप (former bishop) पीसी सिंह (PC Singh) को जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीसी सिंह से 14 दिन तक पूछताछ की। जिसमें कई अहम खुलासे हुए। बिशप सिंह ने सीएनआई की कीमती कई जमीन को बेचा। कई संस्थानों को बेकार बताकर किराए पर दे दिया। पी सी सिंह के कई काले कारनामों के दस्तावेज भी बरामद किए गए।

बिशप पद से हटाए गए द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चेयरमैन पीसी सिंह को कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने जबलपुर केंद्रीय जेल भेज दिया है। ईडी ने पीसी सिंह को 12 अप्रैल को जबलपुर में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड स्वीकृत की थी। पूछताछ के लिए उसे भोपाल ले जाया गया था।

रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पीसी सिंह को 27 अप्रैल को जबलपुर लाया गया जिसके बाद जेल भेज दिया गया। दरअसल, जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मुंबई, रांची, नागपुर स्थित छह ठिकानों पर छापा मारा था।

इन ठिकानों से ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और करीब पांच लाख 37 हजार 500 रुपये नकद जब्त किए थे। ईडी ने यह कार्रवाई 15 मार्च को जबलपुर, मुंबई, रांची व नागपुर के छह ठिकानों तथा 18 मार्च को रांची में तीन ठिकानों पर छापामारी की थी। जिसके बाद ईडी की टीम 12 अप्रैल को जबलपुर पहुंची और पीसी सिंह को उसके नेपियर टाउन स्थित बंगले से गिरफ्तार कर लिया था।

बिशप पीसी सिंह के घर में आठ सितंबर 2022 को ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा था। वहां से एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपए, 118 पाउंड, 18352 यूएस डालर, 80 लाख 72 हजार रुपये कीमत के दो किलो वजनी सोने के जेवर समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज और 48 बैंक खातों के संबंधित दस्तावेज जब्त हुए थे। 

पीसी सिंह जर्मनी से 11 सितंबर को स्वदेश लौटने पर उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। जबलपुर लाकर पूछताछ व जांच की गई। जांच के दौरान उसकी पौने आठ करोड़ रुपये की एफडी का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि वह स्वयं 128 बैंक खाते संचालित करता था। 46 खाते उसके स्वजन और संस्थाओं के नाम पर थे।


अतीक-अशरफ हत्याकांड: SC ने UP सरकार से पूछा-माफिया भाइयों की परेड क्‍यों करवाई

 


अतीक-अशरफ हत्याकांड में SC का UP सरकार से सवाल, 'एंबुलेंस से सीधे अस्पताल क्यों नहीं लाया गया


सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि अतीक और अशरफ अहमद को एंबुलेंस में अस्पताल के गेट तक क्यों नहीं ले जाया गया. खूंखार गैंगस्टरों के मारे जाने की शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र समिति से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा, ”उनकी परेड क्यों कराई गई?’ न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह भी पूछा कि शूटर्स को कैसे पता चला कि अतीक और अशरफ को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए ले जाया जाएगा?

 नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार से अतीक अहमद (Ateek Ahmed) और अशरफ की हत्या मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के पहले हुये असद एनकाउंटर (Encounter) पर हलफनामा मांगा है. यूपी सरकार से यह भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बी एस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं. कहा कि हमने ये घटना टीवी पर देखी है. दोनों को अस्पताल में सीधे एंबूलेंस से क्यों नहीं ले जाया गया. उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तीन हफ्ते में सुनवाई को करने के लिए कहा है. जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी.

यूपी सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी हुए पेश 
उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government)की ओर से मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने कोर्ट में पक्ष रखा. रोहतगी ने कहा हमने जांच के लिए दो-दो पूर्व चीफ जस्टिस का आयोग बनाया है. इस मामले में यूपी सरकार ने तेजी से काम किया है.

जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. वहीं वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की है.

बता दें कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की प्रयागराज में 16 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास यह घटना हुई थी. दोनों को ही 10 से अधिक गोली मारी गई थीं. इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके पहले 14 अप्रैल को यूपी एसटीएफ (UP STF) की टीम ने अतीक अहमद के बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. झांसी में असद के साथ शूटर गुलाम भी एनकाउंटर में मारा गया था. जब कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक को इसकी खबर मिली तो वह फूट-फूटकर रोने लगा था.

पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च संस्थान द्वारा निर्मित अवैध भवन नगर निगम जबलपुर ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया

 


पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा 


*जबलपुर से विनय जी. डेविड की रिपोर्ट*
*संपूर्ण जानकारी खबर, वीडियो, फोटो के लिए संपर्क करें : 98932210368989655519

*जबलपुर, नगर पालिक निगम जबलपुर अपर आयुक्त श्री राजेन्द्र मिश्रा द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड अन्तर्गत तैय्यबअली मार्ग पीली कोठी पर फादर मनीष एस.गिडियन मेथोडिस्ट द्वारा किए जा रहे निर्माण विषयक् स्वामित्व सहित भवन स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा था। परंतु मनीष गिडियन एवं संस्थान के लोगों द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए. चर्च के नाम पर मेथोडिस्ट चर्च संस्थान के बिशप एम.ए. डेनियल, एरिक पी नाथ और मनीष गिडियन है मनीष गिडियन अभी सेंट्रल जेल जबलपुर में सलाखों के पीछे है ये सभी मुख्य आरोपी है,

जिस पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम ने आज तहसील भेजकर के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है जो अभी चल रही है.*

ज्ञात हो कि नगर निगम में चर्च द्वारा प्रस्तुत जबाब पर नगर निगम द्वारा चर्च को नोटिस दिया कि “स्थल पर किया गया निर्माण अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति से किया गया है। तदोपरान्त उक्त निर्माण को हटाए जाने हेतु आपको कार्यालय द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम नियम अनुसार नोटिस किया गया है ।

जिस पर आपके द्वारा निगम कार्यालय पर दिनांक 27.08.2020 को एक पत्र प्रस्तुत कर चर्च शेड निर्माण की बात कही गई एवं नजूल डीड एवं नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत की गई । आपने उक्त पत्र में स्थल पर किए जा रहे निर्माणाधीन भवन का नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त होने पश्चात् निगम से भवन अनुज्ञा अनुमति लिए जाने का लेख किया है।

आपके द्वारा स्थल पर किए गए निर्माण के संबंध में ढाई वर्ष उपरान्त भी आज दिनांक तक निगम कार्यालय पर भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इतनी बड़ी संरचना का निर्माण बगैर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की स्वीकृति के एवं बगैर भवन अनुज्ञा अनुमति प्राप्त किए गंभीर त्रुटी है।

आपको इस पत्र के माध्यम से निर्देशित किया जाता है कि आप पत्र प्राप्ति से 24 घण्टे के भीतर स्थल पर किए गए निर्माण को स्वयं हटा लेवें। अन्यथा कि स्थिति में स्थल पर किया गया अनाधिकृत निर्माण निगम द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम में विहित प्रावधानों के अन्तर्गत किसी भी समय हटा दिया जावेगा।

इस मामले में यूसीएनआईटीए के स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी एडमिन लाल एवं यूसीएनआईटीए के मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के लीगल एडवाइजर विनय जी. डेविड ने अवैध निर्माण तोड़ने की शिकायत की थी.

आज अभी पीली कोठी  मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी लगाकर अभी शुरू कर दी है कार्रवाई चल रही है जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा जा रहा है.

सोमवार, 24 अप्रैल 2023

7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले

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विनय जी. डेविड : 9893221036

जबलपुर. मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर परिसर में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे और प्रमुख कोच रिचपाल सिंह सलारिया की कृपा से संविदा शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पिछले 7 वर्षों से सभी कोच एवं कर्मचारी अपने परिवार के साथ एकेडमी परिसर में ही निवास कर रहे हैं जिसकी शिकायत जबलपुर कलेक्टर को की गई.

आशीष पांडे जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी

जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे से जब यह जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने गुमराह करते हुए शिकायत को झूठी बताया जबकि हर एक आदमी को पता है कि आर्चरी एकेडमी परिसर के छात्रा-छात्राओं के होस्टल में सभी कोच कई कमरों में कब्जा करके रह रहे हैं

विडियो खबर : तीरंदाजी एकेडमी जबलपुर में प्रशिक्षकों की बल्ले-बल्ले


वही हॉस्टल में छात्रा-छात्राओं के लिए बनने वाला भोजन भी नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन कर रहे हैं संविदा आर्चरी  कोचों के अनुबंध के आधार पर नियम अनुसार उनको किसी भी प्रकार की वेतन के अलावा अन्य सुविधा प्रदान नहीं की जा सकती, परंतु सरकारी संपत्ति पर कब्जा करके लाखों रुपए का सरकार के राजस्व का नुकसान, खेल अधिकारियों की मिलीभगत सांठगांठ से हो रहा  है, 

इस मामले में जबलपुर जिला कलेक्टर को भी जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे के द्वारा गुमराह किया जा रहा है, सही रिपोर्ट नही मिलने की वजह से जिला जबलपुर कलेक्टर इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, 

इस मामले में एक शिकायत कलेक्टर जबलपुर को प्राप्त हुई थी जिस परजिला खेल अधिकारी आशीष पांडे ने गुमराह करते हुए कलेक्टर को सही जानकारी नहीं पहुंचाई, जहां छात्रा छात्राओं के लिए यह सुविधा दी गई है वहीं कोचों के यहां पर निशुल्क सरकारी खाते में वारे न्यारे हैं, अब जब यह खुलासा  हुआ है तो अब देखना यह है कि इस मामले में कलेक्टर जबलपुर क्या कार्रवाई की जाती है.

कौन-कौन कोच वं कर्मचारी है नियमों की धज्जियां उड़ा कर शासकीय संपत्ति का उपयोग करने वाले

1. रश्मि सिंह कोच आर्चरी अगस्त 2016 से ही एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है,

2. अशोक कुमार यादव आर्चरी कोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं, जिसमें पत्नी एवं 3 बच्चे एवं अपने दो रिश्तेदारों अमित यादव एवं अन्य) के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

3. रवि प्रधान आर्चरीकोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

4. दशरथ सिंह ठाकुर वार्डन अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

5. कप्तान  स्वयं अपने एक दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

6. रिचपाल सिंह सलारिया मुख्य आर्चरी कोच स्वयं सत्र 2019 से 2023 निवास कर रहे हैं, अपने 4 रिश्तेदारों 1. सौम्या सिंह उर्फ तनु 2. दीक्षांत सिंग उर्फ देसू एवं अन्य दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है

बुधवार, 19 अप्रैल 2023

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सोमवार, 17 अप्रैल 2023

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार

  

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

 


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिय

चर्चित व्यक्ति को नेतृत्व देने की पुरातन परम्परा रही है। प्रतिभा, योग्यता और समर्पण के आधार पर चर्चाओं का वातावरण सकारात्मकता का पर्याय हुआ करता था। वर्तमान समय में सकारात्मकता को नकारात्मकता ने पछाड दिया है। वातावरण निर्माण हेतु प्रायोजित कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है। लाभ के अवसरों के लिए आपसी समझौतों की श्रंखला अब नित नई ऊंचाइयां छूने लगीं हैं। इन कार्यक्रमों को विभिन्न माध्यमों से आम आवाम तक पहुंचाने वाले समूह को आधुनिक भाषा में पीआर ग्रुप का नाम दिया गया है। 

व्यक्तिगत संबंधों को व्यापक बनाने के लिए अब विशेषज्ञों की तलाश की जाने लगी है। राजनैतिक धरातल से लेकर वित्तीय संस्थानों तक ने अपने विस्तार के लिए पीआर स्पेशलिस्ट्स की फौज नियुक्त कर ली है। इनसे हटकर अपराधियों, असामाजिक तत्वों और षडयंत्रकारियों ने तो संचार माध्यमों के लिए विधिवत व्यक्तिगत तंत्र ही विकसित कर लिया है। स्वधीनता संग्राम के दौर में धरती से जुडे राष्ट्र भक्तों का बलिदान भी गोरों के षडयंत्र का शिकार हो गया था। उस दौर में भी पैसों की चमक, लालच के दावानल और सत्ता के सम्मान ने इच्छित व्यक्यिों को देश का लोकप्रिय नेता घोषित करवा दिया गया था। 

तब षडयंत्र के तहत अंग्रेजी पत्रों में व्यक्ति विशेष के लिए आलेख, समाचार और  उनकी कथित जीवन गाथायें प्रकाशित करवायी जातीं थीं। लोलुप लोगों को व्यक्ति विशेष के पक्ष में वातावरण निर्मित करने के काम में लगा दिया जाता था, जो चौराहों से लेकर चौपालों तक पहुंचकर उसकी प्रशंसा में मनगढन्त कहानियों सुनाता और समाज में उसे चर्चा का विषय बना देता था। धीरे-धीरे उसके वक्तव्यों को कालीदास के इशारों में बदलकर विदुषी विद्योत्मा बनी आवाम के समक्ष परोसा जाता ताकि समाज उस पैरासूट नेता को वास्तविक नेतृत्व प्रदान कर दे। कठपुतली को जीवित शरीर के भ्रम के रूप प्रस्तुत किया गया। अन्त: देश में जब राष्ट्र भक्तों का दबाव बढने लगा, आम आवाम स्वाधीनता के लिए कफन बांधकर खडी हो गई तो गोरों ने अपनी कठपुतलियों को नेता बनाकर पेश किया। 

वार्ता के लिए उन्हें ही आमंत्रित किया और दिखाने शुरू कर दिये देशवासियों को सब्जबाग। इतिहास की गवाही ने एक बार फिर वर्तमान को व्यथित करना शुरू कर दिया है। अतीक, शाइस्ता, असद, गुलाम, अशरफ, अमृतपाल, जोगा जैसों की नकारात्मकता को सुुर्खियां मिलने लगीं। उनके पक्ष में कमर कसकर खडे लोगों की बातों को महात्व दिया जाने लगा। किसी लोकप्रिय जन कल्याणकारी समाजसेवी की तरह उनकी जीवन गाथायें, विश्राम करने के स्थान, सहयोगियों की जमात जैसे कारक आज चारों ओर छाये हुए हैं। नकारात्मकता को समाप्त करने में लगे लोगों पर प्रश्नचिन्ह अंकित करने का फैशन चल निकला है। सत्य को कोसकर असत्य को स्थापित करने का कारोबार तो दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करने लगा है। विचार मंथन के माध्यम से पेश किये जाने वाले कार्यक्रम समाज को तोडने में महात्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 

सोची समझी योजना के तहत चलने वाले कृत्यों को सामान्य ढंग से होने वाली गतिविधियों की तरह प्रस्तुत करने की पटकथा तो पहले ही लिखी जा चुकी है। कभी कश्मीर में सेना के जवानों पर वहां के आतंकियों के थप्पड पडते थे और थप्पड मारे वालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर राष्ट्र भक्त फौजियों पर मामले दर्ज किये जाते थे, जबाब मांगे जाते थे, आत्मरक्षा में उठाये गये कदमों को अपराध बनाकर न्याय की चौखट पर दस्तक दी जाती थी। ऐसे लोलुप भितरघातियों की जमात अब आतंक की इबारत बनने की हसरत पालने वालों के चारों ओर सुरक्षा कवच लगा रही है। सरेआम हत्या करने वालों के साथ खडे लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अनेक घरों के चिरागों को बुझाने वालों के दीये पर हवा को लगते अपराधियों ने अपने संरक्षणदाताओं के साथ मिलकर मुल्क की फिजां में जहर घोलने का काम शुरू कर दिया है। 

इस जहर की चर्चा भी प्रमुखता से की जाने लगी है। पीआर के विशेषज्ञों को मैदान में उतार दिया गया है। अपराध की कहानियां सुना सुनाकर आम आवाम में दहशत पैदा करने वाले अपने विदेशी आकाओं के इशारों कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। राजनीति के पंडितों से लेकर अपराध के जल्लादों तक ने समय के साथ करवट बदल ली है। दहशत के आकाओं को उनकी जाति विशेष के लिए संरक्षक की भूमिका में दिखाया जाने लगा हैं। अपराध से जुटायी गई धन-सम्पत्ति से राजनीति के दरवाजे पर दस्तक देने का क्रम भी चल निकला है। सत्ता का मुखिया बनने वाला व्यक्ति भी अपनी जाति के लिए लचीला रुख अख्यितार करता है। अन्य सशक्त जातियों को नस्तनाबूत करने की मुहिम भी पर्दे के पीछे से निरंतर चलाता है। दूसरी ओर पार्टी के लिए धन संग्रह करने में अपराध जगत की महात्वपूर्ण भूमिका भी तेजी से बढ जा रही है। 

पार्टियों की चंदा राशि को सूचना के अधिकार की सीमा से बाहर रखा गया है। इसी तरह निजिता की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी और मौलिक अधिकारों की दुहाई जैसी व्यवस्थायें देश को कोढ में खाज देने का काम स्वाधीनता के बाद से निरंतर कर रहीं हैं। पंजाब में सत्ता बदलते ही खालिस्तान के नारे बुलंद होने लगे। खास दलों की सरकारों वाले राज्यों में धार्मिक उन्माद चरम सीमा पहुंचता जा रहा है। व्यक्तिगत हितों पर आदर्श, सिध्दान्त और नीतियों की हत्यायें हो रहीं है। लोगों की महात्वाकांक्षायें अब आसमान छूने लगीं हैं। दल बदलकर इच्छित लक्ष्य की पूर्ति में जुडे लोगों ने स्वयं को जाति विशेष, सम्प्रदाय विशेष तथा क्षेत्र विशेष का कथित ठेकेदार घोषित कर दिया है। ऐसे लोगों को अपने पक्ष में लाने के लिए खद्दरधारियों की टोलियां जुटीं है ताकि आने वाले चुनावों में सत्ता का सिंहासन मिल सके। 

देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन, परन्तु संचार माध्यमों के चन्द मठाधीशों को किन्हीं कारणों से यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। यही फर्क है धृतराष्ट्र और गांधारी के अंधेपन में। एक तो सत्ता के लालच में अंधा है तो दूसरा वैभव की प्रचुरता के पीछे पागल होकर अंधे का अंधा बनकर अनुशरण कर रहा है। ऐसे में देश के राष्ट्र भक्त नागरिकों को ही आगे आने होगा, तभी बूंद-बूंद पानी से गागर भर सकेगी और पुन: प्राप्त किया जा सकेगा विश्व गुरु का सम्मान। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

छत्तीसगढ़ के विकास में बंगाली समाज का महत्वपूर्ण योगदान: बघेल

 


छत्तीसगढ़ के विकास में बंगाली समाज का महत्वपूर्ण योगदान: बघेल


बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के विकास में बंगाली समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। बंगाली समुदाय शुरू से ही सचेत और जागरूक रहा है। बंगाल की धरती क्रांतिकारियों और समाज सुधारकों की रही है। इनके बिना देश की आजादी और नवनिर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती है। राजा राममोहन राय और सुभाष चंद्र बोस के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। 

संत रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद पूरी दुनिया को बंगाल की सर्वश्रेष्ठ देन है। देश के भक्ति आंदोलन में बंगाल के संतो का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बिलासपुर के कालीबाड़ी मैदान में आयोजित बंगाली नववर्ष एवं बिलासपुर बंगाली एसोसिएशन के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कालीबाड़ी में मां काली की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने की। 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बंगाली समुदाय को मोपका और तिफरा में 7 हजार और 5 हजार स्क्वेयर फीट जमीन आबंटित करने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि दुर्गा पूजा और गणेश पूजा हमारी सांस्कृतिक पहचान बन गए हैं। बंगाल से छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक संबंध है। लोगों के साथ उनकी संस्कृति भी चलती है। छत्तीसगढ़ ने बंगाल की संस्कृति को आत्मसात किया है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और रविंद्रनाथ टैगोर की छत्तीसगढ़ यात्राओं का भी स्मरण किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने बंगाल के बाद सबसे ज्यादा समय छत्तीसगढ़ में ही बिताया है। उन्होंने पूरे 2 वर्ष तक का समय छत्तीसगढ़ में बिताया। स्वामी विवेकानंद के नाम पर ही छत्तीसगढ़ में एयरपोर्ट का नाम रखा गया है। रविंद्रनाथ टैगोर को कौन नहीं जानता है। उनके द्वारा समाज को दिए गए योगदान को नही भुलाया जा सकता। श्री रविंद्रनाथ टैगोर ने भी छत्तीसगढ़ में समय बिताया है। उन्होंने अविभाजित बिलासपुर में अपनी पत्नी का इलाज करवाया था। कार्यक्रम में स्वागत भाषण बंगाली एसोसिएशन बिलासपुर के महासचिव देवाशीष लाल्टू घोष ने दिया।   

समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की महान विभूतियों को छत्तीसगढ़ रत्न अवार्ड से सम्मानित किया। इनमें पद्म विभूषण पंडवानी गायिका श्रीमती तीजन बाई, न्यायमूर्ति श्री किशोर भादुड़ी, नीति आयोग के पूर्व सदस्य और अर्थशास्त्री श्री प्रणव कुमार चट्टोपाध्याय शामिल है। शताब्दी समारोह में संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि सिंह, विधायक श्री शैलेश पांडे, महापौर श्री रामशरण यादव, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री प्रमोद नायक, अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री अभय नारायण राय, श्री विजय केशरवानी, श्री विजय पांडे, रामकृष्ण मिशन कोनी के संत श्री सेवाव्रतनंद महाराज, श्री रविघोष, सहित बंगाली समाज के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे। समारोह में बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे


गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 



प्रयागराज, गस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) की सरेआम हत्या कर दी गई. पुलिस कस्टडी में उस समय गोलियों से भून दिया गया जब दोनों कॉल्विन अस्पताल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस घटना ने अशरफ की वो भविष्यवाणी सच कर दी जो उसने दो सप्ताह पहले अपनी मौत को लेकर की थी. अशरफ ने दो सप्ताह में अपनी हत्या किए जाने की बात कही थी. उसने दावा किया था कि एक बड़े पुलिस अधिकारी ने इस बारे में उसे धमकी दी है.

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

28 मार्च 2023 की रात अशरफ ने कहा था, दो सप्ताह बाद मुझे मार दिया जाएगा. अशरफ ने ये भी दावा किया कि एक बड़े पुलिस अधिकारी ने उसे धमकी दी है कि किसी बहाने से तुम्हें बाहर निकालेंगे और निपटा देंगे. इसके लगभग दो सप्ताह बाद 15 अप्रैल की शाम को जब अतीक-अशरफ को मेडिकल टेस्ट के लिए बाहर लाया गया तो पत्रकारों के भेष में पहुंचे तीन हमलावरों ने पुलिस की सुरक्षा में घुसकर दोनों को गोलियों से भून दिया. 

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

अतीक-अशरफ के हत्यारों की हिरासत में लेने बाद सामने आयी पहली तस्वीर, चेहरे पर दिखा खौफ

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीन अपराधियों की पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद पहली तस्वीर सामने आयी है। आपको बता दें माफिया भाइयों के इस हत्याकांड में कथित तौर पर तीन आरोपी शामिल थे। जिन्होंने मीडिया की मौजूदगी में ही अतीक अहमद और अशरफ पर फायरिंग की थी।   बता दें कि, हत्यारों के हाथ में उस समय कैमरा और आइडी भी मौजूद थी। पुलिस ने घटनास्थल से हत्याकांड में प्रयुक्त असलहा, कैमरा और आइडी को बरामद किया है। पकड़े गए आरोपित लवलेश तिवारी निवासी बांदा, सनी पुराने हमीरपुर एवं अरुण मौर्य कासगंज बताए जा रहे हैं। अब इनसे पूछताछ चल रही है। पुलिस कोर्ट से इनकी रिमांड भी मांग सकती है।

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

ऐसे दिया था वारदात को अंजाम

बताया जाता है कि पुलिस कस्टडी रिमांड पर माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ दिए जाने के साथ ही रोजाना मेडिकल जांच कराए जाने का भी निर्देश दिया गया था। इसी क्रम में शुक्रवार रात भी धूमनगंज पुलिस ने दोनों का काल्विन अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया था। शनिवार रात भी धूमनगंज पुलिस सरकारी जीप से दोनों भाईयों को लेकर वहां पहुंची थी। मुख्य द्वार से भीतर दाखिल होकर कुछ कदम आगे बढ़े ही थे कि सामने मीडियाकर्मी बनकर मौजूद युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें दोनों की मौत हो गई। इस घटना के बाद तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया और अब उनसे पूछताछ की जा रही है।

एक हसीना के दो दिवाने‌, मौसेरा भाई जिस हाथ से छूता था प्रेमिका को, हत्या कर उस हाथ को काट डाला

 

 


एक हसीना के दो दिवाने‌, मौसेरा भाई जिस हाथ से छूता था प्रेमिका को, हत्या कर उस हाथ को काट डाला


बिलासपुर से हनीफ मेमन

बिलासपुर, जिले के हाई कोर्ट मार्ग पर हुई दीपक यादव हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए मौसेरे भाई प्रेमिका व सहयोगी को चकरभाटा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने हत्या को अंजाम देने में इस्तेमाल ब्रेजा कार बीयर बोतल सेनेटरी पत्थर घारदारपेचकस जप्त कर कार्रवाई कर रही है.

इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को चकरभाटा बोदरी मार्ग पर युवक का शव मिला मृतक की पहचान दीपक यादव पिता परदेसिया तो 30 वर्ष निवासी चौबे कॉलोनी अटल आवास के रूप में हुई जांच के दौरान पुलिस को मिले साक्षय के आधार पर चकरभाटापुलिस ने मृतक दीपक यादव की मौसेरे भाई दुर्गेश अशोक यादव 30 वर्ष निवासी सर बनिया मंदिर के पास बंधवापारा सरकंडा मनोज पिता श्याम 30 वर्ष श्रीराम टावर के सामने व्यापार विहार व तारबाहर हत्या की वजह बनी प्रेमिका ललिता यादव पति सोनू यादव 35 वर्ष निवासी अटल आवास योजना चौक सरकंडा को गिरफ्तार कर कार्रवाई कर रही है पुलिस पूछताछ में दुर्गेश यादव ने हत्या की वजह ₹5000 के लेनदेन का होना बताया इस पूरे मामले में ललिता हत्या में कहीं भी शामिल नहीं है यह प्रयास दुर्गेश लगातार करता रहा पूछताछ के दौरान ललिता का फोन दुर्गेश के मोबाइल पर आया ललिता की बात सुन पुलिसने उसे गिरफ्तार किया.

पुलिस जब ललिता से सख्ती से पूछताछ की तो हत्या की वजह सामने आई दुर्गेश का प्रेम प्रसंग ललिता से शादी से पहले सेथा बच्चे होने के बाद भी दुर्गेश ललिता के बीच अवैध संबंध था इस बात का पता चलने पर ललिता के पति ने उसे छोड़ दिया था पुलिस ललिता अटल आवास में दुर्गेश के पास रहने लगी दुर्गेश ललिता के प्रेम संबंध की बात दीपक को पता चली दीपक ललिता को फोन करने लगा इसी बीच दोनों के बीच अवैध संबंध बन गया ललिता यादव दोनों मौसेरे भाइयों की प्रेमिका बनकर दोनों से अवैध संबंध बनाए हुए थे.

दीपक का अपनी प्रेमिका ललिता से मिलना दुर्गेश यादव को रास नहीं आ रहा था ललिता ने दुर्गेश को झांसा दिया कि दीपक उसको धमका कर जबरिया संबंध बनाता है इस पर दीपक और दुर्गेश के बीच 5 साल से लगातार विवाद होता रहा है दुर्गेश भाई दीपक की हत्या का पूरा प्लान तैयार किया 14 अप्रैल को दुर्गेश मैं मौसेरे भाई दीपक यादव को नूतन चौक बुलाया और कार क्रमांक CG04 4404 मैं बैठा कर व्यापार विहार अपने दोस्त दिपक यादव के पास पहुंचा योजना के अनुसार व्यापार विहार दुकान से शराब की बोतल बीयर खरीदी दोनों चकरभाटा बोदरी मार्ग पर शराब पी रहे थे शराब पीने के दौरान दुर्गेश ने दिपक के पहला वार पेचकस से उसके कनपटी पर किया दूसरा सर और फिर बीयर बोतल से सर पर वार किया दीपक पेचकस के वार से ढाल होकर गिर पड़ा.

फिर तीसरा बार पीठ पर या जिससे पेचकस टूट कर दीपक के पीठमें फस गया कलाई काटने की बात पर बताया कि जिस हाथ से दिपक ललिता को छूता था इस कारण सेनेटरी पत्थर से वार कर हाथ‌के पंजे को मारा जिससे दिपक की हाथ की कलाई कटकर अलग हो गई जिसे कूछ दूर पर‌ आरोपी ने फेंक दिया यूटयूब में क्राइम स्टोरी देखकर बनाई योजना ललिता और अपने बीच से दीपक को हटाने की दुर्गेश ने यूट्यूब देखकर योजना बनाई दुर्गेश ने अपनी योजना में दोस्त मनोज यादव को शामिल किया वारदात को अंजाम देने कंपनी की कार धार दार पेचकस रख लिया योजना के अनुसार घटना के दिन दुर्गेश मौसेरे भाई दीपक साथ लेकर मनोज के पास व्यापार विहार पहुंचा और शराब खरीदा बिलासपुर एसपी संतोष सिंह ने बताया कि प्रेमिका का मौसेरे भाई से अवैध संबंध होने का पता चलते ही आरोपी ने प्रेमिका को इतना धमकाया कि वह भी हत्या की योजना में शामिल हो गई पूछताछ टेक्निकल साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है

गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त

 


Manish Gideon, executive secretary of the Methodist Church



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जबलपुर, धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज फादर मनीष एस गिडियन की आज फिर सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज, अभी और जेल की सलाखों में ही रहना पड़ेगा, जेल की रोटी खानी पड़ेगी।  

जबलपुर । विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू अमदज अली के न्यायालय ने स्कूल के लिए मिली लीज की जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने के मामले में आरोपित बनाए गए मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष एस गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। विगत पांच अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने गिडियन को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसी दिन उसे जेल भेज दिया था। 

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सारिका यादव ने पक्ष रखा।  इसके पहले कोर्ट ने मैथोडिस्ट चर्च के पदाधिकारियों बिशप एमए डेनियल व कोषाध्यक्ष एरिक पी नाथ की अग्रिम जमानत भी निरस्त हो चुकी हैं। आरोपितों ने क्रिश्चियन हाई स्कूल के लिए मिली लीज की भूमि पर व्यवसायिक निर्माण किया। भू-भाटक जमा नहीं किया गया। इस तरह आर्थिक अपराध कर शासन को क्षति पहुंचाई। 

आवेदकों पर छल-कपट व धोखाधड़ी का आरोप है। आवेदकों की ओर से दलील दी गई कि दुकानों का निर्माण नगर निगम, से नक्शा पास कराकर किया गया था।

एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई

 

 


एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, वारंट तामील न होने पर जबलपुर हाईकोर्ट सख्त


एसपी विनायक वर्मा को निलंबित करने के आदेश के साथ ही कोर्ट ने अब डीजीपी को वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी दी है.

मध्य प्रदेश में अदालत के आदेश की अवमानना का खामियाजा छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को भुगतना पड़ेगा। जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि एसपी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाए।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना से जुड़े एक मामले में छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा (SP Vinayak Verma) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड (Chhindwara SP Suspension) करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने अवमानना के मामले में प्रतिवादी को पेश न करने पर छिंदवाड़ा एसपी वर्मा के रवैये को बेहद गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि छिंदवाड़ा एसपी को तत्काल निलंबित किया जाए और अब प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी उनकी होगी.

दरसअल, छिंदवाड़ा जिले में स्थित तुलसी नारायण संकीर्तन मंडल की तरफ से दायर याचिका में एक कहा गया था कि एनएचएआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था. जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था. इसके खिलाफ संस्था द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिये थे. इसके बावजूद संस्था को सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा एनएचएआई द्वारा दिया गया. हाईकोर्ट ने अगस्त 2018 में शेष 618 वर्ग फ़ीट जमीन का मुआवजा देने के निर्देष देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था.

अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई

एनएचआई द्वारा हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद तुलसी रामायण संकीर्तन मंडल को शेष मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई. इसके कारण संस्था ने अवमानना याचिका दायर की थी. 28 मार्च 2023 को पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था

पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा को वारंट तामीली के निर्देश दिये गए थे. अवमानना याचिका पर आज बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान एसपी की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है, जिसके कारण जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है. इस दौरान सरकार की तरफ से जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया.

चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गये पत्र में जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण अधिकारी का स्थानातंरण होना बताया है. इससे हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को आदेश दिए कि छिन्दवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को इस मामले में फैसला आने तक ससपेंड कर दिया जाए.

इसके साथ ही प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी डीजीपी को सौंपी गई हों. याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा और अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की.

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम


संपादक :  विनय जी डेविड // 9893221036

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला


*बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम*

आखिरकार चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह कानूनी शिकंजे में आ ही गया. उसे ईडी ने 13 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया. उस पर आरोप है कि उसने करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की और चर्च की बेशकीमती जमीन भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेच दी.


जबलपुर । बर्खास्त बिशप और द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चैयरमैन पीसी सिंह के नेपियर टाउन के बंगले से ईडी ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया । सुबह के वक्त ये करवाई की गई। टीम पूर्व बिशप को लेकर भोपाल निकल गई। बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ज्ञात हो कि टीम संस्था को मिलने वाली विदेशी फंडिंग, चर्च की जमीन समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच की और साक्ष्य जुटाए।


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह ( Former Bishop PC Singh) को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने उन्हें अरबों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है . इसके साथ ही ये भी आरोप है कि पीसी सिंह और उनके सहयोगियों ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की अरबों रुपये की कीमती जमीन और अन्य संपत्तियों को भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेचकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. इस मामले में ही जांच एजेंसी ने कुछ समय पहले मुंबई, नागपुर सहित कई अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

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